नि-क्षय मित्र पंजीकरण में लगातार दूसरे पायदान पर उत्तराखंड

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत नि-क्षय मित्र पंजीकरण में उत्तराखंड देशभर में दूसरे स्थान पर है। राज्य में अबतक 5221 नि-क्षय मित्रों द्वारा पंजीकरण किया गया है स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन सभी नि-क्षय मित्रों को स्थानीय स्तर पर तपेदिक रोगी उपलब्ध करा दिये गये हैं। सूबे में शत-प्रतिशत टीबी रोगियों को गोद लिया जायेगा। जिसके लिये विभिन्न संस्थाओं, विभागों के साथ-साथ सामुदायिक सहयोग लिया जायेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान जोर-शोर से चल रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य हैं जहां टीबी रोगियों को गोद लेने के लिये सर्वाधिक नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य में अबतक 5221 नि-क्षय मित्रों ने अपना पंजीकरण किया है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 428, बागेश्वर में 84, चमोली में 197, चम्पावत में 140, देहरादून में 458, पौड़ी में 356, हरिद्वार में 886, नैनीताल में 8843, पिथौरागढ़ में 242, रूद्रप्रयाग में 78, टिहरी गढ़वाल 261, ऊधम सिंह नगर में 1095 और उत्तरकाशी में 153 शामिल है। उन्होंने बताया कि ये सभी नि-क्षय मित्र गोद लिये गये टीबी रोगियों के उपचार एवं देखभाल में सहयोग करेंगे। विभागीय मंत्री ने बताया कि राज्य में 14536 टीबी रोगी पंजीकृत हैं जिसमें से 12766 रोगियों ने सामुदायिक सहायता प्राप्त करने के लिये अपनी सहमति प्रदान कर दी है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद के 367, बागेश्वर के 159, चमोली के 316, चम्पावत के 175, देहरादून के 2398, पौड़ी के 460, हरिद्वार के 3330, नैनीताल के 1909, पिथौरागढ़ के 291, रूद्रप्रयाग के 213, टिहरी गढ़वाल के 426, ऊधम सिंह नगर के 2351 और उत्तरकाशी के 401 मरीज शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शत-प्रतिशत टीबी रोगियों को गोद लिया जायेगा। इसके लिये प्रदेशभर के निजी शिक्षण संस्थानों, विभिन्न विभागों के सचिवों एवं निदेशकों, समस्त जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों, विभिन्न संगठनों, व्यापारिक घरानों, एनजीओ सहित प्रतिष्ठित व्यक्तियों से नि-क्षय मित्र बनकर टीबी रोग उन्मूलन में सहयोग लिया जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रत्येक नि-क्षय मित्र कम से कम एक और अधिकतम पांच टीबी मरीज गोद लेकर उनके उपचार में सहयोग प्रदान कर सकता है। गोद लिये गये टीबी रोगियों की नि-क्षय मित्र द्वारा समय-समय पर देखभाल की जायेगी साथ ही भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत प्रत्येक माह अतिरिक्त पोषण हेतु फूड बास्केट भी उपलब्ध कराना होगा।

शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को लगाई जमकर फटकार

कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग में लम्बित प्रकरणों को समय पर पूरा न किये जाने को लेकर विभागीय अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। विद्या समीक्षा केन्द्र की धीमी प्रगति, बीआरसी-सीआरसी की तैनाती, स्कूल ड्रेस, जूते, बैग एवं पुस्तक वितरण में देरी, ब्लॉक से लेकर निदेषालय स्तर पर लम्बे समय से रिक्त पदों की डीपीसी ने किये जाने सहित कई प्रकरणों पर विभागीय अधिकारियों का जबाव तलब किया। विभागीय मंत्री ने नितांत अस्थाई व्यवस्था के तहत 6 विषयों में शिक्षकों के रिक्त पद भरे जाने हेतु अधिकारियों को आगामी कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिये।

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय ननूरखेड़ा में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। डॉ0 रावत ने विभाग में लम्बित प्रकरणों को समय पर पूरा न किये जाने पर विभागीय अधिकारियों से जबाव तलब कर जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने विभागीय कार्यप्रणाली में तेजी लाने व लम्बित प्रकरणों को शीघ्र पूरा करने के निर्देष विभागीय अधिकारियों को दिये। विद्या समीक्षा केन्द्र की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुये डॉ0 रावत ने कहा कि विद्या समीक्षा केन्द्र का निर्माणकार्य छह महीने के भीतर पूरा कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि समीक्षा केन्द्र के निर्माण कार्यों में कतई भी लापरवाही बर्दाष्त नहीं की जायेगी। विभागीय मंत्री ने ब्लॉक, जिला एवं निदेषालय स्तर पर लम्बे समय से रिक्त पड़े प्रषासनिक संवर्ग के पदों पर डीपीसी करने तथा बीआरसी व सीआरसी की शीघ्र तैनाती करने के निर्देष भी अधिकारियों को दिये। इसके अलावा उन्होंने निःषुल्क स्कूल ड्रेस, जूते एवं बैग के लिये छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से शीघ्र धनराषि भेजने को भी कहा। डॉ0 रावत ने आगामी कैबिनेट बैठक में नितांत अस्थाई व्यवस्था के तहत दैनिक वेतनमान के आधार पर 6 विषयों में षिक्षकों के रिक्त पद भरे जाने हेतु प्रस्ताव लाने के निर्देष विभागीय अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के तहत स्थानीय स्तर पर षिक्षकों की तैनाती की जायेगी ताकि विज्ञान जैसे विषयों में शिक्षकों की कमी दूर की जा सकेगी।

बैठक में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर के कुंवर, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्व्याल, संयुक्त निदेशक बी एस नेगी सहित शासन के अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य मंत्री ने नर्सिंग भर्ती के संबंध में दिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश

सूबे में स्टाफ नर्स की वर्षवार भर्ती में आ रही अड़चनों को शीघ्र दूर कर दिया जायेगा। जिसके लिये विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिये गये हैं। स्वास्थ्य निदेशालय एवं जिला स्तर पर लम्बे समय से रिक्त पदोन्नति के पदों की डीपीसी कर शीघ्र भरने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये गये। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत प्रदेशभर में संचालित टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान को सफल बनाने के लिये अधिक से अधिक लोगों को नि-क्षय मित्र बनाने एवं ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत लोगों का पंजीकरण कर स्वैच्छिक रक्तदान के लिये प्रेरित करने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज शासकीय आवास में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने राजकीय चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ नर्स के रिक्त 2800 सौ पदों पर शीघ्र भर्ती करने के लिये संशोधित नियमावली तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। डॉ0 रावत ने बताया कि स्टाफ नर्स की वर्षवार भर्ती में आ रही अड़चनों को तत्काल दूर किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन में लम्बे समय से रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरे जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से खाद्य निरीक्षक, औषधि निरीक्षक व अन्य कार्मिकों के पद रिक्त होने से विभागीय कार्य प्रभावित होते हैं। इसी प्रकार डॉ0 रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशालय एवं जिला स्तर पर आईईसी के रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरे जाने के निर्देश दिये। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रदेशभर में चलाये जा रहे अभियान को सफल बनाने के लिये निरंतर निगरानी करने को कहा। इसके साथ ही टीबी रोगियों की देखभाल एवं उपचार के लिये अधिक से अधिक नि-क्षय मित्र बनाने पर भी जोर दिया। इसके अलावा प्रदेशभर में चलाये जा रहे ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ के लक्ष्य को पूरा करने के लिये राज्य व जिला स्तर के अधिकारियों को जन जागरूकता अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर राजेश कुमार, अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा गरिमा रौंकली, अपर सचिव न्याय, प्रभारी महानिदेशक डॉ0 विनीता शाह, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य मंत्री ने दिए विश्वविद्यालय में रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति से भरने के निर्देश

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय सेलाकुई देहरादून का निरीक्षण कर समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने माह नवम्बर तक विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित करने, लम्बे समय से रिक्त चल रहे शिक्षणेत्तर कार्मिकों के पदों को स्थाई नियुक्ति होने तक प्रतिनियुक्ति/सेवास्थानांतरण के माध्यम से भरने तथा मेडिकल छात्रों को भविष्य में डिजी लॉकर के माध्यम से डिग्रियां उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

मेडिकल यूनिवर्सिटी सेलाकुई के निरीक्षण के उपरांत विभागीय मंत्री ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक में विश्वविद्यालय की बॉउंड्रीवॉल का कार्य शीघ्र पूर्ण कराने तथा कुलपति आवास सहित कुलसचिव एवं अन्य सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों के लिये आवास निर्माण की डीपीआर तैयार कर शीघ्र शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिये। उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रशासनिक, लेखा एवं मिनिस्ट्रियल संवर्ग के वर्षों से रिक्त चल रहे सभी पदों पर स्थाई नियुक्ति होने तक सेवा स्थानांतरण/ प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरने के निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन को दिये। डॉ0 रावत ने कहा कि विश्वविद्यालयों को प्रत्येक वर्ष दीक्षांत समारोह का आयोजन कर डिग्रियां प्रदान करने के निर्देश पूर्व से ही दिये गये हैं। इसी क्रम में मेडिकल विश्वविद्यालय को आगामी नवम्बर माह तक दीक्षांत समारोह आयेजित करने तथा मेडिकल छात्र-छात्राओं को भविष्य में डिजी लॉकर के माध्यम से अंक प्रमाण पत्र सहित अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने को कहा गया है।

विश्वविद्यालय के नये परिसर में निर्माणाधीन बाउंड्रीवॉल सहित अन्य आवश्यक निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने निर्देश भी दिये। विश्वविद्यालय अधिकारियों ने विभागीय मंत्री के परिसर में आगमन पर पुष्पगुष्छ एवं स्मृतिचिह्न देकर जोरदार स्वागत किया। इससे पूर्व डॉ0 रावत ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 हेमवती नंदन बहुगुणा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया।

इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेमचंद्र पाण्डेय, कुलसचिव डॉ. एम0के0 पंत, परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल, वित्त नियंत्रक खजान चंद पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य विभाग से खबर, राज्य में 6 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा जन जागरूकता अभियान

आम लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आगामी 6 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक प्रदेशभर में स्वास्थ्य जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। जिसके तहत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्से गांव-गांव जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे। इसके अलावा टीबी एवं मोतिया बिंद मरीजों का चिन्हिकरण, आयुष्मान योजना की जानकारी देने के साथ ही तम्बाकू मुक्त अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रदेश के सभी तेरह जनपदों में विभिन्न श्रेणी के 1071 रिक्त पदों को शीघ्र भरा जायेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय देहरादून में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी के 1071 पदों को न भरे जाने पर हैरानी जताई। उन्होंने एनएचएम के अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को एक माह के भीतर सभी रिक्त पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में टेक्नीशियन एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिये एनएचएम के तहत स्वीकृत पदों को शीघ्र भरा जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आगामी 6 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक प्रदेशभर में स्वास्थ्य जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। अभियान के तहत प्रदेशभर में तैनात एक हजार से अधिक कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स (सीएचओएस) प्रत्येक माह 10-10 गांव में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे, साथ ही टीबी एवं मोतिया बिंद के मरीजों का चिन्हिकरण भी करेंगे। इसके अलावा आम लोगों को आयुष्मान योजना, तम्बाकू मुक्त एवं टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान की भी जानकारी देंगे।

बैठक में विभागीय मंत्री ने कुमाऊं मण्डल के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं जिला परियोजना प्रबंधक एनएचएम के साथ विभिन्न योजनाओं की जनपदवार समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सभी सीएमओ को निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो कार्यदायी संस्थाएं डीपीआर के अनुरूप समय पर कार्य नहीं कर पा रही है उनको बदलने की कार्यवाही अमल में लाई जाय। उन्होंने निर्माण कार्यों की यूसी प्रत्येक माह महानिदेशालय एवं शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश भी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिये।

बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 शैलजा भट्ट, अपर सचिव अमनदीप कौर, निदेशक डॉ0 विनीता शाह, निदेशक कुमाऊं मंडल डॉ0 तारा आर्या, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना, वित्त नियंत्रक खजान चंद पाण्डेय, कुमाऊं मंडल के सीएमओ एवं डीपीएम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

एक सप्ताह में तैनात करने होंगे प्रभारी एसीएमओ
स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशक को विभिन्न जनपदों में एसीएमओ के रिक्त पदों पर एक सप्ताह के भीतर प्रभारी एसीएमओ तैनात करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर कार्यां की अधिकता एवं केन्द्र पोषित योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिये एसीएमओ की तैनाती की जानी अति आवश्यक है। उन्होंने महानिदेशक को विभाग में लम्बे समय से रिक्त पदोन्नति के पदों को भी शीघ्र डीपीसी करा कर भरने के निर्देश दिये।

एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न जनपदों में रिक्त हैं ये पद
देहरादूनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 13 जनपदों में विभिन्न श्रेणी के 1071 रिक्त पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरा जायेगा। जिनमें सर्विस डिलीवरी के तहत एएनएम, स्टॉफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, मेडिकल ऑफिसर, विशेषज्ञ चिकित्सक, सीएचओ, आयुष चिकित्सक, कॉउंसलर एवं अन्य सेवाओं के 960 तथा प्रोग्राम मैनेजमेंट के अंतर्गत एसपीएमयू, एसएचएसआरसी, डीपीएमयू तथा बीपीएमयू के 111 पद रिक्त हैं। निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी ने बताया कि सभी रिक्त पदों को एनएचएम की आउट सोर्स एजेंसी टी एंड एम के माध्यम से जनपदवार भरा जायेगा। इसके लिये अभ्यर्थियों को संबंधित एजेंसी की अधिकृत बेवसाइट www.tnmhr.com पर आवेदन करना होगा। इसके उपरांत जनपद स्तरीय कमेटी द्वारा अर्हता पूर्ण करने वाले अभ्यर्थियों का चयन किया जायेगा।

शिक्षा मंत्री बोले, सूबे की शिक्षा व्यवस्था में होगा क्रांतिकारी बदलाव

सूबे में अगले छह महीनों के भीतर विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित किया जायेगा। इसके लिये शिक्षा विभाग ने प्रारम्भिक तैयारियां शुरू कर दी है। जिसके तहत विभाग ने आईटी क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी से अनुबंध कर लिया है, जो एक माह के भीतर शिक्षा महानिदेशालय में समीक्षा केन्द्र की स्थापना का कार्य प्रारम्भ कर देगी। जल्द ही गुजरात एवं गोवा के बाद उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन जायेगा जहां पर आधुनिक तकनीकी से लैस विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित होगा।

शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को प्रखर व प्रभावी बनाने के लिये राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार एवं आधुनिक तकनीकी का उपयोग कर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक विश्वसनीय एवं रोजगारोन्मुख बनाने के उद्देश्य से सूबे में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना की जा रही है जो कि अगले छह माह के भीतर बनकर तैयार हो जायेगा। इसके लिये शिक्षा विभाग ने देश की एक ख्याति प्राप्त आईटी कंपनी कॉन्वेजीनियस के साथ अनुबंध कर लिया है। यह कंपनी इससे पूर्व गुजरात एवं गोवा राज्यों में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना करने में अहम भूमिका निभा चुकी है। हाल ही में गुजरात में आयोजित देशभर के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान विभागीय अधिकारियों के साथ गुजरात के विद्या समीक्षा केन्द्र का भ्रमण करने का मौका मिला। इस दौरान विद्या समीक्षा केन्द्र की कार्यप्रणाली को समझने का प्रयास किया गया। इसी केन्द्र की प्रेरणा से उत्तराखंड में भी विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया। केन्द्र सरकार ने प्रस्ताव को स्वीकृत कर रूपये 5 करोड़ की धनराशि भी जारी कर दी है। इसके लिये डॉ0 रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का आभार जताया।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को छह माह के भीतर विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित करने के निर्देश दे दिये गये है। समीक्षा केन्द्र की स्थापना के बाद विभाग का सम्पूर्ण डाटा ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा। जिसके तहत विद्यालयों का विवरण, शिक्षकों का विषयवार डाटा, छात्र-छात्राओं का विवरण के साथ ही प्रदेश के विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों डाटा मौजूद रहेगा। इसके अलावा शासन एवं महानिदेशालय स्तर के अधिकारी विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से किसी भी विद्यालय का ऑनलाइन निरीक्षण के साथ ही वहां की सम्पूर्ण गतिविधियों पर भी नजर रख सकेंगे। केन्द्र की स्थापना के उपरांत निश्चित रूप से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में शैक्षणिक, प्रशासनिक सुधार तो आयेगा ही साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में आमूलचूल परिवर्तन लाया जा सकेगा।

शिक्षा मंत्री बोले, दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में मिलेगी शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति

आगामी 15 अगस्त से पहले विभिन्न विषयों के 449 प्रवक्ताओं को तैनाती दी जायेगी। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से चयनित इन शिक्षकों को पर्वतीय एवं दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में प्रथम तैनाती दी जायेगी। जिसके निर्देश विभाग के उच्चाधिकारियों को दे दिए गये हैं। गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों को अनुरोध के आधार पर इच्छित स्थानों पर शीघ्र तैनाती के निर्देश भी अधिकारियों को दिये गये हैं।

शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय देहरादून में विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में डॉ0 रावत ने राज्य लोक सेवा आयोग से विभिन्न विषयों में चयनित 449 प्रवक्ताओं को आगामी 15 अगस्त से पहले नियक्ति देने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दीये। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों को सूबे के पर्वतीय एवं दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में 5 साल के लिये तैनाती दी जायेगी। जिससे दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर हो जायेगी साथ ही पठन-पठान भी सुचारू हो जायेगा। डॉ0 रावत ने बताया कि सामान्य शाखा के अंतर्गत दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में अंग्रेजी विषय के 64, हिन्दी के 81, संस्कृत के 18, भौतिक विज्ञान के 46, रसायन विज्ञान के 42, गणित के 6, जीव विज्ञान के 35, नागरिकशास्त्र के 38, अर्थशास्त्र के 74, इतिहास के 8, भूगोल के 17, समाजशास्त्र के 6, कला, मनोविज्ञान एवं कृषि के एक-एक शिक्षक की तैनाती की जायेगी। बालिका इंटर कॉलेजों में हिन्दी विषय की 2, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान एवं अर्थशास्त्र की 3-3 शिक्षिकाओं को नियुक्ति दी जायेगी। विभागीय मंत्री ने बताया कि ऐसे शिक्षक जो गंभीर रोग से ग्रसित हैं उन्हें अनुरोध के आधार पर इच्छित स्थानों पर तैनाती दी जायेगी , जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गए हैं। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से रोगग्रस्त शिक्षक अपने उपचार के साथ-साथ शैक्षणिक कार्य का निर्वहन भी कर सकेंगे।

बैठक में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक आर0के0कुंवर, निदेशक सीमैट सीमा जौनसारी, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक आर0के0 उनियाल, भूपेन्द्र नेगी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मानस मंदिर माला योजना के तहत जागेश्वर धाम का होगा विकासः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जागेश्वर धाम में पहुंचकर प्रसिद्ध श्रावणी मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बाबा जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने हरेला पर्व पर प्रदेशवासियों को बधाई दी तथा जागेश्वर धाम परिसर में पौधारोपण भी किया। मुख्यमंत्री ने विधानसभा जागेश्वर में कुल 12.35 करोड़ लागत की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया जिसमे 77.31 लाख रुपए की योजनाओं का लोकार्पण एवं 11.58 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। जागेश्वर धाम के धार्मिक महत्व को समझते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मानस मंदिर माला योजना के अन्तर्गत जागेश्वर धाम का भी विकास किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के मंत्र पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश निरंतर विकास के पथ पर गतिमान है तथा राज्य स्थापना के 25 वें वर्ष में देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में अपनी पहचान बनाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के स्तर पर पिछले 5 वर्षों में राज्य के लिए 1.25 लाख करोड़ रपए की योजनाएं स्वीकृत हुई हैं। उन्होंने आयुष्मान योजना, अटल आवास योजना, उज्ज्वला योजना, मुद्रा योजना जैसी अनेक योजनाओं की उपलब्धियां गिनाई तथा कहा कि उनकी सरकार द्वारा भी लोकहित में अनेक योजनायें स्वीकृत की है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति के लागू होने से प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधारवादी परिवर्तन देखने को मिलेंगे। कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला उत्तराखंड पहला प्रदेश होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए 5 सदस्य समिति ने कार्य प्रारंभ कर दिया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सचिवालय में जन समस्याओं के समाधान के लिये प्रत्येक सोमवार को नो मीटिंग डे का नियम बनाया गया है। सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के मंत्र का पालन करते हुए प्रत्येक सोमवार को अधिकारी जनता की समस्याएं सुनेंगे तथा उनका समाधान करेंगे।

जिले के प्रभारी मंत्री तथा चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने हरेला पर्व एवं श्रावणी मेले के शुभारंभ पर बधाइयां एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आने वाले एक महीने में जनपद में सौ प्रतिशत शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहली बार जनपद में डॉक्टरों की पर्याप्त तैनाती की गई है।

स्थानीय विधायक मोहन सिंह मेहरा ने जागेश्वर धाम में लगने वाले श्रावणी मेले के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आने के लिए जनपद वासियों की ओर से उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने जागेश्वर विधानसभा के लिए 12.35 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।

इस अवसर पर कपकोट विधायक सुरेश गडिया, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, जिलाधिकारी वंदना, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती मेहरा, भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा अध्यक्ष कुंदन लटवाल, मंडल अध्यक्ष प्रकाश भट्ट समेत अन्य अधिकारी एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।

मृतक शिक्षक तबादले में शिक्षा मंत्री ने माना हुई घोर लापरवाही, जांच के निर्देश

रूद्रप्रयाग जनपद में प्राथमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत मृतक शिक्षक का तबादला किये जाने पर सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने सख्त रूख अपनाया है। डॉ0 रावत ने सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों की खबरों का संज्ञान लेते हुये महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को मामले में समिति गठित कर तत्काल जांच के निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने इस प्रकरण को घोर लापरवाही मानते हुये संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश महानिदेशक शिक्षा को दिये हैं।

शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि रूद्रप्रयाग जनपद में वार्षिक स्थानांतरण-2022-23 के तहत एक मृतक शिक्षक के तबादले का प्रकरण समाने आया है। जिसमें प्रथम दृष्टिया विभागीय अधिकारियों की अपने कार्य एवं दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही प्रतीत होती है। मामले की गंभीरता को देखते हुये महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी को तत्काल विभागीय समिति गठित कर तीन दिन के भीतर जांच करने कराने के साथ ही लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि मृतक शिक्षक की मौत के चार साल बाद तबादला किया जाना जिम्मेदार अधिकारियों की भारी लापवाही को दर्शाता है। जो कि बर्दाश्त किये जाने योग्य नहीं है। डॉ0 रावत ने कहा इस प्रकरण की गंभीरता से जांच की जायेगी और जांच में जो भी दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि स्थानांतरण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापवाही न बरते अन्यथा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई अमल में लाई जायेगी।

स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई, गेट पर महिला के प्रसव का है मामला

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत के कड़े निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाह नर्सिंग अधिकारी एवं चिकित्साधिकारी निलम्बित कर दी है। राजकीय महिला चिकित्सालय हल्द्वानी में गर्भवती महिला का अस्पताल गेट के बाहर प्रसव होने की घटना पर स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को तत्काल जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। जिस पर विभाग ने निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कुमाऊं मंडल की अध्यक्षता में विशेषज्ञ चिकित्सकों की चार सदस्यीय समिति गठित की। विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने तत्काल प्रभाव से नर्सिंग अधिकारी दीप्ति रानी का निलंबन कर दिया जबकि ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ0 दिशा बिष्ट के निलंबन की संस्तुति शासन को की गई है। प्रकरण में नागरिक चिकित्सालय खटीमा के सीएमएस को भी तलब कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि राजकीय महिला चिकित्सालय हल्द्वानी में गर्भवती महिला के प्रकरण में लापरवाह डॉक्टर एवं नर्सिंग अधिकारी को निलम्बित कर दिया है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर का तत्काल संज्ञान लेते हुये विभागीय अधिकारियों को प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये थे। जिस पर महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कुमाऊं मंडल की अध्यक्षता में विशेषज्ञ चिकित्सकों की चार सदस्यीय समिति गठित की। जिसमें डॉ0 भागीरथी जोशी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल, डॉ0 वी0के0 पुनेरा, प्रमुख अधीक्षक, बी0डी0 पाण्डे, जिला चिकित्सालय नैनीताल, डॉ0 ऊषा जंगपांगी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, महिला चिकित्सालय, हल्द्वानी एवं डॉ0 द्रौपदी गर्ब्याल, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ, जिला महिला चिकित्सालय नैनीताल शामिल है। डॉ0 रावत ने बताया कि विशेषज्ञ समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में राजकीय महिला चिकित्सालय, हल्द्वानी में रात्रि ड्यूटी पर तैनात डॉ0 दिशा बिष्ट एवं नर्सिंग अधिकारी दीप्ति रानी को दोषी पाया। गर्भवती महिला के अस्पताल गेट पर प्रसव को लेकर गठित विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण शैलजा भट्ट द्वारा तत्काल प्रभाव से नर्सिंग अधिकारी दीप्ति रानी को निलम्बित कर सीएमओ ऑफिस नैनीताल सम्बद्ध कर दिया जबकि डॉ0 दिशा बिष्ट के निलंबन की संस्तुति शासन को भेज दी है।

डॉ0 रावत ने बताया कि प्रकरण में नागरिक चिकित्सालय खटीमा के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को तलब कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ पर्याप्त मात्रा में होने के बावजूद गर्भवती महिला को दूसरे अस्पताल में रैफर किया जाना बड़ी लापरवाही भरा कदम है। डॉ0 रावत ने कहा कि प्रकरण में जितने भी दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ उचित कार्रवाही अमल में लाई जायेगी और भविष्य में भी ऐसी लापरवाही कतई बर्दास्त नहीं की जायेगी।