खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स के दूसरा स्थान प्राप्त करने पर दी बधाई

उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा विभाग ने अपने गठन के बाद से खाद्य सुरक्षा व स्वच्छता को लेकर सराहनीय कार्य किये हैं। यही वजह है कि आज आम जनमानस के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की विश्वसनीयता लगातार बढ़ रही है। इसी कड़ी में फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स पहल ने प्रशिक्षण, परीक्षण और जागरूकता अभियान सहित रिकॉर्ड संख्या में गतिविधियों के संचालन में दूसरा स्थान हासिल किया है। यह उपलब्धि खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने की दिशा में पहल की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।

खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने इस उपलब्धि के लिए फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स पहल को शुभकामनायें देते हुए कहा कि यह कहते हुए खुशी हो रही है कि फ़ूड सेफ्टी ऑन व्हील्स कार्यक्रम खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने में एक प्रेरक शक्ति रहा है। खाद्य उद्योग प्रथाओं और गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने को लेकर जागरूकता पैदा करने का काम कर रहा है। जिसका लाभ आम जनता को मिल रहा है। पहल की यह उपलब्धि सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के प्रति समर्पण को लेकर उनके अथक प्रयासों को दर्शाती हैं।

खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा एवं विभिन्न पर्यटन स्थलों पर फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स का कार्य सराहनीय रहा है। इसके साथ ही मुख्यालय स्तर पर गठित प्रवर्तन टीम द्वारा मिलावटखोरी रोकने को समय-समय पर सराहनीय कार्य किया गया है।

गौरतलब है कि है कि उत्तराखंड ने दो अतिरिक्त फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स इकाइयों की शुरुआत करके खाद्य सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है। यह विस्तार पूरे क्षेत्र में और भी अधिक कवरेज और आउटरीच सक्षम करेगा। जिससे यह सुनिश्चित होगा कि व्यापक आबादी पहल की सेवाओं से लाभान्वित हो सके। चारधाम यात्रा के दौरान फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स इकाइयों की तैनाती और श्रावण मेला कार्यक्रम के लचीलेपन और अनुकूलनशीलता को प्रदर्शित करता है। बड़े पैमाने पर खानपान करके सामूहिक समारोहों में पहल यह सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है कि खाद्य सुरक्षा चुनौतीपूर्ण और गतिशील वातावरण में भी प्राथमिकता शीर्ष पर बनी रहे।

कोविड 19 के नए वैरिएंट के मुकाबले को हम तैयारः स्वास्थ्य सचिव

कोविड 19 के नए वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है यह बात स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों के चिकित्सा इकाइयों में मॉकड्रिल के दौरान कही। मंगलवार को कोरोना के दृष्टिगत उत्तराखंड में स्वास्थ्य इकाइयों में आईसीयू वार्ड, इमरजेंसी, ऑक्सीजन प्लांट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सीलेंडर, आइसोलेशन बेड, एम्बुलेंस, कोविड टेस्टिंग लैब, दवाईयों की उपलब्धता आदि की तैयारियां मॉकड्रिल में परखी गई।
मॉकड्रिल के मौके पर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा देहरादून स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय कोरोनेशन अस्पताल का जायजा लिया गया। उन्होंने सर्वप्रथम पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का जायजा लिया जहां उन्होंने प्लांट में ऑक्सीजन प्रेशर, ऑक्सीजन प्यूरिटी का निरीक्षण किया साथ ही मेडिकल गैस मैनिफोल्ड रुम, गैस स्टोर का जायजा लिया।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा इमरजेंसी वार्ड का मुआयना किया गया, उन्होंने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य उपकरणों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को इलाज के दौरान गुणवत्ता बनाए रखने को लेकर निर्देशित किया।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि जनपदों में मौजूद स्वास्थ्य इकाइयों में तैनात चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश दे दिए गए हैं और किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। कोविड की स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग समयबद्ध तरीके से तैयारी कर चुका है व आम जनमानस को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा, कि विभाग की अपील है कि कोविड को लेकर कोई भी अफवाह ना फैलाएं साथ ही घबराने की जरुरत नही है। हमारी आमजन से अपील है कि कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करें और सावधानी बरतें। स्वास्थ्य संबंधित किसी भी समस्या के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपना इलाज कराएं।

सभी अस्पतालों में कल से मॉक ड्रिल प्रारंभ, कोविड19 को लेकर की जाएगी

कोविड-19 के नए वैरीअंट के विश्व के कुछ देशों में बढ़ते प्रभाव के दृष्टिगत उत्तराखंड राज्य मे समय बद तैयारियां की जा रही है। हालांकि वर्तमान तक इस नए वैरीअंट को लेकर भारतवर्ष में किसी भी प्रकार की खतरे की आशंका नहीं जताई गई है, भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार उत्तराखंड राज्य में दिनांक 27 दिसंबर 2022 को समस्त चिकित्सा इकाइयों में कोविड-19 प्रबंधन की चाक-चौबंद व्यवस्था के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है।
इस मॉक ड्रिल के सफल आयोजन के दृष्टिगत सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ आर राजेश कुमार द्वारा आज सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं चिकित्सा अधीक्षकों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक की गई व सभी को कोविड-19 के समुचित प्रबंधन के लिए चिकित्सा इकाइयों को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए। इस मॉक ड्रिल के अंतर्गत सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अपने अधीनस्थ अधिकारियों को एक एक चिकित्सा इकाई में मॉक ड्रिल किए जाने के लिए नामित किए जाने हेतु निर्देशित किया गया । समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को इस मॉक ड्रिल की कड़ी समीक्षा किए जाने के लिए निर्देशित किया गया। राज्य स्तर से भी उच्च अधिकारियों को चयनित चिकित्सा इकाइयों में प्रतिभा किए जाने हेतु नामित किए जाने के लिए महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को निर्देशित किया गया।

स्वास्थ्य सचिव ने रूद्रप्रयाग जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों से जाना हालचाल

दो दिवसीय जनपद भ्रमण पर पहुंचे चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जिला अस्पताल एवं माधवाश्रम चिकित्सालय का निरीक्षण कर आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकितसा अधीक्षक को चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने भर्ती मरीजों का हालचाल जाना तथा उनसे व तामीरदारों से चिकित्सालय में मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओं का फीड बैक भी लिया।

जिला चिकित्सालय पहुंचने के बाद स्वास्थ्य सचिव ने जिला चिकित्सालय में तैनात चिकित्सकों व अन्य मेडिकल स्टाफ की जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सालय परिसर में औषधि वितरण कक्ष, प्रसूति वार्ड, ऑपरेशन कक्ष, अल्ट्रासाउंड, एक्स रे कक्ष, ड्रग हाउस, ओपीडी कक्ष, लेबर रूम के साथ ही अस्पताल की साफ-सफाई का भी जायजा लिया। इसके अलावा उन्होंने अभिलेखों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान यहां भर्ती मरीजों से उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली। साथ ही चिकित्सालय में मिल रही सुविधाओं की जानकारी भी ली। निरीक्षण के दौरान उन्होंने चिकित्सालय में होने वाली विभिन्न जांचों की जानकारी लेते हुए कहा कि चिकित्सालय में होने वाली सभी जांचें भी मरीजों की सुविधा के अनुसार नियमित रूप से की जाएं। उन्होंने नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत चंदन हेल्थ केयर में मरीजों की निःशुल्क होने वाली जांच का उचित प्रबंधन करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही खुशियों की सवारी का सिस्टम दुरस्त रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्रसूति के समय से एक वर्ष तक जच्चा-बच्चा खुशियों की सवारी को स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकता के अनुसार उपयोग में ला सकते हैं।

इसके बाद स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कोटेश्वर माधवाश्रम चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यहां पर सर्जरी ओटी व ऑर्थाे ओटी का निरीक्षण करने के साथ ही मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का भी जायजा लिया। साथ ही माधवाश्रम चिकित्सालय के ऊपरी भवन में तैयार हो रहे नवनिर्मित भवन के कार्य में गुणवत्ता के साथ तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि माधवाश्रम चिकित्सालय को फिलहाल कोविड हॉस्पिटल के तौर पर संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा 42 बेड का कॉर्डियक केयर यूनिट अगले तीन माह में तैयार करने हेतु संबंधित कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया गया है। उन्होंने कोविड को लेकर कहा कि यह पूरी तरह से नियंत्रण में है फिर भी सतर्कता के लिए राज्य में कोविड की नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। उन्होंने जिला चिकित्सालय सहित अन्य जनपदों में रिक्त चल रहे गाइनोलॉजिस्ट की तैनाती को लेकर कहा कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग यू कोड वीक पे योजना ला रहे हैं जिसके तहत हर तरह के विशेषज्ञ चिकित्सकों की मैरिट व क्वालिफिकेशन के आधार पर उन्हें कॉन्ट्रेक्ट बेस में पहाड़ में वरीयता के साथ ही अधिक आवश्यकता वाले जिलों में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा 1560 नर्सों की वर्षभार तैनाती व 820 एएनएम की भर्ती भी जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पूरे देश में एकमात्र ऐसा राज्य है जहां आयुष्मान कार्ड के तहत सभी का ईलाज किया जाता है। राज्य सरकार ने एपीएल व बीपीएल मानक को हटाते हुए सभी श्रेणियों को इसमें शामिल किया है इसमें लगभग सभी तरह के रोगों के ईलाज को शामिल किया गया है।

निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग अर्पणा ढौंडियाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एचसीएस मार्ताेलिया, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव सिंह पाल, डॉ. प्रवीण बडोनी, डॉ. आशुतोष सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

कोविड गाइडलाइन की सही जानकारी न होने पर खबर प्रसारित न करेंः राजेश कुमार

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा सोशल मीडिया में यह प्रचारित किया जा रहा है कि उत्तराखंड में पर्यटकों का आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। जबकि ऐसी कोई गाइडलाइंस जारी नहीं की गई है। राज्य में आने वाले यात्रियों के लिए वर्तमान मे कोविड-19 जांच की कोई बाध्यता नहीं है हालांकि किसी भी प्रकार के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य सेवा केंद्र में संपर्क किया जाना आवश्यक है। यदि किसी भी व्यक्ति को लक्षण होते हैं तो वह अपनी कोविड-19 जांच करवाएं।
पर्यटकों को किसी प्रकार के घबराने व डरने की जरूरत नहीं है। राज्य में स्थितियां पूरी तरह नियंत्रण में हैं। पर्यटक बिना रोक टोक के राज्य में यात्रा कर सकते हैं।

’भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर मास्क जागरूकता को चलाया जा रहा है अभियान’

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग व स्थानीय प्रसाशन की टीमें आम जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चला रही हैं। हम सभी को मास्क पहनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आम जनमानस को मास्क पहनने वह कोविड-19 एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन किए जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने तथा सतर्कता बरतने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

’एयरपोर्ट व राज्य की सीमाओं पर अभी नहीं होगी सेम्पलिंग’

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा प्रदेश के एयरपोर्ट व सीमाओं पर अभी किसी भी प्रकार की सेम्पलिंग के आदेश नहीं दिए गए हैं। सभी पूर्व की भांति चलता रहेगा। यात्री किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें।

’राज्य में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में’

राज्य में बूस्टर डोज को लेकर अभियान शुरू कर दिया गया है।
यदि किसी व्यक्ति को कोविड-19 की प्रिकॉशनरी डोज नहीं लगी है तो वह शीघ्र अति शीघ्र यह डोज प्राप्त करें। राज्य में कोविड को लेकर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। हमारे पास दवाइयों से लेकर सभी संसाधन पूरे हैं। हम भारत सरकार की गाइडलाइंस को देखकर आगे बढ़ रहे हैं।

कोरोना वायरसः सभी के लिए एहतियात और वैक्सीनेशन अनिवार्य

कोरोना वायरस के लिए ओमिक्रॉन BF.7 वैरिएंट के खतरे को देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग सतरर्कता बरत रहा है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने आज जिलों के सीएमओ केसाथ वर्चुअल मीटिंग की और कोविड के नए वैरिएंट से संभावित हालातों पर चर्चा की। विभाग ने नई एसओपी जारी करते हुए सभी एहतियात बरतने और वैक्सीनेशन को अनिवार्य करने की सलाह दी है। इसके लिए जागरुकता अभियान पर जोर देने की बात कही गई है। Uttarakhand health depatt issues sop regarding new covid 19 variant

नई एसओपी के अनुसार

1. अस्पतालोंमें आने वाले सभी Influenza like illness (ILI) / Severe Acute Respiratory illness ( SARI) के रोगियों की कोविड-19 जांच की जाये एवं उक्त सभी रोगियों का विवरण अनिवार्य रूप से आई०डी०एस०पी० के अंतर्गत Integrated Health Information Platform (IHIP) पोर्टल में प्रविष्ट किया जाये।

2. आम जनमानस में कोविड-19 से बचाव हेतु कोविड एप्रोप्रियेट व्यवहार के प्रति जागरूकता हेतु विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। त्योहारों के सीजन में भीड-भाड़ वाले स्थानों पर लोगो को मास्क का उपयोगकिये जाने हेतु प्रेरित किया जाये।

3. भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार कोविड-19 टीकाकरण कवरेज को बढ़ाया जाये। पूर्ण कोविड़ 19टीकाकरण के लिए आम जनता को नियमित रूप से प्रेरित करने हेतु जागरूकता की जाये हाई रिस्क आबादी में अनिवार्य रूप से टीकाकरण पूर्ण किया जाये।

4. चिकित्सा ईकाइयों में कोविड़ – 19 संक्रमित रोगियों के उपचार हेतु पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन सिलेण्डर, आक्सीजन कसंनट्रेटर, आक्सीजन बेड, वेंटिलेटर, आई०सी०यू० बेड एवं आवश्यक औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। सम्बन्धित चिकित्सा इकाईयों में स्थापित ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाये।

5. दैनिक रूप से राजकीय एवं निजी चिकित्सा इकाईयों में कोविड-19 संक्रमित भर्ती रोगियों की सूचना प्राप्त की जाये एवं रोगियों के स्वास्थ्य दशा की निरन्तर निगरानी करते हुये समीक्षा की जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि कोविड- 19 संक्रमित रोगियों को ससमय पूर्ण उपचार प्राप्त हो

6. हल्के लक्षण वाले कोविद्ध-19 संक्रमित रोगियों को होम आईसोलेशन में ही उपचार प्रदान किया जाये एवं निरन्तर उनके स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी की जाये। ऐसे रोगियों में किसी भी प्रकार के गम्भीर लक्षण होने पर शीघ्र हीं उन्हें सम्बन्धित चिकित्सालय में संदर्भित किया जाये।

7. कोविड-19 जॉच हेतु आई०सी०एम०आर०, भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन किया जाये।

8. समुदाय स्तर पर यदि किसी जगह कोविड- 19 फीवर अथवा ILI / SARI कैस की क्लस्टरिंग मिलती है तो वहां पर त्वरित जांच सुविधा की उपलब्धता एवं निरोधात्मक कार्यवाही की जाये।

9. कोविड- 19 जॉच में RTPCR द्वारा पॉजिटिव पाए गए सभी रोगियों के सैंपल Whole Genome Sequence (WGS) जांच हेतु राजकीय दून मेडिकल कॉलेज को प्रेषित किये जाएं एवं wGs जांच हेतु प्रेषित सभी सैंपलों की सूचना अनिवार्य रूप से आई०डी०एस०पी० के अंतर्गत Integrated Health Information Platform (IHIP) पोर्टल में प्रविष्ट किया जाये।

स्मार्ट सिटी का काम धरातल पर उतारने के निर्देश

जिलाधिकारी डाॅ आर राजेश कुमार ने सीईओ स्मार्ट सिटी का भी कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने उपरान्त उन्होंने स्मार्ट सिटी परियोजना के अधिकारियों को स्मार्ट सिटी कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से तेजी लाने के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। उन्होंने शहर में स्मार्ट सिटी परियोजना के कार्यों हेतु खोदी गई सड़कों जहां कार्य गतिमान है वहां पर चेतावनी बोर्ड लगाते तथा जंहा कार्य पूर्ण हो चुका है ऐसे स्थानों पर सड़क समतलीकरण करते हुए गड्डा मुक्त बनाने के भी निर्देश दिये।

डॉ राजेश कुमार ने स्मार्ट सिटी के पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि अधिकारी एसी कमरे में ना बैठे हैं प्रत्येक अधिकारी जिम्मेदारी के साथ फील्ड में स्थलीय निरीक्षण करते रहें और जनता जनार्दन को हो रही असुविधाओं को भी दूर करते रहें।

स्मार्ट सिटी के नए सीईओ राजेश कुमार ने अधिकारियों को साफ कर दिया है कि किसी भी स्थिति में जनता के साथ किसी भी तरह की परेशानी ना हो और अगर परेशानी होती है तो उसका समाधान तुरंत किया जाए। डॉ राजेश कुमार ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि अधिकारी एसी कमरे में ना बैठ कर फील्ड में उतरे।