केंद्रीय मंत्री ने गरीब परिवारों को एक रूपये पेयजल कनेक्शन देने पर मुख्यमंत्री की सराहना की

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के मध्यम से मुख्यमत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ राज्य में जल जीवन मिशन के तहत संचालित किये जा रहे कार्यों की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि समयबद्धता वाले जल जीवन मिशन कार्यक्रम के लिये धनराशि की कमी नहीं होने दी जायेगी। राज्य में योजना के तहत एक रूपये में पेयजल कनेक्शन दिये जाने की व्यवस्था के लिये उन्होंने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए इसे देश के लिये अभिनव पहल बताया।

उन्होंने कहा कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से उत्तराखण्ड मॉडल स्टेट बन सकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के हालातों के बावजूद भी देश में योजना के क्रियान्वयन की स्थिति सन्तोषजनक है। उन्होंने कहा कि योजना में धन की कमी न हो इसके लिये 15 वें वित्त आयोग द्वारा भी 60 हजार करोड़ पंचायती राज विभाग को दिये गये हैं जिसमें से 30 हजार करोड़ पेयजल से सम्बन्धित योजनाओं पर व्यय किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि देश में पिछले एक वर्ष में 2.25 करोड़ घरों को पेयजल कनेक्शन से जोड़ा गया है।

उत्तराखण्ड में 2022 तक हर घर नल से जोड़ने का है लक्ष्य

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में 2022 तक प्रत्येक घर को नल से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, इसके लिये अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं। इसके लिये 1500 कनेक्शन प्रतिदिन दिये जाने की व्यवस्था करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि हर हाल में लक्ष्यों की पूर्ति करने के लिये अधिकारियों को हिदायत दी गई है। इस सम्बन्ध में आवश्यक तंत्र विकसित करने के साथ ही कार्य अवधि बढ़ा कर कार्य करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्य राज्य के लोगों के व्यापक हित में है अतः इसमें कोई लापरवाही न हो यह देखा जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये अधिप्राप्ति नियमावली में भी संशोधन कर सीमान्त क्षेत्रों के विपरीत भौगोलिक परिस्थिति वाले गांवों को हर घर नल से जोड़ने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रू. 2350 के स्थान पर गरीब परिवारों को एक रूपये में कनेक्शन देने की योजना को आम जनता द्वारा काफी सराहा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 25 दिसम्बर तक देहरादून व बागेश्वर जनपद के अवशेष सभी घरों को नल से जोड़ दिया जायेगा। इसकी कार्य योजना भी तैयार की गई है। राज्य के सभी घरों को 2022 तक नल से जोड़ने के लक्ष्य के प्रति मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी है।

जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल उपलब्ध कराने के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में जल जीवन मिशन की सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन एक समयबद्ध कार्यक्रम है। सभी जिलाधिकारियों को इसके उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये हर संभव प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल के माध्यम से गुणवत्ता युक्त स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी है इसके लिये जिलाधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थाओं एवं प्रबंधन के लिये अधिकार प्रदान किये गये हैं। शासन स्तर पर इससे सम्बन्धित स्वीकृतियों आदि में विलम्ब न हो, इसके लिये उन्होंने जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला जल एवं स्वच्छता मिशन (D.W.S.M) को एक करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति के अधिकार दिये जाने, गढ़वाल एवं कुमाऊं के आयुक्तों को 2 करोड़ तथा 5 करोड़ के प्रस्तावों की मंजूरी के लिये स्टेट लेवल कमेटी तथा इससे ऊपर के प्रस्तावों को ही शासन को संदर्भित किये जाने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन जीवन से जुड़ा यह महत्वपूर्ण विषय है। अतः इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। इस योजना के तहत अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो, इसका ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान विपरीत परिस्थितियों में भी सभी जिलाधिकारियों को सभी सम्बन्धित विभागों एवं संस्थाओं के सहयोग एवं समन्वय से इसे मिशन मोड में संचालित करना होगा। उन्होंने कहा कि वन, राजस्व, पेयजल आदि विभागों को इसमें सामूहिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा। यह हम सबका कार्य है। हर घर को नल के माध्यम से स्वच्छ जल उपलब्ध कराने हेतु कनेक्शन उपलब्ध कराने में कोई समस्या न हो इसके लिये आर्थिक रूप से असहाय लोगों को एक रूपये में कनेक्शन दिये जाने का निर्णय लिया गया है ताकि प्रदेश में कोई भी घर कनेक्शन से वंचित न रहे। उन्होंने जिलाधिकारियों को कार्य हित में अपने स्तर पर कार्यदायी संस्थाओं का चयन कर उसकी सूचना शासन को उपलब्ध कराने को कहा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने भी जिलाधिकारियों से जल जीवन मिशन के तहत दिये गये लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूर्ण करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अपने विवेक से इसमें आनी वाली कठिनाइयों का निराकरण करें। उन्होंने योजनाबद्ध ढंग से कुशल नेतृत्व क्षमता के साथ इस योजना को धरातल पर उतारने की भी बात कही। जिलाधिकारियों को इसमें व्यक्तिगत रूप से ध्यान देना होगा तभी इतनी बड़ी योजना के क्रियान्वयन में हम सफल हो पायेंगे। उनहोंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी जिलाधिकारी इस वर्ष के लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ ही आगे की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप देने के लिये प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने सीमान्त जनपदों में माइग्रेट होने वाले गांवों के सभी घरों को इसमें शामिल करने के भी निर्देश दिये।
इस अवसर पर सचिव पेयजल नीतेश झा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि वर्ष 2024 तक प्रदेश के सभी विकास खण्डों की 7755 ग्राम पंचायतों के 14871 गांवों में फंक्सनल हाऊस होल्ड टेप कनेक्शन (FHTC) उपलब्ध कराये जाने हैं। इसके लिये वर्ष 2020-21 के लिये 358880 घरों को नल से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। जनपद चमोली को वर्ष 2020-21 में सभी 43265 घरों को घरेलू जल संयोजन के साथ जोड़ा जाना है। इसके साथ ही देहरादून का डोईवाला, पौड़ी का थलीसैण, रुद्रप्रयाग का ऊखीमठ, उत्तरकाशी का भटवाड़ी, नैनीताल का हल्द्वानी तथा पिथौरागढ़ का धारचूला विकास खण्ड को शत प्रतिशत आच्छादन का लक्ष्य भी इस वर्ष के लिये रखा गया है।
उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये भारत सरकार द्वारा 1565.06 करोड़ की कार्य योजना स्वीकृत की है। इसके लिये 140 एन.जी.ओ को भी सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने जिलाधिकारियों से 2021 तक सभी योजनाओं के टेण्डर जारी करने की भी अपेक्षा की। शासन द्वारा इस सम्बन्ध में शीघ्र ही गाइड लाइन भी जारी की जायेगी। इस अवसर पर जिलाधिकारियों ने अपने अपने सुझाव रखे गये तथा योजना को समय बद्धता के साथ पूर्ण करने का आश्वासन दिया।