मुख्यमंत्री ने नैनीताल में मॉर्निंग वॉक के दौरान लोगों से मिलकर लिया फीडबैक, बच्चों के साथ खेला क्रिकेट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सादगी के साथ अपने चित परिचित अंदाज में मंगलवार को नैनीताल की ठंडी सड़क समेत आसपास के क्षेत्र के भ्रमण पर निकल गए। इस दौरान मुख्यमंत्री डी एस ए खेल मैदान पहुंचे जहां उन्होंने बच्चों के साथ कुछ देर क्रिकेट खेला। क्रिकेट प्रेमियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से नैनीताल खेल मैदान की स्थिति को दुरुस्त करने और नैनीताल में खेल सुविधाओं को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा जिस पर हामी भरते हुए मुख्यमंत्री ने कहा उनके पास खेलों की स्थिति को सुधारने के लिए प्रस्ताव आया है जिस पर अमल किया जा रहा है।

इसके बाद मुख्यमंत्री नैनी झील किनारे पहुंचे जहां उन्होंने चाय की चुस्कियां का आनंद लेते हुए स्थानीय लोगों से बातचीत करी और नैनीताल के हालातों पर चर्चा की। साथ ही सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों पर भी चर्चा करते हुए नैनीताल के लिए बेहतर काम किए जाने का सुझाव मांगा। नैनी झील किनारे और सार्वजनिक स्थान पर साफ सफाई कर रहे पर्यावरण मित्रों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल और उनकी समस्याओं को जानते हुए उनके मनोबल को भी बढ़ाया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को उनकी सभी समस्याओं के जल्द से जल्द निस्तारण का आश्वासन दिया।

चाय के ठेले पर चाय की चुस्की लेने के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मुलाकात काशीपुर के कुछ पर्यटकों और उनके बच्चों से हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पर्यटकों से नैनीताल शहर के पर्यटन क्षेत्र के बारे में बातचीत करी और स्वयं पर्यटकों को चाय पिलाई।

इस दौरान मंडी परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर अनिल कपूर डब्बू, जिला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट,मंडल अध्यक्ष आनंद बिष्ट, भावना शाह,दया किशन पोखरिया समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

अपने अनूठे तरीके से सीएम जिलों के भ्रमण के अलावा राजधानी में भी आमजन से लेते हैं फीडबैक

22 साल का उत्तराखंड अब एक युवा की भांति उस मुहाने पर खड़ा है जहां से उसके भविष्य की ठोस नींव डाली जाएगी। इस मोड़ पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक मार्गदर्शक और कुशल नेतृत्वकर्ता की भूमिका में नजर आ रहे हैं। 2025 तक उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने का धामी ने जो संकल्प लिया है उस दिशा में वे निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।

गौरतलब है कि धामी 2.0 की शुरुआत से ही उनका विज़न बेहद स्पष्ट है कि वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश में अग्रिम पायदान पर लाना है। इस हेतु सीएम धामी 2.0 के शुरू दिन से अफसरशाही को बार-बार बैठकों या आयोजनों में इसके लिये दिन रात एक करने के गुर देते रहे हैं। हाल ही में धामी ने जिलों के भ्रमण के दौरान एक नई शुरुआत की है जिसके तहत वह सुबह सवेरे मॉर्निंग वॉक के बहाने आम जनता के बीच पहुँचते हैं। उस दौरान उनके साथ कोई लाव-लश्कर भी नहीं होता। ऐसे में बात रुद्रप्रयाग की रही हो, मसूरी की या फिर आज देहरादून की। धामी इन गुपचुप दौरों के जरिये आवाम से सीधे रूबरू होते हैं और जनता से सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर फीडबैक हासिल करते रहते हैं। खुद, धामी ने मसूरी चिंतन शिविर के दौरान आईएएस अफसरों के समक्ष इस बात का खुलासा किया था कि उनके हर कदम को वह खुद मॉनिटर करते हैं।

यहां तक की चिंतन शिविर में उन्होंने बताया कि कुछ जगहों पर बातचीत में जनता ने उनसे कहा कि आपके चीफ सेक्रेटरी तो बहुत अच्छे हैं लेकिन उतना बढ़िया काम जिलों में नहीं हो पा रहा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि जिले की समस्याएं जिलों में ही निस्तारित हो। लोगों को उन तक न आना पड़े। इस बात के जरिये धामी ने स्पष्ट रूप से अफसरशाही को संदेश दिया कि वे सभी उनकी मॉनिटरिंग से गुजर रहे हैं। खैर, एक युवा प्रदेश के लिए एक युवा मुख्यमंत्री की यह पहल न केवल काबिलेतारीफ है बल्कि आम जनता में भी इसे लेकर खुशी है कि सूबे का मुखिया खुद उनसे फीडबैक लेता है।