मंत्री अग्रवाल को जीओएम में मिली सदस्य की अहम जिम्मेदारी

उत्तराखंड के वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल को प्राकृतिक आपदाओं या आपदाओं के मामले में राजस्व जुटाने के लिये मंत्रीसमूह (जीओएम) में सदस्य नामित किया गया है। मंत्री डा. अग्रवाल ने इसके लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी का आभार प्रकट किया है।

जीएसटी परिषद ने किसी राज्य में प्राकृतिक आपदा की स्थिति में विशेष आपदा उपकर लगाने के लिये मंत्रियों के समूह का गठन किया है। इस सात सदस्यीय मंत्रीसमूह में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, उत्तरखंड के वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल, असम के अजंता नियोग, छत्तीसगढ़ से ओपी चौधरी, गुजरात से कनुभाई देसाई, केरल से केएन बालगोपाल और पश्चिम बंगाल से चंद्रिमा भट्टाचार्य शामिल है।

मंत्री समूह के सदस्य प्राकृतिक आपदा या आपदाओं के मामले में राजस्व जुटाने के लिये राज्यों द्वारा विशेष उपकर लगाने की संवैधानिक और कानूनी जांच करेंगे। जीएसटी व्यवस्था के तहत राज्यों द्वारा ऐसे विशेष उपकर लगाने के उद्देश्य से किसी घटना को प्राकृतिक आपदा के रूप में वर्गीकृत करने के लिये उपयोग किये जाने वाले ढांचे की जांच और पहचान करना है।

इसके अलावा यह जांच करना कि क्या जीएसटी मूल ढांचे में बदलाव किये बिना प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राज्यों की मदद के लिये कोई वैकल्पिक तंत्र तैयार किया जा सकता है। साथ ही यह भी जांच की जानी चाहिए कि क्या विशेष उपकर को कुछ विशिष्ट क्षेत्रों तक ही सीमित रखा जाना चाहिए या सभी क्षेत्रों पर लागू किया जाना चाहिए।

पंडित दीनदयाल की जयंती पर वित्त मंत्री ने अंत्योदय परिवारों को दिया तोहफा

पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर राज्य में अंत्योदय राशन कार्डधारकों के लाभार्थियों के लिये वित्त मंत्री ने खजाना खोला है। उनके जन्मदिवस पर वित्त मंत्री ने अंत्योदय राशन कार्डधारकों को दिये जाने वाले मुख्यमंत्री निशुल्क तीन गैस सिलेंडर योजना को वर्ष 2027 तक बढ़ाने पर अपना अनुमोदन प्रदान किया है।

वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री घोषणा के तहत अंत्योदय परिवारों के पुनरूत्थान के लिये मुख्यमंत्री निशुल्क तीन गैस सिलेंडर देने संबंधी योजना को 2022-23 में लागू किया गया था। बताया कि यह योजना इस वर्ष मार्च माह में समाप्त हो गयी थी।

डा. अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने इस योजना को अति महत्वपूर्ण पाते हुये इसे बढ़ाने का विचार किया है। बताया कि इस योजना को वर्ष 2027 तक बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पर उन्होंने अपना अनुमोदन प्रदान किया है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने सदैव अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को उत्थान कैसे हो, इस पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल जी अंत्योदय के प्रेरक थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में समाज के दूर, जो अतिदुर्गम और आर्थिक रूप से कमजोर रहे व्यक्ति के कल्याण के लिए काम किया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि पंडित जी का मानना था कि विकसित और सम्पन्न व समृद्ध राष्ट्र, समाज की कल्पना अंत्योदय परिवारों के बिना नहीं की जा सकती है। इनके कल्याण के लिए सरकारों को योजनाएं बनाकर कार्य करना होगा।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि आज देश मे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार देश के अंत तक बैठे व्यक्ति के विकास को लेकर कार्य कर रही है। वहीं, राज्य की धामी सरकार भी पंडित जी के सिद्धांतों को अपनाते हुए दुर्गम क्षेत्रों के अंत्योदय परिवारों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है।

देहरादून में होगी फोरेंसिक साइंस एक्सपर्ट की तैनाती, वित्त मंत्री ने दिया अनुमोदन

अब प्रदेश में रजिस्ट्री में फ्रॉड केस होने पर गठित एसआईटी टीम को दस्तावेजों का सैंपल चंडीगढ़ नहीं भेजना पड़ेगा। इसके लिए देहरादून में ही फॉरेंसिक साइंस एक्सपर्ट तैनात किया जाएगा। जो पुलिस और एसआईटी टीम के बीच समन्वय का काम करेगा। इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने अपना अनुमोदन दिया है।

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में रजिस्ट्री में फ्रॉड केस जैसे फर्जी हस्ताक्षर, फर्जी कागजात, फर्जी लेखनी आदि की शिकायतें मिलती हैं। इसके लिए पूर्व में एक एसआईटी टीम का गठन किया गया था। उन्होंने बताया कि एसआईटी टीम दस्तावेजों की प्रमाणिकता के लिए चंडीगढ़ स्थित फोरेंसिक लैब को दस्तावेज भेजती थी।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि चंडीगढ़ से दस्तावेजों की प्रमाणिकता की रिपोर्ट आने में अधिक समय लगता था। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार फॉरेंसिक साइंस एक्सपर्ट की तैनाती देहरादून में करने का विचार कर रही है इससे दस्तावेजों की प्रमाणिकता में लगने वाला समय में बचत होगी और निस्तारण समय पर किया जा सकेगा।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि फोरेंसिक साइंस एक्सपर्ट पुलिस और गठित एसआईटी के बीच समन्वय का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की धामी सरकार रजिस्ट्री में फ्रॉड केस के मामले में गंभीर है इसी क्रम में राज्य सरकार ने पूर्व में एसआईटी टीम का गठन किया था।

उत्तराखंडः अब पुत्रियों को पारिवारिक पेंशन में मिलेगी स्वीकृति

उत्तराखंड सरकार अब भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार की तरह अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा पुत्रियों के पारिवारिक पेंशन की स्वीकृति देने पर विचार कर रही है। वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने इस प्रस्ताव पर अपना अनुमोदन दिया है।

वित्त मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य के राजकीय कर्मचारी अथवा पेंशनभोगियों की अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा पुत्री को पारिवारिक पेंशन की स्वीकृति देने जा रही है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि ऐसे राजकीय कर्मचारी अथवा पेंशन भोगी जिनकी पुत्री के तलाक की प्रक्रिया उनके जीवित रहते हुए पूर्ण हो जाती है उन पर पूर्ण रूप से आश्रित होने की दशा में पात्रता पूर्ण करने पर पारिवारिक पेंशन स्वीकृति की जा रही है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि इस व्यवस्था में ऐसी पुत्रियां भी शामिल होंगी। जिनका अपने माता-पिता के जीवित रहने के दौरान न्यायालय में तलाक की प्रक्रिया शुरू हुई हो और माता-पिता के मृत्यु के बाद तलाक हुआ हो।

सरकार ने निरंतर व्यापार सुविधा तथा सरलीकरण सम्बन्धी उपाय कियेः अग्रवाल

53वीं जीएसटी परिषद द्वारा की गयी संस्तुतियों तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए घोषित केन्द्रीय बजट में कर विषयक प्रावधानों के सम्बन्ध में विचार-विमर्श को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें विभागीय मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रतिभाग किया।
राजपुर रोड़ स्थित एक होटल में राज्य कर विभाग द्वारा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड के सहयोग से कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में 53वीं जीएसटी परिषद द्वारा की गयी संस्तुतियों तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए घोषित केन्द्रीय बजट में कर विषयक प्रावधानों के सम्बन्ध में मनीष मिश्रा तथा अनुपम वर्मा, प्रतिनिधि द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया, जिसके अंतर्गत व्यापार को सुविधाजनक बनाने और जीएसटी के अनुपालन को सुव्यवस्थित करने के विभिन्न उपायों से संबंधित उपबंधों की जानकारी प्रतिभागियों को दी गयी।

इस मौके पर वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने वर्तमान में कर प्रणाली के प्रशासन में आमूल-चूल परिवर्तन तथा कर सुधारों में जन भागीदारी बढ़ाने के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निरंतर व्यापार सुविधा तथा सरलीकरण सम्बन्धी उपाय किये गए हैं। इसी क्रम में 53वीं जीएसटी परिषद द्वारा की गयी संस्तुतियों तथा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए घोषित केन्द्रीय बजट में व्यापार को सुविधाजन्य बनाए जाने के प्रयास स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। उनके द्वारा जीएसटी प्रणाली में विभिन्न कर स्तरों के मध्य समन्वय तथा इस आलोक में राज्य और केन्द्रीय कर प्रशासन के मध्य सामंजस्य तथा पारस्परिक संवाद की महत्ता से अवगत कराते हुए करदाताओं की सुविधा के लिए उनके साथ निरन्तर संवाद स्थापित किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।

वित्त मंत्री डॉ अग्रवाल ने राजस्व सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने तथा कर प्रशासन को सरलीकृत किये जाने के सम्बन्ध में ऐसी कार्यशालाओं का निरंतर आयोजन किये जाने की महत्ती आवश्यकता का उल्लेख करते हुए कार्यशाला आयोजित किये जाने हेतु राज्य कर विभाग तथा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड को शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर आयुक्त सीजीएसटी नीलेश कुमार गुप्ता, उत्तराखण्ड तथा आयुक्त डॉ अहमद इकबाल द्वारा भी संबोधित किया गया। सभी वक्ताओं द्वारा कर व्यवस्था में महत्वपूर्ण हितधारक होने के फलस्वरूप राज्य कर विभाग तथा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड द्वारा कार्यशाला आयोजित किये जाने के प्रयास की प्रशंसा की गयी तथा यह आशा व्यक्त की गयी कि इस प्रकार के आयोजन राज्य हित में लाभदायक होंगे।

कार्यशाला में अध्यक्ष इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड पंकज गुप्ता, महासचिव अनिल गोयल, राजीव अग्रवाल सहित उद्योग व्यापार संघों के प्रतिनिधियों, कर सलाहकारों एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

वित्त मंत्री अग्रवाल ने उत्तराखंड में किया जीएसटी में बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण का शुभारंभ

उत्तराखंड के नाम अब एक ओर उपलब्धि जुड़ गई है। उत्तराखंड अब जीएसटी में बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण लागू करने वाला देश का चौथा जबकि उत्तर भारत का पहला राज्य बन गया है। उत्तराखंड में इसका शुभारंभ वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने रिबन काटकर किया।

बुधवार को कार्यक्रम के दौरान डॉ अग्रवाल ने बताया कि नई दिल्ली में आहूत जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में चरणबद्ध रूप से अखिल भारतीय स्तर पर पंजीकरण आवेदकों के लिए बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण (इपवउमजतपब-इंेमक ।ंकींत ंनजीमदजपबंजपवद) को लागू करने की सिफारिश की गई थी। इस क्रम में उत्तराखण्ड राज्य में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण (इपवउमजतपब-इंेमक ।ंकींत ंनजीमदजपबंजपवद) व्यवस्था की गई है। बताया कि देश में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण लागू करने वाला उत्तराखण्ड चौथा राज्य तथा उत्तर भारत का पहला राज्य है। इससे पूर्व गुजरात, पुद्दुचेरी तथा आंध्रप्रदेश में यह व्यवस्था है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि इस व्यवस्था में जीएसटी के अंतर्गत प्रस्तुत ऐसे पंजीयन आवेदन पत्रों, जिन्हें कतिपय जोखिम मानकों तथा डाटा विश्लेषण के आधार पर पोर्टल पर चिन्हित होगा। इसके सम्बन्ध में दस्तावेज़ों का सत्यापन तथा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण कमिश्नर द्वारा अधिसूचित जीएसटी सुविधा केंद्र से कराया जाएगा।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण (इपवउमजतपब-इंेमक ।ंकींत ंनजीमदजपबंजपवद) को क्रियान्वित किये जाने के लिए राज्य कर विभाग के प्रत्येक कार्यालय भवन में जीएसटी सुविधा केंद्र स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से दस्तावेज़ों का सत्यापन तथा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण राज्य में ऐसे 22 जीएसटी सुविधा केंद्र स्थापित किये गए हैं।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा जीएसटी में आसान पंजीयन प्रक्रिया का अनुचित लाभ लेते हुए फर्जी पंजीयन प्राप्त किये गए हैं तथा राजस्व को नुकसान पहुंचाया गया है। बताया कि बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था के क्रियान्वयन से जीएसटी में पंजीकरण प्रक्रिया बेहतर होगी, जिससे फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर प्राप्त किये जाने वाले पंजीयनों तथा फर्जी इनवॉइस के माध्यम से लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को रोकने में सहायता मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि गुजरात राज्य में बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था लागू किये जाने के बाद से पंजीयन आवेदन पत्रों में लगभग 55ः की कमी दर्ज की गयी है, जो इस बात का द्योतक है कि राज्य में फर्जी पंजीयन आवेदन पत्रों की संख्या कम हुई हैं स यह अनुमानित है कि इस व्यवस्था को लागू किये जाने पर उत्तराखण्ड राज्य में वार्षिक लगभग रु0 100 करोड़ से रु0 150 करोड़ तक के करापवंचन को रोकना संभव हो सकेगा स

इस अवसर पर सचिव वित्त विनोद कुमार सुमन, आयुक्त कर डॉ अहमद इकबाल, अपर आयुक्त आईएस बृजवाल, अपर आयुक्त अनिल सिंह, पीएस डुंगरियाल, संयुक्त आयुक्त प्रवीण गुप्ता, संजीव सोलंकी, अनुराग मिश्रा सहित अन्य विभागीय अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।
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पूरे प्रदेश में 22 जीएसटी सुविधा केंद्र होंगे
देहरादून । मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि 22 राज्यकर अधिकारी, 58 कर्मचारी प्रदेश के 22 जीएसटी सुविधा केंद्र में उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर और हल्द्वानी में पांच-पांच सेंटर होंगे।
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फर्जी रजिस्ट्रेशन पर लगेगी लगाम
देहरादून। मंत्री डॉक्टर प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि राज्य कर में चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले कुछ तथाकथित लोग अभी तक टेंपो, रिक्शा, ठेली, फड़ वाले आदि लोगों से उनके आधार नंबर व अन्य जानकारी के जरिए फर्जी तरीके से राज्य कर में चोरी करते थे उन्होंने बताया कि बायोमेट्रिक पंजीकरण के बाद से ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा। जिससे प्रदेश को स्वच्छ राज्य कर की प्राप्ति हो सकेगी।

प्रदेश के सभी 95 विकासखण्डों में एकल महिलाओं को मिलेगा मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना का लाभ

वित्त मंत्री डॉ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना“ के क्रियान्वयन के लिए गठित मंत्री मंडलीय उप समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की।

मंत्री ने कहा कि बैठक में “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना“ के तहत प्रदेशभर में एकल महिलाओं की कुल संख्या एवं योजना के तहत एकल महिलाओं को मिलने वाले स्वरोजगार के निर्धारण पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग से प्राप्त होने वाले अतिरिक्त शुल्क को खेल, गौशाला एवं महिला कल्याण के लिए दिया जाना था। मंत्री ने कहा कि आबकारी विभाग से मिलने वाली धनराशि का 10 करोड़ रूपया “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के लिए निर्धारित किया गया है।

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू की जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि हर ब्लॉक की एकल महिलाओं (विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता, किन्नर, अपराध एवं एसिड हमलों से पीड़ित महिला) को इस योजना के अन्तर्गत शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 95 विकासखण्डों में एकल महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जायेगा।

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत एकल महिलाओं के लिए स्वरोजगार के तहत कृषि, बागवानी, पशुपालन, कुकुट, पालन, भेड़ पालन, बकरी पालन, उद्यान, बुटीक, टेलरिंग, जनरल स्टोर, टिफन सेवा, कैंटीन, कैटरिंग, प्लम्बर, इलैक्ट्रिशियन, डाटा एन्ट्री कार्य, कम्प्यूटर हार्डवेयर रिपेयरिंग, टेली कॉलिंग आदि जैसे कार्यों को जोड़ा गया है।

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना 18 से 50 वर्ष तक की आयुसीमा वाली एकल महिलाओं के लिए निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य है कि प्रदेशभर की एकल महिलाएं इस योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें और उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ें।

मंत्री ने कहा कि उप समिति की आगामी बैठक में अन्तिम रूप देने के बाद इसे शासन में भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि मंत्री मण्डल की समिति में पारित होने के बाद मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को इसी साल लागू किया जायेगा।

इस अवसर पर बैठक में सदस्य सचिव, उप समिति, चन्द्रेश कुमार यादव, निदेशक, उप समिति, प्रशान्त आर्य एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

केंद्रीय बजट से पूर्व हुई नई दिल्ली में बैठक, सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने किया प्रतिभाग

उत्तराखंड के वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने आगामी केन्द्रीय बजट के लिए राज्यों के सुझाव के सम्बन्ध में नई दिल्ली में आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया।

भारत मंडपम में आयोजित बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री भारत सरकार निर्मला सीतारमण जी ने की। बैठक में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी तथा विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों सहित केन्द्रीय एवं राज्य सरकार के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड की ओर से वित्त मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल एवं सचिव वित्त दिलीप जावलकर उपस्थित थे।

बैठक में उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री डॉ प्रेम चन्द अग्रवाल ने देवभूमि उत्तराखण्ड की जनता की ओर से बजट निर्माण पूर्व बैठक में प्रतिभागिता का अवसर देने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री जी का आभार व्यक्त किया। आगामी बजट में उत्तराखण्ड की भौगोलिक एवं परिस्थितियों को विशेष रूप से सहानुभूति पूर्वक विचार करने का अनुरोध किया। इस अवसर पर वित्त मंत्री डॉ प्रेम चन्द अग्रवाल ने तीन बिन्दुओ को प्रमुखता से उठाया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि एक पर्वतीय व सीमान्त राज्य होने के दृष्टिगत सुदृढ़ कनेक्टिविटी व सुचारू आवागमन एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। ऑल वेदर रोड़ व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना सहित राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं पर द्रुतगति से हो रहे कार्य हमारे लिए संजीवनी का कार्य कर रहे हैं। हमें आशा है कि आगामी बजट में उत्तराखण्ड को नयी केन्द्रीय योजनाओं का आशीर्वाद मिलेगा। इस आलोक में आगामी बजट में ऋषिकेश-उत्तरकाशी तथा टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना हेतु आवश्यक प्रावधान करने का निवेदन किया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखण्ड सहित कुछ दूसरे हिमालयी राज्यों को प्रतिवर्ष लैण्ड स्लाइड का सामना करना पड़ रहा है। क्रोनिक लैण्ड स्लाईड के ट्रीटमेंट हेतु राष्ट्रीय महत्व के शोध संस्थान की स्थापना उत्तराखण्ड के सीमान्त व संवेदनशील जनपद यथा-चमोली, पिथौरागढ़ तथा चम्पावत आदि में किये जाने का अनुरोध किया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि भू-जल के स्तर में क्षरण एक ज्वलन्त समस्या है। यह देखा गया है कि हिमालय के तराई भाग में भूजल के स्तर में तीव्रता से क्षरण हो रहा है। आबादी का बडा भाग तराई क्षेत्र में निवास करता है। यहाँ के वाटर टेबल को बचाये जाने के लिए तथा भूजल के स्तर में क्षरण को यथा शीघ्र रोके जाने के लिए गम्भीर प्रयासों की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस सम्बन्ध में हमारे राज्य की दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं यथा कुमायूँ मण्डल के हल्द्वानी एवं समीपवर्ती तराई के शहरों में सिंचाई व पेयजल आपूर्ति हेतु जमरानी बांध परियोजना एवं गढवाल मण्डल में देहरादून व उपनगरीय क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निदान हेतु सौंग बांध परियोजना उल्लेखनीय हैं। केन्द्र सरकार की कृपा से जमरानी बांध परियोजना को पी. एम.के.एस.वाई. ए.आई.वी.पी. योजना के अन्तर्गत आच्छादित किया जा चुका है। इसी क्रम में गढवाल मण्डल में देहरादून व उपनगरीय क्षेत्र में पेयजल की समस्या के निदान हेतु सौंग बांध परियोजना जो यद्यपि सिंचाई परियोजना नहीं है तथापि भूजल के स्तर को बनाये रखने के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि वित्त पोषण हेतु सहानुभूति पूर्वक विचार करने का अनुरोध किया।
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’कई बिंदुओं को लेकर डॉ अग्रवाल ने दिया ज्ञापन’
’नई दिल्ली/देहरादून।’ वित्त मंत्री डॉ प्रेमचन्द अग्रवाल ने इस अवसर पर एक ज्ञापन दिया। जिसमें
ऽ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा जल जीवन मिशन योजना से राज्य में विद्यमान ग्रेविटी स्कीमों की तुलना में पम्पिंग स्कीमों पर अधिक निर्भरता के दृष्टिगत राज्य द्वारा अतिरिक्त व्यय की ओर ध्यान आकर्षित किया गया तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अनुरूप ही जल जीवन मिशन योजना के अनुरक्षण के लिए भी केन्द्रीय सहायता का अनुरोध किया गया।

ऽ ैक्त्थ् योजना से अनाच्छादित आपदाओं/ घटनाओं हेतु नई योजना प्रारम्भ करने हेतु अथवा अनाच्छादित मदों जैसे भ्पही टवसजंहम ज्तंदेउपेेपवद स्पदमे / वनाग्नि आदि घटनाओं को ैक्त्थ् की ळनपकमसपदम से आच्छादित करने का अनुरोध किया।

ऽ राज्य के दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों में जल विद्युत परियोजनाओं को प्रोत्साहित किये जाने हेतु रू. 2 करोड़ प्रति मेगावाट की दर से रू. 8 हजार करोड़ की टपंइपसपजल ळंच थ्नदकपदह (टळथ्) प्रदान करने हेतु आवश्यक प्रावधान आगामी बजट में करने का अनुरोध किया। वृद्धावस्था पेंशन हेतु केन्द्रांश को रू0 200 से बढ़ाकर रू0 500 किये जाने, मानसखण्ड माला

ऽमिशन के अन्तर्गत इंटरनल कनेक्टिीविटी को सुदृढ़ करने, नेट फेज-2 परियोजना के शीघ्र क्रियान्वयन किये जाने एवं मनरेगा कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तराखण्ड सहित समस्त पर्वतीय राज्यों हेतु श्रम व सामग्री का अनुपात 60रू40 के बजाय 50रू50 किये जाने का अनुरोध किया।

ऽ राज्य में प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुाओं के आने (फ्लोटिंग पोपुलेशन) के परिणाम स्वरूप साफ-सफाई एवं अवस्थापना सुविधाओं के नों के अनुरक्षण हेतु आगामी बजट में यथोचित योजना के अन्तर्गत इस बिन्दु पर सहानुभूतिपूर्वक अनुदान देने के लिये विचार करने का अनुरोध किया।

डॉ प्रेमचन्द अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं व केन्द्रीय अनुदानों से प्रदेश के सर्वांगीण विकास का पथ प्रशस्त हुआ है। केन्द्र के आशीर्वाद से हमारी विकास यात्रा को गति मिली है।

काशीपुर कलस्टरः ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के लिए 1429.89 लाख रूपये पर हुए अनुमोदन

काशीपुर कलस्टर की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के लिए वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने 1429.89 लाख रूपये पर अपना अनुमोदन दिया है।

मंत्री डा. अग्रवाल ने बताया कि काशीपुर कलस्टर जिसमें काशीपुर, जसपुर और महुआडाबरा आदि की ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के लिए उनकी ओर से 1429.89 लाख रूपये को अपना अनुमोदन दिया है। उन्होंने बताया कि इसमें चतुर्थ राज्य वित्त आयोग से 571.956 लाख रूपये, स्वच्छ भारत मिशन से 500.46 लाख रूपये तथा काशीपुर कलस्टर से 357.4725 लाख रूपये स्वयं के वहन से करेगा।

उन्होंने बताया कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का तात्पर्य है कि वातावरण एवं जन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ठोस कचरे के उपचार, निस्तारण, पुनः प्रयोग, पुनः चक्रण व ऊर्जा में परिवर्तन करने की प्रक्रिया से है।

उन्होंने बताया कि ठोस कचरा प्रबंधन की प्रक्रिया के अनेक लाभ है इन लाभों में जन स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी तंत्र को लाभ मिलता है, बताया कि पर्यावरण स्वच्छ रहता है।

उन्होंने बताया कि हमारे आसपास के सभी कचरे का उचित निपटान किया जाए तो हम पर्यावरण को आसानी से स्वच्छ रख सकते हैं। बताया कि कचरा प्रबंधन की पुनर्चंक्रण प्रक्रिया से हमें नए उत्पादों के लिए कच्चा माल प्राप्त होता है।

मंत्री अग्रवाल ने बिल लाओ इनाम पाओं योजना के तहत वितरित किये पुरस्कार

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बिल लाओ ईनाम पाओ योजना के तहत माह अक्टूबर और नवंबर के विजेताओं को स्मार्ट फ़ोन, स्मार्ट वाच, एयर बड्स वितरित किये। इस दौरान विजेताओं ने योजना के लिए सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की।

राज्य कर विभाग ऋषिकेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डॉ अग्रवाल ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पुरस्कार विजेताओं तथा पुरस्कार वितरण में पूर्ण पारदर्शिता रहे इसीलिए इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं रखा गया है। बताया कि सम्पूर्ण कार्यवाही इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पूर्ण की जाती है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि योजना के अन्तर्गत दिनांक 01 सितम्बर, 2022 से 01 जनवरी, 2024 तक कुल 66,857 उपभोक्ता पंजीकृत हुये हैं, जिनके द्वारा 3,89,112 बिल अपलोड किये गये हैं तथा जिनका कुल मूल्य लगभग रु0 180 करोड़ है। कहा कि यह आंकड़े दर्शाते हैं कि योजना को लेकर जनता में असीम उत्साह है एवं उनके द्वारा अधिकाधिक बिलों को अपलोड किया गया है। बताया कि योजना की लोकप्रियता को देखते हुए योजना के अंतर्गत मासिक पुरस्कार दिए जाने की अवधि को दिनांक 30 नवम्बर, 2023 से बढ़ाकर दिनांक 31 मार्च, 2024 तक किया गया है।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि गत वर्ष 2022-23 (माह दिसम्बर तक) रु0 5596 करोड़ राजस्व की तुलना में संगत वर्ष 2023-24 (माह दिसम्बर तक) में रु0 6122 करोड़ राजस्व प्राप्त किया गया है, जो कि लगभग 09ः अधिक है। माह दिसम्बर, 2022 में प्राप्त राजस्व रु0 573 करोड़ की तुलना में माह दिसम्बर, 2023 में प्राप्त राजस्व रु0 684 करोड़ है, जो कि लगभग 19रू अधिक है स वर्ष 2023-24 के लिए राज्य कर विभाग हेतु बजटीय राजस्व लक्ष्य रु0 8787 करोड़ रखा गया है स इस क्रम में माह दिसम्बर, 2023 तक निर्धारित राजस्व लक्ष्य रु0 6434 करोड़ के सापेक्ष रु0 6122 करोड़ की प्राप्ति कर ली गयी है, जो कि निर्धारित राजस्व लक्ष्य का 95.15 प्रतिशत है स

इस मौके पर कार्यक्रम संचालन आरजे काव्या, अपर आयुक्त आईएस बृजवाल, अपर आयुक्त अनिल सिंह, अपर आयुक्त पीएस डुंगरियाल, संयुक्त आयुक्त संजीव सोलंकी, संयुक्त आयुक्त एसएस तिरुवा, उपयुक्त राज्य कर जगदीश सिंह, मण्डल अध्यक्ष सुमित पंवार, सुरेंद्र कुमार, प्रतीक कालिया, दिनेश पयाल, जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा कविता शाह, कृष्ण कुमार सिंघल, जितेंद्र अग्रवाल, बृजेश शर्मा, अम्बरीष गर्ग, शिव कुमार गौतम, विकास तेवतिया, प्रदीप कोहली, संजीव पाल, राजेश दिवाकर, राजू नरसिम्हा, राधे जाटव, दिव्या बेलवाल, भगवान सिंह मेहर, दिनेश सती, नितिन सकसेना, शम्भू पासवान, चंदू यादव, माधवी गुप्ता, निर्मला उनियाल, दीपक बिष्ट, सौरभ गर्ग, रूपेश गुप्ता, अखिलेश मित्तल, मोनिका गर्ग, जगावर सिंह, अभिनब पाल, अनिता तिवाड़ी, राजेश्वरी, अरुण जुगलान, अरुण बडोनी, गुड्डी कालूड़ा, निवेदिता सरकार, सुधा असवाल, रीता गुप्ता, हिमानी कौशिक सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।