उत्तराखंड के हर व्यक्ति को स्वस्थ रखना व सभी तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना सरकार की प्राथमिकताः सुरेश भट्ट

सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जा रहा है। अस्पतालों को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है ताकि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके। समाज के हर व्यक्ति को स्वस्थ रखना व सभी तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना हमारी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। ये बातें राज्य स्तरीय राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद के नवनियुक्त उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, द्वारा एन.एच.एम. के अंतर्गत संचालित सभी कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा जन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एक महत्वपूर्ण कड़ी है। समीक्षा बैठक में प्रदेश में राष्ट्रीय कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वय हेतु सभी अधिकारियों व कार्मिकों को जरुरी दिशा-निर्देश दिए गये।

मैं एक सहयोगी के नाते काम करूंगाः सुरेश भट्ट
सुरेश भट्ट द्वारा उपाध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के पश्चात आयोजित प्रथम बैठक में प्रदेश में संचालित विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों की समीक्षा की। माननीय उपाध्यक्ष द्वारा बताया गया कि स्वास्थ्य सेवाएं आमजनमानस की भावनाओं से जुडा विषय है, जिसका संपादन केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अति आवश्यक हो जाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड से जुड़कर मैं एक सहयोगी के नाते काम करूंगा व मेरे द्वारा एन.एच.एम. को संपूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा।
बैठक में प्रस्तुतिकरण के दौरान उन्होंने प्रदेश में संचालित सभी कार्यक्रमों को विस्तारपूर्ण जाना और संबंधित अधिकारियों व कार्मिकों को विभिन्न जनकल्याणकारियों नीतियों को धरातल में अमल करने पर उचित दिशा-निर्देश दिए।

अधिकारियों-कर्मचारियों को दिलाई सत्यनिष्ठा की शपथ
सुरेश भट्ट द्वारा बताया गया कि सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम जिनमें टी.बी उन्मूलन, मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य, गैर संचारी रोगों की रोकथाम जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर और अधिक कार्य करने की जरुरत है, जिससे प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य लाभ मिल सके। बैठक के दौरान देशभर में संचालित ‘सतर्कता जागरुकता सप्ताह’ के अंतर्गत मा. उपाध्यक्ष द्वारा एन.एच.एम. अधिकारियों व कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा की प्रतिज्ञा भी दिलाई। उन्होंने कहा हम सब समर्पित होकर कार्य करें जिससे कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत बनें।

बैठक में स्वाति एस भदौरिया मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, अमनदीप कौर, अपर मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, कार्यक्रम अधिकारी डॉ अजय कुमार नगरकर, डॉ अमित शुक्ला, डॉ फरीदुजफर, डॉ पंकज सिंह, डॉ राजन अरोड़ा, डॉ मुकेश राय, डॉ अर्चना ओझा, राज्य कार्यक्रम प्रबंधक महेंद्र मौर्य, राज्य लेखा प्रबंधक राम कृष्ण भट्ट आदि अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।

अल्ट्रासाउंड न होने से मरीज परेशान

ऋषिकेश।
सरकारी अस्पताल में पांच दिनों से अल्ट्रासाउण्ड न होने से मरीज परेशान है। एकमात्र रेडियोलॉजिस्ट की नाइट ड्यूटी लगने से व्यवस्था बिगड़ी। ऐसे में मरीजों को प्राइवेट में महंगा शुल्क देकर अल्ट्रासाउण्ड कराना पड़ा।
सरकारी अस्पताल में एक मात्र रेडियोलॉजिस्ट डॉ. उत्तम सिंह खरोला तैनात है। ऐसे में उनकी नाइट ड्यूटी लगाने से मरीज परेशान है। जिस कारण बीते शुक्रवार से मंगलवार तक अल्ट्रासाउण्ड नहीं हो पाये है। सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं को दिक्कतें आ रही है।
111
सीएमएस डॉ.अशोक कुमार गैरोला का कहना है कि मंगलवार को रेडियोलॉजिस्ट अवकाश पर थे। जबकि और दिनों उनकी नाइट ड्यूटी लगने से अगले दिन ऑफ पर रहे। इससे दिक्कतें आई। बुधवार से अल्ट्रासाउण्ड होंगे।

टाइफाइड मरीजों की बढ़ रही संख्या

एक माह में हजार से अधिक मरीजों में टाइफाइड की हो चुकी पुष्टि

ऋषिकेश।
गुरुवार को सरकारी अस्पताल की ओपीडी में 510 मरीजों ने पंजीकरण कराया। 29 मरीजों में डेंगू की आशंका के चलते ब्लड जांच की गई, जिसमें से एक मरीज पॉजीटिव मिला। 49 मरीजों में टाइफाइड की जांच की गई, जिसमें से 12 पीड़ित मिले। गौरतलब है कि टाइफाइड के मामले लगातार बढ़ रहे है। सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में इन दिनों डेंगू व चिकनगुनिया के साथ ही टाइफाइड के मरीज भी अधिक संख्या में आ रहे है। फिजिशियन डॉ. महेश सैनी ने बताया कि इन दिनों टाइफाइड के मरीज बढ़ रहे है।

112

टाइफाइड दूषित खाने पीने से लीवर संक्रमण के चलते होता है। डॉ. सैनी ने बताया कि इसे आंतों का बुखार भी कहा जाता है। इसमें सुबह शाम बुखार आता है और शरीर में कमजोरी रहती है। बताया कि लापरवाही होने पर पीलिया होने का खतरा भी बना रहता है। उन्होंने मरीज को टाइफाइड में दवा सेवन के साथ ही आराम करने की सलाह दी। नगर संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि गुरुवार को 29 मरीजों की जांच की गई, जिसमें से एक मरीज डेंगू से पीड़ित मिला।

डेंगू व चिकनगुनिया की चपेट में तीर्थनगरी

102
ऋषिकेश।
तीर्थनगरी व आस-पास के क्षेत्र डेंगू व चिकनगुनिया से प्रभावित हो रहे है। वायरल पीड़ितों में मलेरिया व टाइफाइड की भी पुष्टि हो रही है। एम्स, सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में वायरल पीड़ित बड़ी संख्या में ब्लड जांच करवा रहे है। बुधवार को सरकारी अस्पताल में एक व प्राइवेट अस्पताल में दो लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।
बुधवार को डेंगू व चिकनगुनिया के चलते नगर के अस्पतालों में मरीजों की अत्यधिक भीड़ रही। एम्स की ओपीडी में 1450 मरीजों ने पंजीकरण कराया। 424 मरीज वायरल पीड़ित रहे। डेंगू की आशंका के चलते यहां 60 मरीजों के ब्लड की जांच की गई। वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने जानकारी दी कि पिछले 15 दिनों में 300 मरीजों के डेंगू की आंशका के चलते जांच हुई है, जिसमें 16 मरीजों में डेंगू पॉजीटिव मिला है।
सरकारी अस्पताल में 51 मरीजों की डेंगू जांच करने पर एक मरीज पॉजीटिव मिला। 98 मरीजों की मलेरिया व टाइफाइड जांच करने पर क्रमश: दो और अट्ठारह मरीजों में मलेरिया व टाइफाइड की पुष्टि हुई। यहां ओपीडी में 640 लोगों ने पंजीकरण कराया। बुधवार को सिर्फ एक ही फिजिशियन डॉ. महेश सैनी ने वायरल पीड़ित मरीजों का उपचार किया। फिजिशियन डॉ. ऋचा रतूड़ी डे ऑफ पर रही।
वहीं, प्राइेवट अस्पतालों की ओपीडी पन्द्रह सौ के पार पहुंची। प्राइवेट अस्पतालों में उपचार करा रहे वायरल पीड़ित दो मरीजों में डेंगू पॉजीटिव मिला है। नगर के संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि डेंगू व चिकनगुनिया मच्छर जनित रोग है। उन्होंने नगर के लोगों से स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करने की अपील भी की।
101
तहसील में दहशत
ऋषिकेश तहसील में कार्यरत एक संग्रह अमीन के बेटे को डेंगू पॉजीटिव आने से अन्य कर्मचारियों में दहशत है। तहसील कॉलोनी में रह रहे कर्मचारी आस-पास पानी जमा होने व झाड़ियां काटने की मांग कर रहे है। उनका कहना है कि लंबे समय से यहां पानी का जमाव व झाड़ियां होने के कारण डर लगने लगा है।

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष को भी डेंगू
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार अरुण शर्मा भी डेंगू की चपेट में आ गये है। प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक उनका उपचार कर रहे है। बुधवार जांच के बाद उनकी प्लेट्लेटस सताईस हजार के करीब पहुंच गई थी।