टीडीसी घपले में कृषि मंत्री ने एफआरआई करने के आदेश दिये


तराई बीज एवं विकास निगम (टीडीसी) में गेहूं बीज बिक्री में अनियमितता में राज्य सरकार को 16 करोड़ का चूना लगा है। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए इस घपले की जांच रिपोर्ट में निगम के प्रबंध निदेशक पीएस बिष्ट, निलंबित मुख्य अभियंता पीके चौहान समेत 10 कार्मिक प्रथम दृष्ट्या संलिप्त पाए गए हैं।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने निलंबित मुख्य अभियंता और बीज विपणन प्रभारी पीके चौहान के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। वहीं निगम के उप निदेशक जीएस बिष्ट को इस मामले में नोटिस दिया गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच एसआइटी से कराने के संबंध में वह मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में पत्रकारों से बातचीत में टीडीसी में गेहूं बीज वितरण में अनियमितता का खुलासा किया। इस अनियमितता की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ रणबीर सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई थी।
समिति में कृषि निदेशक गौरीशंकर, पुलिस महानिरीक्षक जीएस मार्तोलिया और अपर सचिव सुनीलश्री पांथरी शामिल थे। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में वर्ष 2015-16 के दौरान गेहूं बीज बिक्री में प्रथम दृष्ट्या अनियमितता की पुष्टि हुई है।
कृषि मंत्री ने बताया कि चहेतों को गेहूं बीज की बंदरबांट के लिए नियमों से खिलवाड़ करते हुए दो बार रियायत दी गई। किसानों के बजाए बीजों का वितरण वितरक निजी कंपनियों को किया गया। वर्ष 2015 में दिसंबर माह में पहले गेहूं बीज बिक्री की दर उत्तरप्रदेश के लिए 2150 रुपये प्रति कुंतल और बिहार के लिए 2350 रुपये प्रति कुंतल तय की गई, जबकि यह दर 3188 रुपये प्रति कुंतल होनी चाहिए।
वितरकों को करीब 33 फीसद की रियायत दी गई। वितरक कंपनियों को बीज देने से पहले 10 फीसद पैसा जमा कराने, ट्रांसपोर्ट से पहले 15 फीसद धनराशि जमा कराने और फिर 75 फीसद बैंक गारंटी या नकद धनराशि मिलने पर बीजों को गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था है। इस व्यवस्था में हीलाहवाली करते हुए चहेती कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया।
यही नहीं, 14 जनवरी, 2016 को नई रियायती स्कीम के तहत 2350 रुपये प्रति कुंतल की दर पर 40 किलों के दो कट्टों के साथ एक कट्टा मुफ्त यानी तकरीबन 30 फीसद रियायत दी गई। इस योजना के बाद उत्तरप्रदेश को 29680 कुंतल और बिहार को 52272 कुंतल गेहूं बीज की बिक्री की गई।
गेहूं बीज की बिक्री नेशनल हर्ब बरेली, साहू ब्रदर्स बनारस, कृषि सेवा केंद्र फर्रुखाबाद को की गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 में उत्पादित 330917.24 कुंतल बीज में से बिक्री के लिए 290846.60 कुंतल पैकिंग की गई थी।

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ये दस अधिकारी पाए गए संलिप्त
उक्त अनियमितता में टीडीसी के एमडी पीएस बिष्ट, कंपनी सचिव आरके निगम, चीफ इंजीनियर व इंचार्ज मार्केटिंग पीके चौहान, मुख्य बीज उत्पादन अधिकारी दीपक पांडेय, उप मुख्य विपणन अधिकारी एके लोहनी व अजीत सिंह, उप मुख्य वित्त अधिकारी बीडी तिवारी, प्रशासनिक अधिकारी शिवमंगल त्रिपाठी, लेखाकार जीसी तिवारी व लेखाधिकारी अतुल पांडेय प्रथम दृष्ट्या संलिप्त पाए गए हैं। मुख्य अभियंता पीके चौहान को 30 जून को सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले इसी मामले में मंत्री के निर्देश पर निलंबित किया गया था। उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश मंत्री ने दिए हैं।

प्रदेशभर के स्कूलों में दीक्षा का शुभारंभ

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देहरादून।
मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बुधवार को सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा में गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम ’दीक्षा’ (डेडीकेशन टू एनहेंस एजूकेशन नॉलेज, स्किल एण्ड हैबिट एसेसमेंट) का शुभारम्भ किया। मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से आधार कार्ड, मॉडल स्कूल और आपदा से क्षतिग्रस्त स्कूलों कीे मरम्मत कीे प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि आधार कार्ड बनाने के कार्य को अभियान के रूप में चलायें। मॉडल स्कूलों का मौके पर जाकर मुआयना करें। क्षतिग्रस्त स्कूलों के मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करें।
मुख्य सचिव ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि हर ब्लॉक में मॉडल स्कूल खोलने का प्रयोग सफल रहा है। ऐसे स्कूलों में छात्रों के नामांकन का प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष बल दिया। सचिव विद्यालयी शिक्षा डी.सेंथिल पांडियन ने दीक्षा के माध्यम से प्रारम्भिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सतत् व व्यापक मूल्यांकन (कांटीन्युवस एण्ड कांप्रीहेंसिव एवेल्युएशन) के बारे में विस्तार जानकारी दी। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को माध्यमिक स्तर पर अधिगम स्तर आंकलन (लर्निंग लेवल एसेसमेंट) के बारे में बताया। सतत् और व्यापक मूल्यांकन में सभी बच्चों के सभी पक्षों का मूल्यांकन किया जाए। इसमें शैक्षिक पक्ष, सह-शैक्षिक पक्ष (रूचि, खेलकूद, संगीत, कला, व्यवहार, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि से संबंधित) शामिल है। अधिगम स्तर आंकलन में कक्षा 9 के विद्यार्थियों के अकादमिक पक्ष (हिन्दी, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी विषयों में लर्निंग लेवल) का आंकलन किया जाए। आंकलन के बाद बच्चों को सुधारात्मक शिक्षण दिया जाए। उन्होंने बताया कि कक्षा कक्ष में दीक्षा कार्यक्रम के तहत कक्षावार और विषयवार संकेतक(इंडीकेटर) बनाये गये है। इसके आधार पर मॉनिटरिंग की जाए। इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जवाबदेही भी तय की गई है।
बैठक में अपर सचिव शिक्षा रंजना, निदेशक आर.के.कुंवर, प्राथमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।