विभिन्न प्रजाति के पौधे रोपकर मनाया हरेला पर्व

श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में हरेला पर्व के अवसर पर विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण किया गया। जिसमें विद्यालय के एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड एवं विद्यालय परिवार द्वारा कई छायादार, फलदार पौधे रोपे गए।

विद्यालय के प्रधानाचार्य यमुना प्रसाद त्रिपाठी ने सभी कैडेटों को हरेला पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि हरेला देवभूमि का लोक पर्व है। यह देवियों की पूजा से जुड़ा हुआ है। जिसमें जुलाई अगस्त माह में नो दिन पहले हरियाली बोई जाती है दसवें दिन इसे पूजा अर्चना के बाद काटा जाता है कन्याओं का पूजन ओर फिर प्रसाद बांटा जाता था यह लोक पर्व है।

यह पर्यावरण रक्षण संरक्षण संवर्धन से जोड़ते हुए उत्तराखंड सरकार ने इसे त्योहार के रूप में अपनाया हे संपूर्ण उत्तराखंड में इस दिवस पर हजारों वृक्ष लगाए जाते हैं जो वर्तमान में अत्यधिक विस्तार से बढ़ता जा रहा है।

इस अवसर पर लेफ्टिनेंट लखविंदर सिंह, एनसीसी अधिकारी विकास नेगी, जितेंद्र विष्ट, संजीव कुमार, हरि सिंह, रमेश बुटोला, शालिनी कपूर, सुमित्रा महर, विनीता गवाड़ी, पूजा, आदि उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री की प्रेरणा, मुख्यमंत्री का नेतृत्व से उत्तराखंड में हरेला पर्व बना पर्यावरण जागरण

उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान और प्रकृति से जुड़ाव को दर्शाने वाला हरेला पर्व अब केवल एक परंपरागत आयोजन नहीं रहा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जनभागीदारी का एक सशक्त अभियान बन चुका है। इस वर्ष हरेला पर्व पर पूरे उत्तराखंड में एक नया इतिहास रचा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से शुरू किए गए “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने और व्यापक रूप देते हुए इसे ‘हरेला का त्योहार मनाओ, धरती माँ का ऋण चुकाओ’ जैसे सार्थक जनसंदेश से जोड़ा।

मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून में स्वयं पौधारोपण कर इस अभियान की शुरुआत की और इसे केवल एक सरकारी कार्यक्रम के बजाय जन-जन की भागीदारी वाला हरित जनांदोलन बना दिया। प्रदेश के सभी 13 जिलों के गांवों, कस्बों, शहरों और स्कूलों में हजारों स्थानों पर पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्थानीय प्रशासन, वन विभाग, स्वयंसेवी संगठनों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों, महिला समूहों और युवाओं ने पूरे उत्साह के साथ भागीदारी की। अब तक पूरे राज्य में 8 लाख 13 हजार से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं, जो कि किसी एक पर्व के अवसर पर उत्तराखंड में अब तक का सबसे बड़ा पौधारोपण प्रयास है।

यह केवल वृक्षारोपण का कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक ऐसी पहल है जो प्रदेशवासियों में प्रकृति के प्रति आस्था, उत्तरदायित्व और संरक्षण की भावना को और गहरा कर रही है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह पर्व दर्शाता है कि उत्तराखंड केवल एक हिमालयी राज्य नहीं, बल्कि जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए जागरूक और सक्रिय समाज का प्रतीक है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार विकास और आस्था, दोनों के संतुलन के साथ आगे बढ़ रही है और पर्यावरण संरक्षण सरकार की प्राथमिक नीति का अभिन्न हिस्सा है।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि हरेला पर्व अब केवल सांस्कृतिक पर्व नहीं रहा, बल्कि यह प्रदेशवासियों की सामूहिक चेतना का उत्सव बन गया है। पौधों के रूप में जो बीज धरती में रोपे जा रहे हैं, वे हरियाली, उम्मीद, आस्था और सतत विकास के प्रतीक हैं। आने वाले वर्षों में यही बीज एक हरित, समृद्ध और पर्यावरण-संवेदनशील उत्तराखंड के निर्माण में आधार बनेंगे।

हरेला पर्व पर राज्यव्यापी पौधारोपण अभियान, सीएम ने रोपा रुद्राक्ष का पौधा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के लोकपर्व हरेला के पावन अवसर पर गोरखा मिलिट्री इंटर कॉलेज परिसर, देहरादून में “हरेला का त्योहार मनाओ, धरती माँ का ऋण चुकाओ” थीम पर आयोजित राज्यव्यापी पौधारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए समस्त प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उन्होंने रुद्राक्ष का पौधा रोपा।

हरेला हमारी संस्कृति और चेतना का पर्व है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला केवल एक पर्व नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, प्रकृति और चेतना से जुड़ा एक गहरा भाव है, जो हमें पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। उन्होंने बताया कि हरेला पर्व के दिन लगभग 5 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग के प्रत्येक डिवीजन में 50 प्रतिशत फलदार पौधे लगाए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि इस महाभियान में सरकार द्वारा जनसहभागिता, स्वयंसेवी संगठनों, छात्र-छात्राओं, महिला समूहों और पंचायतों का सहयोग लिया जा रहा है।

पेड़ बनना ही पौधारोपण की सच्ची सफलता
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लगाए गए पौधों की नियमित देखभाल की जाए, जब तक वे वृक्ष का रूप न ले लें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता से समृद्ध राज्य है, जिसकी रक्षा करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण को नया आयाम
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रहे ‘पंचामृत संकल्प’, ‘नेट ज़ीरो इमिशन’, ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ और ‘एक पेड़ माँ के नाम’ जैसे अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य सरकार भी इन्हीं मूल्यों को आत्मसात करते हुए कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष देशभर में 108 करोड़ पौधे लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

जल स्रोतों के संरक्षण हेतु ठोस पहलः एसएआरआरए का गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी का गठन किया गया है। इसके माध्यम से अब तक 6,500 से अधिक जल स्रोतों का संरक्षण और 3.12 मिलियन घन मीटर वर्षा जल का संचयन किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है और वाहनों में कूड़ेदान अनिवार्य कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे अपने जीवन के विशेष अवसरों पर एक पौधा अवश्य लगाएं और उसकी देखभाल करें, जिससे पर्यावरण संरक्षण को जनांदोलन बनाया जा सके।

कृषि मंत्री गणेश जोशी और वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भी दी शुभकामनाएं
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में श्रावण मास में हरेला पूजन के उपरांत वृक्षारोपण करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, जो हमारी सांस्कृतिक चेतना और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का प्रमाण है। हरेला पर्व हमें यह सिखाता है कि प्रकृति की रक्षा करना केवल दायित्व नहीं, बल्कि एक पुनीत कर्तव्य है।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि लोकपर्व हरेला प्रदेश के 2,389 स्थानों पर मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में हरेला पर्व पर लगाए गए पौधों का सर्वाइवल रेट 80 प्रतिशत से अधिक रहा है। उन्होंने जल स्तर में हो रही गिरावट को गंभीर चिंता का विषय बताया और कहा कि इसके लिए हमें पौधारोपण एवं जलधाराओं के संरक्षण हेतु निरंतर प्रयास करने होंगे।

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, खजान दास, देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा सहित वन विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

उत्तराखंडः एक ही दिन पूरे प्रदेश में रोपे जाएंगे 05 लाख पौधे

इस वर्ष हरेला पर्व पर उत्तराखंड पौधरोपण पर रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। इस दिन पूरे प्रदेश में एक ही दिन में 05 लाख से अधिक पौधे रोपे जाएंगे। जिसमें से गढ़वाल मंडल में 03 लाख और कुमाऊं मंडल में 02 लाख पौधे रोपण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए शासन स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस बार हरेला का त्योहार मनाओ, धरती मां का ऋण चुकाओ और एक पेड़-माँ के नाम की थीम पर यह पौधरोपण आयोजित किया जाएगा। पूरे माह इस पर्व के तहत कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

इस पौधरोपण अभियान की सफलता में ग्रामीणों से लेकर स्कूली छात्र और विभिन्न विभागों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुंधाशु की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र भी लिखा गया है। उत्तराखंड में हर साल जुलाई माह में हरेला पर्व का आयोजन किया जाता है। इस बार 16 जुलाई को यह पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व प्रकृति को समर्पित है। ऐसे में इस पर्व पर आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को संपूर्ण प्रदेश में वृहद स्तर पर पौधरोपण आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत संपूर्ण प्रदेश में पांच लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य रखा गया है।

इससे पहले जुलाई 2016 में प्रदेश में एक ही दिन में करीब 2 लाख पौधे रोपे गए थे। ऐसे में इस बार यह रिकॉर्ड टूटने जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड प्रकृति के बेहद करीब है। ऐसे में यह हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि पर्यावरण का संरक्षण करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हरेला पर्व के साथ ही एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत संपूर्ण प्रदेश में वृहद स्तर पर यह पौधरोपण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत सार्वजनिक स्थानों, वनों, नदियों, गाड, गदेरों के किनारे, स्कूलों, कॉलेज, विभागीय परिसर, सिटी पार्क, आवासीय परिसर में पौधरोपण किया जाएगा। जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों, छात्रों, विभागीय कर्मियों, एनसीसी, एनएसएस के साथ ही आमजनमानस की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।

मालूम हो कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड के लोक पर्व और लोक संस्कृति को एक नई पहचान मिली है। पिछले चार साल में हरेला, इगास, बटर फेस्टिवल, फूलदेई, घी संक्रांत जैसे लोक पर्व को एक नई पहचान मिली है। उत्तराखंड से बाहर भी लोग इन त्योहार को पहचान रहे हैं।

हरेला जैसे पर्व प्रकृति से जुडने की हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच का ही परिणामः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति संकल्पबद्ध होकर कार्य करने का आह्वान किया है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति सामूहिक प्रयासों की जरूरत बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें एकजुट होकर प्रकृति के संरक्षण की दिशा में भी चिन्तन करना होगा। पर्यावरण संरक्षण को जीवन से जुड़ा विषय बताते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण उत्तराखण्डवासियों के स्वभाव में है। हरेला जैसे पर्व प्रकृति से जुडने की हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच का ही परिणाम है। पर्यावरण संरक्षण में उत्तराखण्ड़वासियों की अग्रणी भूमिका रही है। प्रदेश सरकार समृद्ध जैव संसाधनों के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उत्तराखंड अपनी वन सम्पदा और नदियों के कारण पर्यावरण संरक्षण की मुहिम का ध्वजवाहक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी प्रयासों के साथ ही आम लोगों, जनप्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन चेतना जागृत करने और इसके संवर्द्धन में निरंतर सक्रिय योगदान करना होगा। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाने के साथ ही नदी और जल स्रोतों की साफ सफाई के लिए भी पूरा प्रयास जरूरी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्यावरण में हो रहे बदलावों, ग्लोबल वार्मिंग के साथ ही जल, जंगल, जमीन से जुड़े विषयों पर समेकित चिंतन की भी जरूरत बतायी है। सामाजिक चेतना तथा समेकित सामूहिक प्रयासों से ही हम इस समस्या के समाधान में सहयोगी बन सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में प्रदेशभर में संचालित पौधारोपण एवं स्वच्छता अभियान में सभी लोगों से बढ़चढ़ कर प्रतिभाग करने की अपील करते हुए एक पेड़ माँ के नाम अभियान को विशेष रूप से प्रोत्साहित करने और उत्तराखण्ड को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया है।

पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का सीएम ने दिया संदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज, मोथरोवाला, देहरादून में उत्तराखण्ड के लोक पर्व ’हरेला’ के उपलक्ष्य में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज उत्तराखंड के साथ ही पूरे देश में हरेला पर्व मनाया जा रहा है। सनातन संस्कृति में प्रकृति को मां के रूप में पूजे जाने की परंपरा है। हम किसी न किसी रूप में प्रकृति का पूजन करते हैं, हरेला पर्व भी प्रकृति की सेवा का पर्व है। उन्होंने कहा कि हमारी धरोहर एवं प्रकृति का संरक्षण जरूरी है। हरेला पर्व, प्रकृति को संरक्षित करने का संकल्प लेने का पर्व है। पेड़-पौधे हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति के संरक्षण और पर्यावरण का संतुलन रखने के लिए जन सहभागिता से वृक्षारोपण करना होगा। वृक्षारोपण से प्राकृतिक आपदाओं से बचाव होता है। आने वाली पीढ़ी के स्वच्छ वातावरण देने के लिए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण करना आवश्यक है। प्रदेश के किसी भी हिस्से में आपदा से संपूर्ण राज्य प्रभावित होता है। वनों की कटाई, जल स्रोतों का दूषित होने जैसी समस्याएं हमारे सामने है, जिसका समाधान पौधारोपण ही है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संपूर्ण देशवासियों से “एक पेड़ मां के नाम“ लगाने का आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत में विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अनेक कार्य हो रहे हैं। राज्य में ऑल वेदर रोड, हाईवे, रेलवे, एक्सप्रेस-वे का कार्य गतिमान है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत ईज ऑफ़ लिविंग पर फोकस किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार हर शहर के समग्र विकास एवं जन सुविधाओं के विस्तार के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून शहर में सुगम यातायात, बाजार क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। आने वाले समय में देहरादून दिल्ली एलिवेटेड रोड बनने के बाद देहरादून एवं आस-पास के शहरों में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। देहरादून में प्रिंस चौक से सहारनपुर चौक तक, मेंहुवाला मुख्य मार्ग के चौड़ीकरण एवं आढ़त बाजार के शिफ्टिंग, इंद्रेश अस्पताल से कारगी चौक तक सड़क का चौड़ीकरण का कार्य गतिमान है। 72 करोड़ की लागत से मेंहुवाला क्लस्टर क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति हेतु कार्य गतिमान है। क्षेत्र में 600 करोड़ की लागत से देहराखास, विद्याविहार, बिंदाल नदी से रिस्पना नदी के क्षेत्र के बीच व अन्य क्षेत्र में सीवर लाइन एवं ड्रेनेज का कार्य गतिमान है। रेस्टकैंप एवं भंडारीबाग फ्लाईओवर पर 37 करोड़ की लागत से कार्य हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून के मोथरोवाला क्षेत्र में नमामि गंगे योजना के तहत 15 एमएलडी की क्षमता से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से सभी विकास कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार तेजी से सही दिशा में आगे बढ़ रही है, और इसका प्रमाण है कि सतत विकास लक्ष्यों के सूचकांक में राज्य ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा हमने पौधारोपण के साथ उनका संरक्षण भी करना है। राज्य सरकार ईकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में बसे शहरों की धारण क्षमता का आंकलन कर रहे हैं। इसी के आधार पर इन क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा केदारनाथ यात्रा मार्ग में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकालने का कार्य तेज़ी से हुआ है।

हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आज हरेला पर्व पूरे राज्य में सामाजिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। उत्तराखंड के लोक पर्व ने व्यापक स्वरूप ले लिया है, समाज ने इस पर्व को स्वीकार किया है। हमने अपने और आने वाली पीढ़ी के लिए वृक्षारोपण करना है। जंगलों की आग के लिए पेड़ो को दोष देना गलत है, पेड़ो की रक्षा हम सभी का कर्तव्य है।

विधायक विनोद चमोली ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं। उन्होंने धर्मपुर विधानसभा की विभिन्न मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मांगो का परीक्षण कराकर उचित समाधान किया जायेगा।

कार्यक्रम में निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा, पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठारी, महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, मण्डल अध्यक्ष विनोद पुण्डीर, सौरभ थपलियाल एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

सीएम आवास पर फलदार व छायादार पौधे रोपे गए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में सपरिवार परंपरागत विधि विधान के साथ हरेला पर्व मनाया। हरेला के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री आवास परिसर में मंत्रीगणों व विधायकगणों की पत्नियों ने फलदार एवं छायादार पौधों का रोपण किया। प्रदेश में 16 जुलाई से 15 अगस्त 2022 तक व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जायेगा।

इस अवसर पर गीता पुष्कर धामी, निर्मला जोशी, डॉ. दीपा रावत, शशिप्रभा अग्रवाल, बबीता पुण्डीर, शशि चमोली, सुबोधिनी शर्मा, कुसुम गैरोला, अनीता दास एवं हेमलता गड़िया ने विभिन्न प्रजाति के फलदार एवं छायादार पौधों का रोपण किया।

गीता पुष्कर धामी ने हरेला पर्व पर उपहार स्वरूप मंत्रीगणों एवं विधायकगणों की पत्नियों को पौधे भी भेंट किए। उन्होंने कहा कि संस्कृति और प्रकृति के संगम से परिपूर्ण यह पावन पर्व हम सभी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारे कर्तव्यों का बोध कराता है।

पौधारोपण कर कांग्रेस नेता ने लिया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प

प्रगति विहार स्थित वार्ड नं 12 में कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला के नेतृत्व में स्थानीय पार्षदों, निवासियों सहित छात्रों के साथ पौधरोपण किया। साथ ही ट्री गार्ड लगाकर पर्यावरण बचाने का संदेश दिया।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि वृक्ष सभी के जीवन के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है जिस प्रकार कोरोना काल में लोगों को प्राण वायु की कमी से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा लोग कृत्रिम प्राण वायु के लिए लोग तड़प रहे थे हम सब के जीवन में ये दिन फिर न आए इसलिए हमे अपने घर में या बाहर अवश्य दो दो पेड़ जरुर लगाने चाहिये इससे पर्यावरण की सुरक्षा के साथ साथ स्वयं भी स्वस्थ रहने को सहायता मिलती है।

पार्षद राकेश सिंह ने कहा कि हम हर वर्ष सांकेतिक रूप से हरेला पर्व पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम करते हैं मेरा मानना है कि हमें बृक्ष अवश्य लगाने चाहिये हमें अपने व अपने परिवार जनों के जन्मदिन पर एक बृक्ष लगाना चाहिये ताकि पर्यावरण का बचाव हो सके।

कार्यक्रम में पार्षद भगवान सिंह पंवार, देवेश्वर प्रसाद रतूड़ी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य सरोजिनी थपलियाल, उत्तम सिंह राणा, सुरेश ध्यानी, छात्र छात्रायें आदि उपस्थित थे।

हरेला पर्व पर सीएम ने एमडीडीए सिटी पार्क में किया पौधारोपण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सहस्त्रधारा हेलीपैड के निकट एम.डी.डी.ए सिटी पार्क में पौधारोपण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड का लोकपर्व हरेला सम्पन्नता, हरियाली एवं पर्यावरण संरक्षण का पर्व है। यह पर्व हमारी सांस्कृतिक धरोहर एवं परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। वृक्षारोपण का कार्यक्रम केवल सरकारी कार्यक्रम तक ही सीमित न रहे। इसे जन -जन का कार्यक्रम बनाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधारोपण के साथ ही उनका संरक्षण हो इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री से भेंट के लिए लोग बुके न दें। बुके की जगह पर पौधा भेंट करें। प्रदेश में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण हो हरेला पर्व पर हमें यह संकल्प लेना है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा प्रकृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए अनेक सराहनीय प्रयास किए गए। हमारी भावी पीढ़ी को हरा भरा उत्तराखंड मिले, इस दिशा में हमें लगातार प्रयास करने होंगे। जल स्रोतों के सूखने पर मुख्यमंत्री ने चिन्ता जताते हुए कहा कि जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में प्रयास करने होंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड संस्कृति और प्रकृति का केंद्र भी है। उत्तराखंड की धरती से पर्यावरण संरक्षण का संदेश विश्वभर में जाए। पौधारोपण एवं अनेक सामाजिक कार्यों से हम सबको अपना योगदान देना होगा । उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यहां के धार्मिक परंपराएं, रीति रिवाज का व्यापक प्रसार हुआ है।

वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकार द्वारा विकास के साथ पर्यावरण संतुलन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तराखंड का संतुलित विकास हो यह हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कुछ कार्य आत्म संतुष्टि के लिए भी होने चाहिए। प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का परिणाम आज सबके सामने है। प्रकृति अनेक रूपों में बदला जरूर लेती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की धरती लोगों की आस्था का केंद्र है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, अपर प्रमुख वन संरक्षक ज्योत्सना सिथलिंग, डी.जी.के शर्मा, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष एमडीडीए रणवीर सिंह चैहान आदि उपस्थित थे।

सीएम ने पौधादान कार्यक्रम में किया प्रतिभाग, हरेला पर्व पर प्रकृति के संरक्षण का लें संकल्प

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार रोड, देहरादून स्थित एक स्थानीय वेडिंग प्वाइंट में हरेला पर्व पर आयोजित पौधादान कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने विधायकगणों एवं अन्य गणमान्यों को पौधारोपण हेतु पौधे दिये और लोगों को अधिक से अधिक पौधारोपण के लिए प्रेरित करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 जुलाई को उत्तराखण्ड में हरेला पर्व मनाया जाता है। प्रकृति के संरक्षण के उद्देश्य से उत्तराखण्ड में हरेला पर्व मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संरक्षण के लिए हरेला पर्व के अवसर पर सभी को पौधारोपण करने का संकल्प लेना होगा। जुलाई एवं अगस्त माह का समय पौधारोपण के लिए सबसे उपयुक्त है। हमें अपनी परम्पराओं एवं परिवेश को बढ़ावा देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विज्ञान तेजी से प्रगति कर रहा है, वैज्ञानिक प्रगति के साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हमें और तेजी से आगे बढ़ना होगा। नमामि गंगे के तहत इस दिशा में सराहनीय प्रयास हुए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पर्यावरणीय सन्तुलन बहुत जरूरी है। व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण कर सबको अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा। पीपल एवं बरगद के अधिक वृक्षारोपण पर हमें ध्यान देना होगा।

इस अवसर पर विधायक विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चैहान, सहदेव सिंह पुण्डीर, खजानदास, मेयर सुनील उनियाल गामा, देहरादून की जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चैहान, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सीताराम भट्ट आदि उपस्थित थे।