इण्टरनेशनल मार्केटिंग के क्रिस्टल एनीवर्सरी कार्यक्रम में सीएम ने किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार स्थित प्रेमनगर आश्रम में आयोजित इण्टरनेशनल मार्केटिंग कारपोरेशन प्रा.लि. (आईएमसी) के क्रिस्टल एनीवर्सरी कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने मां गंगा के तट पर आईएमसी द्वारा आयोजित समारोह के लिये आईएमसी की सराहना करते हुये कहा कि वह 15 वर्षों से आयुर्वेद के साथ भारतीय संस्कृति का सन्देश भी फैला रही है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुये कहा कि उनके नेतृत्व में भारत का हर क्षेत्र-आयुर्वेद, सेना के अस्त्र-शस्त्र बनाने, सड़कों का जाल बिछाने आदि में निरन्तर विकास हो रहा है। युवाओं का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि वे युवाओं के बीच में काम करते आ रहे हैं। आज यहां बड़ी संख्या में युवा इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं, जो प्रसन्नता का विषय है। उन्होंने कहा कि उद्यमी उत्तराखण्ड में उद्योग-धन्धे लगायें तथा उनमें यहां के नौजवानों को भी शामिल करें, राज्य सरकार आपके साथ खड़ी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार का पूरा प्रयास है कि हरिद्वार व उत्तराखण्ड में जितने भी उद्योग हैं, उनका चहुंमुखी विकास हो। उन्होंने कहा कि हमने उद्योग समूह के लोगों को आमन्त्रित किया, जिनके द्वारा दिये गये कई सुझावों पर कार्य चल रहा है तथा कई बिन्दुओं का समाधान भी निकाल लिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का पूरा प्रयास है कि जो उद्योग यहां लगे हैं, वे अच्छी तरह से चलें। उन्होंने कहा कि राज्य के उद्यमी हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार तीन मंत्रों-सरलीकरण, समाधान तथा निस्तारीकरण के आधार पर कार्य कर रही है। उन्होंने आईएमसी को शुभकामना देते हुये कहा कि आप अपनी पताका हिन्दुस्तान में फहराने के साथ ही पूरे विश्व में भी फहरायें।

इस अवसर पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानन्द, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ0 योगेन्द्र सिंह रावत, आईएमसी के डॉ0 अशोक भाटिया, दीना भाटिया, अमित भाटिया सहित कई पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

दिव्य प्रेम सेवा मिशन के रजत जयंती समारोह में पहुंचे राष्ट्रपति, किया संबोधित

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने हरिद्वार स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन के रजत जयंती समारोह को सम्बोधित किया। उन्होंने दिव्य प्रेम सेवा मिशन को संकल्प और सेवा की भावना के साथ मानव कल्याण हेतु संवेदनशीलता से कार्य करने वाली संस्था बताते हुए कहा कि आज से 25 वर्ष पूर्व इस संस्था को एक छोटे बीज के रूप में बोने में उनकी भी भूमिका रही है, जो आज बड़ा वृक्ष बन गई है।
राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखण्ड की पवित्र धरती आध्यात्म् के साथ ही शांति एवं ज्ञान की भूमि रही हैं। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बदरीनाथ के साथ हरिद्वार व हर द्वार भगवान विष्णु एवं शिव की प्राप्ति के द्वार हैं। पतित पावनी जीवन दायिनी गंगा भी इसकी साक्षी है। उन्होंने कहा कि जब वे पहली बार राज्य सभा के संसद बने तब भी तथा राष्ट्रपति बनने के बाद भी उनकी पहली यात्रा उत्तराखण्ड की रही। उन्होंने कहा कि पवित्र गंगा के तट पर स्थापित यह मिशन मानव सेवा के लिए समर्पित हैं। संस्था द्वारा कुष्ठ रोगियों की समर्पित भाव से की जा रही सेवा सराहनीय है।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद संविधान द्वारा जाति एवं धर्म पर आधारित अस्पृश्यता का तो अंत कर दिया गया लेकिन अभी भी कुष्ठ के प्रति अस्पृश्यता का भाव समाप्त नहीं हो पाया है। कुष्ठ रोग को कलंक के रूप में देखे जाने की अवैज्ञानिकता के अवशेष आज भी देखे जाते हैं। कुष्ठ रोगियों के प्रति व्याप्त आशंकाओं को दूर करने के प्रयास किये जाने चाहिए। उन्हें भी बीमारी के दौरान तथा उसके बाद स्वास्थ्य होने पर अन्य रोगों से मुक्त होने वाले रोगियों की तरह ही अपनाया जाना चाहिए। इस सम्बन्ध में समाज मे फैली आंशकाओं को दूर करने के प्रयासों की भी उन्होंने जरूरत बतायी।
राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी ने भी कुष्ठ रोगियों की सेवा कर समाज को इसके लिये प्रेरित किया था। महात्मा गांधी का जन्मदिन राष्ट्रीय कुष्ठ दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग असाधारण नही है। इसे असाधारण समझने वाले ही असली रोगी है। राष्ट्रपति ने कहा कि कुष्ठ रोगियों के बीच कार्य करने वालों का आत्मविश्वास कितना ऊंचा होता है, इस संस्था से जुड़े लोग इसका उदाहरण है।
इससे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन, सेवाकुंज परिसर पहुंचने पर शिव अवतरण, शिव ज्ञान से जीव सेवा यज्ञ, सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग पूजन, एक वर्षीय अनुष्ठान कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इसके पश्चात उन्होंने दिव्य प्रेम सेवा मिशन, सेवाकुंज परिसर में बिल्ब के पौधे का रोपण भी किया।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल से.नि. गुरमीत सिंह ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम ‘सेवा की साधना’ को समर्पित है, सेवा की साधना की प्रेरणा हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों की देन है। भारतीय शास्त्रों की देन है, जिनमें परोपकार को सबसे बड़ा पुण्य कहकर महिमामण्डित किया गया है। पवित्र गुरुवाणी और सिक्ख जीवन दर्शन में सेवा और परिश्रम को सबसे अधिक महत्व दिया गया है। संस्था की इन स्वर्णिम उपलब्धियों’ की पृष्ठभूमि में पिछले पच्चीस वर्षों की तपस्या, सेवा और निष्ठा छिपी हुई है।
उन्होंने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन ने, ‘नर सेवा, नारायण सेवा’ के मंत्र को समझा और एक कठिन कार्य को अपने हाथों में लिया है। कुष्ठ रोगियों के बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने का संकल्प लिया, उनकी शिक्षा और दीक्षा का संकल्प लिया, कला और कौशल विकास का संकल्प लिया यह सब असंभव को संभव बनाने जैसा है। ये कार्य एक सच्चा देशभक्त, राष्ट्रभक्त ही कर सकता है।

स्वामी विवेकानन्द ने दुनिया के सामने विश्व गुरू भारत की संकल्पना दी थी, उस संकल्पना की पूर्ति भारतीय ज्ञान के विस्तार और सेवा की सच्ची भावना से ही हो सकती है। भारत के युवा जितने ज्ञानी और सेवा भावी होंगे हमारा देश उसी गति से विश्वगुरू के अपने पद को प्राप्त कर सकेगा।
राज्यपाल ने कहा कि सेवाभावी भारत के निर्माण के लिए युवाओं द्वारा गरीबों, वंचितों, निर्बलों की सेवा का संकल्प लेना होगा। स्वामी विवेकानन्द के ‘नर सेवा, नारायण सेवा’ के मंत्र को सच्चे अर्थाे में अपनाना होगा। ज्ञान की उपासना और सेवा की पराकाष्ठा ही हमें विश्व गुरू के पथ पर आगे ले जा सकती है। यह समारोह इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरणा देने वाला है।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दिव्य प्रेम सेवा मिशन से जुड़े लोगों ने वर्ष 1997 से आजतक तिल तिल जलाकर इस मिशन को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि जिसके प्रेम में दिव्यता होती है उनके लिये दूसरों की सेवा करना ही धर्म बन जाता है। कुष्ठ रोगियों के हित के लिये यह संस्था निरन्तर कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सैनिक के पुत्र है और सैनिक कभी सेवानिवृत्त नहीं होता हैं। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति सहित अन्य अतिथियों का उत्तराखण्ड की जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड की जनता ने राज्य के अंदर एक नया इतिहास बनाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि मिशन के संकल्प में कोई विकल्प नहीं है। अतः इस विकल्प रहित संकल्प के सेवा के मिशन को पूर्ण करने में उनका सहयोग रहेगा।
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के डॉ आशीष गौतम ने संस्था के कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर देश की प्रथम महिला सविता कोविन्द, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डा. धन सिंह रावत, सांसद रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, विधायक आदेश चौहान, प्रदीप बत्रा आदि उपस्थित थे।

धर्मनगरी पहुंचकर सीएम धामी ने की प्रदेश की खुशहाली की कामना


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शपथग्रहण के पश्चात धर्मनगरी हरिद्वार पहुंच कर हरकी पैड़ी पर मां गंगा का पूजन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री गंगा आरती में भी शामिल हुए।

इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने जगत गुरु आश्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज से भेंट कर उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया।

आईसोलेट में रह रहे व्यक्तियों की माॅनिटरिंग हेतु आईवीआरएस का हुआ ट्रायल

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में जनपद हरिद्वार के लिए कोविड-19 के कारण आईसोलेट में रह रहे व्यक्तियों की मॉनिटरिंग हेतु इंटरएक्टिव वॉइस रिस्पोंस सिस्टम (आईवीआरएस) के ट्रायल रन का शुभारम्भ किया।

इस आईवीआरएस प्रणाली के द्वारा कोविड-19 के कारण आईसोलेशन में रह रहे व्यक्तियों की मॉनिटरिंग की जाएगी। सिस्टम द्वारा पूछे गए सवालों की प्रतिक्रिया के अनुसार सभी समस्याएं एवं जानकारियां सिस्टम में दर्ज हो जाएंगी। इस प्रणाली के माध्यम से लक्षण, टेस्टिंग एवं फॉलो-अप से सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते हैं। उनके उत्तरों के अनुसार सभी समस्याओं के निराकरण हेतु सम्बन्धित नोडल अधिकारियों को सूचित कर तत्काल मेडिकल सहायता उपलब्ध करायी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने आईसोलेशन में रह रहे एक व्यक्ति से फोन पर बात कर उनके स्वास्थ्य का हाल जाना और शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड से संक्रमित व्यक्ति की मॉनिटरिंग करना तो आवश्यक है, परन्तु यह भी सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित के अनुसार सुविधाजनक समय पर सम्पर्क किया जाए। फीडबैक लेने के दौरान आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति को कम से कम परेशानी हो।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार से कहा कि हरिद्वार में मंदिरों में प्रयोग होने के बाद फूलों की अत्यधिक बर्बादी होती है। इसके लिए एक सिस्टम विकसित किया जाना चाहिए कि यह फूल उसके बाद भी प्रयोग हो सकें। इनका प्रयोग धूप व अगरबत्ती बनाने में किया जा सकता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के समक्ष चंडीघाट में साउंड एण्ड लाईट शॉ का भी प्रस्तुतिकरण किया गया। इसके साथ ही, जिला प्रशासन हरिद्वार की ओर से कोरोना वॉरियर्स के लिए समर्पित वीडियो सौंग ‘‘कोटि कोटि नमन‘‘ को भी लाँच किया गया। उन्होंने कहा कि हम सब जान रहे हैं कि कोरोना से लड़ने में हमारे कोरोना वॉरियर्स ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह सारा जोखिम आपके लिए, मेरे लिए, हमारे लिए उठा रहे हैं। कोरोना वॉरियर्स के लिए समर्पित यह गाना उनका हौसला बढ़ाने में सहायक होगा।

मौके पर मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त पेटवाल एवं एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस भी उपस्थित थे।