श्रीमद्भागवत ने आंतरिक शांति, समाधान और आत्म-साक्षात्कार का मार्ग दिखायाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से भीमगोड़ा, हरिद्वार में जगदीश स्वरूप विद्यानन्द आश्रम ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ-श्रीमद् भागवत कथा को वर्चुअली सम्बोधित किया।

भागवत कथा में उपस्थित परमपूज्य जगद्गुरु आचार्य गरीबदास जी महाराज, ब्रह्मसागर जी महाराज भूरी वाले, परम पूज्य स्वामी अमृतानन्द जी महाराज, युवा संत स्वामी पूज्य राम जी महाराज एवं कथा व्यास पूज्य इन्द्रेश उपाध्याय जी और सभी संतगणों, श्रद्धालुओं का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संतों का समागम और हरि कथा, दोनों ही दुर्लभ हैं और ये दोनों सौभाग्य से ही प्राप्त होते हैं। श्रीमद्भागवत महापुराण कोई सामान्य ग्रंथ नहीं, अपितु स्वयं श्रीकृष्ण की दिव्य वाणी का साकार रूप है। इसमें भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और धर्म इन चारों पुरुषार्थों का उत्कृष्ट वर्णन मिलता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में जब मनुष्य भौतिकता की दौड़ में मानसिक और आत्मिक रूप से अशांत है, तो ऐसे समय में श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण हमें आंतरिक शांति, समाधान और आत्म-साक्षात्कार का मार्ग दिखाता है। आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सनातन संस्कृति की पताका संपूर्ण विश्व में लहरा रही है। आज चाहे अयोध्या जी में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो, बद्रीनाथ और केदारनाथ धामों का पुनर्निर्माण हो, बाबा विश्वनाथ के गलियारे का विस्तार हो या महाकाल लोक का निर्माण हो। हमारी धार्मिक धरोहरों को संजोया और संवारा जा रहा है वो न भूतो न भविष्यति है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हमारी सरकार भी देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। हम जहां एक ओर केदारखंड और मानसखंड के मंदिर क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के लिए अनेकों कार्य कर रहे हैं। वहीं हरिपुर कालसी में यमुना तीर्थ स्थल के पुनरुद्धार की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। हरिद्वार ऋषिकेश कॉरिडोर के साथ-साथ शारदा कॉरिडोर के निर्माण की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। हमने भारतीय संस्कृति, दर्शन और इतिहास के गहन अध्ययन के लिए दून विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज’ की स्थापना भी की है। हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, साथ ही, हमने प्रदेश में एक सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून भी लागू किया है। समाज में व्याप्त असमानताओं को समाप्त करने तथा सभी के लिए समान अधिकार एवं न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने देश में सबसे पहले “समान नागरिक संहिता” कानून को लागू करने साहसिक कार्य भी किया है।

हरिद्वार में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथा व्यास-पूज्य इन्द्रेश जी उपाध्याय, स्वामी राम जी महाराज, स्वामी भूपेन्द्र गिरी जी महाराज, स्वामी सतदेव जी महाराज, महामण्डलेश्वर निर्मला बा जी, गुजरात, स्वामी ऋषेश्वरानन्द जी महाराज, स्वामी हीरा योगी जी महाराज, आचार्य विशोकानन्द जी महाराज जी, आचार्य रामचन्द्र दास जी महाराज, योगी आशुतोष जी महाराज, सुप्रसिद्ध गायक बी०प्राक जी मौजूद रहे।

भारतीय संस्कृति से युक्त राष्ट्र निर्माण में श्रमिक संगठन का बहुमूल्य योगदान रहाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज ऑडिटोरियम में भारतीय मजदूर संघ उत्तराखंड द्वारा आयोजित युवा कार्यकर्ता सम्मेलन एवं संघ के स्वर्णिम सत्तर वर्षों का समापन समारोह कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऋषिकुल के इतने बड़े संस्थान में एक बड़ा सेन्टर बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन, अध्यात्म, शिक्षा, आयुर्वेद ज्योतिष ध्यान के क्षेत्र में एक केन्द्र बने। इसके लिए घोषण की कि मदन मोहन मालवीय राज्य शोध संस्थान की स्थापना इस ऋषिकुल में की जायेगी, जिसमें योग, ध्यान एवं अध्यात्म आदि अनेक विधाओं का अध्ययन किया जायेगा। इससे स्प्रिचुअल टूरिज्म को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज भारतीय मजदूर संघ एक विस्तारित रूप में संगठित है, संगठन कों सुरूआती दौर में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ा। 23 जुलाई 2025 को यह संगठन अपनी स्थापना के 70 वर्ष पूर्ण कर रहा है। उन्होंने कहा कि सात दशक की यात्रा में तपस्या एवं राष्ट्र निर्माण का संकल्प लिए एवं स्वदेशी विचारधारा को लिए हुए संगठन ने श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए तथा भारतीय संस्कृति से युक्त राष्ट्र निर्माण में श्रमिक संगठन का बहुमूल्य योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि संगठन ने श्रम योगी से राष्ट्र योगी बनने का मार्ग प्रशस्त किया। देश की आजादी के बाद देश में संसाधनों की कमी थी लेकिन हमारे श्रमिकों द्वारा राष्ट्र निर्माण में जो कार्य किया है वह अविश्वसनीय है। आज देश में संसाधनों की कमी नहीं है।

उन्होंने कहा कि 7 दशक पूर्व देश में श्रमिकों द्वारा संचालित आंदोलनों पर विदेशी विचारधारा से प्रभावित होने के कारण स्वदेशी विचारधारा शून्य रहती थी। उस समय आंदोलनो में वंदे मातरम एवं भारत माता की जय का उद्घोष करने पर विकट स्थिति उत्पन्न हो जाया करती थी। संगठन एक विशाल वृझ बनकर श्रमिकों के हितों के लिए कार्य कर रहा है। संगठन ने देश के श्रमिकों, विद्यार्थियों, एवं युवाओं को एक नई विचारधारा दी है। आज हमारी सरकार श्रमिकों के हितों को ध्यान में रखकर अनेक योजनाओं के अंतर्गत कार्य कर रही है, देश के अंतिम छोर के व्यक्ति तक इन योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। सरकार द्वार चलाए जा रहे श्रम पोर्टल पर करोड़ो श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है। हमारी सरकार श्रमिकों के हितों के इएसआई, इएफओं, बीमा की सुविधा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र के साथ श्रमिकों का कल्याण कर रही है। श्रमिक भाइयों के हितों के लिए कई योजनाएं लागू की है उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा स्वास्थ्य एवं मोबाइल की सुविधा दे रही है, उनके 75 मेधावी बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु रुद्रपुर टेक्निकल इंस्टीट्यूट में उच्च तकनीकी शिक्षा प्रदान करा रही है, जिन्हें, शिक्षा, आवास भोजन पूर्ण रूप से निःशुल्क उपलब्ध करा रहे है, जिससे वे बिना किसी आर्थिक बाधा के अपने भविष्य का निर्माण कर सकें।

उन्होंने कहा कि श्रमिक केवल श्रम के साधक ही नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण के पथ निर्माता भी हैं। उन्होंने कहा कि 2047 में विकसित भारत के संकल्प में युवाओं की विशेष भूमिका रहने वाली है।

उन्होंने कहा विश्व का सबसे युवा देश भारत है, जिसकी आबादी का 65 प्रतिशत लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस ऊर्जा को सही दिशा में लगाया गया, सही मार्गदर्शन मिलेगा तो जल्दी हमारा देश महाशक्ति के रूप में उभर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्किल इण्डिया के लिए पहली बार डिपार्टमेंट बनाया। यह अभियान युवाओं को रोजगार से जोड़ने के साथ ही आत्मनिर्भर भारत अभियान में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारी हमारी सांस्कृति विरासत भी पुनरोत्थान की दिशा में अनेक कार्य किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संशक्त समृद्ध राष्ट्र के संकल्प के साथ विकसित और आत्म निर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के श्रमेव जयते के मन्त्र को धरातल पर उतारते हुए श्रमिकों के कल्याण के लिए व्यापक स्तर पर अनेक काम किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनेक ऐंसी योजनाएं लाई जा रही हैं, जिसके कारण से समाज के अन्तिम छोर पर काम करने वाले हमारे श्रमिक भाई, उनका उत्थान हो, कल्याण हो, हर प्रकार से उनकी प्रगति हो, वह भी विकास की मुख्य धारा से जुड़ें। उन्होंने कहा कि देश के 29 पुराने और जटिल श्रम कानूनों के सरलीकरण के उद्देश्य से उनकों चार व्यापक श्रम संहिताओं में समाहित किया गया है। ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से असंगठित क्षेत्र के करोड़ो श्रमिकों का पंजीकरण करते हुए औपचारिक अर्थव्यवस्था से भी जोड़ा गया है। जिसके माध्यम से करोड़ो श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हुई है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए श्रमयोगी मानधन योजनान्तर्गत एक हजार रुपये पेंशन की व्यवस्था भी की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र को आत्मसात करते हुए श्रमिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है। श्रमिकों के लिए आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा कार्ड, स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाएं संचालित कर रही है। सरका यह सुनिश्चित कर रही है कि श्रमिकों को किसी भी स्तर पर उपेक्षित न रहना पड़े, कहीं परेशान न होना पड़े। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम श्रमिकों के लिए कई योजनाएं लागू की हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में स्किल डेवलपमेंट विभाग की स्थापना की गई है, सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्र में अनेक कार्य किये जा रहे हैं उन्हें भगवान रामचंद्र का जन्म स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण कार्य, बाबा विश्वनाथ का कॉरिडोर निर्माण कार्य, बद्रीनाथ धाम का मास्टर प्लान का कार्य एवं वर्ष 2013 में आई श्री केदारनाथ में भीषण आपदा के बाद श्री केदारनाथ का पुनः निर्माण कार्य हो इन सब के निर्माण में हमारे श्रमिकों द्वारा जितनी तेजी से इनका निर्माण कार्यों को सजाने सवारने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज उत्तराखंड चारधाम यात्रा में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या में अकल्पनीय बढ़ोतरी हुई है, इस वर्ष की चारधाम यात्रा में अभी तक एक माह 21 दिन में 12 लाख से अधिक यात्री केदारनाथ धाम पहुंच चुके हैं, वही चारों धाम में 33 लाख से अधिक का आंकड़ा पार कर चुका है। उन्होंने कहा कि हमारे सभी स्थान तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनिया में कोई भी आतंकी घटना घटित होती है तो विश्व की नजर भारत की ओर रहती है भारत का स्टैंड क्या रहने वाला है। आज दुनिया में एक ही विचारधारा वाले देश आपस में युद्ध से प्रभावित हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी सेना के शौर्य को पूरी दुनिया ने देखा हम वो देश नहीं जो सिर्फ टेबल टॉक करने वाले है, हमने सीधे दुश्मन के घर में घुस कर दुश्मनों के ठिकानों को नेस्तानाबूत किया, जिसका परिणाम यह रहा कि चार दिन में ही पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए, हमारी मिसाइलो ने दुश्मनों के आतंकवादी ठिकानो को चुन-चुन कर तबाह किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर लैंड जिहाद, लव जिहाद, थूक जिहाद पर हमारी सरकार शक्ति से कार्य कर रही है पहले कहीं भी कोई भी पीला, नीली हरी चादर बिछाकर एवं दूसरे तरीके से लैंड कब्जाने का कार्य करते थे, ऐसे लैंड माफियाओं से अभी तक हमारी सरकार ने 6500 एकड़ अवैध जमीन को मुक्त कराया एवं अवैध निर्माणों को हटाया गया है। जब भी हम दुनिया के दूसरे देशों में जाते हैं उनसे भेंट वार्ता करते हैं तो वे हमें पूछते हैं आप कहां से आए हैं अपना परिचय देते हुए जब हम कहते हैं हम भारतवर्ष के उत्तराखंड राज्य से आए हैं उनके के चेहरों के भाव बदल जाते हैं कहते हैं कि आपक देव भूमि उत्तराखंड से आए हो उस वक्त हमें गर्व अनुभूति होता है। देवभूमि के मूल अस्तित्व के साथ कोई छेड़-छाड़ नहीं कर सकता, हल्द्वानी की वन भूलपुरा में हुई दंगों को देखते हुए हमारी सरकार ने प्रदेश में सशक्त दंगा कानून लाए इसके साथ ही पहले प्रदेश के प्रतिभावान छात्र, युवा चार-पांच साल से तैयारी में लगे रहने के बाबजूद भी चयन नहीं हो पता था नकल विरोधी कानून लाने से अब प्रदेश के प्रतिभावान छात्र एवं युवा तीन से चार प्रतियोगिता परीक्षाओं में चयन कर रहे है अब चयन का आधार नकल नहीं प्रतिभा है। हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस के तहत कार्य कर रही है जो भी अधिकारी एवं कर्मचारी अपने पद, कर्तव्यों एवं जानकल्याण के हितों के कार्यों में लापरवाही बरतेगा उन्हें बख्सा नहीं जाएगा, अब छोटी-बड़ी मछलियों के साथ ही बड़े-बड़े मगरमच्छो को भी नहीं छोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि 2022 से अभी तक हमारी सरकार ने 200 से अधिक जिन्होंने अपने कर्तव्य की प्रति ढलाई दिखाई उन्हें सजा दिलाई है। हमारी सरकार का जो संकल्प यात्रा है वह एक सामूहिक यात्रा का संकल्प है प्रदेश के सभी लोगों के संकल्प यात्रा का ध्वजको मेरे हाथों में सौंपा है, आज हमारा राज्य कई मामलों में अग्रणी है पूरे देश में कई फैसलो के मामले में उत्तराखंड अलग ही उदाहरण है। हमारी सरकार ने देश में रहने वाले कोई भी वर्ग, धर्म, पंथ का हो 2022 के आम चुनाव में घोषणा की थी कि महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु पूरे प्रदेश में 27 जनवरी 2025 को समान नागरिक संहिता कानून लाये है, इस मामले में उत्तराखंड भारत का प्रथम राज्य बना। हमारे इस संकल्प में कोई विकल्प नहीं है।

कार्यक्रम में विधायक प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान, मेयर किरन जेसल, अखिल भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री रविन्द्र मितरे, प्रदेश अध्यक्ष उमेश जोशी, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अनुपम, प्रदेश यूनियन महामंत्री सुमित सिंघल, बीजेपी जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, लव शर्मा, आशु चौधरी, पूर्व जिलाध्यक्ष शौभाराम प्रजापति, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की जारी की अधिसूचना

राज्य निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। इस बार हरिद्वार जनपद को छोड़कर प्रदेश के अन्य 12 जनपदों में पंचायत चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। आयोग ने पूरी चुनावी प्रक्रिया की रूपरेखा तय कर दी है।

चुनाव की शुरुआत नामांकन प्रक्रिया से होगी, जो 25 जून से 28 जून तक चलेगी। नामांकन पत्र प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक दाखिल किए जा सकेंगे। इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच 29 जून से 1 जुलाई तक की जाएगी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 2 जुलाई निर्धारित की गई है।

निर्वाचन दो चरणों में संपन्न होगा। पहले चरण के लिए चुनाव चिन्ह 3 जुलाई को वितरित किए जाएंगे और मतदान 10 जुलाई को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। वहीं, दूसरे चरण में चिन्हों का वितरण 8 जुलाई को होगा और मतदान 15 जुलाई को कराया जाएगा।

चुनाव परिणामों की मतगणना 19 जुलाई को की जाएगी। जिलों में संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी स्थानीय स्तर पर विस्तृत सूचना जारी करेंगे।

देवभूमि का जो मूल अस्तित्व है, वह बचा रहना चाहिएः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुँचकर वात्सल्य गंगा आश्रय का लोकार्पण किया तथा श्री कृष्ण कथा में प्रतिभाग करते हुए साधु संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर उन्होंने माँ गंगा की आराधना कर समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की भी प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साध्वी ऋतम्भरा द्वारा जो प्रकल्प चलाए जा रहे हैं, उनके बारे में जितना कहा जाए उतना ही कम है। उनके नेतृत्व में निराश्रित बेटियों को नव जीवन देने का जो दिव्य कार्य हो रहा है, वह समाज में आशा, करुणा और पुनर्निर्माण का सशक्त प्रतीक है। उनके संकल्प से अनेक बेटियों का जीवन सकारात्मक दिशा में परिवर्तित हुआ है। यह वास्तव में समाज सेवा की प्रेरणादायी मिसाल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से देवभूमि उत्तराखंड में अनेक प्रकार के विकास कार्य हो रहे हैं जिसमें समान नागरिक संहिता प्रमुख है, देवभूमि उत्तराखण्ड से जैसे मां गंगा निकलती है और यहां से निकलकर पूरे देश को जल और जीवन देने का काम करती हैं इस प्रकार समान नागरिक संहिता की यह गंगोत्री उत्तराखंड से निकली है और आगे आने वाले समय में पूरे देश को इसका लाभ मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में धार्मिक पुनरुत्थान का महापर्व चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भव्य और दिव्य केदार का निर्माण हुआ है। हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर का कार्य किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि अभी चार धाम यात्रा चल रही है, चार धाम यात्रा का इस वर्ष अभी तक लगभग 18 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए हैं। बहुत अच्छी तरीके से यात्रा चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली -देहरादून एलिवेटेड रोड का निर्माण पूरा होने वाला है । यह काम पूरा होते ही यह दूरी लगभग दो से ढाई घंटे में पूरी हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए उत्तराखंड सरकार कृत संकल्पित है। प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी विकृत मानसिकताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि का जो मूल अस्तित्व है, वह बचा रहना चाहिए।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश में सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं, यह दिल्ली के लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है और धामी जी पूरे देश के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि जो भी अच्छी योजनाएं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लायेंगे वह दिल्ली में भी जायेंगी। उन्होंने कहा कि मां यमुना स्वच्छ हो, मां गंगा जी के चरणों में आकर अपने इस प्रण को पुनः दोहराया।

इस दौरान साध्वी ऋतम्भरा, परमानन्द गिरी महाराज, आचार्य बाल कृष्ण, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त रविन्द्रपुरी जी महाराज,महानिर्वाणी पीठ के आचार्य महामंडलेश्वर विशोखानंद ,महामंडलेश्वर संतोषी माता,महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज, साध्वी मैत्रीगिरी, विधायक मदन कौशिक, विधायक आदेश चौहान, विधायक प्रदीप बत्रा, मेयर किरन जेसल, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, नगर आयुक्त नन्दन सिंह, अपर जिलाधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, दर्जा राज्यमंत्री देशराज कर्णवाल, डॉ.जयपाल सिंह चौहान, ओमप्रकाश जमदग्नि, शौभाराम प्रजापति सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

उच्च शिक्षा विभाग एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में समान नागरिक संहिता पर आयोजित की गई कार्यशाला

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देव संस्कृति विश्व विद्यालय में आयोजित ‘‘समान नागरिक संहिता‘‘ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। उच्च शिक्षा विभाग और देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है। समान नागरिक संहिता किसी के खिलाफ नहीं है और न ही किसी को टारगेट किया गया है, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को हटाकर सभी नागरिकों के लिए समानता और समरसता स्थापित करने का कानूनी प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी लागू होने से राज्य के सभी नागरिकों के न्यायिक अधिकार समान हुए हैं और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नए अध्याय की शुरुआत भी हुई है। अब कोई महिला उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का शिकार नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यूसीसी में लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन का प्राविधान भी किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता को लागू कर देश के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। यूसीसी किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं हैै। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि यूसीसी में सभी पंजीकरण अवश्य करवाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा ये अफवाह फैलायी जा रही है कि यूसीसी के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करवाने पर किसी बाहरी व्यक्ति को उत्तराखंड का मूल निवास प्रमाण पत्र मिला जाएगा। इस तरह की बातें पूरी तरह से भ्रामक और असत्य हैं, यूसीसी में ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, दर्जाधारी राज्यमंत्री विनय रोहिला, प्रति कुलपति देव संस्कृति विश्व विद्यालय डॉ चिन्मय पंड्या, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल, उच्च शिक्षा सचिव रंजीत सिन्हा, समाजिक कार्यकर्त्ता व यूसीसी नियमावली समिति के सदस्य रहे मन्नू गौड़, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोभाल सहित अनेक जन-प्रतिनिधि एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

नगर निगम हरिद्वार के चार अधिकारी निलंबित, जानिए क्या है मामला?

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में नगर निगम हरिद्वार द्वारा सराय स्थित भूमि को क्रय किये जाने के प्रकरण में दोषी पाए गए अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की गई है।

इस प्रकरण में 4 अधिकारियों को निलंबित किया गया है। एक कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिये गए हैं जबकि एक अधिकारी का स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

नगर आयुक्त, नगर निगम, हरिद्वार द्वारा उपलब्ध करायी गयी आख्या में प्रथम दृष्टया गंभीर अनियमितता पाए जाने पर प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए रणवीर सिंह चौहान, सचिव, गन्ना चीनी, उत्तराखण्ड शासन को जांच अधिकारी नामित किया गया है। जांच में पाया गया है कि उक्त भूमि को क्रय किये जाने हेतु गठित समिति के सदस्य के रूप में रवीन्द्र कुमार दयाल, अधिशासी अधिकारी श्रेणी-2 (प्रभारी सहायक नगर आयुक्त), नगर निगम, हरिद्वार, आनन्द सिंह मिश्रवाण, सहायक अभियन्ता (प्रभारी अधिशासी अभियन्ता), नगर निगम, हरिद्वार, लक्ष्मीकांत भट्ट, कर एवं राजस्व अधीक्षक, नगर निगम, हरिद्वार और
दिनेश चन्द्र काण्डपाल, अवर अभियन्ता, नगर निगम, हरिद्वार द्वारा अपने दायित्वों का सम्यक् रूप से निर्वहन नहीं किया गया है। इस पर इन सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।

इस प्रकरण में सेवा विस्तार पर कार्यरत सेवानिवृत्त सम्पत्ति लिपिक वेदपाल की संलिप्तता पायी गयी है। उनका सेवा विस्तार समाप्त करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश देने के साथ ही निकिता बिष्ट, वरिष्ठ वित्त अधिकारी नगर निगम, हरिद्वार का स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

मुख्य सचिव ने की कुंभ 2027 की तैयारियों की समीक्षा कर योजनाएं तैयार करने को कहा

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में कुंभ 2027 की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को कुंभ 2027 की तैयारियों के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को योजना एवं प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारी हरिद्वार को सम्बन्धित विभागों के साथ शीघ्र बैठक आयोजित किए जाने की के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि अगले 7 दिनों में सभी कार्यदायी विभागों के नोडल अधिकारी नामित कर लिए जाएं। साथ ही, पदों के सृजन की कार्यवाही भी पूर्ण कर ली जाए। इनसे सम्बन्धित आदेश अगले 7 दिनों में कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन समितियों/उप समितियों का गठन किया जाना है, अगले 7 दिनों में कर लिया जाए। उन्होंने 30 अप्रैल तक प्रस्ताव एवं आंकलन तैयार कर भारत सरकार को भेजे जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कुंभ 2027 के अंतर्गत शाही स्नान वाले विशेष दिवसों पर श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या का आंकलन करते हुए कार्य योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कनेक्टिविटी बढ़ने श्रद्धालुओं के बढ़ने की अत्यधिक सम्भावना है। उन्होंने इसके अनुरूप श्रद्धालुओं संख्या का आंकलन करते हुए पार्किंग एवं ट्रैफिक मूवमेंट योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए विशेषज्ञों द्वारा आंकलन कराए जाने के उपरांत योजनाएं तैयार कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने नए पार्किंग स्थल चिन्हित किए जाने के साथ ही पुराने पार्किंक स्थलों की क्षमता बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए।

हरिद्वार क्षेत्र में ऑडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्र बनाए जाने के निर्देश
मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार कुंभ मेला, कांवड़ यात्रा एवं अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है, इसके लिए मूलभूत ढांचों को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दीर्घकालीन योजना के अंतर्गत स्थाई प्रकृति के कार्यों को ध्यान में रखा जाए। उन्होंने हरिद्वार क्षेत्र में ऑडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्र बनाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को कुंभ क्षेत्र सहित अन्य उपयोगी स्थानों का स्थलीय निरीक्षण कर कार्य योजनाएं तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कुंभ 2027 के लिए अनिवार्य कार्यों की सूची तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा ऐसे कार्य जिन्हें अनिवार्य रूप से कराया जाना है, उनकी तैयारी पूर्व से ही कर ली जाए। साथ ही, तत्काल शुरू किए जाने वाले कार्यों की सूची भी तैयार कर इनकी डीपीआर एवं आंकलन सहित अन्य तैयारियां पूर्व में ही सुनिश्चित कर ली जाएं, ताकि स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कराए जा सकें।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नीतेश झा, राधिका झा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, आर. राजेश कुमार, जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह, जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान, जिलाधिकारी टिहरी सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का होगा निर्माणः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए डॉ. बी.आर. अंबेडकर महामंच द्वारा हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।
संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर हरिद्वार में बी.एच.ई.एल मैदान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें कि चिलचिलाती धूप में बङी संख्या में स्थानीय जनता की जोशपूर्ण मौजूदगी रही। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सम्मान के लिए आभार जताते हुए कहा कि इतनी बङी संख्या में उमङी जनता से जाहिर है कि जनता ने इस साहसिक फैसले पर अपना भरोसा जता दिया है।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि उस विचारधारा को था जिसने वर्षों से भारतीय समाज में न्याय और समानता की आवाज़ बुलंद की है।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने बाबा साहेब को एक युगदृष्टा बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर इस बात में विश्वास रखते थे कि जब तक देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्राप्त नहीं होते, तब तक समाज में सच्ची समानता संभव नहीं है। यही सोच थी, जिसने उन्हें समान नागरिक संहिता जैसी क्रांतिकारी अवधारणा को संविधान में स्थान देने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार ने सिर्फ एक कानून नहीं लागू किया, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्षों तक बाबा साहेब की उपेक्षा की गई, उनके विचारों को हाशिए पर रखा गया, जबकि आज का भारत उनके सपनों को अपनाने की ओर अग्रसर है। यह नया भारत है कृ जो न सिर्फ अपनी विरासत को सम्मान देता है, बल्कि साहसिक निर्णय लेकर नए मानदंड भी स्थापित करता है।

सीएम ने कहा कि हरिद्वार में उमड़ी यह भीड़ केवल उपस्थित लोगों का जमावड़ा नहीं हैकृ यह एक जनआवाज़ है, जो कह रही है कि मुख्यमंत्री धामी के फैसलों पर जनता का भरोसा है और अब यह गूंज उत्तराखंड से निकलकर पूरे देश में सुनाई दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति ने मिलकर यह ऐतिहासिक निर्णय संभव किया है।

उत्तराखंड आज एक बार फिर देश को दिशा दिखा रहा है कृ जहां समानता अब सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि कानून की शक्ल में ज़मीन पर उतर चुकी है। यह सिर्फ एक कानून लागू करने की बात नहीं, यह एक नए भारत की ओर बढ़ाया गया निर्णायक कदम है।

मुख्यमंत्री धामी ने आने वाले पीढ़ी को अनुसूचित समाज का उद्धार करने वाले समाजसेवकों के जीवन चरित्र और इतिहास के साथ-साथ भारतीय संविधान के बारे में जानकारी देने के लिए हरिद्वार में बाबा साहब समरसता स्थल का निर्माण किए जाने। समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाने वाली एससीपी/टीएसपी योजनाओं के अन्तर्गत अनुसूचित समाज की बाहुल्यता वाले क्षेत्रों में उत्तराखण्ड के दलित/अनुसूचित वर्ग/अनुसूचित जनजाति वर्ग के समाज सुधारकों के नाम पर बहुद्देशीय भवन बनाये जाने एवं अनुसूचित समाज के कल्याण संबंधी योजनाओं व अधिकारों के प्रति हमारी आने वाली पीढ़ी को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में विशेष जन-जागरुकता कार्यक्रम अनुसूचित जाति आयोग के माध्यम से आयोजित किए जाने की घोषणा की।

कार्यक्रम से पूर्व बीएचईएल मैदान से केंद्रीय विद्यालय परिसर तक आयोजित रैली में हजारों की संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री पर पुष्प वर्षा कर उनका आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ बी.आर अम्बेडकर को नमन करते हुए कहा कि डॉ बी.आर अम्बेडकर ने हमारे समाज को समानता, समरसता और न्याय का मार्ग दिखाया। आज भी बाबा साहेब हमारी सामूहिक चेतना का अभिन्न हिस्सा हैं। उनका संपूर्ण जीवन ही हमारे लिए एक संदेश है। उन्होंने गुलाम भारत में जन्म लेकर अपने ज्ञान और संकल्प से स्वयं के साथ करोड़ों लोगों के जीवन को भी बलदने का काम किया है। उन्होंने अन्य लोगों को न्याय की राह दिखाई। उन्होंने कहा समाज के वंचित वर्ग को मुख्य धारा में लाने के लिए बाबा साहेब का संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणा है।

मुख्यमंत्री ने कहा भारतीय संविधान के निर्माण में बाबा साहेब के योगदान के लिए हर देशवासी सदैव उनका आभारी रहेगा। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में न्याय, स्वतंत्रता, समानता भारतीय गणराज्य के मूल स्तंभ को रखा। बाबा साहब ने ऐसे भारत की परिकल्पना की जिसमें सभी वर्गों को समान अधिकार, समान अवसर और समान गरिमा प्राप्त हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आजादी के बाद उत्तराखंड में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू कर बाबा साहेब के सपनों के भारत के निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है।

मुख्यमंत्री ने कहा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान निर्माता के रूप में समान नागरिक संहिता को संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में सम्मिलित किया था। वो भली भांति जानते थे कि भारत और भारतीय समाज के लिए समान नागरिक संहिता बेहद आवश्यक है। उन्होंने समान नागरिक संहिता को कानूनी, सामाजिक आवश्यकता के साथ नैतिक आवश्यकता भी माना। बाबा साहेब ने हमेशा सभी जाति, धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून की बात को प्राथमिकता दी थी। मुख्यमंत्री ने कहा समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समुदायों के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत कानूनों के कारण भेदभाव, असमानता और अन्याय की स्थिति खत्म करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहब ने हमेशा समाज की प्रगति में महिलाओं की भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा राज्य में यूसीसी लागू होने के बाद महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा यूसीसी के माध्यम से उत्तराखंड की मुस्लिम बहन-बेटियों को इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी कुरीतियों से मुक्ति मिली है। अब किसी भी महिला को उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों और कार्यशैली में बाबा साहब के विचार दिखाई देते हैं। बाबा साहेब की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित कर प्रधानमंत्री ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। सरकार द्वारा बाबा साहेब की स्मृतियों से जुड़े प्रमुख स्थलों को राष्ट्र चेतना के पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा आज़ादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने ही सच्चे मन से दलितों और वंचितों के उत्थान के साथ उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित वर्ग के कल्याण हेतु आम बजट में वृद्धि की है। आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। दलित उत्पीड़न कानून 1989 को केंद्र सरकार ने संशोधित कर और सख्त बनाया है। स्टैंडअप इंडिया योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, आयुष्मान भारत जैसी अनेकों योजनाओं में भी गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता देते हुए उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के प्रति भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध है। प्रदेश के साथ खिलवाड़ करने वाले घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा हाल के दिनों में कुछ असामाजिक तत्व अपने राजनैतिक स्वार्थों के चलते समाज को क्षेत्रवाद और जातिवाद के नाम पर बांटने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड की एकता, अखंडता और सामाजिक समरसता पर किसी भी प्रकार की कोई आँच नहीं आएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी अनुसूचित समाज को सशक्त, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने हेतु हरसंभव प्रयास कर रही है। राज्य सरकार द्वारा कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों को छात्रवृत्ति एवं राज्य में निशुल्क 15 छात्रावास, 5 आवासीय विद्यालय और 3 आईटीआई का संचालन किया जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था भी की गई है। राज्य सरकार ने प्रदेश में जातीय भेदभाव को समाप्त करने और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति के युवक या युवती से अंतर-जातीय विवाह करने पर 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

इस अवसर पर निर्मल दास महाराज, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, विनोद दास, उमेश कुमार, रामपाल, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, मेयर किरण जैसल, दर्जा मंत्री विनय रुहेला, जयपाल चौहान, देशराज कर्णवाल, बीजेपी जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, कुंवर प्रणव चौंपियन, पूर्व जिलाध्यक्ष संदीप शर्मा, मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

धामी सरकार ने 13 जनपदों के 500 विद्यालयों में की वर्चुअल क्लास रूम की व्यवस्था

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, हरिद्वार में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह-2025 कार्यक्रम में प्रतिभाग कर नवनिर्मित भवन व स्मार्ट रूम का लोकापर्ण किया। उन्होंने प्रतिभावान विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को सम्मानित कर उनके कार्यों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने नए भवन व स्मार्ट रूम के लोकापर्ण पर सभी छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात देश जब अपने पैरो पर खड़ा हो रहा था, उस समय राष्ट्र निर्माण की भावना को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आनुषंगिक संगठन के रूप में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान ने सरस्वती शिशु मंदिर के रूप में जो पौधा रोपित किया था, आज विशाल वट वृक्ष बनकर खड़ा हो गया है और देश के कोने-कोने में हमारे नौनिहालों को शिक्षित कर देश को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा विद्या भारती द्वारा देश में 12 हजार से अधिक विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें लगभग 35 लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी विद्या भारती द्वारा 50 से भी अधिक महाविद्यालय एवं एक विश्वविद्यालय का संचालन किया जा रहा है। जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा देने के साथ ही उनमें राष्ट्रसेवा, नैतिकता, संस्कृति संरक्षण, प्राकृतिक संरक्षण और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना को विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में वर्तमान में विद्या भारती का एक बड़ा नेटवर्क है। माणा से लेकर सीमांत क्षेत्र धारचूला तक भी शिशु मंदिर और विद्या मंदिर मौजूद हैं। वर्तमान में विद्या भारती द्वारा 500 से अधिक विद्यालय प्रदेश के अंदर संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें एक लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज इस विद्यालय मे 04 स्मार्ट क्लासेज का लोकापर्ण होना इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि विद्या भारती के स्कूल किसी भी आधुनिक स्कूल से पीछे नहीं हैं, उनमें भी सभी प्रकार की सुविधाए दी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में निरतंर सुधार कर रही है। शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रदेश में सर्वप्रथम नई शिक्षा नीति लागू की। राज्य में पीएमश्री योजना के अंतर्गत 141 पीएमश्री विद्यालय बनाये गये हैं। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय का निर्माण भी किया जा रहा है। प्रदेश के 13 जनपदों के 500 विद्यालयों में वर्चुल्स क्लासरूम की व्यवस्था भी की गई है। क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित करने के लिए सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों को अनिवार्य किया गया है। विद्यार्थियों को, विज्ञान को बेहतर तरीके से समझाने के लिए राज्य में लैब ऑन व्हील्स अर्थात मोबाइल साइंस लैब की शुरुआत भी की है। राज्य में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तक और कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के साथ ही जूता और बैग भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 20 मॉडल कॉलेज एवं 09 महाविद्यालय की स्थापना करने के साथ ही महिला छात्रावास एवं आईटी लैब सहित परीक्षा भवनों का निर्माण भी किया जा रहा है। स्कूलों के लिए अध्यापकों एवं महाविद्यालयों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर आदि की नियुक्ति भी हो रही है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में करोड़ों रुपए की लागत से स्टेडियम में खेल सुविधाओं का निर्माण करवाया गया है एवं 8 वर्ष की उम्र से ही प्रतिभावान खिलाड़ियों को छात्रवृति दी जा रही है।प्रदेश के आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेज के खिलाड़ियों को निशुल्क प्रशिक्षण शिक्षा आवास भोजन व किट आदि भी प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की किसी भी प्रतियोगिता में मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की ऐतिहासिक शुरुआत भी की है। इन सभी प्रयासों का परिणाम है कि हाल ही आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन में प्रदेश के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल लाकर इतिहास रचा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेहनती और प्रतिभावान बच्चों के सपनों पर कोई नकल माफिया हावी नहीं हो सकेगा। राज्य सरकार ने उत्तराखंड में देश का सबसे बड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा पहले के समय में आयोजित होनी वाली परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक होते थे। जिससे प्रदेश के युवाओं का मनोबल टूट रहा था। लेकिन जब से नकल विरोधी कानून प्रदेश में लागू किया है तब से एक भी पेपर लीक नहीं हुआ है। जिसका परिणाम यह है कि 3 वर्षों में लगभग 22 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी पाने में सफलता प्राप्त की है।मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि सभी मन लगाकर पढ़ाई करें और आगे बढ़े। उन्होंने कहा यह विद्यालय इसी प्रकार भविष्य में भी आने वाली पीढ़ियों को शिक्षा प्रदान करेगा एवं विद्यार्थियों में सामाजिक और नैतिक मूल्यों का विकास करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।

इस अवसर पर प्रांत प्रचारक आर.एस.एस उत्तराखंड डॉ शैलेन्द्र, विधायक आदेश चौहान, प्रधानाचार्य लोकेंद्र अथवाल, प्रबंधक अजय शर्मा आदि ने भी संबोधन में अपने विचार रखे।

इस दौरान शिवशंकर जायसवाल, शेर सिंह रावत, रोहित भाटिया, महापौर किरण जैसल, विधायक प्रदीप बत्रा, दर्जा राज्यमंत्री देशराराज कर्णवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा, जिलाधिकारी कर्मेंन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सीएम ने वंदना कटारिया इंडोर स्टेडियम रोशनाबाद में युवा ऑल स्टार्स प्रतियोगिता के समापन में किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में उत्तराखंड कबड्डी एसोसिएशन के तत्वाधान में वन्दना कटारिया इण्डोर स्टेडियम रोशनाबाद में आयोजित युवा ऑल स्टार्स चौम्पियनशिप -2025 के समापन समारोह में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री इण्डोर स्टेडियम/हॉल को एसी हॉल बनाने की घोषणा करते हुए राष्ट्रीय स्तर की इस कबड्डी चौम्पियनशिप में प्रतिभाग करने हेतु देश के कोने-कोने से पधारे सभी ऊर्जावान खिलाड़ियों, तथा खेल प्रतियोगिता में विजय होकर मेडल प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि जिन टीमों के खिलाड़ी जीत से कुछ कदम दूर रह गए हैं, वे इसे अपनी खेल क्षमताओं में सुधार लाने का एक अवसर के रूप में देखें।

उन्होंने कहा कि कबड्डी हमारे देश का प्राचीन खेल है। कबड्डी में सफलता के लिए जहां एक ओर खिलाड़ी की स्फूर्ति, ताकत और गति महत्वपूर्ण होती है वहीं दूसरी ओर खिलाड़ियों में धैर्य और टीम भावना की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य रहा कि लंबे समय तक कबड्डी को वह सम्मान नहीं मिल पाया था जिसका वह हकदार हैं, उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में कबड्डी ने न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। 2014 में प्रारंभ हुई प्रो-कबड्डी लीग जैसी प्रतियोगिता के जरिये न केवल खिलाड़ियों को एक बड़ा मंच मिला है बल्कि कबड्डी को टेलीविजन पर भी काफी लोकप्रियता मिली है। युवा ऑल स्टार्स चौम्पियनशिप कबड्डी प्रतियोगिता को एक नया आयाम प्राप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार इस चौम्पियनशिप का 100 से अधिक देशों में लाइव प्रसारण किया गया है, इसके साथ ही इस चौम्पियनशिप में उत्तराखंड के लिए अलग से एक 10 दिवसीय लीग आयोजित कर हमारे स्थानीय खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया गया है। जिसके लिए उन्होंने उत्तराखंड कबड्डी एसोसिएशन एवं आयोजकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज हमारा राज्य देश में देवभूमि के साथ ही खेल भूमि के रूप में भी अपनी अलग पहचान बना रहा है। अभी हाल में 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन के दौरान हमने जिस प्रकार देशभर में आए खिलाड़ियों को खेल सुविधा उपलब्ध कराई वह एक बेंचमार्क रहा।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में 517 करोड रुपए की लागत से अत्याधुनिक स्टेडियम बनाने के साथ ही लगभग 100 करोड रुपए की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल उपकरण लाकर उत्तराखंड में विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है। उन्होंने कहा कि आज यह विश्व स्तरीय स्टेडियम और खेल सुविधाएं प्रदेश के खिलाड़ियों को ट्रेनिंग का एक मजबूत आधार बन चुके हैं। इसके साथ ही हमारे विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर बड़ी-बड़ी खेल प्रतियोगिताओं के लिए आयोजक अब उत्तराखंड की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न प्रतियोगिता जो पहले से अन्य राज्यों में होती थी, वह अब उत्तराखंड में आयोजित की जा रही है जिसका एक उदाहरण यह युवा ऑल स्टार्स चौम्पियनशिप है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को खेलभूमि के रूप में स्थापित करने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए राज्य सरकार शीघ्र ही एक स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान लागू करने जा रही है जिसके अंतर्गत प्रदेश के 08 शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी, जिनमें प्रत्येक वर्ष 920 विश्व स्तरीय एथलीट और 1000 अन्य एथलीट उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, इन अकादमियों में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण के साथ ही स्पोर्ट्स साइंस एक्सपर्ट, फिजियोथैरेपिस्ट, कंडीशनिंग कोच, डाइट स्पेशलिस्ट और साइकैट्रिस्ट भी तैनात किए जाएंगे इसके साथ ही हल्द्वानी में उत्तराखंड का प्रथम खेल विश्वविद्यालय एवं लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, आयोजकों, खेल प्रेमियों को बधाई देते हुए कहा कि इस बार राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल जीतकर इतिहास रचने का कार्य किया है, जिसमें दो पदक कबड्डी के खिलाड़ियों ने भी जीते हैं, आने वाले समय में उत्तराखंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मेडल लाकर उत्तराखंड के साथ संपूर्ण भारत को गौरांवित करेंगे।

इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, विधायक मदन कौशिक, शिवालिक नगर पालिका अध्यक्ष राजीव शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, जिलाधिकारी कर्मेंन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल, उपाध्यक्ष उत्तराखंड पारिस्थितिकीय पर्यटन सलाहकार परिषद ओम प्रकाश जमदग्नि, भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, देशराज कर्णवाल, सुरेश राठौर, कुॅवर प्रणब चौम्पियन, सहित अन्य व्यक्ति व खिलाड़ी आदि उपस्थित थे।