साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर में बैंकर्स प्रतिनिधि की तैनाती कराएं आरबीआईः सीएस

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में आरबीआई के तत्वाधान में आयोजित 25 वीं राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में आरबीआई और गृह विभाग द्वारा विगत बैठक में दिए गए निर्देशों की एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि आज के डिजिटल युग में वित्तीय और साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सभी बैंकर्स और इंप्लीमेंटेशन एजेंसी तथा विभागों के मध्य बेहतर तालमेल हो, वित्तीय अपराधों से संबंधित FIR, इन्वेस्टिगेशन, चार्जशीट, कंप्लायंस इत्यादि में तेजी दिखाई जाए तथा इस प्रकार के वित्तीय फ्रॉड को रोकने के लिए बड़े कारगर संस्थागत प्रयास किए जाने की आवश्यकता बताई।

उन्होंने इसके लिए जन सामान्य को जागरूक करने के साथ-साथ इस पर नियंत्रण पाने के लिए सुदृढ़ निकाय की भी आवश्यकता बताई।

उन्होंने निर्देशित किया कि EOU (economic offence wing) जो अभी सीबीसीआईडी के अधीन कार्यरत हैं इस एजेंसी को इंडिपेंडेंस एजेंसी बनाने के लिए कार्य करें। इस एजेंसी में एसटीएफ के अधीन काम करने वाली FFU (फाइनेंशियल फ्रॉड यूनिट) को भी मर्ज करने की कार्रवाई की जाय।
उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर में बैंक प्रतिनिधि की भी अनिवार्य उपस्थिति हो ताकि वित्तीय फ्रॉड करने वाले किसी भी संस्थान /फर्म की वेबसाइट/पोर्टल को तत्काल ब्लॉक किया जा सके और लोगों का वित्तीय नुकसान होने से तत्काल बचाया जा सके।

उन्होंने कहा कि लोगों से वित्तीय पूंजी प्राप्त करने वाले संस्थाओं /फर्म का नियमित निवेश (BUDS पोर्टल) की वेबसाइट https//www.niyamitnivesh.in पर पंजीकरण कराने के लिए सभी बैंकों की ओर से नोडल अधिकारियों की तैनाती भी की जाय। ताकि लोगों को अधिकृत वित्तीय पूंजी प्राप्त करने वाले संस्थान की जानकारी प्राप्त हो सके।

इस अवसर पर बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, महानिरीक्षक पुलिस नीलेश आनंद भरणे, रिजर्व बैंक इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक अरविंद कुमार, महाप्रबंधक नीता आदि अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने छह फॉरेंसिक वाहनों को किया फ्लैग आफ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह विभाग के अधीन 06 फॉरेंसिक लैब वाहनों का फ्लैग ऑफ किया। 65 लाख की लागत वाले प्रत्येक फॉरेंसिक लैब वाहन में ड्रग डिडक्शन किट, एक्सप्लोजिव किट, फिंगर प्रिंट किट, फुट प्रिंट किट, डीएनए किट, फ्रिज, जनरेटर, साइबर सुरक्षा से संबंधित सॉफ्टवेयर, वीडियो कैमरा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन फॉरेंसिक लैब वाहनों के माध्यम से किसी भी आपराधिक घटना की मौके पर ही प्राथमिक परीक्षण संभव हो जाएगा।

प्रथम चरण में ये फॉरेंसिक लैब वाहन देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल , उधमसिंहनगर , नैनीताल, अल्मोड़ा और श्रीनगर भेजे जा रहें। बाद मे सभी जनपदों के लिए यह व्यवस्था की जायेगी। इन वाहनों के लिए राज्य को केन्द्र सरकार से 3.92 करोड़ की धनराशि मिली है।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य, विधायक दिलीप रावत, सचिव गृह शैलेश बगौली, एडीजी और निदेशक फॉरेंसिक साइंस लैब अमित कुमार सिन्हा, संयुक्त निदेशक डॉ. एसके शर्मा, उप निदेशक डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ पान सिंह, विशेषज्ञ डॉ दयाल शरण, वैज्ञानिक डॉ मोनिका और डॉ राकेश कुमार शामिल थे।

एक सप्ताह में तिब्बती पुनर्वास नीति पर अपनी आख्या प्रेषित करे विभाग-एसीएस

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में तिब्बती पुनर्वास नीति के संबंध में बैठक के दौरान राज्य सरकार के सभी विभागों को एक सप्ताह के भीतर तिब्बती पुनर्वास नीति पर अपनी आख्या अथवा अनापत्ति प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। एसीएस राधा रतूड़ी ने कहा कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को तिब्बती पुनर्वास नीति को प्रख्यापित करने के निर्देश दिए गए हैं। भारत सरकार एवं राज्य सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ राज्य में निवास कर रहे तिब्बती नागरिकों को मिल सके इसके लिए तिब्बती पुनर्वास नीति को प्रख्यापित किया जाना आवश्यक है। बैठक के दौरान उत्तराखण्ड में निवासरत तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधियों ने शासन को जन्म प्रमाण पत्र बनने में आ रही दिक्कतें, भूमि स्वामित्व विवाद, आवास, सड़क, पेयजल का ना मिलना जैसी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधियों ने राज्य में तिब्बती संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शासन से सहायता की अपेक्षा की है।
बैठक में विशेष सचिव गृह विभाग रिद्धिम अग्रवाल, निवेदिता कुकरेती, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, सिटी मजिस्ट्रेट देहरादून प्रत्यूष सिंह, अन्य संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सेन्ट्रल तिब्बतन वेलफेयर ऐसोसिएशन के पदाधिकारी एवं देहरादून में निवासरत तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

स्वतंत्रता सेनानियों और उनकी विधवाओं की पारिवारिक पेंशन 21,000 हुई

अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन ने गुरूवार को सचिवालय में गृह विभाग एवं युवा कल्याण विभाग से सम्बन्धित मुख्यमंत्री घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा की।
गृह विभाग की घोषणाओं की समीक्षा करते हुए अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि पुलिस कर्मियों को दिये जाने वाले कोविड पैकेज की धनराशि अविलम्ब लाभार्थियों के खातों में स्थानान्तरित की जाय एवं लाभार्थियों की संख्या एवं आवंटित धनराशि की सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित की जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि स्वतंत्रता सेनानियों एवं उनकी विधावाओं की मासिक पेंशन/पारिवारिक पेंशन की धनराशि 21,000/- से बढ़ा कर 25,000/- कर दी गई है। उक्त धनराशि नियमित रूप से ससमय संबंधित के खाते में स्थानान्तरित किया जाना सुनिश्चित किया जाय।
उन्होंने कहा कि पलायन की समस्या की रोकथाम हेतु कार्ययोजना तैयार कर प्रस्ताव 15 दिन के भीतर भारत सरकार को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही गृह विभाग द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण हेतु तिथि दिनांक 31 दिसम्बर 2021 तक बढ़ा दी गयी है, तदनुसार चिन्हिकरण की कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि राज्य आन्दोलनकारियों के आश्रितों की पति/पत्नी को भी राज्य आन्दोलनकारी की मृत्यु के पश्चात रू० 3100 प्रतिमाह प्रदान किये जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। उक्त धनराशि प्रतिमाह संबंधित के खाते में नियमित रूप से स्थानान्तरित की जाय। इनामी अपराधियों की धरपकड हेतु पुरस्कार राशि में 15 दिसम्बर 2021 तक शासनादेश निर्गत किया जाय। अपूर्ण घोषणाओं के संदर्भ में अविलम्ब प्रस्ताव प्रस्तुत कर शासनादेश निर्गत करने की कार्यवाही करने के भी निर्देश उन्होंने दिये हैं।
युवा कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्देश दिये गये कि युवा कल्याण विभाग द्वारा युवक मंगल दल एवं महिला मंगल दल के स्वावलंबन हेतु 6 माह की आर्थिक सहायता प्रदान कर दी गयी है। प्रत्येक पात्र युवक मंगल दल एवं महिला मंगल दल के खातों में निर्धारित धनराशि अनिवार्य रूप से 30 नवम्बर, 2021 तक स्थानान्तरित कर दी जाय। साथ ही राज्य के सभी 95 विकासखण्ड में एक-एक ग्राम पंचायत का चयन कर कुल 95 ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री ग्रामीण युवा फिटनेस सेन्टर खोलना सुनिश्चित किया जाय द्वितीय चयन में दिनांक 15 दिसम्बर, 2021 तक सभी ग्राम पंचायतों में सेन्टर खोल दिये जाएं।
उन्होंने निर्देश दिये कि जिन स्थलों पर भूमि चयन की कार्यवाही पूर्ण नहीं हो पायी है, उन स्थानों पर मिनी स्टेडियम बनाये जाने हेतु संबंधित विधानसभा क्षेत्र के विधायकगणों एवं संबंधित जिलाधिकारियों से समन्वय करते हुए भूमि चयन कर मिनी स्टेडियम के निर्माण हेतु प्राथमिकता के आधार पर अग्रेत्तर कार्यवाही की जाय। विभाग द्वारा प्राथमिकता के आधार पर कार्यदायी संस्था का चयन कर घोषणा के क्रियान्वयन हेतु आगणन के गठन, यथा आवश्यकता टीएसी विभागीय व्यय वित्त समिति की बैठक प्राथमिकता के आधार पर आयोजित करते हुए शासनादेश निर्गत करने की कार्यवाही के भी निर्देश अपर मुख्य सचिव ने दिये हैं।
बैठक में सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय सचिव (प्रभारी) मुख्यमंत्री, रिद्धिम अग्रवाल अपर सचिव गृह विभाग एवं गिरधारी सिंह रावत, अपर सचिव युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रतिभाग किया गया।