डीएम का निर्देशः योजनाओं को क्लब कर करें निर्माण, जनता को मिलेगी सहूलियत

जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय परियोजना समन्वय समिति की बैठक हुई। बैठक में जल संस्थान, यूपीसीएल, यूएसडीडीए, एडीबी, टाटा, वोडाफोन, एयरटेल सहित 10 विभिन्न विभागों और संस्थानों द्वारा सीवर लाइन, पेयजल लाइन, विद्युत लाइन, फाइबर केबल को भूमिगत करने संबंधित 63 नए और 22 पुराने प्रस्तावों पर गहनता से विचार विमर्श किया गया। जिलाधिकारी ने परियोजनाओं के चल रहे कार्यों को निर्धारित मानकों एवं शर्तों के अनुसार शीघ्र पूरा करने की अनुमति प्रदान की। जबकि क्रिसमस और नव वर्ष को देखते हुए नए परियोजना के सार्वजनिक सुविधा वाले जरूरी कार्याे को 02 जनवरी के बाद ही अनुमति जारी करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक उपयोगिता जैसे बिजली लाइन, पेयजल, सीवरेज और गैस पाइप लाइन भूमिगत करने के लिए रात को सड़क खोदने की अनुमति दी जाएगी, किंतु इन सभी कार्यों पर प्रशासन की क्यूआरटी पैनी नजर रखेगी। जिलाधिकारी ने सीओ ट्रैफिक एवं क्यूआरटी को निर्देश दिए कि मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर तत्काल रिपोर्ट दी जाए।

डीएम ने स्पष्ट किया कि अनुमति से अधिक रोड कटिंग, खुदाई छोड़ देना या सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर प्रशासन जब्ती और मुकदमा दर्ज करने से गुरेज नहीं करेगा। जहां पर रात्रि को सड़क खुदाई की जाएगी वहां पर सुबह तक गढ्डा भराना का कार्य पूर्ण हो जाना चाहिए। सुरक्षा के दृष्टिगत खुदाई साइट पर बैरिकेडिंग व साइनबोर्ड होना भी अनिवार्य है। सभी एजेंसियों को निर्देश दिए गए कि वे मुख्य मार्ग पर रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ही कार्य करें। केवल कुछ आंतरिक मार्गों पर ही दिन में अनुमति दी गई। डीएम ने कहा कि पर्याप्त संख्या में मैनपावर, मशीनरी लगाते हुए निर्माणाधीन परियोजनाओं के कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।

जिलाधिकारी ने सभी एजेंसियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य समाप्ति के बाद डब्लूपीएम करते हुए सड़क को वाहनों के चलने योग्य बनाना अनिवार्य है। जिन परियोजना का कार्य पूर्ण हो चुका है वहां पर तुरंत सड़क को ब्लैकटॉप कराया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था, बेरिकेटिंग और साइट सुपरविजन का पूरा ध्यान रखा जाए। जिलाधिकारी ने चेताया कि निर्माण कार्यों में देरी या अव्यवस्था से जनता को परेशानी हुई तो जिम्मेदार विभागों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई तय होगी।

जिलाधिकारी ने पेयजल, विद्युत, यूएसडीडीए, एडीबी एवं अन्य संस्थानों को आपसी समन्वय से किसी एक स्थान पर योजनाओं को क्लब करते हुए निर्माण कार्य करने पर जोर दिया। कहा कि इससे बार-बार सड़क खराब नही होगी और जनता को भी सहुलियत मिलेगी।

बैठक में एसडीएम कुमकुम जोशी, लोनिवि के अधीक्षण अभियंता ओमपाल सिंह, उप नगर आयुक्त संतोष कुमार पांडेय, सीओ ट्रैफिक जगदीश पंत सहित समिति के अन्य सदस्य एवं विभिन्न एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जिला सूचना अधिकारी, देहरादून।

आशारोड़ी झाझरा व रिस्पना विंदाल एलिवेटेड कॉरीडोर परियोजना को गति देने डीएम ने भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास में तेजी लाने के दिए आदेश

राजधानी देहरादून में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने एवं सुगम कनेक्टिविटी के लिए प्रस्तावित रिस्पना-विंदाल एलिवेटेड रोड परियोजना को लेकर जिला प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बृहस्पतिवार को ऋषिपर्णा सभागार में एलिवेटेड परियोजना और एनएच-7 पर आशारोड़ी-झाझरा परियोजना की समीक्षा बैठक कर विभागीय अधिकारियों को सभी प्रक्रियाएं निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरी करते हुए कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि रिस्पना-विंदाल एलिवेटेड रोड परियोजना मा0 मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल है। जिलाधिकारी ने परियोजना में प्रस्तावित नगर निगम एवं एमडीडीए को अपनी-अपनी भूमि का रिकार्ड शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। एलिवेटेड कॉरिडोर सर्वेक्षण समिति को विभागवार प्रभावित भूमि का पूरा विवरण तैयार करने को कहा। लोनिवि और राजस्व अधिकारियों मौके पर तैनात रहते हुए परियोजना के लिए चिन्हित सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर बसे लोगों का निर्धारित प्रारूप में पूरा ब्यौरा तैयार करने को कहा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि प्रस्तावित भूमि का विभागवार रिकार्ड तैयार करने के बाद धारा-11 के तहत भूमि अधिग्रहण के लिए प्रारंभिक अधिसूचना का शीघ्र प्रकाशन किया जाए और पुनर्वास और पुर्नस्थापन की प्रक्रिया शुरू की जाए।

एनएच-7 आशारोड़ी-झाझरा परियोजना में ईस्ट होप टाउन और आरकेडिया ग्रान्ट में ग्रामीणों के अवरोध और वन विभाग की भूमि अवस्थित निर्माण का प्रतिकर भुगतान न होने की समस्या पर जिलाधिकारी ने एनएच अधिकारियों को निर्देश दिए कि एसडीएम सदर और विकास नगर के साथ मौका मुआयना कर समस्या का शीघ्र निस्तारण किया जाए। देहरादून-हरिद्वार रोड पर सड़क सुधारीकरण कार्य और अवैध अतिक्रमण व कब्जों को हटाने के लिए संबंधित एसडीएम से समन्वय करते हुए पुलिस के सहयोग से त्वरित कार्रवाई की जाए।

बैठक के दौरान लोनिवि ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से एलिवेटेड परियोजना पर अब तक किए गए कार्याे की जानकारी दी। बताया कि एलिवेटेड परियोजना का अलाइनमेंट तैयार कर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भेज दिया गया है। स्वीकृत होने पर आगे की कार्रवाई की जानी है। रिस्पना नदी पर प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर की लंबाई 10.365 किमी है। रिस्पना परियोजना में कुल 49.04 है0 भूमि प्रभावित होगी। जिसमें 42.89 है0 सरकारी भूमि, 4.01 है0 निजी भूमि, 2.1 है0 वन भूमि शामिल है। इसमें 1022 संरचनाएं (पक्के/कच्चे) शामिल हैं। वहीं, बिंदाल कॉरिडोर की लंबाई 14.264 किमी है। बिंदाल कॉरिडोर में कुल 55.90 है0 भूमि प्रभावित होगी। जिसमें 31.07 है0 सरकारी भूमि, 15.67 है0 निजी भूमि, 2.22 है0 वन भूमि और 6.92 रक्षा संपदा की भूमि शामिल है। इसमें 1656 संरचनाएं (पक्के/कच्चे) शामिल हैं।

बैठक में एसएलएओ स्मृता परमार, एसडीएम कुमकुम जोशी, एसडीमए सदर हरिगिरि, एसडीएम विनोद कुमार, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, एनएचएआई के आरडी विशाल गुप्ता, एसई लोनिवि ओपी सिंह आदि उपस्थित थे।