कोतवाली पुलिस ने बांग्लादेशी महिला को किया अरेस्ट, अवैध रूप से पिछले आठ वर्ष से रही रही थी महिला

आठ वर्षों से रह रही बांग्लादेशी महिला को आज कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने खुफिया विभाग की सहायता से गिरफ्तारी की कार्यवाही को अंजाम दिया। इस महिला ने अवैध तरीके से भारतीय पासपोर्ट बनाने के साथ-साथ मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड भी बनवा लिया था। इतना ही नहीं पिछले आठ वर्षों से वह ऋषिकेश के आवास विकास कालोनी में एक मकान खरीद कर उस में रह रही थी। महिला का पति दुबई में काम करता है। वर्ष 2007 में यह महिला टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी।

गृह मंत्रालय भारत सरकार की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों में ओवरस्टे कर रह रहे विदेशी नागरिकों के संबंध में जांच करने के निर्देश विभिन्न राज्य की सरकारों को दिए गए थे।
इसके अनुपालन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून की ओर से ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्र में रह रहे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी निवासियों की जांच पड़ताल के लिए अभियान चलाने को कहा गया।

स्थानीय अभिसूचना इकाई की ओर से जांच की गई तो पता चला कि मकान नंबर 927 आवास विकास कालोनी ऋषिकेश में एक बांग्लादेशी महिला पासपोर्ट वीजा की समय अवधि समाप्त होने के बाद भी रह रही है।

प्रभारी निरीक्षक रवि कुमार सैनी ने बताया कि जांच में इस बात की पुष्टि हो जाने के बाद बुधवार को सोनिया चौधरी (40 वर्ष) पत्‍नी बावला चौधरी निवासी आवास विकास कालोनी वीरभद्र रोड ऋषिकेश जिला देहरादून के घर पर जाकर जांच की गई।
उनके यात्रा संबंधी दस्तावेज और पहचान पत्रों की जांच की गई तो पता चला कि महिला बांग्लादेशी पासपोर्ट (ठंदहसंकमेी चंेेचवतज) धारक है। इसके पासपोर्ट की वैधता 25 दिसंबर 2014 को समाप्त हो चुकी है और वीजा की वैधता भी आठ सितंबर 2011 को समाप्त हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ने किसके लिए कहा, सोशल मीडिया के नाम पर कलंक है, पढ़े पूरी खबर

(एनएन सर्विस)
राज्य में अब सोशल मीडिया की गतिविधियां पर खुफिया विभाग की नजर होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने खुफिया तंत्र से जुड़ी एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वह सोशल मीडिया पर निगाह रखे। यह जानकारी स्वयं मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत से बातचीत के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार सोशल मीडिया असामाजिक हो जाता है। उसमें तमाम तरह के ऐसे लोग आ गए हैं जिन्हें देखकर कई बार लगता है कि वो सोशल मीडिया के नाम पर कलंक हैं। वे अपराध कर रहे हैं। इसलिए खुफिया विभाग को सोशल मीडिया पर निगाह रखने को कहा गया है। वे ये देखेंगे कि कहीं किसी का कोई खास एजेंडा तो नहीं है। खुफिया विभाग की उन पर लगातार नजर लगी रहनी चाहिए। जो अच्छे लोग हैं, उन्हेें शाबाशी मिलनी चाहिए।
वहीं, मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मामलों की समयबद्ध जांच की वकालत की। विजिलेंस विभाग को गोपनीय के स्थान पर खुले रूप से जांच करने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि जांच का फायदा तभी होता है, जब वह समयबद्ध हो। अगर वह समयबद्ध नहीं होती है तो कई बार उसके परिणाम भी प्रतिकूल हो जाते हैं। जो अपराधी होता है, वो अपने बचने के तमाम तौर तरीके निकाल लेता है। इसलिए जांच समयबद्ध होनी चाहिए, तभी उस पर प्रभावी कार्रवाई हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि करप्शन को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि जब मैंने शपथ ली थी, तभी मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कह दिया था कि हम जीरो टालरेंस की नीति पर काम करेंगे। यह तब तक रहेगी जब तक हम हैं। अगर हमारे पास कोई भी तथ्यात्मक जानकारी आती है, उस पर एक्शन करेंगे। हमने एक्शन किए हैं, आगे भी करेंगे।