राष्ट्रपति ने योग को भारत की सॉफ्ट पावर का एक सशक्त उदाहरण बताया

11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देहरादून रेस कोर्स स्थित पुलिस लाइन में भव्य योग कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कार्यक्रम में भाग लिया और योग को भारत की सॉफ्ट पावर का एक सशक्त उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक संतुलन का माध्यम है। भराड़ीसैंण से लेकर देहरादून तक योग दिवस की धूम देखने को मिली। कार्यक्रम में हजारों लोगों ने एक साथ योग कर विश्व को भारत का शांति संदेश दिया।

योग हमारी प्राचीन विरासत का बहुमूल्य उपहारः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग हमारी प्राचीन विरासत का बहुमूल्य उपहार है जो मनुष्य की मानसिक व शारीरिक शक्ति में वृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाने में सहायता करता है। नियमित योग अभ्यास तनाव कम करने, जीवन को संतुलित बनाए रखने तथा असंभव लक्ष्य को पाने में विशेष भूमिका निभाता है। योग भारत की प्राचीनतम और समृद्ध परम्परा की एक पहचान है। पूरी मनुष्यता को हमारे ऋषि-मुनियों की यह महत्वपूर्ण देन है। योग साधना के द्वारा हम शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि योग के द्वारा आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है। योग के लिये दुनिया भारत की ओर देख रही है। योग ने देश व दुनिया को स्वस्थता का भी संदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग ने मनुष्य की सुख शान्ति की राह प्रशस्त की है। महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है। योग से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। योग का अभ्यास शरीर, श्वास और मन को जोड़ता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और आत्मबोध की एक प्रक्रिया है। यह हमारे मन को स्थिर कर चेतना की गहराइयों तक पहुँचाने का माध्यम है। हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ योग है। यही कारण है कि आज योग दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन गया है जो भारतीय जीवन शैली को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता देने के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसे 177 देशों ने समर्थन दिया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड योग और आयुष की भूमि है। उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए नई योग नीति लाई गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी गौरवशाली सनातन संस्कृति का मूल आधार ’’वसुधैव कुटुम्बकम’’ है। अनेकों वैश्विक चुनौतियों और षड्यंत्रों का सामना करने के बावजूद भारत ने कभी भी मानवीय मूल्यों से हटकर आचरण नहीं किया और हमारी इस लोक कल्याणकारी अवधारणा का आधार हमारी संस्कृति है, जिसके मुख्य स्तंभों में एक योग भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदेश के लिये सम्मान की बात है कि पुलिस लाईन देहरादून में आयोजित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु उपस्थित रहेंगी। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राज्य में मुख्य कार्यक्रम ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित किया जायेगा। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करेंगे।

विधायक अग्रवाल ने किया पूर्व संध्या पर योगाचार्यों का सम्मान

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर क्षेत्रीय विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने योगाभ्यास किया। इस अवसर पर योग के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले योगाचार्यों को भी सम्मानित किया। साथ ही डा. अग्रवाल ने योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।

बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में डा. अग्रवाल ने श्रीदेव सुमन विवि के योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. जयप्रकाश कंसवाल, एसजीआरआर विवि के योग विज्ञान के विभागाध्यक्ष डा. सुरेंद्र प्रसाद रयाल, प्रवक्ता डा. चंद्रेश्वरी नेगी, योगाचार्य दिवाकर व्यास, उषा दवाण, स्वाति बंधानी, डा. पूजा नौटियाल, मंगलेश बिजल्वाण, अजय बैलवाल, डा. ममता रयाल को पुष्प गुच्छ व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।

डा. अग्रवाल ने कहा कि योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और आत्मबोध की एक प्रक्रिया है। यह हमारे मन को स्थिर कर चेतना की गहराइयों तक पहुँचाने का माध्यम है। उन्होंने भारतीय संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने सदैव मानवीय मूल्यों को सर्वाेपरि रखा है और हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ योग है। यही कारण है कि आज योग दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन गया है और भारतीय जीवन शैली को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित कर रहा है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता देने के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसे 177 देशों ने समर्थन दिया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड योग और ऋषि मुनियों की भूमि है। ग्राम स्तर तक सभी लोग योग से जुड़े, सरकार द्वारा इस दिशा में प्रयास किए गए हैं। योग से रोजगार के अवसर बढ़ाये जा रहे हैं। उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए नई योग नीति लाई गई है।

इस अवसर पर मंडल महामंत्री पुनीता भंडारी, पूनम डोभाल, शकुंतला कुकरेती, सुमित पंवार, शिव कुमार गौतम, अखिलेश मित्तल, विवेक चतुर्वेदी, दीपक नेगी, हर्ष पाल आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने विदेशी मेहमानों का भराड़ीसैंण में किया स्वागत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भराड़ीसैंण, गैरसैंण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए सभी विदेशी राजनयिकों और सुप्रसिद्ध योगाचार्य का स्वागत किया। उन्होंने इस दौरान सभी को प्रतीक चिन्ह और उत्तराखंडी टोपी देकर सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस के उपस्थित राजदूत व अन्य उच्चधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड योग और आयुष की वैश्विक राजधानी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और आग्रह पर पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। 2014 में प्रधानमंत्री जी के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र संघ में 177 से ज्यादा देशों ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा केदारनाथ की धरती से यह दशक उत्तराखंड का दशक बताया था। उन्होंने कहा उनके शब्द हमारे लिए प्रेरणा, दिशा और संकल्प का उदघोष है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री का आयुष और वेलनेस सेक्टर के प्रति विशेष दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड को योग के वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड का हिमालयी वातावरण, शुद्ध जलवायु, और आध्यात्मिक ध्यान और योग के लिए उपयुक्त है। हमारा राज्य वैश्विक वेलनेस डेस्टिनेशन बनने की संपूर्ण क्षमता रखता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में सदियों से योग और आयुर्वेद गहराई से समाहित है। यह धरती ऋषियों, योगियों और वैद्यों की साधना स्थली रही है। उत्तराखण्ड से औषधियों कच्चे जड़ी-बूटियों की आपूर्ति देश के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी की जा रही है। दुनिया के प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि निर्माता भी उत्तराखण्ड में अपने निर्माण कार्य कर रहे हैं। यहाँ की जैव विविधता में कुटकी, जटामांसी और तिमूर जैसी दुर्लभ और विशिष्ट औषधीय वनस्पतियों पाई जाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड में 100 वर्ष से भी अधिक पुराने आयुर्वेदिक संस्थान संचालित है, जैसे ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेद महाविद्यालय, जिनके माध्यम से हम पीढ़ियों से आयुर्वेदिक ज्ञान का विस्तार कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद, योग और पंचकर्म के क्षेत्र में उत्तराखण्ड के पास अत्यंत प्रशिक्षित मानव संसाधन है। हमारा राज्य गुणवत्ता युक्त हिमालयी जड़ी-बूटियों की आपूर्ति एवं उनके एक्सट्रैक्ट का उत्पादन, प्रसंस्करण और साझा व्यापार किया जा सकता है। उत्तराखण्ड के पारंपरिक सुपर फूड्स जैसे मंडुवा, झंगोरा, भट्ट, बिच्छुघास, किलमोडा आदि का मूल्य वर्धन, पैकेजिंग कर वैश्विक आदान किया जा सकता है। उन्होंने कहा जीवनशैली जनित विकारों, रोग निवारण और स्वास्थ्य संरक्षण पर संयुक्त अनुसंधान एवं नवाचार कार्य हम मिलकर कर सकते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दिखी पूरे उत्तराखंड की झलक
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में संपूर्ण उत्तराखंड की झलक देखने को मिली। कार्यक्रम की शुरुआत नंदा देवी राज जात से हुई, इसके बाद उत्तराखंड की विभिन्न लोकनृत्य प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। इनमें झोड़ा-छपेली लोकनृत्य, नाटी व अन्य लोकप्रिय नृत्य रहे, जिन्होंने गढ़वाली, कुमाऊनी, व जौनसारी संस्कृतियों से सभी को रूबरू कराया।

इस अवसर पर भारत में मैक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास, मेक्सिको दूतावास में आर्थिक मामलों के प्रमुख रिकार्डाे डेनियल डेलगाडो, भारत में फिजी उच्चायोग के हाई कमिश्नर जगन्नाथ सामी, भारत में नेपाल के राजदूत डॉ शंकर प्रसाद शर्मा, भारत में सूरिनाम के राजदूत अरुणकोमर हार्डियन, भारत में मंगोलिया के राजदूत डंबाजाविन गैंबोल्ड, भारत में लातविया दूतावास में डिप्टी हेड ऑफ मिशन मार्क्स डीतॉन्स, भारत के श्रीलंका उच्चायोग के मिनिस्टर काउंसलर लक्ष्मेंद्र गेशन डिसनायके, रूसी दूतावास में प्रथम सचिव क्रिस्टिना अनानीना एवं तृतीय सचिव कैटरीना लज़ारेवा, योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण, विधायक अनिल नौटियाल, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. विनय रुहेला, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सीएम धामी ने किया प्रदेशवासियों को योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान

मुख्यमंत्री आवास परिसर में योगाभ्यास किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी योग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और आत्मबोध की एक प्रक्रिया है। यह हमारे मन को स्थिर कर चेतना की गहराइयों तक पहुँचाने का माध्यम है। उन्होंने भारतीय संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने सदैव मानवीय मूल्यों को सर्वाेपरि रखा है और हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ योग है। यही कारण है कि आज योग दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन गया है और भारतीय जीवन शैली को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता देने के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसे 177 देशों ने समर्थन दिया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड योग और ऋषि मुनियों की भूमि है। ग्राम स्तर तक सभी लोग योग से जुड़े, सरकार द्वारा इस दिशा में प्रयास किए गए हैं। योग से रोजगार के अवसर बढ़ाये जा रहे हैं। उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए नई योग नीति लाई गई है।

21 जून को भराड़ीसैंण में होगा योग दिवस का मुख्य आयोजन

21 जून को आयोजित होने जा रहे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का राज्य स्तरीय कार्यक्रम इस बार, चमोली जनपद स्थित भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में आयोजित किया जाएगा। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ 10 देशों के राजदूत शामिल होंगे।

निदेशक आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रदेशभर में व्यापक स्तर पर मनाया जाएगा। इसी क्रम में मुख्य राज्य स्तरीय कार्यक्रम चमोली जनपद में स्थित भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ 10 देशों के राजदूत भी शामिल होंगे, उक्त सभी गणमान्य 20 जून के दोपहर तक भराड़ीसैंण पहुंच जाएंगे। कुल मिलाकर मुख्य आयोजन में एक हजार से अधिक लोग प्रतिभाग करेंगे। इसलिए कार्यक्रम की व्यापकता को देखते हुए, व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके साथ ही प्रदेश भर में भी इस दिन 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भव्य स्तर पर मनाया जाएगा।

योग के रूप में भारत ने दुनिया को आरोग्य और स्वस्थ्य रहने का मंत्र दिया है। इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की पहल की है। इसी क्रम में 11वां योग दिवस का राज्य स्तरीय कार्यक्रम भराड़ीसैंण में आयोजित किया जा रहा है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में राज्य में योग मेले, हरित योग और योग पर आधारित प्रतियोगिताओं होंगी

ग्राम स्तर तक योग अभियान चलाया जाए। विद्यालयों और महाविद्यालयों में विशेष योग शिविरों का आयोजन किया जाए। योग पर निबंध, भाषण, पोस्टर और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाय। योग और आयुष मेले के आयोजन के साथ ही हरित योग के कार्यक्रम भी किए जाएं। डिजिटल माध्यम से भी योग को प्रचारित किया जाए योग के क्षेत्र में जन जागरूकता लाने वालों को सम्मानित भी किया जाय। योग के साथ जनसहभागिता से नियमित स्वच्छता अभियान भी चलाया जाए। आगामी 21 जून को आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये निर्देश अधिकारियों को दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग न केवल हमारी प्राचीन परंपरा है, बल्कि यह आज की जीवनशैली में संतुलन और स्वास्थ्य का प्रभावी माध्यम भी है। हमें युवाओं, विद्यार्थियों, सरकारी कर्मचारियों और आम जनता को इस आयोजन से जोड़ना होगा। योग दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रम भव्य, व्यवस्थित और जन-सहभागिता से किए जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, योग की पवित्र भूमि है, और यहां से पूरे विश्व को योग का संदेश गया है, इसलिए यहां के कार्यक्रमों की एक विशेष पहचान होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृशक्ति को अधिकतम योग से जोड़ा जाय। योग और ध्यान के साथ ही वृक्षारोपण अभियान भी चलाया जाए। जनपदों में योग और आयुष मेले आयोजित किए जाएं। योग को रोजगार से भी जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि और योग भूमि के रूप में उत्तराखंड की वैश्विक स्तर पर अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि योग का आध्यात्मिक रूप से भी प्रस्तुत किया जाए। राज्य के प्रमुख दैवीय स्थलों और पर्वतीय क्षेत्रों में भी बड़े स्तर पर योग के कार्यक्रम किए जाएं। मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग, शिक्षा विभाग, युवा कल्याण विभाग, पर्यटन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सूचना विभाग एवं जिला प्रशासन को समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, सचिन कुर्वे, एडीजी ए. पी. अंशुमन, अपर सचिव विजय जोगदंडे और महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

ऋषिकेश बार एसोसिएशन ने लगाया योगासन

बार एसोसिएशन ऋषिकेश के अधिवक्ताओं ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर न्यायालय परिसर पर योगाभ्यास किया।

परिसर पर सुबह साढ़े छह बजे योग महोत्सव आयोजित किया गया। न्यायाधीशों ने इस मौके पर कहा कि आज की व्यस्त ज़िंदगी में हमें शरीर का अवश्य ध्यान देना चाहिए हमें योग अवश्य करना चाहिये। योग से हम शरीर में बीमारियों को रोकने में व शरीर में बीमारियों को दूर रखने में मदद कर सकते हैं।
इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक व महासचिव अधिवक्ता सुनील नवानी, कोषाध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद सेमवाल, मनीष बिजल्वाण, योग प्रशिक्षिका आरती मित्तल, अधिवक्ता राजेश पैंयूली, मोहन पैंयूली, ऋषि अंथवाल, ज्योति गौड़, अंजू, सागर नेगी, सीवी हटवाल आदि मौजूद थे।

साइकिलिंग के बाद ऋषिकेश रेड राईडर्स ने लगाया योगासन

अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ऋषिकेश रेड राईडर्स क्लब के सदस्यों ने कोच नीरज शर्मा के नेतृत्व में बैराज चीला नहर के किनारे बीन नदी के समीप 30 किलोमीटर साइकिल राइड के पश्चात योगासन किया।

रेड राईडर्स साइकिल क्लब के संरक्षक जयेन्द्र रमोला ने बताया कि हमें निरंतर व्यायाम अवश्य करें। चाहे वह किसी भी प्रकार का हो परन्तु योगासन बेहद ज़रूरी है योग करने से शरीर थकावट की बजाय ताजगी के साथ स्फूर्ति आती है। तमाम तरह के रोगों से बचाव होता है। साथ ही पूरे दिन हमें पैट्रोल और डीज़ल की गाड़ियों से हटकर साइकिल अवश्य चलानी चाहिये ताकि पर्यावरण बचे और नगर वासी खुले में योग कर सके।

योगाचार्य संजय नौटियाल व नीरज शर्मा ने कहा कि आज की व्यस्त ज़िंदगी में हमें शरीर का अवश्य ध्यान देना चाहिए हमें योग अवश्य करना चाहिये। योग से हम शरीर में बीमारियों को रोकने में व शरीर में बीमारियों को दूर रखने में मदद कर सकते हैं।

योगासन में रेड राईडर्स साइकिल क्लब के सदस्य सरदार बूटा सिंह, डा. नीति, अपूर्व त्रिवेदी, अवनीश शाह, विक्रम शेरगे, सुधीर आनन्द, जयवर्धन रमोला, आदित्यवर्धन रमोला आदि मौजूद थे।

योग साधना के द्वारा हम शारीरिक व मानसिक रूप से रह सकते हैं स्वस्थः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में कहा कि योग भारत की प्राचीनतम और समृद्ध परम्परा की एक पहचान है। पूरी मनुष्यता को हमारे ऋषि-मुनियों की यह महत्वपूर्ण देन है। योग साधना के द्वारा हम शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘योग’ भारतीय सभ्यता, संस्कृति तथा जीवन शैली का अभिन्न अंग रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सार्थक प्रयासों से योग को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना देशवासियों के लिए गर्व की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग के द्वारा आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है। यह आत्मा को परमात्मा से मिलाने का सेतु भी है। योग जोड़ने का कार्य करता है। इसी का प्रतिफल है कि आज दुनिया योग को अपना रही है तथा योग के लिये दुनिया भारत की ओर देख रही है। योग ने देश व दुनिया को स्वस्थता का भी संदेश दिया है। हमारे योगाचार्यों ने भी योग को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने योग को भारत की विशिष्ट पहचान बताते हुए कहा कि योग में मन और चित्त की मलिनता को दूर करने की ताकत है। योग ने मनुष्य की सुख शान्ति की राह प्रशस्त की है। महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है। हर मनुष्य का परम लक्ष्य सुख और शांति की प्राप्ति है जिसमें योग की बड़ी भूमिका है।
अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रदेश में मुख्य कार्यक्रम परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयोजित किया जायेगा जबकि विभिन्न जनपदों में भी 75 चयनित स्थलों पर योग के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्य स्थल परमार्थ निकेतन ऋषिकेश का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिये।
वर्तमान में प्रदेश में योग व नेचुरोपैथी व सिद्धा चिकित्सा पद्धति के लिये आयुर्वेद निदेशालय को जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश में आयुष विभाग द्वारा 70 चिकित्सालयों को आयुष हैल्थ एवं वेलनेस केन्द्र के रूप में उच्चीकृत किया गया है। गत वर्ष से आयुष विभाग द्वारा कोविड हैल्प डेस्क की स्थापना कर कोविड व पोस्ट कोविड रोगियों को आयुष सम्बन्धी टेली परामर्श प्रदान किया जा रहा है ।
प्रदेश में आयुष शिक्षण संस्थानों में स्नात्तकोत्तर छात्रों द्वारा विभिन्न शोध कार्य भी संपादित किये जा रहे हैं, जिनको अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के जर्नल्स में प्रकाशित किया जाता है। राज्य के विभिन्न आयुष शिक्षण संस्थानों से 166 छात्र शोध पूर्ण कर स्नात्तकोत्तर की उपाधि प्राप्त कर देश के विभिन्न आयुष शोध संस्थानों / महाविद्यालयों में सेवायें प्रदान कर रहे हैं।
राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय का पुनर्गठन करते हुए इसे उत्तराखण्ड आयुष विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किये जाने का प्रस्ताव है। राज्य में योग शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में कार्य कर रहे समस्त केन्द्र, समस्त स्पा एवं मसाज सेन्टर तथा अन्य संस्थानों का राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार निःशुल्क रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। योग और नेचुरोपैथी के विकास के लिए प्रदेश में राज्य स्तरीय संस्थान की स्थापना की भी योजना है। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को सुदृढ किए जाने हेतु निदेशालय, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं, उत्तराखण्ड के अंतर्गत एक योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी।