केदारनाथः तीर्थपुरोहितों की हड़ताल से श्रद्धालुओं को राहत

केदारनाथ धाम में स्थानीय तीर्थपुरोहितों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। केदारनाथ यात्रा को सुगम एवं सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए स्थानीय व्यापरियों एवं तीर्थ पुरोहितों के साथ जिला प्रशासन द्वारा यात्रा संचालन को लेकर चल रही वार्ता सफल रही। जिसके बाद सभी व्यापारियों एवं तीर्थ पुरोहितों ने अपने प्रतिष्ठान सुचारू रूप से खोल दिए हैं। हड़ताल खत्म होने से धाम में आए श्रद्धालुओं को बडी राहत मिली है।

बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पहले ही दिन तीर्थ पुरोहितों ने आक्रोश व्यक्त करते हुये केदारपुरी के व्यापारिक प्रतिष्ठान, प्रसाद की दुकानें, खाने के होटल-ढाबों को बंद कर दिया। साथ ही पंडिताई का काम भी तीर्थ पुरोहितों की ओर से नहीं किया गया। तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि विगत 22 अप्रैल को केदारनाथ धाम में तोड़-फोड़ करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाय। वहीं दूसरी ओर केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चर संचालक भी हड़ताल पर रहे। घोड़े-खच्चरों के न चलने के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

हालात की गंभीरता को समझते हुए जिला प्रशासन तीर्थपुरोहितों से वार्ता कर रहा था। एसडीएम ऊखीमठ अनिल शुक्ला ने बताया कि जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन में व्यापार संघ एवं तीर्थ पुरोहित समाज के साथ वार्ता सफल एवं सकारात्मक रही। वार्ता के बाद उनकी उचित मांगे मान ली गई हैं एवं वार्ता के बाद विरोध समाप्त कर सभी ने अपने प्रतिष्ठान खोल दिए। केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि यात्रा के सफल संचालन के लिए वो हमेशा प्रशासन के साथ तत्परता से खड़े हैं। बताया कि प्रशासन ने उनकी मांगे मान ली हैं जिसके बाद सभी प्रतिष्ठान खोल लिए गए हैं। ताकि केदारनाथ में दर्शन करने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।

सीएम ने रूद्रप्रयाग में चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग में चारधाम एवं श्री केदारनाथ धाम यात्रा की जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ जी के प्रति देश- विदेश के लोगों की श्रद्धा जुड़ी है और हर वर्ष बाबा के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है, आने वाले समय में यात्रा और बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में जरूरी है कि भविष्य में श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए रणनीति के साथ कार्ययोजना बनाई जाए। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग से गुप्तकाशी तक यात्रा मार्ग का भी निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा मार्ग पर सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत क्रैश बैरियर के साथ ही पेड़ लगाये जाने की पहल शुरू की जाए। इससे सड़क हादसों में कमी लायी जा सकेगी। जनपद में यह प्रयोग सफल होने पर पूरे राज्य में इसे लागू करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनपद रुद्रप्रयाग बाबा केदारनाथ जी का निवास स्थान है ऐसे में जनपद प्रशासन की कोशिश होनी चाहिए कि यहां इस प्रकार की पहल शुरू हो और पूरा राज्य उसे अपनाए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड विविधताओं से भरा राज्य है ऐसे में जनपद के भूगोल एवं अन्य संसाधनो को ध्यान में रखते हुए ही विकास की रणनीति बननी चाहिए। विकास के साथ साथ विरासत का ध्यान रखा जाना भी जरूरी है। उन्होंने वृक्षारोपण के अलावा जल संचय के लिए भी विशेष प्रयास करने के निर्देश जिला प्रशासन के अधिकारियों को दिए।

मुख्यमंत्री ने प्रशासन एवं पुलिस को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि किसी भी हाल में श्रद्धालुओं को असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। ड्यूटी में तैनात कर्मचारी एवं सुरक्षा बल खुद वीआईपी दर्शन की होड़ में न रहें यह भी सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा सड़क, स्वच्छता, शौचालय, बिजली-पानी की आपूर्ति, स्वास्थ्य सहित रहने व खाने की उचित व्यवस्था हो और इसे लगातार सुनिश्चित की जाए। उन्होंने पुलिस प्रशासन को हेली सेवाओं के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से श्रद्धालुओं को सुरक्षित रखने के लिए मजबूत सिस्टम तैयार करने के निर्देश दिए। वहीं यात्रा ड्यूटी में लगे सभी कर्मचारियों को श्रद्धालुओं के साथ सौम्यता के साथ पेश आने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने पेयजल आपूर्ति को लेकर भी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने एवं आगामी मानसून सत्र के लिए अभी से तैयारियां करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।

कर्मचारियों के लिए गर्म जैकेट लांच किया
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन की ओर से यात्रा रूट पर तैनात सफाई कर्मचारियों, पीआरडी जवानों, स्वयंसेवकों, पुजारियों एवं अन्य कर्मचारियों के लिए तैयार किए गए गर्म जैकेट एवं यूनीफॉर्म भी लॉन्च की। इसके साथ ही यात्रा रूट के लिए तैयार गाइडलाइन एवं हेल्प बुक की भी लांचिंग की। इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से सभी कर्मचारियों के लिए करवाए जा रहे सामूहिक बीमा योजना भी मुख्यमंत्री ने लांच करते हुए पहला बीमा पत्र भी जारी किया।

यात्रा मार्ग का किया निरीक्षण
यात्रा संबंधी तैयारियां की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग से गुप्तकाशी तक सड़क मार्ग का निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन की ओर से यात्रा मार्ग पर महिला समूहों के सशक्तिकरण के लिए दुग्ध विभाग की ओर से गिवाणी गांव में नव निर्मित आँचल कैफे का भी उद्घाटन किया। साथ ही विभिन्न स्थानों पर बनाई गई पार्किंग एवं पार्क का भी अवलोकन किया।

’पिरूल एकत्रित कर की पिरुल लाओ धन पाओ की शुरुआत’
मुख्यमंत्री रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के अन्तर्गत वनाग्नि सुरक्षा कार्याे का जायजा लिया तथा रतूडा के निकट चीड वन क्षेत्र में वनाग्नि रोकथाम में लगे वनकर्मियो एवं फायर वाचरो से मिले। मुख्यमत्री द्घारा फायर टीम के साथ फायर रेक द्घारा पिरूल हटाया तथा ब्लोअर को पिरूल हटाने व फायर लाइन सफायी में कारगर बताया। प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग द्वारा अवगत कराया कि वनाग्नि मुक्त चारधाम यात्रा हेतु प्रभाग के अन्तर्गत पाँच वनाग्नि नियत्रण सेक्टर बनाये गये है जो त्वरित एवं कुशल ढंग से आग को नियंत्रित करेगी । माननीय मुख्यमंत्री द्वारा चीड पिरूल का एकत्रीकरण कर ब्रेकैट बनाने को प्रोत्साहन देने पर बल दिया एंव स्थानीय रोजगार को जोडने की पहल ‘पिरुल लाओ धन पाओ’ की शुरुआत स्वयं पिरुल एकत्रीकरण कर की। साथ ही मुख्यमंत्री ने फायर लाइन प्रबंधन हेतु सामुदायिक भागीदारी एवं मिशन मोड पर कार्य किए जाने पर बल दिया।

बैठक में जिलाधिकारी सौरभ गहरवार एवं पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने केदारनाथ यात्रा को लेकर जिला स्तर से की गई तैयारियों एवं नए प्रयासों की रिपोर्ट पेश की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा यात्रा को लेकर की गई तैयारियों की सराहना भी की।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, दर्जा धारी मंत्री चंडी प्रसाद भट्ट, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, आईजी गढ़वाल करण सिंह, मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती, उप जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग आशीष, ऊखीमठ अनिल शुक्ला, जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेश मिश्र, पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे सहित जिला स्तरीय अधिकारी एवं नोडल अधिकारी मौजूद रहे।

सराहनीयः केदारनाथ में घोड़ा-खच्चर से हुआ 101.34 करोड़ का कारोबार

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा अपने आखिरी पड़ाव पर है। बाबा केदार के कपाट गुरुवार 27 अक्टूबर को विधि विधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए, इसके अलावा यमुनोत्री के कपाट भी विधिविधान से बंद कर दिए गए। इधर सरकार के प्रयासों से कोरोना काल के बाद चार धाम यात्रा की रौनक़ पुनः पटरी पर लौटती हुई नजर आई। चारधाम यात्रा ने इस वर्ष तमाम रिकॉर्ड तोड़ कर नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस बार केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा में सिर्फ़ घोड़ा खच्चरों, हेली टिकट और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े से लगभग 211 करोड़ के आस- पास कारोबार हुआ है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन को लेकर ख़ुशी जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कथनानुसार आने वाला दशक उत्तराखण्ड है उसकी शुरूआत आज से ही हो चुकी है। इस बार की चार धाम यात्रा बहुत उत्साहवर्धक रही है। प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है। प्रधानमंत्री द्वारा धार्मिक स्थलों पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्थानीय उत्पादों को ख़रीद पर पाँच प्रतिशत खर्च करने के लिए अपील की गई है। आने वाले समय में हम स्थानीय उत्पादों के बिक्री की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। मानस खंड कारीडोर के मास्टर प्लान का काम भी शीघ्र प्रारम्भ किया जाएगा। हमारी सरकार का उद्देश्य समस्त पौराणिक मंदिरों को संवारने का है और उसको पर्यटन से जोड़ना है।
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों व कुशल यात्रा प्रबंधन की बदौलत 46 लाख यात्रियों ने इस वर्ष चार धाम यात्रा की। पिछले दो दशक में यह सबसे अधिक आँकड़ा है वहीं श्री केदारनाथ धाम की अकेले बात की जाए तो यहाँ 15 लाख 36 हजार तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए। आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को भी यात्रा साकार करती है। चारधाम यात्रा प्रदेश की आर्थिकी की लाईफ लाईन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित किया है। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप केदारनाथ व बदरीनाथ धाम का पुनर्विकास किया जा रहा है।

केदारनाथ में हुआ 190 करोड़ से अधिक का कारोबार

इस वर्ष केदारनाथ यात्रा स्थानीय व्यवसाइयों के लिहाज़ से भी काफ़ी बेहतर रही। सिर्फ़ यात्रा के टिकट, घोड़ा खच्चरों और हेली और डंडी कंडी के यात्रा भाड़े की बात करें तो लगभग 190 करोड़ के आस- पास यह कारोबार हुआ है। केदारनाथ धाम इस बार घोड़े खच्चर व्यवसाइयों ने करीब 1 अरब 9 करोड़ 28 लाख रुपए का रिकॉर्ड कारोबार किया। जिससे सरकार को भी 8 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हुआ। यात्रा सुगम बनाने को लेकर प्रशासन ने 4302 घोड़ा मालिकों के 8664 घोड़े खच्चर पंजीकृत किए थे इस सीजन में 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ धाम तक यात्रा की। वही डंडी-कंडी वालों ने 86 लाख रुपए की कमाई की और हेली कंपनियों ने 75 करोड़ 40 लाख रुपए का कारोबार किया। इधर सीतापुर और सोनप्रयाग पार्किंग से लगभग 75 लाख का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ।

यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का हुआ 21 करोड़ का कारोबार

इधर यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का लगभग 21 करोड़ का कारोबार इस साल हुआ है। यमुनोत्री धाम में लगभग 2900 घोड़े खच्चर पंजीकृत हैं , जिला पंचायत के अनुसार इस साल यात्रा काल में 21 करोड़ 75 लाख का कारोबार हुआ है। यह आँकड़ा भी रिकॉर्ड तोड़ है।

जीएमवीएन की अनुमानित आय भी 50 करोड़ के क़रीब

इसके अलावा चारधाम यात्रा में यात्रा मार्ग के सभी होटल / होमस्टे, लाज और धर्मशालाएं भी पिछले छः माह तक बुक रही। पिछले सालों तक ळडटछ जहां आर्थिक नुकसान झेल रहा था इस साल अगस्त तक 40 करोड़ की आय कर चुका है। ळडटछ के प्रबंध निदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि यह आँकड़ा 50 करोड़ के करीब जाने का अनुमान है। इसके अलावा चारधाम यात्रा से जुड़े टैक्सी व्यवसायों ने भी पिछले सालों की औसत आय से तीन गुना अधिक का कारोबार किया है।

प्रधानमंत्री ने यात्रा खर्चे का 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करने का आह्वान किया

प्रधानमंत्री ने बीते 21 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम स्थित माणा गाँव में वोकल फॉर लोकल का जिक्र करते हुए देशवासियों से आग्रह किया कि जहां भी जाएं एक संकल्प करें कि यात्रा पर जितना भी खर्च करते हैं उसका कम से कम 5 प्रतिशत वहां के स्थानीय उत्पाद खरीदने पर खर्च करें। इन सारे क्षेत्रों में इतनी रोजी रोटी मिल जायेगी, आप कल्पना भी नही कर सकते। ऐसे में अब भविष्य को देखते हुए चारधाम यात्रा में स्थानीय उत्पादों को भी बड़ा मार्केट मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

इस मायने में भी खास रही यात्रा

गौरीकुण्ड-केदारनाथ व गोविंदघाट-हेमकुंड साहित्य रोपवे परियोजनाओं का भी प्रधानमंत्री ने शिलान्यास किया था। इनके बनने से श्रद्धालुओं की घंटों की यात्रा मिनटों में पूरी होगी।

उत्तराखंड की आईडी पर ई-पास बनाकर केदारनाथ सवारी ले जा रहा था दिल्ली युवक, पुलिस ने पकड़ा

मुनिकीरेती पुलिस ने उत्तराखंड की आईडी पर ई पास लेकर दिल्ली के यात्रियों को केदारनाथ लेकर जा रहे एक चालक को पकड़ लिया पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

मुनीकीरेती थाना प्रभारी रामकिशोर सकलानी ने बताया कि तपोवन बैरियर पर चेकिंग के दौरान एक दिल्ली नंबर डीएल6सीआर- 1401 की कार दिखाई दी। कार को रोककर चालक से पूछताछ की तो उसने केदारनाथ जाना बताया इस संबंध में चालक ने ई-पास भी दिखाया। ई-पास की जांच करने पर मालूम हुआ कि उक्त चालक ने हरिद्वार के ड्राइविंग लाइसेंस के आधार पर उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम बोर्ड से ईपास बनाया हुआ है, इसके अलावा चालक दिल्ली के तीन व्यक्तियों को बिना कोरोना टेस्ट और सूचना के कैलाश गेट से केदारनाथ लेकर जा रहा था। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी चालक सेन पाल पुत्र वीरसेन निवासी रविदास गली विश्वास नगर दिल्ली के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर लिया है। बताया कि सभी यात्रियों की आईडी की बैरियर पर सघन चेकिंग की जा रही है।

अगले माह यात्रियों की संख्या में होगा इजाफा

केदारनाथ यात्रा के लिये आपदा के बाद अच्छी खबर है। बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन कर दिये हैं। बाबा के दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का आकंडा चार लाख पार पहुंच चुका है।
16-17 जून 2013 को केदारनाथ में आई भीषण आपदा के बाद इस बार केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। बरसात के मौसम में भी यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं, जिससे देश-विदेश में यात्रा को लेकर अच्छा संदेश गया है। मई माह में कपाट खुलने के बाद चार माह के समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंचे हैं। आगामी दो महीने में भी केदारघाटी के सभी होटल-लॉलों में एडवांस बुकिंग आ चुकी है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार पांच लाख से अधिक यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचेंगे।
इधर, पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि यह यात्रा सीजन यात्रा के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा गुजर रहा है। आपदा के बाद यात्रा पटरी पर लौट चुकी हैं बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी दो माह की यात्रा के लिये भी एडवांस बुकिंग आ चुकी हैं। मौसम भी खुल रहा है। बरसात का सीजन समाप्त होने वाला है। ऐसे में अधिक यात्रियों के आने की उम्मीदे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कतें नहीं होने दी जाएंगी। यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।