मुख्यमंत्री ने कुमाऊं रेजिमेंट में सैनिकों एवं अग्निवीरों के साथ संवाद कर किया उत्साहवर्धन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुमाऊं रेजीमेंट केंद्र, रानीखेत पहुंचकर अमर बलिदानियों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सैनिकों एवं अग्निवीरों के साथ संवाद कर उनका उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने केंद्र में प्रशिक्षण की व्यवस्थाओं, आधुनिक हथियारों एवं वीर नारियों के कल्याण की गतिविधियों का अवलोकन भी किया।

कुमाऊं रेजीमेंट मुख्यालय के अपने भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सैन्य अधिकारियों एवं सैनिकों के परिवारजनों से भी भेंट की। सैनिकों एवं अग्निवीरों के संवाद के दौरान मुख्यमंत्री के कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में भारतीय सेना पहले से अधिक सशक्त, सक्षम और आत्मनिर्भर बनी है।

आज हमारी सेना दुश्मनों की गोलियों का जवाब गोलों से देकर देश की सीमाओं की मजबूती से रक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्व सैनिकों, उनके परिवारों तथा अमर बलिदानियों के आश्रितों के सम्मान और कल्याण के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पेंशन एवं आर्थिक सहायता सुनिश्चित की जा रही है, ताकि वीर परिवारों को हर स्तर पर सम्मान, सुरक्षा और संबल मिल सके।

देश के लिये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सैनिकों को अर्पित की श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए देश के लिये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में भी देश के लिये बलिदान की परम्परा रही है। कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुती दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिये वचनबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का मान बढ़ाया है। हमें अपने जवानों की वीरता पर गर्व है। भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य का लोहा पूरी दुनिया मानती है।
भारतीय सेना के वीर जवानों ने कारगिल में विपरीत परिस्थितियों में भी दुश्मन को भागने पर मजबूर किया था। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।