मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के प्रोजेक्ट्स को हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ पूरा करने के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों के साथ ही उनमें डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर्स, पैरामेडिकल एण्ड एन्सिलरी स्टाफ के पद सृजन आदि की प्रक्रिया भी साथ-साथ संचालित करने की हिदायत स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग एवं कार्मिक विभाग को दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह से निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों का समय पर संचालन शुरू हो पाएगा। मुख्य सचिव ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में 216 तथा पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में 216 डॉक्टर्स के पदों से सम्बन्धित स्थिति को तत्काल स्पष्ट करने के निर्देश वित्त विभाग को दिए हैं। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के प्रोजेक्ट्स को हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ पूरा करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए।
मेडिकल टूरिज्म की बेहतरीन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सीएस रतूड़ी ने पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज तथा नैनीताल के भवाली स्थित टीबी सेनेटोरियम के सम्बन्ध में एक बैठक पर्यटन विभाग के साथ आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में विधानसभा भवन में राजकीय मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ के ढांचे के गठन में राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार के सापेक्ष संख्या में कम हो रहे पदों के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई।
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के दृष्टिगत मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के मैदानी जिलों के समान ही पर्वतीय जिलों में बनने वाले मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में भी पर्याप्त संख्या में डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ तथा अन्य स्टाफ की व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश स्वास्थ्य, वित्त एवं कार्मिक विभाग को दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज से न केवल पिथौरागढ़ जनपद को बल्कि जनपद चंपावत तथा जनपद बागेश्वर व अल्मोड़ा के एक बड़े भाग की आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं मिलेगी। साथ ही पड़ोसी देश नेपाल द्वारा भी यहाँ की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने की संभावना बढ़ जायेगी। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का संचालन आरम्भ होने के बाद इसके आस-पास के क्षेत्रों में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं अन्य सम्बन्धित सुविधाओं, उद्यमों के विकास एवं स्वरोजगार के नए अवसरों की संभावनाएं भी बढ़ेगी।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को हरिद्वार जिले में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के फॉलोअप हेतु ट्रैकिंग सिस्टम बनाने, सभी गर्भवती महिलाओं की अनिवार्य प्रसवपूर्व जांच (एएनसी) करने, सभी गर्भवती माताओं का संस्थागत प्रसव करवाने के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने मातृ मृत्यु दर की दृष्टि से हाई रिस्क एरियाज में आशा वर्कर हेतु विशेष ऑरियेण्टेशन प्रोग्राम संचालित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आशा वर्कर्स के कार्यों के मूल्यांकन में मातृ मृत्यु दर को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव डा0 आर राजेश कुमार, वी. षणमुगम सहित स्वास्थ्य, वित्त, कार्मिक एवं न्याय विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

एमपी के बाद अब उत्तराखंड में भी मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होगी

उत्तराखंड के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में अगले सत्र से एमबीबीएस पाठ्यक्रम की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ ही हिंदी माध्यम में भी होगी। मध्य प्रदेश के बाद ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य होगा। इसके लिए प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पौड़ी जिले के श्रीनगर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया है। यह समिति मध्य प्रदेश सरकार के चिकित्सा महाविद्यालयों में लागू एमबीबीएस के हिंदी पाठ्यक्रम का अध्ययन कर उत्तराखंड के कॉलेजों के लिए नये पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार करेगी।
प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने बताया कि समिति द्वारा मसौदा तैयार करने के उपरांत सभी औपचारिकताएं पूरी कर अगले सत्र से प्रदेश के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा राष्ट्रभाषा हिंदी को दिए जा रहे विशेष महत्व के मद्देनजर यह निर्णय किया गया है।

मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करने की उठ रही थी मांग
रावत ने कहा कि वैसे भी प्रदेश के अधिकतर विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई हिंदी माध्यम से ही कराई जाती है। अक्सर देखने में आया है कि हिंदी माध्यम में अपनी स्कूली शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम से होने वाली मेडिकल की पढ़ाई में दिक्कत होती है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्र समय-समय पर चिकित्सा पाठ्यक्रम को हिंदी माध्यम में भी उपलब्ध कराने की मांग सरकार से करते रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा शिक्षा की समीक्षा बैठक में दिये ये निर्देश

चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं नर्सिंग कॉलेजों में चल रहे निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा किया जाय ताकि नया सत्र शुरू होने तक निर्माणाधीन शैक्षणिक भवन एवं छात्रावास बनकर तैयार हो सके। इसके लिये संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को प्रत्येक माह निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्माण कार्य पूर्ण होने पर तत्काल शासन को उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने को कहा गया है।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने आज चिकित्सा शिक्षा निदेशालय, चन्दरनगर में राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं नर्सिंग कॉलेजों में निर्माण कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक ली। रावत ने बताया कि अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, रूद्रपुर, हल्द्वानी, श्रीनगर व हरिद्वार जनपदों के नर्सिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में विभिन्न निर्माण कार्य चल रहे हैं। जिनको समय पर पूर्ण करने के लिये संबंधित जिलाधिकारियों, प्राचार्यों एवं कार्यदायी संस्थाओं को सख्त निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिये संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को प्रतिमाह कॉलेज प्रशासन व कार्यदायी संस्था के साथ बैठक कर समीक्षा के निर्देश दिये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बैठक में जनपद पिथौरागढ़ में स्वीकृत राजकीय मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू कराने तथा बेस अस्पताल का संचालन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कोविड काल के दौरान लगे कर्मचारियों को पुनः आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से पुनः तैनाती देने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। इसी क्रम में अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के लिये शेष धनराशि जारी करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये।
अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने कॉलेज के विधिवत संचालन के लिये वार्ड ब्वाय एवं सुरक्षाकर्मी सहित अन्य जरूरी कार्मिकों के पद स्वीकृत करने की मांग रखी। जिस पर विभागीय मंत्री ने प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिये। मेडिकल कॉलेज रूद्रपुर के अंतर्गत नये भवन में अस्पताल शिफ्ट करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। जबकि हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में ऑडिटोरियम का कार्य पूर्ण कर शीघ्र यूसी शासन को उपलब्ध कराने को कहा है। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में छात्रावासों की मरम्मत, बाउंड्रीवाल फेंसिंग तथा पेयजल के सुदृढ़करण का कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। इसी प्रकार जनपद हरिद्वार में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का कार्य भी शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये गये। इसके अतिरिक्त् राज्य कैंसर संस्थान हल्द्वानी, नर्सिंग कॉलेज कोटगी रूद्रप्रयाग, नर्सिंग कॉलेज बाजपुर, नर्सिंग कॉलेज श्रीनगर, जीएनएम कॉलेज रूड़की तथा स्टेट नर्सिंग कॉलेज देहरादून के भवनों के अधूरे कार्यों को भी शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश, कुलपति मेडिकल विश्वविद्यालय प्रो. हेमचंद पाण्डेय, संयुक्त निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ एमके पंत, वित्त नियंत्रक, कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी उपस्थित रहे। जबकि संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी, सीएमओ, प्राचार्य एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।