महिलाओं ने फूलो और आशीर्वाद से किया स्वागत, सीएम बोले, चम्पावत मेरी प्रेरणा है

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने विधानसभा क्षेत्र चम्पावत का सड़क मार्ग से दौरा किया। उन्होंने चम्पावत से टनकपुर तक के मार्ग में विभिन्न गांवों में रुककर ग्रामीणों से मुलाकात की और सीधा जनसंवाद स्थापित किया।

मुख्यमंत्री धामी ने अपने दौरे के दौरान मुड़ियानी, धौन, स्वाला, अमोड़ी, चल्थी, सिंयाड़ी, सूखीढांग और बस्तियां जैसे ग्राम क्षेत्रों का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, चल रहे विकास कार्यों, तथा जनसमस्याओं की जानकारी ली।

हर स्थान पर मुख्यमंत्री का स्वागत अत्यंत गर्मजोशी से किया गया। पारंपरिक वेशभूषा में सजी महिलाओं ने मुख्यमंत्री का स्वागत फूलों और मंगल गीतों के साथ किया। मातृशक्ति द्वारा दिए गए फूलों और आशीर्वाद को मुख्यमंत्री ने बड़े स्नेह से स्वीकार किया और कहा कि “यह आशीर्वाद ही मेरे कार्यों की सच्ची ऊर्जा है।” उन्होंने कहा कि चम्पावत की जनता का स्नेह और विश्वास ही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्थानों पर बच्चों से भी संवाद स्थापित किया। उन्होंने बच्चों से उनकी पढ़ाई, सपनों और करियर के बारे में पूछा तथा उन्हें मन लगाकर पढ़ने और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। मुख्यमंत्री ने कहा “आप सभी बच्चे हमारे प्रदेश का भविष्य हैं। जिस दिन आप सभी आत्मविश्वास से अपने सपने पूरे करेंगे, उस दिन उत्तराखण्ड अपने विकास के सर्वाेत्तम शिखर पर होगा।”

मुख्यमंत्री ने बच्चों को शिक्षा का महत्व समझाते हुए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि सरकार लगातार शिक्षा और कौशल विकास के लिए ठोस कदम उठा रही है।

स्थानीय उत्पादों को दिया बढ़ावा-खरीदी पहाड़ी गडेरी और अदरक
चल्थी में मुख्यमंत्री धामी एक स्थानीय दुकान पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने स्वयं स्थानीय कृषि उत्पाद-गडेरी (पहाड़ी बड़ी अर्बी) और अदरक खरीदी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार “वोकल फॉर लोकल” के संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है और हर व्यक्ति को स्थानीय उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत का हर कोना उन्हें नई ऊर्जा और प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा-“मैं स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि मुझे चम्पावत की सेवा करने का अवसर मिला है। यहाँ की जनता का स्नेह और विश्वास मेरे लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हम सब मिलकर चम्पावत को एक आदर्श विधानसभा क्षेत्र बनाएँगे।”

उन्होंने ग्रामीणों को दीपावली, धनतेरस और भैया दूज की अग्रिम बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह त्यौहार प्रदेश में सुख, समृद्धि और खुशहाली लाएँ।

मुख्यमंत्री ने अपने दौरे के दौरान ग्रामीणों के साथ विकास कार्यों, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, सिंचाई, कृषि और स्थानीय रोजगार से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनहित के सभी कार्य समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण किए जाएँ।

उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता जनता की सुविधा, सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही उनका सबसे बड़ा लक्ष्य है।

इस अवसर पर दायित्वधारी श्याम नारायण पांडे, अनिल डब्बू, शंकर कोरंगा, भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद अधिकारी, भाजपा प्रदेश मंत्री निर्मल मेहरा, जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण और बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित रहे।

भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का किया ग्राउंड ज़ीरो से निरीक्षण कर बोले सीएम, 2026 तक निर्बाध होगा मार्ग यातायात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने विधानसभा क्षेत्र चम्पावत में टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के स्वाला डेंजर जोन का स्थलीय निरीक्षण किया। इस क्षेत्र में लगातार हो रहे भूस्खलन से आमजन की आवाजाही प्रभावित हो रही थी। मुख्यमंत्री ने मौके पर पहुँचकर भूस्खलन प्रभावित पहाड़ी, मलबे की स्थिति, जल निकासी व्यवस्था तथा सड़क की स्थिरता का प्रत्यक्ष जायजा लिया।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी श्री मनीष कुमार ने मुख्यमंत्री को स्वाला भूस्खलन स्थल की भौगोलिक स्थिति, मलबे की मात्रा, जल प्रवाह की दिशा, भू-संरचना की प्रकृति तथा वैकल्पिक मार्गों की उपलब्धता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वाला क्षेत्र में स्थायी समाधान के लिए ठोस तकनीकी योजना तैयार की जाए ताकि भविष्य में इस मार्ग पर यातायात बाधित न हो। उन्होंने कहा कि 2026 तक इस मार्ग को पूर्णतः निर्बाध एवं सुचारु बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस क्षेत्र के निवासियों और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे राहत एवं पुनर्स्थापना कार्यों की मॉनिटरिंग की जाए।

उन्होंने कहा कि राजमार्ग पर मलबा हटाने हेतु पर्याप्त मशीनरी, जेसीबी, और मैनपावर हमेशा तत्पर रखी जाए ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। साथ ही वैकल्पिक मार्गों को भी पूरी तरह चालू और सुरक्षित रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने स्थानीय प्रशासन को यह भी निर्देश दिए कि मार्ग से जुड़े गांवों के लोगों को समय-समय पर अपडेट किया जाए और आवश्यकतानुसार राहत सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार ऐसी संवेदनशील स्थलों के स्थायी भू-वैज्ञानिक समाधान पर कार्य कर रही है ताकि राज्य की सड़कें हर मौसम में सुचारु बनी रहें। उन्होंने कहा कि चम्पावत-टनकपुर मार्ग क्षेत्रीय आवागमन और सीमांत इलाकों की अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा है, इसलिए इसे सर्वाेच्च प्राथमिकता के साथ विकसित किया जा रहा है।

सीएम धामी ने चंपावत में विभिन्न रामलीलाओं को किया वर्चुअल संबोधित, बोले चंपावत में तेजी से हो रहा विकास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ चंपावत सहित पूरे प्रदेश में सीधे पहुँच रहा है। चंपावत में विभिन्न मोटर मार्गाे के निर्माण और सुदृढ़ीकरण के साथ ही जाम की समस्या हल करने के लिए मल्टीस्टोरी पार्किंग्स का निर्माण कराया जा रहा है, वहीं आईएसबीटी का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। जिला अस्पताल में 20 करोड़ रुपए की लागत से 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक के साथ ही, महिला छात्रावास व आईटी लैब का कार्य भी कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चूका क्षेत्र को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत क्षेत्र के विभिन्न मन्दिरों के पुर्ननिर्माण और सौंदर्यीकरण कार्यों के साथ ही माँ पूर्णागिरी मंदिर के लिए रोपवे का निर्माण कार्य गतिमान है। चंपावत में साहसिक पर्यटन की दृष्टि से भी असीम संभावनाएं हैं, इसके विकास के लिए भी हम कार्य कर रहे हैं। इसके अलावा शारदा कॉरिडोर बनाने की हमारी विस्तृत परियोजना पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। हम पूर्णागिरि क्षेत्र में स्पिरिचुअल जॉन और ईको टूरिज्म विकसित करने के लिए भी प्रयासरत हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्पावत में विज्ञान केंद्र का निर्माण कार्य जारी है, जो नई पीढ़ी को विज्ञान और तकनीकी शिक्षा में आगे बढ़ने का अवसर देगा। साथ ही महिला प्रौ‌द्योगिकी पार्क स्थापित कर महिलाओं को रोजगार और उद्यमिता से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा श्यामलाताल झील में डेवलपमेन्ट का कार्य प्रारंभ हो चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चंपावत में विभिन्न रामलीला मंचन कार्यक्रमों को वर्चुअल सम्बोधित कर रहे थे।

सभी को शारदीय नवरात्रि की महानवमी एवं विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रामलीला का मंचन हमारी भारतीय संस्कृति की आत्मा है, ये केवल धार्मिक कथा का मंचन नहीं है, बल्कि संपूर्ण जीवन का दर्शन है। रामलीला के प्रत्येक पात्र में एक संदेश छिपा है और प्रत्येक प्रसंग हमें बताता है कि असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की सदैव विजय होती है। जब हमारे बच्चे और युवा रामलीला देखते हैं, तो वे धर्म, त्याग, सत्य, कर्तव्य और मर्यादा जैसे सनातन मूल्यों को आत्मसात करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान श्रीराम का पूरा जीवन एक अद्भुत दर्शन है और यदि हम उनके आदर्शों का अनुसरण कर अपने जीवन में कुछ कदम भी बढ़ा पाएं, तो हमारा ये जीवन सार्थक हो जाएगा। पिता की आज्ञा का पालन करते हुए 14 वर्षों तक वनवास में रहकर उन्होंने बताया कि एक पुत्र का धर्म क्या होना चाहिए।भरत को गले लगाकर उन्होंने ये बताया कि एक बड़े भाई का धर्म क्या होना चाहिए। सुग्रीव और विभीषण से मित्रता निभाकर उन्होंने ये बताया कि एक मित्र का धर्म कैसा होता है। रावण से सामना होने पर भी उन्होंने ये दिखाया कि शत्रुता के बावजूद अपने धर्म का पालन किस प्रकार करना चाहिए। और जब राम राजा बने, तब भी उन्होंने ये बताया किया कि एक राजा का असली धर्म क्या होना चाहिए। इसी कारण उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया और आज भी जब हम किसी आदर्श शासन की बात करते हैं, तो उसमें हमारी कल्पना राम राज्य की ही होती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रभु श्री राम का आदर्श जीवन हमें ये सिखाता है कि जीवन में कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्यों न हों, हमें अपने सिद्धांतों और वचनों का पालन करना चाहिए। देवभूमि उत्तराखंड का भी प्रभु श्री राम से गहरा नाता रहा है। हमारे राज्य के अनेकों तीर्थ स्थल, पर्वत और नदियाँ रामायण कालीन घटनाओं के साक्षी हैं। रावण से युद्ध के दौरान जब लक्ष्मण जी शक्ति लगने से मूर्छित हो गए थे, तब सुषेण वैद्य के निर्देश पर हनुमान जी ने चमोली जिले के द्रोणागिरी पर्वत से संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी का जीवन बचाया था। इसी प्रकार, ऋषिकेश स्थित विष्णु पर्वत पर भगवान राम के कुलगुरु महर्षि वशिष्ठ जी की तपस्थली आज भी विद्यमान है। हमारे राज्य के प्रत्येक गाँव और कस्बे में जो रामलीलाएँ मंचित होती हैं, वे केवल नाट्य प्रस्तुतियाँ नहीं बल्कि आस्था, संस्कार और शिक्षा के जीवंत विद्यालय हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष रामलीला का मंचन हमें ये स्मरण कराता है कि धर्म की विजय और अधर्म का पतन एक शाश्वत सत्य है। हमारी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यही हमें एकजुट और सशक्त बनाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कर हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने का ऐतिहासिक कार्य किया। हमारी प्रदेश सरकार अयोध्या जी की पावन भूमि पर उत्तराखंड राज्य अतिथि गृह का निर्माण करा रही है। इस अतिथि गृह में रामलला के दर्शन के लिए जाने वाले उत्तराखंड के श्रद्धालुओं के रुकने की उचित व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, हमने पौलगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का नाम बदलकर माँ सीता के नाम पर ष्सीतावनी वाइल्ड लाइफ सेंचुरीष् रखा है। यही वो पवित्र भूमि है जहां पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता सीता महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में रही थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार अपने सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित रखने हेतु भी पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। हम राज्य में विभिन्न रावण रूपी बुराइयों को समाप्त करने हेतु निरंतर प्रयासरत हैं। इसके लिए हमने जहां एक ओर प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया है, वहीं लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकताओं के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की है। लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए हमने 9 हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को लैंड जिहादियों से मुक्त कराया है। इसके साथ ही करीब 250 अवैध मदरसों को सील करने के साथ ही 500 से अधिक अवैध संरचनाओ को भी हटाने का काम हमारी सरकार ने किया है। हाल ही में हमारी सरकार ने राज्य में नया कानून लागू कर मदरसा बोर्ड को भी समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस कानून के लागू होने के पश्चात राज्य में 1 जुलाई 2026 के पश्चात से वो सभी मदरसे बंद हो जाएंगे जो हमारी सरकार द्वारा दिए गए सरकारी सेलेबस को अपने यहां नहीं पढ़ाएंगे। इतना ही नहीं, हमारी सरकार ने देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता कानून लागू कर अपने सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू करने का ऐतिहासिक कार्य भी किया है।

इस अवसर पर जिलाधिकारी चम्पावत सहित चम्पावत के विभिन्न रामलीला कमेटीयों के पदाधिकारी, बड़ी संख्या में स्थानीय जन उपस्थित थे।