प्रतीक कालिया ने कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी स्क्रीन पर देखा चुनाव परिणाम, दिखा उत्साह

भाजपाईयों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार बनने जा रही सरकार को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिला। कार्यकर्ताओं ने भाजपा जिला उपाध्यक्ष प्रतीक कालिया शर्मा के ऑफिस के बाहर हरिद्वार रोड वैष्णो प्लाजा में एलईडी लगाकर चुनाव परिणाम से लगातार अपडेट ली। साथ ही जमकर आतिशबाजी तथा मिष्ठान वितरण किया।
इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष प्रतीक कालिया ने उत्तराखंड में पांचो लोकसभा सीट जीतने पर समस्त मतदाताओं का हार्दिक आभार व्यक्त किया और साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी बार बहुमत में आने पर बधाई दी। इस अवसर पर पूर्व राज्य मंत्री संदीप गुप्ता, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष, कविता शाह, सरोज डिमरी, जिला महामंत्री दीपक धमीजा, कपिल गुप्ता, इंद्र कुमार गोदवानी, संजय व्यास, मंडल अध्यक्ष सुमित पंवार, रमेश अरोड़ा, दीपक बिष्ट, नितिन सक्सेना, जगावर सिंह, प्रवीन रावत, अभिनव पाल, जितेंद्र पाल पाठी, सोनू पांडे, जयंत शर्मा, संजीव पाल, रंजन अंथवाल, दीपक भारद्वाज आदि उपस्थित थे।

संसद में पारित कृषि विधेयकों से किसानों की दशा और दिशा में आएगा बदलाव

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को किसानों की सबसे बड़ी हितैषी बताया। संसद में सरकार द्वारा पारित कराए गए कृषि विधेयकों से किसानों की दशा और दिशा में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। इन विधेयकों में ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे किसान स्वयं अपनी उपज को अच्छी कीमतों पर मंडी में या मंडी के बाहर कहीं भी बेच सकेगा। इसमें बिचैलियों की भूमिका खत्म कर दी गई हैं। यानि जो मुनाफा किसान से बिचैलिये उठाते थे, वो पैसा अब सीधा किसान की जेब में जाएगा। इन कृषि विधेयकों से एक राष्ट्र एक बाजार की संकल्पना को मजबूती मिल रही है। किसान अब सीधे बाजार से जुड़ सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग किसानों को बरगलाने और उकसाने का काम कर रहे हैं। उनसे झूठ बोला जा रहा है। परंतु किसानों को स्वयं इन कृषि सुधारों को समझना चाहिए। उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि प्रधानमंत्री जी की सोच सदैव किसानों के कल्याण के लिए रही है। इसी सोच के साथ ये सुधार किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी जी हमेशा से किसानों के हितैषी रहे हैं। वे जब गुजारत के सीएम थे तो उन्होंने वहां किसानों के लिए 7 घंटे नियमित और निश्चित बिजली की व्यवस्था की। उन्होंने कृषि महोत्सवों की शुरूआत की। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी किसान हमेशा उनकी प्राथमिकताओं में रहे। उनकी सरकार में गांव, गरीब और किसानों का सबसे पहले ख्याल रखा गया है। वर्ष 2009 में यूपीए की सरकार में कृषि मंत्रालय का बजट केवल 12 हजार करोड़ रूपए था जो आज कई गुना बढ़ाकर 1 लाख 34 हजार करोड़ किया गया है। पहले कभी भी केंद्र सरकार एक साल में 75 हजार करोड़ रूपए किसानों के हित में खर्च नहीं कर पाई थी। लेकिन मोदी सरकार ने यह मुमकिन कर दिया। पीएम किसान योजना से अब तक 92 हजार करोड़ रूपए सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में पहुंच चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि अवसंरचना के लिए 1 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की है। इसमें मत्स्य पालन के लिए 20 हजार करोड़, पशुपालन के लिए 15 हजार करोड़, हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 1 हजार करोड़ रूपए का पैकेज स्वीकृत किया है। यूपीए के समय किसानों को 8 लाख करोड़ का कर्ज मिलता था, आज 15 लाख करोड़ का ऋण सालाना दिया जा रहा है। यूपीए के समय स्वामीनाथन आयोग ने कृषि कल्याण के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे, लेकिन उस समय इन्हें लागू नहीं किया गया। आज मोदी सरकार ने न सिर्फ स्वामीनाथन रिपोर्ट के सुझावों को लागू किया बल्कि उसमें और अधिक प्रावधान जोड़कर किसानों का हित तलाशा है।

इसी प्रकार मोदी सरकार में विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी बढ़ाया गया है। वर्ष 2015-16 में धान का एमएसपी 1410 रू प्रति कुंतल था जो आज 1925 रू प्रति कुंतल हो गया है। गेहूं की एमएसपी में रू50 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है। पहले रू1925 प्रति कुंतल थी अब रू1975 प्रति कुंतल हो गई। चने की एमसएसपी में रू 225 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई। पहले रू 4875 प्रति कुंतल थी अब रू 5100 प्रति कुंतल हो गई। जौ की एमएसपी में रू 75 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है। पहले रू 1525 प्रति कुंतल थी अब रू 1600 प्रति कुंतल हो गई। मसूर की एमएसपी में रू 300 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है। पहले रू 4800 प्रति कुंतल थी अब रू 5100 प्रति कुंतल हो गई। सरसों की एमएसपी में रू 225 प्रति कुंतल की वृद्धि हुई है। पहले रू 4425 प्रति कुंतल थी अब रू 4650 प्रति कुंतल हो गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों को दो तरफा फायदा दिया है। अगर किसान मंडी में उपज बेचता है तो उसे ऊंची एमएसपी पर कीमत मिलेगी। और मंडी से बाहर बाजार में बेचता है तो उसे ऊंची कीमत के साथ तकनीक का भी लाभ मिलेगा। इन विधेयकों से बिचैलियों की भूमिका खत्म होगी और किसान अपनी फसल को कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र होगा।