विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री ने की घोषणा, कांग्रेस सरकार में वंचित बालिकाओं को मिलेगा नंदा गौरा योजना का लाभ

विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि वर्ष 2015-16 व 2016-17 में गौरा देवी कन्याधन योजना के लाभ से वंचित बालिकाओं, जिनके आवेदन प्राप्त थे। उन्हें सरकार द्वारा योजना का लाभ दिया जाएगा।

कांग्रेस विधायक मनोज रावत द्वारा उक्त विषय को सदन के समक्ष रखा। जिस पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने सदन में जवाब दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015-16 में 11300 बालिकाएं व वर्ष 2016-17 में 21916 बालिकाएं ऐसी थी जो कन्याधन योजना के लाभ से वंचित थी। उन्होंने बताया कि कुल 33216 बालिकाओं को लाभ दिलाने के लिए मुख्यमंत्री जी ने 49.42 करोड़ की शेष धनराशि अवमुक्त करने की घोषणा की है।
मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कारनामों से वंचित रह गयी हमारी बेटियों को उक्त जनकल्याणकारी योजना का लाभ देने को हमारी प्रदेश की धामी सरकार ने विशाल हृदय दिखाया है। उन्होंने कहा कि वंचित रह गयी 33216 बालिकाओं को लाभान्वित करने को 49.42 करोड़ की धनराशि अवमुक्त करने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा सराहनीय कदम है।

कहा कि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री जो स्वयं को महिलाओं और बेटियों का हितैषी बताते नहीं थकते हैं, उनके ही कार्यकाल की करनी प्रदेश की 33216 बेटियां झेल रही थी। जिसे आज हमारी धामी सरकार ने योजना का लाभ दिलाने का निश्चय किया है।

हमारी सरकार मात्र सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस के नेताओं की तरह घड़ियाली आंसू न बहाकर सदा जनता के लिए कार्य करती है । हमारी सरकार द्वारा लिया गया आज का फैसला एक दूरगामी व दूरदृष्टि को परिलक्षित करता है। इसके लिए सरकार बधाई की पात्र है तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी का आभार यक्त करते हैं।

पात्र बालिका को निम्नानुसार दी जाएगी सहायता
1. बालिका के जन्म पर पांच हज़ार रुपए।
2. 1 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर पांच हज़ार रूपए।
3. कक्षा 8 पास करने व नवी कक्षा में प्रवेश लेने पर पांच हज़ार रूपए।
4. कक्षा 10 पास करने तथा 11वीं कक्षा में अथवा डिप्लोमा में प्रवेश लेने पर पांच हज़ार रुपए।
5. कक्षा बारहवीं पास करने एवं स्नातक अथवा डिप्लोमा में प्रवेश लेने पर पांच हज़ार रुपए।
6. डिप्लोमा अथवा स्नातक अविवाहित उत्तीर्ण करने पर 10 हज़ार रुपए।
7. बालिका के विवाह पर 16 हजार रुपये की राशि उन्हीं बालिकाओं को देय होगी जिन्होंने डिप्लोमा अथवा स्नातक उत्तीर्ण की है।

धामी ने कहा-सदन में सभी सवालों के जवाब देगी सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को विधानसभा में मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि आगामी 23 अगस्त से प्रारम्भ होने वाला विधानसभा सत्र अच्छे ढंग से संचालित हो, आम जनता से जुड़े मुद्दों पर सार्थक विचार विमर्श हो। राज्य के विकास से जुड़े विषयों पर चर्चा हो। उन्होंने उसके लिये विपक्ष से भी सहयोग की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान संचालित होने वाली कार्यवाही में पूरे मनोयोग से विभिन्न मुद्दों पर जवाब दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा राज्य हित से जुड़े विषयों पर सकारात्मक रूप से राज्य सरकार कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के काबुल में फंसे लोगों को वापस लाने के लिये राज्य सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने नागरिकों को जो वहां फंसे हैं उन्हें वापिस लाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक को जो वहां फंसे हैं उन्हें वापिस लाने का प्रयास जारी है। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से वार्ता भी की जा रही है।

स्पीकर अग्रवाल और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा के बिना होगा मानसून सत्र

इस वर्ष विधानसभा उत्तराखंड का मानसून सत्र एक ही दिन का रहेगा। कोरोना के चलते यह निर्णय लिया गया है। साथ ही इस सत्र में स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश गैर मौजूद रहने वाले है। यह दोनों की कोरोना की चपेट में है।

विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी उपसभापति रघुनाथ सिंह चैहान निभाएंगे। वहीं नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी उप नेता प्रतिपक्ष करण माहरा निभाएंगे। अब सिर्फ एक दिन का ही विधानसभा सत्र होगा। ऐसे में राज्य सरकार के पास एक ही दिन का समय है, जिसमें अध्यादेश और विधेयक लेकर आएगी और उसी दिन उन्हें पास भी कराएगी। इस सत्र में प्रशनकाल नहीं होगा।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चैहान की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने बताया कि विधानसभा का मानसून सत्र एक दिवसीय होगा। 23 सितंबर को होने वाले सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा। विपक्ष की ओर से चार विषयों पर कार्यस्थगन लाया जाएगा। शून्यकाल में नियम 300 की सूचनाएं ली जाएंगी। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान भोजनावकाश से पहले करीब 20 अध्यादेश विधेयक के रूप में पेश किए जाएंगे। भोजनावकाश के बाद इन पर चर्चा के साथ ही इन्हें पारित कराया जाएगा।