महापौर के प्रयासों से सार्वजनिक शीतला माता मंदिर हुआ पुनर्स्थापित

गंगा तट पर गूंजे शीतला माता की जयकारे। मौका था नगर निगम द्वारा नगर की हद्वय स्थली त्रिवेणी घाट पर स्थापित किए गए शीतला माता मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का। शुक्रवार की पूर्वाहन 11 बजे बैंड बाजों एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच त्रिवेणी घाट पर लोक आस्था से जुड़े शीतला माता मंदिर को पूूरी विधिपूर्वक स्थापित किया गया। इससे पहले माता की बेहद खूबसूरत मूर्ति को मंदिर में स्थापित करने से पूर्व गंगा स्नान कराया गया।
इस अवसर पर निगम महापौर अनिता ममगाई ने बताया कि निगम कार्यालय के बाहर वर्षों से स्थापित सार्वजनिक शीतला माता मंदिर अतिक्रमण अभियान की भेंट चढ़ जाने के बाद शहर की धर्म प्रेमी जनता द्वारा उनसे मंदिर निर्माण के लिए निवेदन किया गया था। जिसके बाद उन्होंने मंदिर के लिए त्रिवेणी घाट पर जगह का निरीक्षण किया और आज पूर्व घोषित कार्यक्रम अनुसार बेहद हर्ष और उल्लास के माहौल में धूमधाम के साथ नए मंदिर में शीतला माता मंदिर की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। अतिक्रमण की जद में आए शहर के अन्य मंदिरों के बारे में उन्होंने कहा कि शीतला माता मंदिर सार्वजनिक मंदिर था जिसको निगम प्रशासन द्वारा विधि पूर्वक स्थापित करा दिया गया है।

जबकि अतिक्रमण की जद में आ रहे अन्य मंदिर समिति के मंदिर है जिसके लिए मंदिर से जुड़ी समितियों की और से भूमि लेकर अन्य जगहों पर मंदिर की स्थापना करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने मां शीतला माता से कोरोना के चलते दुनिया भर में मंडरा रहे संकट को दूर करने के लिए प्रार्थना भी की। इस दौरान पूर्व राज्य मंत्री संदीप गुप्ता, पार्षद विजेंद्र मोघा, विजय बडोनी, गुरविंदर सिंह, अनिता रैना, लव काम्बोज, पवन शर्मा, रमा रावत, गुड्डी कलुढा, अनिता प्रधान, प्रिया ढकाल, राजपाल ठाकुर, मीना रावत, राहुल शर्मा, सुनील उनियाल, मदन कोठरी, अनिकेत गुप्ता, राजीव गुप्ता, हर्ष गवाड़ी, गौरव केन्थुला, राजू शर्मा, रवि शास्त्री, गंगा राम व्यास सहित देवभूमि के विभिन्न महामण्डलेश्वर, संत समाज के लोग एवं रायवाला से लेकर तपोवन क्षेत्र के माता शीतला के भक्त मोजूद रहे।
गौरतलब है कि ऋषिकेश शहर में शीतला माता का न कहीं कोई मंदिर नहीं है और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नगर ही नहीं आसपास क्षेत्रों के लोग भी समय-समय पर शीतला माता की पूजा अर्चना को धर्म नगरी में आते रहे हैं।

जनता कर्फ्यू में सहयोग जरूरी, महापौर ने नगरवासियों को दिया संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुरुवार रात राष्ट्र के नाम संबोधन में सुझाए गए कोरोना से बचाव के उपाय के बाद ‘जनता-क‌र्फ्यू’ को सफल बनाने के तहत नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने भी शहरवासियों से अपील की है। नगर निगम महापौर ने कहा कि कोरोना वायरस ने विश्वभर में भय का वातावरण पैदा कर दिया है। प्रधानमंत्री ने भी देशवासियो से कोरोना वायरस को लेकर एकजुटता दिखाते हुए सरकार का सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने इस महामारी से बचने के लिए अधिक समय घरों में ही बिताने के लिए कहा है। बाजार आदि भीड़ वाले इलाकों से बचने के लिए लोगों से अपील की है। महापौर ने इस महामारी से बचने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के पालन को बेहद जरूरी बताया। साथ ही उन्होंने अफवाहों पर ध्यान न देते हुए बचाव के साधन प्रयोग करने की सलाह भी दी। महापौर ममगाई ने कहा कि कोरोना को लेकर लोगों को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण है कि हम भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करें। घबरायें नहीं और फर्जी खबरों के जाल में न फंसे। उन्होंने नगरवासियो से कर्फ्यू के बारे में अन्य लोगों को भी जागरूक करने की अपील भी की।

नगर निगम की टीम ने मांस विक्रेताओं को नोटिस जारी किये

स्वास्थ्य अधिकारियों से जांच करवाए बिना मांस बेचने वालों पर नगर निगम का डंडा चला। इस दौरान निगम की टीम ने यहां दो मांस विक्रेताओं का चालान काटकर दस हजार रुपये जुर्माना वसूला है। साथ ही छह लोगों को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस भी जारी किया गया है।
नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग की संयुक्त टीम इंद्रा नगर स्थित मीट मार्केट पहुंची। इस दौरान सफाई निरीक्षक सचिन रावत ने मांस विक्रेताओं के लाइसेंस और नालियों का निरीक्षण लिया। इसमें अधिकांश के लाइसेंस की वैधता समाप्त पाई गई। इस पर सफाई निरीक्षक ने शीघ्र ही ऑनलाइन लाइसेंस नवीनीकरण कराने का निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने दो मांस विक्रेताओं का चालान कर दस हजार रुपये का जुर्माना वसूला। खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय तिवारी ने यहां बिक रहे मांस का परीक्षण किया। इसमें उन्होंने छह मीट विक्रेताओं को बिना मांस की जांच कराए बिक्री करने पर नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि स्लाटर हाउस में मांस कटना चाहिए। साथ ही वहीं डॉक्टरों को मांस का निरीक्षण करवाना चाहिए। उनकी लिखित सहमति के बाद ही मांस को बेचा जा सकता है। इस अवसर पर सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल भी उपस्थित थे।

अलग-अलग कूड़े का उठान और उपयोग पर कोरिया करेगा सहयोग

नगर निगम ऋषिकेश की संकरी गलियों में अब कूड़ा उठान के लिए ई-रिक्शा का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए नगर निगम प्राथमिकता पर काम कर रहा है। शुरुआती चरण में निगम क्षेत्र की गलियां और घर से गलियों के बाहर तक आने की दूरी का आंकलन किया जा रहा है। इसके बाद ही ई-रिक्शा की जरूरत का अंदाजा लग पाएगा। बृहस्पतिवार को मेयर अनिता ममगाईं ने एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) और केईआईटीआई (कोरिया एनवायरमेंट इंडस्ट्री एवं टेक्नालॉजी इंस्टीट्यूट) के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता के दौरान यह जानकारी दी। नगर निगम में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर प्री फिजिबिलिटी रिपोर्ट के लिए केईआईटीआई और एडीबी ज्वाइंट मिशन के लिए बैठक आयोजित हुई। इस दौरान तीनों नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों तथा क्षेत्र के व्यापारियों, स्कूल प्राध्यापकों आदि ने ऋषिकेश में ठोस अपशिष्ट पदार्थों को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए। बता दें कि एडीबी नगर निगम ऋषिकेश को कूड़ा प्रबंधन के लिए फंड जारी कर रहा है जबकि केईआईटीआई से सही तरह से कूड़ा प्रबंधन के लिए सुझाव लिए जा रहे हैं। बैठक में पालिकाध्यक्ष मुनिकीरेती रोशन रतूड़ी, नगर पंचायत जौंक अध्यक्ष माधव अग्रवाल, शहरी विकास विभाग से सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर रवि पांडे, एडीबी से बागेश कुमार, सैमदास गुप्ता, नगर आयुक्त चतर सिंह चैहान, अधिशासी अधिकारी पालिका मुनिकीरेती बद्री प्रसाद भट्ट, केईआईटीआई से स्यूंगडू किम, येचांम जोंग, टाडातेरु ह्यासी, ली सैंग क्यू आदि उपस्थित रहे।


पब्लिक का सहयोग होना जरुरीः प्रो. किम
कोरिया एनविरोनमेंट इंडस्ट्री एवं टेक्नालॉजी इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर व ठोस अपशिष्ट के एक्सपर्ट स्यूंगडू किम ने कहा कि कूड़ा निस्तारण की योजना को पूरा करने के लिए तीन चरण आवश्यक हैं। पहला पब्लिक का साथ, दूसरा टेक्निकल और तीसरा फाइनेंस। उन्होंने कहा कि शुरूआती दौर में छह माह तक इसका रोडमैप तैयार होगा। इसके बाद डीटीआर तैयार होगी। उन्होंने बताया कि कोरिया में नगर का कूड़ा आर्गेनिक, रिसाइकिल तथा डिस्पोजल के रूप में बनता है। वहां घरों से कूड़ा उठान के लिए कूड़ा बैग अलग-अलग साइज में दिए गए हैं। जितना बड़ा बैग होगा, उतना ही ज्यादा चार्ज होगा। उन्होंने बताया कि वहां मंडी से निकलने वाले कूड़े को तुरंत जानवरों को आहार के रूप में दिया जाता है।

सीसीटीवी कैमरों से रखेंगे नजर
पालिकाध्यक्ष ने बताया कि क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों के लिए पुलिस को 17 लाख तथा नगर पालिका को 25 लाख रुपए मिले हैं। इन सीसीटीवी कैमरों के जरिए रात में खुले में कूड़ा डालने वालों पर नकेल कसी जा रही है। इसी क्रम में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर चालान की कार्रवाई की जा रही है। रोशन रतूड़ी ने बताया कि हमारे यहां सफाई कर्मियों को समय से वेतन जारी किया जा रहा है। इससे कर्मचारियों का मनोबल हमेशा बरकरार रहता है। दूसरी ओर नगर निगम की कार्यप्रणाली पूरी तरह से लचर दिखी। यहां तमाम दावों के बावजूद न तो सड़कों से आवारा पशु हट पाए, आउटसोर्सिंग कर्मियों के बकाया वेतन का मामला भी विवादों में रहा। इसके अलावा तमाम कोशिशों के बावजूद कूड़े का निस्तारण बेहतर ढंग से नहीं हो पा रहा है।


मुनिकीरेती पालिका कूड़ा निस्तारण में अव्वल
नगर पालिका मुनिकीरेती ने स्वच्छता के मामले में नगर निगम ऋषिकेश को आइना दिखाया है। बृहस्पतिवार को निगम में हुई बैठक में पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने एडीबी और केईआईटीआई की टीम के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि उनकी पालिका क्षेत्र में प्रति परिवार को 20 रुपये में थैला दिया गया है। पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाने के लिए लोगों में चालान की कार्रवाई के जरिये भय बनाने पर काम किया जा रहा है। क्षेत्र में प्रतिदिन 12 टन कूड़ा एकत्र होता है, इसमें से आठ टन हरिद्वार भेजा जाता है, चार टन को रिसाइकिल कर गड्ढे भरने के उपयोग में लाया जा रहा है। मुनिकीरेती पालिका में प्रत्येक घर में गमला दिया गया है। इसमें गीले कूड़ा का इस्तेमाल खाद के रूप में किया जा रहा है। सूखा कूड़ा पालिकाकर्मी उठाते हैं।

सुझावों पर एक नजर…
– छोटी गलियों से कूड़ा उठान के लिए डिब्बे उपलब्ध कराए जाएं
– कूड़ा डंपिंग की व्यवस्था आबादी क्षेत्र से दूर इलाके में हो
– पॉलिथीन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए
– गंगा नदी में पूजन सामग्री न डाली जाए
– पॉलिथीन की जगह जूट के उत्पाद वितरित कर प्रचलन में लाएं
– गीला कूड़ा और सूखा कूड़ा अलग-अलग उठाया जाए
– वार्डों से कूड़ा उठान से पूर्व गोविंदनगर ट्रंचिंग ग्राउंड से कूड़ा हटाया जाए
– वैकल्पिक तौर पर आईडीपीएल कांवड़ मेला पार्किंग स्थल पर कूड़ा डंप हो
– गीले कूड़े को घर में ही खाद बनाने का हुनर सिखाया जाए
– कूड़े के प्लास्टिक से फर्नीचर बनाने का उपक्रम प्रचलन में लाया जाए