श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि हुई घोषित

विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बृहस्पतिवार 27 अप्रैल को प्रातः 7 बजकर 10 मिनट पर खुलेंगे। जबकि गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा का दिन 12 अप्रैल निश्चित हुआ। राजदरबार नरेंद्र नगर में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित धार्मिक समारोह में राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने पंचांग गणना पश्चात विधि विधान से कपाट खुलने की तिथि का विनिश्चय किया तथा महाराजा मनुजयेंद्र शाह ने कपाट खुलने की तिथि की घोषणा की।
वहीं, गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा अर्थात भगवान बदरीविशाल के अभिषेक के लिए तिलों के तेल तेल पिरोने हेतु 12 अप्रैल की तिथि निश्चित हुई। समारोह में टिहरी राजपरिवार सहित श्री बदरी-केदार मंदिर समिति, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद थे। इससे पूर्व श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधियों ने तेलकलश राज महल के सुपुर्द किया। इस अवसर पर महाराजा मनुजयेंद्र शाह, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, राजकुमारी शिरजा शाह, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, स्वामी मुकुंदानंद, नितेश चैहान, मंदिर समिति सदस्य, श्रीनिवास पोस्ती, पुष्कर जोशी, आशुतोष डिमरी, वीरेंद्र असवाल, भास्कर डिमरी, राजपाल जड़धारी, डिमरी धार्मिक पंचायत अध्यक्ष विनोद डिमरी, तथा मंदिर समिति पूर्व सदस्य हरीश डिमरी, मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, अनिल ध्यानी, भुवन चंद्र उनियाल, राधाकृष्ण थपलियाल, आरसी तिवारी, रमेश नेगी, रवीन्द्र भट्ट, प्रमोद नौटियाल, डा. हरीश गौड़, टीका प्रसाद, नरेंद्र डिमरी राजेंद्र डिमरी हेमचंद्र डिमरी अनुज डिमरी, माधव नौटियाल, आचार्य कृष्णानंद नौटियाल आदि मौजूद रहे। मंदिर समिति की ओर से बताया गया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि शिवरात्रि 18 फरवरी को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में तय होगी। अक्षय तृतीया इस वर्ष 22 अप्रैल को है श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया को खुलते है। इस संबंध में श्री गंगोत्री तथा यमुनोत्री मंदिर समिति द्वारा कपाट खुलने की तिथि और समय की घोषणा की जाएगी।

नरेन्द्रनगर राज दरबार से गाडू घड़ा रवाना

ऋषिकेश।
शनिवार सुबह 50 से अधिक सुहागिन महिलाएं पीले वस्त्र धारण कर नरेन्द्रनगर राज दरबार पहुंचीं। यहां राज पुरोहित संपूर्णानंद जोशी ने पूजा-अर्चना की। इसके बाद टिहरी की सांसद महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह की अगुवाई में ढोल-दमाऊ की थाप पर महिलाओं ने सिलबटे पर पीसकर तिल का तेल का पिरोया। देर शाम आठ बजे गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा राज दरबार से बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुई।
इस मौके पर महाराजा मनुजयेंद्र शाह, प्रतापगढ़ की पूर्व सांसद और महारानी की ननद राजकुमारी रत्ना सिंह, व्यवसायी चंद्रवीर पोखरियाल के साथ ही श्री बदरीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के शरद कुमार डिमरी, बुद्धि प्रकाश डिमरी, ऋषि कुमार डिमरी, अरविंद डिमरी, ज्योतिष डिमरी, हेमचंद डिमरी आदि मौजूद रहे। तेल पिरोने वाली महिलाओं में पालिकाध्यक्ष नरेन्द्रनगर दुर्गा राणा, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल की पत्नी सुमन उनियाल, सरिता जोशी, दिगंबरी रयाल आदि शामिल रहीं।

कब कहां पहुंचेगा गाडू घड़ा
गाडू घड़ा ऋषिकेश चेला चैतराम धर्मशाला में रात्रि विश्राम के बाद 23 अप्रैल को श्रीनगर के लिए रवाना होगा। यहां रात्रि विश्राम के बाद 24 अप्रैल को डिमर गांव पहुंचेगा। यहां एक सप्ताह तक लक्ष्मी नारायण मंदिर में रहेगा। तीन मई को यहां से जोशीमठ के लिए रवाना होगा। चार को पांडुकेश्वर और पांच मई को कपाट खुलने से बदरीनाथ धाम पहुंचेगा।