होटल कारोबार को तात्कालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह का लाभ मिलना तय

राष्ट्रीय खेलों से खेल विकास की प्रबल संभावनाओं के बीच होटल इंडस्ट्री भी झूम उठी है। दून-हरिद्वार से लेकर खटीमा-पिथौरागढ़ तक के होटल राष्ट्रीय खेलों के लिए आरक्षित हो गए हैं। उत्तराखंड के 12 शहरों में खिलाड़ियों और अन्य तमाम लोगों को रूकवाने की व्यवस्था की गई है। होटल इंडस्ट्री की बेहतरी के लिए इस स्थिति को शुभ संकेत माना जा रहा है। उत्तराखंड के होटल कारोबारी उत्साहित हैं। तात्कालिक लाभ तो उन्हें मिल ही रहा है, दीर्घकालिक लाभ की भी वे उम्मीद कर रहे हैं।

38 वें राष्ट्रीय खेलों में दस हजार से ज्यादा खिलाड़ी उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। खेलों से संबंधित अन्य अफसर व स्टाफ अलग हैं। इन सभी के लिए राष्ट्रीय खेल सचिवालय के स्तर पर होटलों में रूकने का इंतजाम कराया गया है। इसके अलावा, जिस तरह की सूचनाएं मिल रही हैं, उसमें खिलाड़ियों के रिश्तेदार व अन्य लोग भी अपने स्तर से होटलों में कमरों की बुकिंग करा रहे हैं। उत्तराखंड में कड़कड़ाती सर्दी के बीच राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होटल इंडस्ट्री को गरमी प्रदान कर रहा है। भीमताल-टनकपुर के होटल कारोबारी हों या फिर कोटी कालोनी टिहरी के होटल व्यवसायी, राष्ट्रीय खेलों की वजह से सबकी आंखों में चमक आ रही है।

हल्द्वानी होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज जायसवाल का मानना है कि राष्ट्रीय खेल होटल वालों के लिए भी बड़ा अवसर है। हम मेहमानों को अच्छी सर्विस देंगे, ताकि वे अच्छी स्मृतियां लेकर उत्तराखंड से जाएं और हमारे होटलों का नाम पूरे देश तक फैले। दून होटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजेश भारद्वाज को राष्ट्रीय खेलों से होटल इंडस्ट्री को तात्कालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह के फायदे मिलते दिखते हैं। भारद्वाज का कहना है कि इस आयोजन से होटल इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी।

होटलों में कमरों की स्थिति

शहर आवश्यकता
देहरादून 2431
हल्द्वानी 1221
हरिद्वार 556
रुद्रपुर 553
शिवपुरी ऋषिकेश 402
कोटी कालोनी टिहरी 226
अल्मोड़ा 147
पिथौरागढ़ 129
नैनीताल 113
खटीमा 118
टनकपुर 85
भीमताल 62

राष्ट्रीय खेलों का आयोजन न सिर्फ खेलों, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी उत्तराखंड को आगे बढ़ाने वाला साबित होगा। यह आयोजन हम सभी का है। हमारी कोशिश है कि देशभर से आने वाले खिलाड़ी उत्तराखंड में आकर अच्छा अनुभव करें। उत्तराखंड के हर एक व्यक्ति से अपील है कि वे राष्ट्रीय खेलों में अपना-अपना योगदान सुनिश्चित करें।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

राष्ट्रीय खेलों से उत्तराखंड की होटल इंडस्ट्री को देशभर में एक्सपोजर मिलेगा। इसके दीर्घकालिक फायदे में ज्यादा देखता हूं। सबसे अहम बात राष्ट्रीय खेलों का उत्तराखंड में होना है। ऐसे में इंडस्ट्री से जुड़े हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि देशभर से आने वाले लोगों को वह अच्छी सेवाएं दें। ताकि पूरे देश में उत्तराखंड का नाम हो।
– पंकज गुप्ता, अध्यक्ष, इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड।

राष्ट्रीय खेलों से छात्र-छात्राओं को जोड़ने के लिए युवा दिवस से पहल

38 वें राष्ट्रीय खेलों की गतिविधियां जिन भी शहरों में प्रस्तावित है, वहां पर छात्र-छात्राओं को इससे जोड़ने के लिए पहल की जा रही है। युवा दिवस यानी 12 जनवरी से प्रचार के आठ कंटेनरों को स्कूल-कॉलेजों के लिए रवाना किया जा रहा है। छात्र-छात्राएं इस प्रचार कंटेनरों के माध्यम से खेल मुकाबले के लिए अपनी सीट बुक करा सकेंगे। राष्ट्रीय खेल देखने के लिए निःशुल्क प्रवेश की व्यवस्था है।
उत्तराखंड अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष में इस बार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कर रहा है। राष्ट्रीय खेल 28 जनवरी से लेकर 14 फरवरी तक प्रस्तावित हैं। देहरादून के अलावा हरिद्वार, शिवपुरी-ऋषिकेश, कोटी कालोनी टिहरी, नैनीताल, रूद्रपुर, खटीमा, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जैसी जगहों पर विभिन्न खेलोें की प्रतियोगिताएं होनी हैं। राष्ट्रीय खेल सचिवालय तैयारियों में जुटा पड़ा है। कोशिश ये ही है कि हर वर्ग को इस आयोजन से परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से जोड़ा जाए। छात्र-छात्राओं को इस आयोजन से जोड़ने के लिए अब युवा दिवस के मौके को चुना गया है।

विशेष प्रमुख खेल सचिव और राष्ट्रीय खेल सचिवालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा के अनुसार-प्रचार के आठ कंटेनर 12 जनवरी से विभिन्न स्कूल-कॉलेजों में छात्र-छात्राओं के बीच पहुंचेगे। इस दौरान क्यू आर कोड के जरिये छात्र-छात्राएं अपनी सीट भी बुक करा सकेंगे।

हम 38 वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के साथ सभी वर्गों का जुड़ाव चाहते हैं। राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करना हमारे लिए गौरव का विषय है। सभी खेल मुकाबलों में प्रवेश निशुल्क रखा गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस महा आयोजन के गवाह बन सके। मैं छात्र-छात्राओं और युवाओं से खास तौर पर अपील करूंगा कि वह इस आयोजन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

अगले वर्ष जनवरी में 38वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन होगा

38वें राष्ट्रीय खेल 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक उत्तराखण्ड में होंगे। 25 अक्टूबर 2024 को प्रस्तावित भारतीय ओलंपिक संघ की आम सभा की बैठक में इसका पूरा कार्यक्रम जारी किया जायेगा। राष्ट्रीय खेलों के साथ ही विंटर नेशनल गेम का आयोजन भी उत्तराखण्ड में किया जायेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष डॉ. पी.टी उषा से भेंट की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि उत्तराखण्ड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की जिम्मेदारी मिली है, इसके लिए उन्होंने भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष डॉ. पी.टी उषा का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें श्री बद्रीनाथ और श्री केदारनाथ के दर्शन के लिए भी आमंत्रित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए उत्तराखण्ड पूरी तरह से तैयार है। राष्ट्रीय खेलों के लिए राज्य में काफी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनकर तैयार है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन भव्य तरीके से किया जायेगा। जिन राज्यों में पिछले राष्ट्रीय खेल हुए हैं, उनके अनुभवों के आधार पर भी राज्य में और अच्छे तरह से खेलों के आयोजन के लिए कार्य किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि उत्तराखण्ड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों का आयोजन अभी तक हुए राष्ट्रीय खेलों से बेहतर हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों की अच्छी व्यवस्था के साथ ही खिलाड़ियों और देश भर से आने वाले लोगों के लिए उत्तराखण्ड में होने वाले राष्ट्रीय खेल में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेल के आयोजन से यहां के लोगों का मनोबल और प्रोत्साहन भी बढ़ेगा। उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय खेलों के माध्यम से एक अच्छा मंच मिलेगा। हमारे उदीयमान खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अच्छा अवसर मिलेगा।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा एवं स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा भी उपस्थित थे।

प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगें शपथ भारद्वाज

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देहरादून।
मुख्यमंत्री हरीश रावत से अंतर्राष्ट्रीय ट्रैप शूटर शपथ भारद्वाज ने भेंट की। मुख्यमंत्री रावत ने शपथ को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा से प्रदेश का नाम रोशन करने के लिये बधाई दी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
उन्होंने कहा कि जब हमारे प्रतिभावान खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो प्रसन्नता होती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हमारे ये युवा खिलाड़ी अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खेलों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जा रहा है। राज्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल स्टेडियमों के साथ ही ग्रामीण व संस्थागत स्तर पर खेलों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि वर्ष 2018 में प्रदेश में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में हम अधिक से अधिक पदक प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को राज्य स्तर पर अनेक सुविधाएं मुहैय्या कराई जा रही है।
पूर्व राज्यमंत्री नारायण सिंह राणा ने बताया कि शपथ भारद्वाज को वर्ष 2014 में 12 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय टीम में चुना गया। इस समय शपथ टीम में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे। इन्होंने 13 वर्ष की आयु में केरल में आयोजित 35वें राष्ट्रीय खेलों में नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। इटली में हुए 13वें अंतर्राष्ट्रीय ग्रांड प्रिक्स जूनियर्स में दो गोल्ड मेडल (टीम व व्यक्तिगत रूप से) जीते। जर्मनी में हुए जूनियर वर्ल्ड कप 2016 में इन्होंने सबसे कम उम्र के खिलाड़ी के रूप में प्रतिभाग करते हुए 14वीं रैंक हासिल की। 12 वर्ष की आयु में डबल ट्रैप स्पर्धा में सबसे कम उम्र के राज्य चौम्पियन का दर्जा हासिल किया। इस अवसर पर शपथ के माता-पिता भी मौजूद थे।