सीएम धामी ने साइकिलिंग पदक विजेताओं को मेडल देकर दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 38वें राष्ट्रीय खेल के अंतर्गत रुद्रपुर के स्पोर्ट्स स्टेडियम वेलोड्रोम में साइकिलिंग पदक विजेताओं को मेडल प्रदान कर शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री ने मनोज सरकार स्पोर्टस स्टेडियम में 38वें राष्ट्रीय खेलों के अन्तर्गत शिवालिक वेलोड्रम मे ट्रैक साइकिलिंग प्रतियोगिता को दर्शक दीर्घा से देखा। उन्होंने वेलोड्रम पहुंचकर खिलाड़ियो से परिचय प्राप्त कर ट्रैक पर साइकिलिंग भी की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पुरूष वर्ग के टीम परस्यूट डिस्टेंस 4000 मीटर प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता सर्विसेज स्पोर्टस कंट्रोल बोर्ड, रजत पदक विजेता पंजाब व कांस्य पदक विजेता राजस्थान को मैडल व पहाड़ी टोपी पहनाकर सम्मानित किया। इसके उपरान्त मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों के साथ भोजन किया व खिलाड़ियों के लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में खिलाड़ियों से जानकारी ली जिस पर खिलाड़ियो ने सभी प्रकार की व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 38वें राष्ट्रीय खेलों का देहरादून से शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि खेल के शुभारम्भ होने के दिन से ही पूरे प्रदेश में एक उत्साह का माहौल है। इस राष्ट्रीय खेल की प्रतियोगिताओं के संचालन के लिए लगभग 20 हजार लोगों द्वारा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपना योगदान दिया जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हो रही प्रतियोगिताओं की व्यवस्थाओं पर मुख्यमंत्री अधिकारियों से लगातार अपडेट ले रहे हैं और स्वयं जाकर भी व्यवस्थाओं को देख रहे हैं। सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि खिलाड़ियों के लिए हर संभव सुविधाएं उपलबध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश के खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी बेहतर देखने को मिल रहा है, अभी तक लगभग 33 मैडल उत्तरखण्ड के खिलाड़ियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में हासिल किये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर बने वेलोड्रम की सराहना देशभर से आने वाले खिलाड़ी कर रहे है। प्रदेश में अनेक स्थानों पर बहु उद्देशीय हॉल का भी निर्माण किया गया है, खटीमा के चकरपुर में भी मलखम्ब, टनकपुर में राफ्टिंग की प्रतियोगिता आयोजित होनी है। पूरे प्रदेश में 11 विभिन्न स्थानों पर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही हैं, जो अपने आप में बहुत शानदार आयोजन है। उत्तराखण्ड में हो रही ये खेल प्रतियोगिताएं निश्चित रूप से हमारे प्रदेश के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का काम करेंगी और खिलाड़ी खेल के क्षेत्र में अपना शानदार भविष्य बनायेंगें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा इस राष्ट्रीय खेल का शुभारम्भ हुआ था और 14 फरवरी को हल्द्वानी में गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के द्वारा इसका समापन किया जायेगा।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने 46वीं वाहिनी पीएसी में पहुंचकर शॉटगन और स्कीट प्रतियोगिता का विधिवत फीता काटकर व पूजा अर्चना कर खेल शुभारम्भ की घोषणा की। उन्होने शॉटगन से टैप शूटिंग भी की। इस दौरान उन्होने खिलाड़ियों से मिलकर अग्रिम शुभकामनाऐं दी।

इस दौरान विधायक शिव अरोरा, दर्जामंत्री अनिल कपूर डब्बू, उत्तम दत्ता, नवनिर्वाचित मेयर विकास शर्मा, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिन्दल, जिला महामंत्री अमित नारंग, पूर्व मेयर रामपाल सिंह, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार उपस्थित थे।

सीएम ने राष्ट्रीय खेल के समापन समारोह से पूर्व तैयारियों का किया स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी स्थित गौलापार स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित हो रहे 38 वें राष्ट्रीय खेलों की विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्टेडियम में उत्तराखंड एवं दिल्ली के मध्य खेले गए फुटबॉल सेमीफाइनल मैच में खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर फुटबॉल मैच का अवलोकन भी किया। साथ ही खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते हुए उत्साहवर्धन किया।

मुख्यमंत्री ने 14 फरवरी को हल्द्वानी में होने वाले राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह की पूर्व तैयारियां का स्थलीय निरीक्षण करते हुए अधिकारियों के साथ बैठक कर समापन समारोह की तैयारियों की समीक्षा की तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा राज्य के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है इस समापन कार्यक्रम को भव्यता से सम्पन्न करना है। ताकि लोग हमेशा इसे अपने दिलों में याद रखे। उन्होंने कहा इस कार्यक्रम को आमजन की सहभागिता से सफल बनाया जाए। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा, दर्शक दीर्घा, और अन्य सभी सुविधाओं के विशेष ध्यान रखा जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के लिए यह गर्व की बात है जिस तरीके से खेलों का भव्य शुभारंभ प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है, उसी प्रकार भव्य समापन समारोह भी आयोजित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समापन समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त कर चुके महानुभाओं, साहित्यकारों, समाजसेवियों, मीडिया जगत से जुड़े बुद्धिजीवियों आदि को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या न हो इस हेतु सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद हों। उन्होंने कहा हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए भी राष्ट्रीय खेल मील का पत्थर साबित होने वाली है। उन्होंने कहा राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी प्रतिभागी खिलाड़ी व खेलों से जुड़े हर एक व्यक्ति देवभूमि उत्तराखंड से अच्छा अनुभव लेकर जाएं। सभी आयोजन स्थलों में खिलाड़ियों और आगंतुकों को हर संभव सुविधा प्रदान करने के प्रयास किए गए हैं।

बैठक में निदेशक खेल प्रशांत कुमार आर्या द्वारा खेल विभाग द्वारा राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह हेतु की जा रही विभिन्न व्यवस्थाओं व कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी।

इस अवसर पर दर्जा राज्यमंत्री डॉ अनिल कुमार डब्बू, दिनेश आर्या विधायक लालकुआं डॉ मोहन सिंह बिष्ट, विधायक कालाढूंगी बंशीधर भगत, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, आयुक्त कुमाऊं व सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत, आईजी डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, जिलाधिकारी वंदना, पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा सहित विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ी, प्रशिक्षक, दर्शक जनप्रतिनिधि गणमान्य नागरिक आदि उपस्थित रहे।

सीएम ने किया देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेल-2025 के अन्तर्गत आयोजित बैडमिंटन प्रतियोगिता का अवलोकन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेल-2025 के अन्तर्गत आयोजित बैडमिंटन प्रतियोगिता का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विजेता खिलाडियों को मेडल पहनाकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों से मुलाकात कर उनका उत्साहवर्धन भी किया।

38वें राष्ट्रीय खेल के अंतर्गत उत्तराखंड के सूर्यांश रावत एवं तमिलनाडु के सतीश कुमार के बीच मेन्स सिंगल बैडमिंटन प्रतियोगिता का फाइनल मैच खेला गया। जिसमें 21/21 , 21/17 से तमिलनाडु के सतीश कुमार ने विजय प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने मेन्स सिंगल बैडमिंटन प्रतियोगिता के विजेता तमिलनाडु के सतीश कुमार को गोल्ड, दूसरे स्थान पर आए उत्तराखंड के सूर्यांश रावत को सिल्वर मेडल पहनाकर सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने जाने, खिलाड़ियों के अनुभव

मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों से बातचीत कर 38वें राष्ट्रीय खेलों के बारे में उनके अनुभव भी जाने। खिलाड़ियों ने उत्तराखंड के नैसर्गिक सौंदर्य की जमकर तारीफ की।

मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर , खुश नजर आए खिलाड़ी

मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर खिलाड़ी एवं अन्य वालंटियर बेहद खुश नजर आए। उन्होंने मुख्यमंत्री का गरजोशी से स्वागत किया।

38वें राष्ट्रीय खेल आयोजित करना राज्य के प्रत्येक नागरिक के लिए सौभाग्य की बात

मुख्यमंत्री ने कहा कि 38 वे राष्ट्रीय खेलों का आयोजित करना, हमारे राज्य के प्रत्येक नागरिक के लिए सौभाग्य की बात है। हमारा राज्य अब देवभूमि के साथ खेल भूमि के रूप में भी जाना जाएगा। उन्होंने कहा राष्ट्रीय खेलों को लेकर राज्य भर में खेलों की अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिये महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। कई खेल मैदानों को विकसित किया गया है। इससे भविष्य में भी खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों से राष्ट्रीय खेलों का अवलोकन कर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा हम युवाओ को अधिक से अधिक खेलों की ओर आगे बढ़ना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं पारम्परिक लोक संस्कृति, खानपान से भी देश भर के खिलाडी परिचित हो रहे हैं।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सीएम ने नेशनल गेम्स की तैयारियों की जानकारी लेकर खिलाड़ियों को परोसा भोजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली से देहरादून आते ही रायपुर स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम में 38वें राष्ट्रीय खेलों की विभिन्न व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भोजन व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। उन्होंने खिलाड़ियों को भोजन परोसा और खिलाड़ियों के साथ बैठकर भोजन भी किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न खेल स्पर्धाओं में भाग ले रहे अनेक राज्यों खिलाड़ियों से बात कर उनका हौंसला भी बढ़ाया। इस अवसर पर उन्होंने शूटिंग रेंज का अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों की अच्छी शुरुआत हुई है राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी खिलाड़ी देवभूमि उत्तराखंड से अच्छा अनुभव लेकर जाएं। खिलाड़ियों और आगंतुकों को हर संभव सुविधा प्रदान करने के प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेल का अनुभव राज्य के लिए काफी कारगर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर राज्य के खिलाड़ियों को वहां के खानपान के हिसाब से भोजन व्यवस्था देने के प्रयास किए गए हैं।

मुख्यमंत्री राष्ट्रीय खेल की हर पल अपडेट अधिकारियों से ले रहें हैं और स्वयं विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे हैं।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, खेल निदेशक प्रशांत आर्य, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह मौजूद थे।

उत्तराखंड हरित पहल की ओर, राष्ट्रीय खेलों के पदक विजेताओं के नाम पर रूद्राक्ष के 1600 पेड़ लगेंगे

महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के समीप स्थित वन विभाग की 2.77 हेक्टेयर जमीन को जल्द नई पहचान मिलने जा रही है। यह पहचान खेल वन के रूप में होगी। राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने वाले 1600 खिलाड़ियों के नाम से यहां पर रूद्राक्ष के पेड़ लगाए जाएंगे। राष्ट्रीय खेल सचिवालय की दस फरवरी को यहां पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर ग्रीन गेम्स का प्रभावी संदेश देने की तैयारी है।

38वें राष्ट्रीय खेलों की थीम ग्रीन गेम्स की रखी गई है। उत्तराखंड सरकार ने हरित पहल करते हुए राष्ट्रीय खेलों में कई कदम ऐसे उठाए हैं, जिनकी पूरे देश में चर्चा हो रही है। इस क्रम में पदक विजेता खिलाड़ियों के सम्मान में उनके नाम से पौधा रोपने का कार्यक्रम भी शामिल है। राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड सरकार की हरित पहल की सराहना की थी।

खेल वन जिस जगह पर विकसित किया जाना है, उसे आज-कल तैयार किया जा रहा है। दस फरवरी को यहां पर आयोजित कार्यक्रम में खेल वन का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। आज-कल इस पूरे इलाके की तारबाड़ की जा रही है, ताकि जब यहां पर पेड़ लगा दिए जाएं, तो उसकी सुरक्षा भी हो सके।

चौंपियन हमें प्रेरित करते हैं
खेल वन के लिए जो बड़ा बोर्ड तैयार कराया जा रहा है, उसमें यह लाइनें खास तौर पर उकेरी जा रही है-चौंपियनस इंस्पायर अस, दियर लेगेसी ब्लूम्स इन एवरी ट्री वी प्लांट। राष्ट्रीय खेल सचिवालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा का कहना है कि यहां लगाए जाने वाले हर पेड़ से हमारी स्मृतियों में विजेताओं का सुनहरा प्रदर्शन ताजा रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से हम ग्रीन गेम्स की थीम पर राष्ट्रीय खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन कर रहे हैं। हमने हरित पहल करते हुए कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे दूर-दूर तक पर्यावरण संरक्षण का संदेश जाएगा। खेल वन इस कड़ी में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

उत्तराखंडः मास्टर्स एथलीटों का कुन्नमकुलम केरल में शानदार प्रदर्शन लगातार जारी

छठी राष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटिक मीट का कुन्नमकुलम केरल में 31 जनवरी से 3 फरवरी तक राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें पूरे देश से 22 राज्यों के 35 वर्ष से 85 साल से अधिक तक के लगभग 1500 मास्टर्स पुरुष और महिला खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं।

आज की प्रतियोगिता में देवभूमि मास्टर्स एथलेटिक एंड स्पोर्ट्स डेवलपमेंट एसोसिएशन के 45 सदस्य दल ने 11 गोल्ड, 5 सिल्वर एवं 03 कांस्य पदक प्राप्त किए।

विभिन्न आयु वर्ग में सुमित शाह, घनानंद पांडे, घनश्याम पांडे, सतीश चंद चौहान, ललित चन्द्र जोशी, राजेंद्र प्रसाद जोशी, दीपक नेगी, भावना गढ़िया, मीना कंडारी, नीमा बिष्ट, स्वाति पोखरियाल, माला शर्मा ने स्वर्ण पदक तथा सिल्वर पदक प्राप्त करने वालों में दीपक नेगी जीएन पंत, यशोदा कांडपाल, सबल सिंह बिष्ट, तथा कांस्य पदक अर्चना बिष्ट, घनानंद पांडेय, सुभाष चंद्र भट्ट ने प्राप्त कर उत्तराखंड राज्य का नाम रोशन किया।

इस अवसर पर देवभूमि मास्टर्स एथलीट एंड स्पोर्ट्स डेवलपमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष एके सूद, संरक्षक धर्मेंद्र कुमार भट्ट, राष्ट्रीय कोच गुरुफूल सिंह, मीडिया प्रभारी जितेन्द्र कुमार गुप्ता टीम के साथ गए महासचिव सतीश चंद्र चौहान, सचिव ललित चंद जोशी सहित अनेक खेल प्रेमियों बधाई प्रेषित की है।

उत्तराखंडः राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों को पसंद आ रही रही फैन पार्क और मौली संवाद पहल

राष्ट्रीय खेलों के सबसे प्रमुख केंद्र महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में फैन पार्क और कॉन्क्लेव प्वाइंट आस-पास ही हैं। एक जगह खिलाड़ियों की थकान मिटाने के इंतजाम हैं, तो दूसरी जगह मोटिवेशन की वो धारा है, जो नए खिलाड़ियों को राह दिखाने वाली है। अपने मैच खत्म हो जाने या फिर खाली समय में खिलाड़ी दोनों ही जगह मौजूद दिख रहे हैं। चाहे वो फैन पार्क हो या फिर मौली संवाद कान्क्लेव खिलाड़ी दोनों ही पहल को पसंद भी कर रहे हैं।

फैन पार्क में खिलाड़ियों का धूम धड़क्का
शूटिंग के मैच खत्म होने के बाद फैन पार्क पहुंची छत्तीसगढ़ की श्रुति यादव वहां बज रहे गिटार की धुन को इन्ज्वॉय करती दिखीं। बातचीत में श्रुति ने कहा-उत्तराखंड के इंतजाम अच्छे हैं। वह बताती हैं-छत्तीसगढ़ की शूटिंग टीम पहली बार नेशनल खेल रही हैं। फैन पार्क की पहल को वह अच्छा बताती हैं। वैसे, फैन पार्क में हर समय गिटार की मधुर धुन ही नहीं है, डीजे का धूम धड़क्का भी है, जिसमें खिलाड़ी और उनके साथ आए लोग नाच-झूम रहे हैं। मैच देखने के लिए आने वाले खेल प्रेमियों के लिए भी यहां एंट्री है।

मौली संवाद में खिलाड़ी जान रहे अहम बातें
नेशनल स्पोर्ट्स विजन कॉन्क्लेव में 30 सत्रों की श्रृंखला 12 फरवरी तक चलनी हैं। इस कॉन्क्लेव को राष्ट्रीय खेल के शुभंकर मौली से जोड़ते हुए मौली संवाद नाम दिया गया है। यहां पर खिलाड़ियों को खेल विकास और उससे जुड़ी तमाम अन्य बातों की जानकारी देने की व्यवस्था की गई है। 50 विशेषज्ञों का पैनल तैयार है। जानी मानी एथलीट रह चुकीं अंजू बॉबी जार्ज और भारतीय हॉकी की कप्तान रानी रामपाल और संग्राम सिंह के टिप्स से इस सीरीज का आगाज हो चुका है। खिलाड़ियों को मोटिवेशन सपोर्ट, मेडिकल, न्यूट्रिशन, इंजरी से उबरनेे, डोपिंग समेत तमाम अन्य बिंदुओं पर टिप्स देने के लिए रोजाना सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। पंजाब की वुशु टीम के खिलाड़ी हरप्रीत व शिवम ने कहा-यह आयोजन खिलाड़ियों की बेहतरी से जुड़ा है।

चार जगह और संचालित हो रहे फैन पार्क
राष्ट्रीय खेलों में भाग ले रहे खिलाड़ियों के मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार, हल्द्वानी व रूद्रपुर में भी फैन पार्क संचालित किए जा रहे हैं। इन तीनों ही जगहों पर राष्ट्रीय खेल आयोजित किए जा रहे हैं। नैनीताल में कोई खेल इवेंट नहीं होनी है, लेकिन पर्यटन नगरी में राष्ट्रीय खेल के प्रचार की दृष्टि से वहां भी फैन पार्क चलाया जा रहा है।

कॉन्क्लेव में 12 को आएंगी मुक्केबाज निखत जरीन
कॉन्क्लेव में 12 फरवरी को भारतीय स्टार मुक्केबाज निखत जरीन आएंगी। इसके अलावा, जानी मानी एथलीट रह चुकी अश्विनी नचप्पा, चक दे इंडिया फेम पूर्व हॉकी खिलाड़ी मीर रंजन नेगी समेत कई विशेषज्ञों केे भी कॉन्क्लेव में कार्यक्रम तय किए गए हैं। देहरादून में यह कॉन्क्लेव 12 फरवरी तक आयोजित की जाएगी। 11 फरवरी को एक दिन हल्द्वानी में भी कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी।

राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ी अपना बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके मनोरंजन और ज्ञानवर्धन के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ताकि उन्हें हर लिहाज से एक अच्छा वातावरण मिले और वह खेलों में आगे बढ़ सकें।
-नीरज गुप्ता, नोडल अधिकारी, गेम्स ऑपरेशन।

हमारी कोशिश है कि देशभर से आए खिलाड़ी देवभूमि उत्तराखंड से बहुत अच्छे अनुभव लेकर के जाएं। इसी अनुरूप तमाम तरह की व्यवस्था की गई हैं। हम चाहते हैं कि राष्ट्रीय खेल सभी खिलाड़ियों के विकास में सहायक साबित हों।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में स्पोर्ट़स इकोनॉमी की भी रहेगी अहम भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरक संबोधन और आधिकारिक उद्घोषणा के साथ ही मंगलवार शाम से उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग शुभारंभ हो गया है।
मंगलवार शाम को देहरादून में राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड आज युवा ऊर्जा से और भी दिव्य हो उठा है, बाबा केदार, बद्रीनाथ जी, मां गंगा के शुभाशीष के साथ आज यहां नेशनल गेम्स शुरू हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये वर्ष उत्तराखंड के निर्माण का 25वां वर्ष भी है, इस खास अवसर पर इस युवा राज्य में देश के अलग- अलग हिस्सों से आए, हजारों युवा अपना सामर्थ्य दिखाने वाले हैं। इससे यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की सुंदर तस्वीर नजर आ रही है। प्रधानमंत्री ने शानदार आयोजन के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी टीम को बधाई दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब देश में सालभर कई खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं, खेलो इंडिया सीरीज में कई सारे नए टूर्नामेंट जोड़े गए हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स की वजह से युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिला है। इसी तरह यूनिवर्सिटी गेम्स और पैरा ओलंपिक गेम्स से भी मौके बढ़े हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले लद्दाख में खेलो इंडिया विंटर गेम्स का पांचवां संस्करण शुरु हुआ है। पिछले साल ही बीच गेम्स का भी आयोजन किया। सरकार के साथ ही भाजपा सांसद भी सांसद निधि से खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि अकेले काशी संसदीय क्षेत्र में आयोजित हो रही खेल प्रतियोगिता में हर साल करीब ढाई लाख युवाओं को खेलने का मौका मिल रहा है।

खेल से बढ़ती है देश की प्रोफाइल
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई देश खेल में आगे बढ़ता है तो, देश की साख और प्रोफाइल भी बढ़ती है। इसलिए सरकार खेल को विकास से जोड़कर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी बडी आर्थिक शक्ति बन रहा है तो इसमें स्पोर्ट्स इकोनॉमी का भी अहम योगदान होने जा रहा है। इससे खिलाड़ी ही नहीं बल्कि सहायक स्टॉफ से लेकर मैन्यूफैक्चर तक जुड़े होते हैं। उन्होने कहा कि भारत खेल सामग्री उत्पादन का हब बनता जा रहा है। अकेले मेरठ में खेल सामग्री निर्माण की 35 हजार से अधिक यूनिट हैं, जहां तीन लाख लोग काम कर रहे हैं।

पीएम यानि परम मित्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दिनों उनसे मिलने ओलंपिक टीम के सदस्य आए थे, उस दौरान एक खिलाड़ी ने पीएम की नई परिभाषा बताई, जिसके अनुसार खिलाड़ी पीएम को प्राइम मिनिस्टर नहीं बल्कि परम मित्र कह कर बुलाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दस साल में खेल का बजट तीन गुना बढ़ गया है, टॉप स्कीम के तहत दर्जनों खिलाड़ियों पर सैकडों करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है। देशभर में आधुनिक खेल सुविधाओं का विकास हो रहा है। देश की पहली खेल यूनिवर्सिटी मणिपुर में है। सरकार के प्रयासों का असर पदक तालिका के रूप में नजर आ रहा है। देश के साथ ही उत्तराखंड के खिलाड़ी भी मैडल जीत रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हॉकी के गौरवशाली दिन वापस लौट रहे हैं। कुछ दिन पहले ही खो – खो टीम ने वर्ल्ड कप जीता है। अब युवा खेल को प्रमुख कैरियर के रूप में अपना रहे हैं।

2036 में ओलंपिक आयोजन का प्रयास
प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे हमारे खिलाड़ी हमेशा बड़े लक्ष्य लेकर चलते हैं, वैसे ही हमारा देश भी बडे संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। इसलिए भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी का प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां भी ओलंपिक होते हैं वहां अनेक सेक्टर को गति मिलती है। खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाए बनती हैं। ठीक ऐसे ही नेशनल गेम्स से यहां देवभूमि उत्तराखंड को अनेक लाभ मिलेंगे।

यूसीसी समानता के लिए
प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबा केदार के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक ही निकला था, कि 21वीं सदी का ये दशक, उत्तराखंड के नाम होने जा रहा है। अब उन्हें खुशी है कि राज्य तेजी से इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला राज्य बन गया है। यूसीसी सही मायने में सेक्युलर सिविल कोड है, जो हमारी बेटियों, माताओं और बहनों के गरिमापूर्ण जीवन का आधार बनेगा। इससे लोकतंत्र की भावना भी मजबूत होगी। कहा कि जैसे हर मैडल के पीछे सबको साथ लेकर चलने की भावना छुपी होती है, यही भावना यूसीसी में भी है।

शीतकालीन यात्रा पर सरकार के प्रयासों को सराहा
उन्होंने राज्य सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि उत्तराखंड में पहली बार इतने बडे पैमाने पर नेशनल ईवेंट हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था सिर्फ चारधाम यात्रा पर ही निर्भर नहीं रह सकती है। इसी दिशा में उत्तराखंड ने अब शीतकालीन यात्रा को भी प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उनका दूसरा घर है, इसलिए उनकी भी शीतकालीन यात्रा का हिस्सा बनने की इच्छा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शीतकाल के दौरान उत्तराखंड में युवाओं के लिए एडवेंचर टूरिज्म के लिए भी कई अवसर होते हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से भी शीतकालीन टूरिज्म का आनंद उठाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से फिटनेस पर ध्यान देने की अपील करते हुए मोटापे की समस्या के प्रति सचेत रहते हुए खान पान पर ध्यान देने की भी अपील की है। खासकर अपने खान पान में तेल की खपत कम करनी होगी।

दर्शकों की मोबाइल फ्लैश लाइट करवाई ऑन
प्रधानमंत्री ने नेशनल गेम्स की विधिवत शुरुआत करते हुए कहा कि वैसे तो ये उनका दायित्व है, लेकिन वो चाहते हैं कि स्टेडियम में मौजूद सभी लोग मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर, उनका साथ दें, जिस पर उपस्थित जन समुदाय ने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर प्रधानमंत्री का साथ दिया।

सीएम बोले – 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा भारत
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवभूमि उत्तराखंड वासियों की ओर से स्वागत करते हुए उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर के इतने महत्वपूर्ण खेल आयोजन की जिम्मेदारी देने के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि इस 17 दिवसीय राष्ट्रीय खेल महाकुम्भ का आयोजन प्रदेश के 11 शहरों में किया जा रहा है, जिसमें देशभर के 10 हजार से अधिक खिलाड़ी 35 खेलों में प्रतिभाग कर रहे हैं। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के उद्देश्य से इस बार के राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ग्रीन गेम्स की थीम पर किया जा रहा है। इस आयोजन में सौर ऊर्जा का व्यापक प्रयोग किए जाने के साथ ही पूरे आयोजन में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम किए जाने के भी प्रयास किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में हमारा देश वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित होने के लिए अपनी कमर कस चुका है। जहां एक ओर भारत शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विकास, महिला सशक्तिकरण आदि सामाजिक क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है, वहीं साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट आदि क्षेत्रों में भी विश्व के बड़े-बड़े देशों को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री जी ने कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति, अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण, सी.ए.ए. कानून लागू करना, तीन तलाक की समाप्ति आदि देश के अधिकतर सभी बड़े संकल्पों को सिद्धि तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से इस वर्ष राज्य में शीतकालीन यात्रा का भी शुभारंभ किया गया है, जिससे एक ओर जहां राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा वहीं स्थानीय रोजगार और आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का जो संकल्प लिया था, उसको पूर्ण कर दिया गया है। 27 जनवरी से राज्य में यूसीसी कानून लागू कर दिया गया है। ये ऐतिहासिक कार्य प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन के बिना असंभव था।

38वें राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई हस्तियों की मौजूदगी में मंगलवार शाम से उत्तराखंड में आयोजित हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग उद्घाटन हो गया है। इस मौके पर बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल, पवनदीप राजन के साथ ही पांडवाज बैंड ने शानदार प्रस्तुतियों से समा बांधा।

तय कार्यक्रम के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोठी ठीक छह बजे, राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करने, मैदान में पहुंचे। प्रधानमंत्री ने सबसे पहले गोल्फ कार्ट में स्टेडियम का राउंड लिया, गोल्फ कोर्ट पर उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी थे। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों और दर्शकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। जिस पर उपस्थित जनसमुदाय ने भी तालियों की गड़गड़ाहट के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत किया। करीब आधे घंटे तक चले सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद, उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष और सांसद डॉ पीटी ऊषा ने स्वागत भाषण दिया।

शानदार मार्च पास्ट से खिलाड़ियों ने दी सलामी
कार्यक्रम के मध्य भाग में खिलाड़ियों ने शानदार परेड निकाली, परेड का नेतृत्व सैनिक घोड़ाखाल की बैंड टीम ने किया। जिसके पीछे अलग – अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की टीमें पंक्तिबद्ध होकर निकलीं। इसके बाद ओलंपियन शटलर लक्ष्य सेन ने मंच पर पहुंच कर तेजस्वनी मशाल प्रधानमंत्री को सौंपी। लक्ष्य सेन ने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेलों की शपथ भी दिलाई। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद, उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के क्रम में 2025 शंख बजाकर, जोरदार शंखनाद किया गया ।

खिलाडियों से मिले प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने मंच पर ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले उत्तराखंड के कई खिलाड़ियों से मुलाकात की। इसमें जसपाल राणा, मनीष रावत, लक्ष्य सैन, सुरेंद्र कनवासी-, हंसा मनरालशर्मा, नितेंद्र रावत, सुभाष राणा, मनोज सरकार शामिल रहे। इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को उत्तराखंड की प्रचलित टोपी पहनाई। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी, केंद्रीय युवा एवं खेल मामलों की राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, राष्ट्रमंडल खेलों के अध्यक्ष क्रिस जेनकिंग्स प्रमुख रूप से उपस्थित हुए।

नेशनल गेम्स के बड़े मंच से तीन विषय और उत्तराखंड को बड़ी शाबासी

मंगलवार को यह बड़ा मंच राष्ट्रीय खेलों का था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल विकास से जुड़ी कई अहम बातें कीं। मगर तीन ऐसे विषय भी उठाए, जिनमें उत्तराखंड के विशेष प्रयास हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के इन प्रयासों को नए सिरे से रेखांकित करते हुए धामी सरकार की खुलकर सराहना की और शाबासी दी। यह तीन विषय थे-यूसीसी, शीतकालीन यात्रा और प्लास्टिक मुक्त अभियान।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना के बाद धामी सरकार के प्रयास देश-दुनिया तक और प्रभावी ढंग से पहुंचे हैं। एक दिन पहले उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का प्रधानमंत्री ने खास तौर पर जिक्र किया। खेल और यूसीसी में सबको साथ लेकर चलने की अंतर्निहित भावना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिलचस्प ढंग से जोड़ा।

हाल ही में शीतकालीन यात्रा के लिए जिस तरह से धामी सरकार ने पहल की है, उसे प्रधानमंत्री के पूर्ण समर्थन के खास मायने रहे। उत्तराखंड की स्थानीय आर्थिकी के व्यापक हितों के लिए शुरू की गई शीतकालीन यात्रा के संबंध में प्रधानमंत्री का यह वक्तव्य अहम रहा कि वह खुद इस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं। पिछले दिनों अपने दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री से भेंट कर उन्हें शीतकालीन यात्रा पर आने के लिए आमंत्रित भी किया था। यात्रा की ब्रांडिंग कर प्रधानमंत्री राज्य सरकार के प्रयासों को भी गति दे गए।

राष्ट्रीय खेलों की ग्रीन गेम्स की थीम पर प्रधानमंत्री प्रभावित नजर आए। ई-वेस्ट से पदक निर्माण, विजेता खिलाड़ियों के स्तर पर पौधरोपण जैसी पहल पर प्रधानमंत्री खूब बोले। उन्होंने इसके साथ ही, धामी सरकार के प्लास्टिक मुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी खुलकर सराहा।

राष्ट्रीय खेल से मिली सौगात, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए मजबूत होगा दावा

38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए दून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में तैयार हो रही शूटिंग रेंज का आने वाले दिनों में जलवा कायम होने जा रहा है। टारगेट क्षमता के मामले में दिल्ली व भोपाल के बाद देश की तीसरे नंबर की यह शूटिंग रेंज बनने जा रही है। इस शूटिंग रेंज में 160 टारगेट स्थापित किए जा रहे हैं। इस शूटिंग रेंज की बदौलत उत्तराखंड आने वाले दिनों में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शूटिंग स्पर्धाओं के लिए मजबूत दावेदार बनकर उभर सकता है।

राष्ट्रीय खेलों में शूटिंग स्पर्धा के मुकाबले महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून में होने हैं। इसके लिए शूटिंग रेंज का काम लगभग तैयार हो गया है। दस और 25 मीटर रेंज के 60-60 टारगेट यहां स्थापित किए जा रहे हैं, जबकि 50 मीटर रेंज के 40 टारगेट हैं। देश भर में सबसे बड़ी शूटिंग रेंज की बात करें, तो मोटे तौर पर दो ही नाम सामने आते हैं। एक दिल्ली की डा करनी सिंह शूटिंग रेंज और दूसरी भोपाल की एमपी शूटिंग रेंज। इनमें दिल्ली की शूटिंग रेंज में हर स्पर्धा के लिए 80-80 टारगेट की क्षमता है, जबकि भोपाल के मामले में टारगेट क्षमता 60-60 है।

भारतीय शूटिंग टीम के असिस्टेंट कोच अरूण सिंह के अनुसार देश के तमाम दूसरे स्थानों में शूटिंग रेंज की सुविधाएं तो हैं, लेकिन उनकी क्षमता दिल्ली व भोपाल की तरह नहीं है। अब देहरादून भी शूटिंग रेंज की टारगेट क्षमता के मामले में दिल्ली, भोपाल के बराबर में खड़ा होने जा रहा है। यह स्थिति उत्तराखंड के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। तमाम राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाएं उत्तराखंड में अब सफलतापूर्वक कराई जा सकती हैं।

25 मीटर रेंज में दिल्ली से आगे निकल सकता है दून

दिल्ली की डा करनी सिंह शूटिंग रेंज में 25 मीटर की स्पर्धा के लिए 60 टारगेट की क्षमता है। 38 वें राष्ट्रीय खेलों में दून की शूटिंग रेंज में भी इस स्पर्धा के लिए 60 टारगेट फिक्स किए जा रहे हैं, लेकिन इस रेंज की संपूर्ण क्षमता 65 टारगेट की हैं। यानी दून की इस शूटिंग रेंज में आने वाले दिनों में यदि आवश्यकता पड़ती है, तो 65 टारगेट फिक्स किए जा सकते हैं। भारतीय शूटिंग टीम के असिस्टेंट कोच अरूण सिंह के अनुसार-पेरिस ओलंपिक में जिन टारगेट का प्रयोग हुआ था, उसी मानक वाले टारगेट यहां फिक्स किए जा रहे हैं। इससे सौ फीसदी सटीक स्कोरिंग संभव हो पाएगी।

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न सिर्फ शूटिंग, बल्कि अन्य खेलों में भी मजबूत आधारभूत ढांचा विकसित किया जा रहा है। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से देवभूमि की एक पहचान खेल भूमि के रूप में भी बनेगी। हमारे खिलाड़ी दुनिया में और चमकेंगे। साथ ही, हम बड़ी स्पर्धाओं को आयोजित करने में भी सक्षम साबित होंगे।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री