सीएस की अध्यक्षता में हुई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की वित्तीय और भौतिक प्रगति का प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया।

प्रेजेंटेशन में अवगत कराया गया कि वर्तमान समय में पीएसजीएसवाई योजना का चौथा चरण गतिमान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना- 4 में 2645 गांव को आच्छादित करते हुए 9500 किलोमीटर की सड़क बनाने का लक्ष्य है। इसके प्रथम फेज में 1370 किलोमीटर की 212 सड़कों की डीपीआर का अनुमोदन किया गया है। जिन पर कार्य चल रहा है।

बताया कि विभाग द्वारा इंस्पेक्ट टू परफेक्ट एप डेवलप किया गया है जिससे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है।

मुख्य सचिव ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़क निर्माण के कार्यों की गुणवत्ता बेहतर रखें तथा उसकी प्रगति भी तेजी से बढ़ाना सुनिश्चित करें।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि पिथौरागढ़ के दुर्गम क्षेत्र में कुछ गांव ऐसे हैं जहां पर इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जानी है तथा उसके लिए सड़क की एप्रोच होना जरूरी है, उन्होंने रिमोट एरिया के सड़क से वंचित इन गांवों को भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए होमवर्क करने तथा इस संबंध में अग्रिम कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव राधिका झा, सी. रवि शंकर व श्रीधर बाबू अदांकी, अपर सचिव अभिषेक रुहेला सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने की पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत किए कार्यों की समीक्षा

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि योजना के तहत 31 मार्च, 2024 तक फेज 1 और 2 के सभी कार्यों को पूर्ण करने की अंतिम तिथि है, इसके उपरांत राज्य को अपने वित्तीय संसाधनों से योजनाओं को पूर्ण करना होगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग अपने आपसी सामंजस्य से कार्यों में आ रही समस्याओं का निराकरण कर सभी कार्य निर्धारित समय पर पूरा करें। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों में माननीय सर्वाेच्च न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय के आदेश के कारण बाधाएं आ रही हैं, ऐसे मामलों में शीघ्र इंटरलोक्यूटरी एप्लीकेशन दाखिल की जाए, साथ ही अपने पक्ष को मजबूती से रखा जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि गंभीर समस्या वाले मामलों में विशेष ध्यान देते हुए समस्या के निस्तारण का रास्ता निकाला जाए। कहा कि सभी कार्यों को समय से पूर्ण किया जा सके इसके लिए रूटीन में फाइल चलाने के बजाय, फाइलों का निस्तारण हाथों हाथ कराया जाए। वन विभाग द्वारा जिन कार्यों में सैद्धांतिक स्वीकृति दी जानी है, प्रस्तावों का परीक्षण कर शीघ्र स्वीकृति दी जाए।
इससे पूर्व मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की भी समीक्षा की। मुख्य सचिव ने पीएम आवास योजना (ग्रामीण) में राष्ट्रीय रैंकिंग में प्रदेश की प्रथम रैंक आने पर अधिकारियों को बधाई देते हुए अपनी रैंक बरकरार रखे जाने की बात कही। कहा कि योजना से प्रदेश को पूर्ण रूप से आच्छादित किया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी प्रभागीय वन अधिकारियों को भी वन भूमि प्रकरणों को तेजी से निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने वन मुख्यालय स्तर पर आने वाले मामलों को तेजी से निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए।
सचिव श्रीमती राधिका झा ने बताया कि योजना के अंतर्गत सभी कार्य समय से पूर्ण कर लिए जाएंगे। विभाग द्वारा योजना में वित्तीय एवं भौतिक प्रगति बेहतर है।
इस अवसर पर वन प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक सहित अन्य उच्चाधिकारी एवं जनपदों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रभागीय वनाधिकारी उपस्थित थे।