उत्तराखंडः ईवीएम छेड़छाड़ के डर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मिला सचेत रहने का आदेश

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों के लिए सभी को 10 मार्च का इंतजार है। लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी से गुणा भाग लगाना शुरू कर दिया है। इस बीच कांग्रेस को ईवीएम से छेड़छाड़ का डर सता रहा है। इसलिए गणेश गोदियाल औऱ हरीश रावत ने कार्यकर्ताओं को सचेत रहने को कहा है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने फेसबुक पर सभी कार्यकर्ताओं के लिए लिखा है कि सभी जिला अध्यक्ष औऱ कार्यकर्ता अपने अपने क्षेत्र में ईवीएम की निगरानी करें। गोदियाल ने पार्टी के सभी जिलाध्यक्षों और उम्मीदवारों से अपील करते हुए कहा कि परिणाम वाले दिन यानी दस मार्च तक स्ट्रांगरूम व मतगणना स्थलों की निगरानी करें। गोदियाल की पोस्ट के कई मायने समझे जा रहे हैं। पार्टी के जिलाध्यक्ष और कांग्रेस उम्मीदवारों की बैचेनी भी इससे बढ़ चुकी है। पदाधिकारी स्ट्रांग रूम की सुरक्षा को लेकर अपने स्तर से निगरानी बढ़ाने की तैयारी करने लगे हैं।

जनादेश ईवीएम में कैद, मगर हरीश रावत सीएम होने की झूठी घोषणा करने में तुले हुएः भाजपा

भाजपा ने हरीश रावत पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हे ईवीएम मशीन बदलने का नहीं बल्कि कॉंग्रेस के हारने का डर सता रहा है तभी वह कोंग्रेसियों को स्ट्रॉंग रूम के बाहर कोंग्रेसियों की ड्यूटी लगा रहे हैं। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने तंज़ कसते हुए कहा कि मतदान से पहले तक यशपाल आर्य के रूप में दलित सीएम बनवाने का झूठा सपना दिखाने वाले हरीश रावत जी की असल मंशा एक बार फिर उजागर हुई है और वह अब खुद दिन में ही सीएम होने का सपना देख रहे हैं। जनादेश ईवीएम में बंद हो गया है लेकिन हरीश रावत सीएम होने के भ्रम में घोषणा पे घोषणा करने पर तुले हैं।

मनवीर चौहान ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक और जहां कॉंग्रेस के दूसरे नेता अपनी पार्टी के घोषणापत्र की ही पोल खोल रहे हैं वहीं हरीश रावत एक कदम आगे बढ़ते हुए स्वयं को भावी सीएम मानकर नयी नयी घोषणाएँ कर रहे है। हरीश रावत अनुभवी नेता हैं तभी उन्हे अपनी संभावित हार का अंदेशा हो गया है, इसलिए अभी से हार के कारण तलाशते हुए ईवीएम मशीनों और मतपत्रों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा करते हैं। देखते जाइये मतगणना के बाद यही कोंग्रेसी हार के बाद ईवीएम मशीन की तकनीक पर उंगली उठाते नज़र आएंगे। उन्होने हरीश रावत पर व्यंग कसते हुए कहा कि आप बेवजह लोगों के बीच जा जा कर वादे कर रहे हैं क्यूंकि जनता को आपकी पार्टी के घोषणापत्र पर ही विश्वास नहीं है। तभी आपको अलग से घोषणापत्र मंत्रालय बनाने का वादा तक करना पड़ा था। आप ही हैं जो यशपाल आर्य में ही सीएम बनने की संभावना देखते थे और पंजाब की तरह सूबे में दलित सीएम बनाने की इच्छा जाहिर करते थे और अब आप ही कहते हैं भविष्य में सीएम पद से कम कुछ भी मंजूर नहीं। उनकी और कॉंग्रेस की विश्वसनीयता का ढ़ोल जनता के सम्मुख फूट चुका है और रावत जी हैं कि वादों के फटे ढ़ोल को बजाने पर लगे हैं।