सीएम ने मिले प्रसून जोशी और अभिनेता अनुपम खेर, फिल्म नीति पर हुई वार्ता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी तथा फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने भेट की। उन्होने प्रदेश में फिल्म निर्माण एवं फिल्मांकन से सम्बधित विभिन्न विषयों तथा प्रदेश में फिल्म निर्माण हेतु राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है विभिन्न सुविधाओं पर चर्चा की। उन्होने राज्य की नई फिल्म नीति 2024 को फिल्मों को बढावा देने वाला प्रयास बताते हुए राज्य की फ़िल्म नीति के लिए मुख्यमंत्री पुष्क़र सिंह धामी का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नई फिल्म नीति से उत्तराखण्ड में फ़िल्मांकन के लिए और अधिक बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में 2024 की फिल्म नीति को मंजूरी दिये जाने के बाद राज्य के पर्यटन स्थलों को देश दुनिया में नई पहचान मिलेगी। नई फिल्म नीति के तहत स्थानीय फिल्मों के लिए दो करोड रुपए का अनुदान दिया जा रहा है। फिल्मांकन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है ताकि फिल्म निर्माताओं को सुविधा हो। फिल्मों और ओटीटी की शूटिंग पर भी सब्सिडी दी जा रही है। सरकार द्वारा फिल्म उद्योग को उत्साहित करने के लिए कई अन्य योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे कलाकार अपनी प्रतिभा के बल पर फिल्म जगत में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सके इसके भी प्रयास किए जा रहे है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार फ़िल्म निर्माण से जुड़े प्रत्येक क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। फ़िल्म निर्माण से राज्य में प्रत्यक्ष रोज़गार की नयी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा साथ ही राज्य के पर्यटन को नयी मज़बूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि नए शूटिंग डेस्टिनशनों को भी पर्यटन विभाग के सहयोग से चिन्हित कर उनको भी शूटिंग के लिए प्रचारित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे फिल्मों के माध्यम से उत्तराखंड के अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों का भी प्रचार हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनवरी 2024 से अभी तक उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद के ऑनलाइन अनुमति सिंगल विंडो सिस्टम के द्वारा मात्र 8 महीनों में 150 से भी अधिक शूटिंग अनुमतियों प्रदान की गई है। उन्होने कहा की राज्य के संरक्षित वन क्षेत्र को छोड़कर उत्तराखण्ड सरकार के अधीन आने वाले विभाग फ़िल्म शूटिंग के लिए कोई शुल्क नहीं लेंगे ऐसा फ़िल्म पालिसी में प्रावधान किया गया है। फ़िल्म पालिसी में उत्तराखंड के अनछुए शूटिंग डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने का भी प्रावधान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड फ़िल्म नीति 2024 में प्रादेशिक भाषा की फ़िल्मों के लिए फ़िल्म प्रोडक्शन पर प्रदेश में किए गये हुए व्यय का 50 प्रतिशत तक सब्सिडी या अधिकतम 2 करोड़ तक, और हिन्दी और भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में आने वाली भाषाओं के लिये फ़िल्म प्रोडक्शन पर प्रदेश में किए गये हुए व्यय का 30 प्रतिशत या अधिकतम 3 करोड़ तक के अनुदान प्राविधान किया गया है।

अभिनेता अनुपम खेर ने उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद द्वारा सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सरल शूटिंग अनुमति की प्रक्रिया को सराहते हुए, शूटिंग के लिए प्रदेश को संपूर्ण रूप से फ़िल्मकारों के लिए एक फ़िल्म फ्रेंडली डेस्टिनशन बताया। उन्होंने यहाँ फ़िल्म शूटिंग करना बाक़ी प्रदेशों की तुलना में बहुत ही सरल बताया, और स्थानीय लोगो द्वारा की गई सहायता को भी सराहा। उन्होंने नई फिल्म नीति को फ़िल्म निर्माताओं के अनुकूल बताया। फिल्म अभिनेता श्री खेर ने कहा कि उत्तराखण्ड में पिछले कुछ समय से फ़िल्म और वेब सीरीज शूटिंग में तेज़ी आयी है। अभी हाल ही “अनुपम खेर स्टूडियो” की फ़िल्म “तन्वी द ग्रेट” की शूटिंग भी उनके द्वारा लैंसडौन में कि गई जो 36 दिनों में पूर्ण की गई।

इस अवसर उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के सीईओ एवं महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने किया कलाकारों का सम्मान, प्रसून जोशी रहे शामिल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी ने भेंट की। इस अवसर पर कला एवं साहित्य क्षेत्र से जुड़े सुधीर पाण्डे, शालिनी शाह, प्रवीन काला, अमित जोशी, राजेश शाह, वरूण ढ़ौढ़ियाल एवं गौरव ने भी भेंट की। मुख्यमंत्री ने सभी कलाकारों को सम्मानित भी किया।
केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी ने देहरादून में सांस्कृतिक केंद्र शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मांकन की ओर फिल्मकारों का रूझान तेजी से बढ़ा है। उन्होंने यहां पर सांस्कृतिक केंद्र के साथ ही रिसर्च सेंटर बनाने का सुझाव भी दिया। इस सांस्कृतिक केंद्र में लिटरेचर फेस्टिवल एवं वर्कशॉप का आयोजन भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पर आधारित विभिन्न कहानियों एवं यहां की कला व संस्कृति को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की दिशा में भी हमें प्रयास करने होंगे। कलाकारों ने राज्य में वेब सीरीज के लिए सब्सिडी देने का सुझाव भी दिया, जिससे यहां फिल्म जगत से जुड़े लोगों का और आकर्षण बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य फिल्मकारों को देवभूमि उत्तराखण्ड आने के लिए आकर्षित कर रहा है। राज्य में फिल्मांकन के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग दिया जायेगा। फिल्म जगत से जुड़े लोगों के जो भी सुझाव प्राप्त होते हैं, उन सुझावों को पूरी गम्भीरता से लिया जाता है।

युवा हमारी सांस्कृतिक परंपराओं के संवाहक बने, इस दिशा में प्रयास जरूरीः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड को देवभूमि के साथ संस्कृति साहित्य एवं कला की भूमि बताते हुए राज्य में इन विधाओं को विस्तार दिये जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में फिल्म सिटी खोलने के विचार को भी आगे बढ़ाये जाने की जरूरत है। उन्होंने राज्य में साहित्य एवं ललित कला केंद्रों की सम्भावनाओं पर ध्यान देने को कहा है ताकि राज्य के युवाओं को फिल्मों के साथ ही साहित्य एवं लोक संस्कृति एवं लोक कला की विभिन्न विधाओं से जुड़ने का अवसर मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे युवा सकारात्मक सोच के साथ राज्य की लोक परम्पराओं एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ सकें, यह हमारा प्रयास होना चाहिए।

सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रशून जोशी ने भेंट की। प्रदेश में फिल्म निर्माण, गीत संगीत नाट्य संस्कृति एवं साहित्य की विभिन्न विधाओं को बढ़ावा देने से सम्बन्धित विषयों पर चर्चा की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ ही नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण राज्य है। हमारे युवा हमारी सांस्कृतिक परम्पराओं के संवाहक बने, इस दिशा में भी प्रयासों की उन्होंने जरूरत बतायी।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि निर्माणाधीन कल्चरल सेन्टर एवं म्यूजियम को शीघ्र अन्तिम रूप देने के साथ इसके प्रभावी उपयोग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे आयोजनों की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जाये जिससे देश व दुनिया में विभिन्न क्षेत्रों में राज्य की पहचान बनाने वाले सहभागी बन सके। हमारे यहां आने वाले करोड़ो लोग भी हमारे इन प्रयासों से प्रदेश की संस्कृति, कला एवं लोक विधा से जुड़ सकेंगे।

केन्द्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रसून जोशी ने सुझाव दिया कि उत्तराखण्ड फिल्म निर्माण के साथ सांस्कृतिक पहचान की संभावनाओं वाला प्रदेश है। भविष्य के दृष्टिगत यहा फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना पर ध्यान दिये जाने से राज्य के युवा फिल्म निर्माण की विभिन्न विधाओं से जुड़ सकेंगे तथा इस क्षेत्र में हो रहे नवाचारों से भी परिचित हो सकेंगे। उन्होंने राज्य में लोक सस्कृति संगीत नाट्य एवं साहित्य से जुड़े विषयों को व्यापकता प्रदान करने के लिये तीन दिवसीय फेस्टिवल आयोजित करने का भी सुझाव मुख्यमंत्री को दिया।

उन्होंने कहा कि इस आयोजन में देश व विदेशो में रह रहे इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की भागीदारी से इसे और अधिक व्यापकता मिलेगी तथा लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने में भी मदद मिलेगी।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, उप निदेशक नितिन उपाध्याय के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित थे।