काफिला रोक, सेना के जवानों के बीच पहुंचे मुख्यमंत्री धामी, होली की दी शुभकामनाएं

आरएसएस मुख्यालय से लौटते समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़ीकैंट देहरादून में काफिला रुकवाया। इस दौरान मुख्यमंत्री, गढ़ीकैंट परिसर की सुरक्षा में तैनात सैनिकों के बीच पहुंचे, उन्होंने सेना के जवानों को होली की शुभकामनाएं देते हुए रंग लगाया और मिठाई खिलाकर उनके योगदान को सराहा। मुख्यमंत्री ने कहा देशसेवा में लगा हर जवान उनके परिवार का सदस्य है। मुख्यमंत्री को अपने बीच देख, सभी सैनिक बेहद खुश नजर आए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने परिजनों से दूर रहकर सेना के जवान देश की सेवा में समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा सैनिकों के योगदान से हम सभी देशवासी किसी भी त्यौहार को मना पाते हैं। उन्होंने कहा हम सभी को होली का आनंद लेने का अवसर मिल रहा है, और इसका श्रेय हमारी सेना के जवानों को जाता है।c

प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को सीएम ने दिया उत्तराखंड लोक सम्मान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार रोड स्थित संस्कृति प्रेक्षागृह में प्रसिद्ध लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी के जन्मदिन पर गीत यात्रा के 50 वर्ष कार्यक्रम में उनकी रचनाओं पर ललित मोहन रयाल द्वारा लिखित पुस्तक कल फिर जब सुबह होगी का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने नरेन्द्र सिंह नेगी को उत्तराखण्ड लोक सम्मान से सम्मानित कर 2.51 लाख का चेक भेंट किया तथा प्रशस्ति पत्र भेंट कर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने पुस्तक के लेखक ललित मोहन रयाल के प्रयासों की सराहना करते हुए पुस्तक को भावी पीढ़ी के लिये संरक्षित करने वाला कार्य बताया।

मुख्यमंत्री नें प्रसिद्ध लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी को उनके जन्म दिन की हार्दिक बधाई देते हुए उन्हें हिमालय जैसे अडिग व्यक्तित्व वाला देवभूमि का महान सपूत बताते हुए कहा कि नेगी जी के गीत हमें अपने परिवेश के साथ पहाड की चुनौतियों से परिचित कराने का कार्य करते है। उनके गीतों में प्रकृति, परम्परा, परिवेश, विरह वियोग व व्यथा का जो मिश्रण है वह हमें अपनी समृद्ध परम्पराओं एवं लोक संस्कृति से जोडने का कार्य करती है। उनके गीत हमारी विरासत की समृद्ध परम्परा को पीढी दर पीढी आगे बढ़ाने का कार्य करेगी तथा युवाओं को प्रेरित करने का कार्य करती रहेगी। मुख्यमंत्री ने नरेन्द्र सिंह नेगी को पहाड़ की आवाज बताते हुये उनके दीर्घायु जीवन की कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि समृद्ध लोक संस्कृति एवं सामाजिक सरोकारों को अपने गीतों एवं संगीत के माध्यम से देश व दुनिया तक पहुंचाने का कार्य नेगी जी ने किया है। वे वास्तव में समाज के सफल नायक के रूप में रहे हैं। उनके गीत राज्य वासियों को अपनी परम्पराओं से जोड़ने में मददगार रहे हैं।

नरेन्द्र सिंह नेगी ने लोक संस्कृति के प्रति मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लगाव के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने ललित मोहन रयाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी विद्वता से 101 गीतों की विवेचना 400 पृष्ठों के ग्रंथ के रूप में समाज के समक्ष रखा है। यह उनकी लोक साहित्य एवं संस्कृति के प्रति गहरी समझ का भी प्रतीक है वे शब्दों के शब्दार्थ को गीत के लेखक से आगे ले गए हैं। इस अवसर पर उन्होंने पहाड़ों से पलायन रोकने पर लिखा अपना प्रसिद्ध गीत ठंडो रे ठंडो गाकर लोगों को अपनी लोक संस्कृति से जुड़ने के लिए मजबूर किया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूडी, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूडी, साहित्यकार नंद किशोर हटवाल, दिनेश सेमवाल, सचिदानंद भारती, गणेश खुकसाल गणी के अलावा बडी संख्या में साहित्यकार एवं लोक संस्कृति से जुड़े लोग उपस्थित थे।

हर बार आपदा में पुष्कर धामी ने खुद संभाला बचाव व राहत का मोर्चा, पीड़ितों की मद्द में झोंका पूरा सरकारी तंत्र

देहरादून। उत्तराखण्ड में धामी सरकार बनने के बाद एक बडी तब्दीली आई है कि राज्य में कहीं भी आपदा आई हो, शासन-प्रशासन प्रभावित नागरिकों के त्वरित राहत और बचाव अभियान में कोई कसर बाकी नहीं रखता। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बीच भीषण आपदा में भी सरकार ने अपने नागरिकों को कभी बेसहारा नहीं छोड़ा। खासतौर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पीड़ितों तक पहुंचने में हमेशा अग्रसक्रिय (प्रोएक्टिव) रहे। आपदा के वक्त हर बार घटनास्थल पर जाकर उन्होंने खुद मोर्चा संभाला और राहत व बचाव अभियान में सरकार का पूरा तंत्र झोंक दिया।

आपदा के वक्त धामी सरकार की संवेदनशीलता और सक्रियता का ताजा उदाहरण बुधवार की देर रात टिहरी और रुद्रप्रयाग जिलों में प्राकूतिक आपदा से उपजी स्थिति के बाद देखने को मिला। बीते बुधवार की दोपहर मौसम विभाग ने उत्तराखण्ड के अधिकतर जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी जारी की थी। विभाग की ओर से बाकायदा रेड एलर्ट घोषित किया गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को एलर्ट मोड पर रखा जाए। चेतावनी के अनुरूप दिन से ही भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। रात को टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले के कुछ स्थानों पर बादल फटने और जान माल के नुकसान की सूचनाएं मिलने लगीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव आपदा प्रबंधन से फोन पर वार्ता कर अतिवृष्टि से प्रावित क्षेत्रों में हुए नुकसान और राहत व बचाव कार्य की जानकारी हासिल की। देर रात उन्हें जानकारी दी गई कि टिहरी जिले के जखन्याली के पास बादल फटने की घटना में एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु हुई है। जबकि रुद्रप्रयाग जनपद में केदारनाथ यात्रा मार्ग में कई स्थानों पर भूस्खलन सैकड़ों तीर्थ यात्री जगह जगह फंसे हुए हैं। धामी के निर्देश पर रेस्क्यू टीमों द्वारा रातभर अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

मुख्यमंत्री ने सम्बंधित जिलाधाकारियों से रात में कई बार दूरभाष पर बात की और आपदा प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने में कोई कोताही न बरतने तथा राहत कैंपों में सभी आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिये। गुरुवार की सुबह धामी देहरादून स्थित राज्य आपदा प्रबंधन केन्द्र पहुंचे जहां उन्होंने प्रदेशभर में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की पूरी रिपोर्ट ली। इसके बाद उन्होंने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह, विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय के साथ सीधे जनपद टिहरी के घनसाली ब्लॉक की ओर रुख किया और वह जखन्याली पहुंचे जहां बादल फटने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री मृतकों के शोकाकुल परिजनों से मिले और उन्हें ढाढस बंधाया। भरोसा दियालाया कि आपदा की इस घड़ी में सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है। उन्होंने आम लोगों से भी अपील करी कि सभी लोग इस समय एक दूसरे का सहयोगी बनकर कार्य करें।

टिहरी के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और विधायक रुद्रप्रयाग भरत चौधरी को साथ लेकर केदारघाटी में अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों के बीच पहुंचे। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। वह स्थानीय लोगों के साथ ही यात्रियों से मिले और उनकी कुशलक्षेम पूछी। यात्रियों को आश्वास्त किया कि उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है सरकार उन्हें उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाएगी।

यह पहला मौका नहीं है कि जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन, राहत व बचाव का मोर्चा खुद सांला हो। 17 अक्टूबर 2021 में कुमाऊं मण्डल के चार जिलों में आई आपदा, 2 जनवरी 2023 को जोशीमठ में आई आपदा और 12 नवम्बर 2023 को सिलक्यारा टनल हादसे समेत तमाम छोटी बड़ी आपदाओं में धामी ने खुद ग्राउण्ड जीरो में रहकर रेस्क्यू की मॉनीटरिंग की। उनकी संवेदनशीलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2021 में कुमाऊं मण्डल में आई आपदा के दौरान जब खराब मौसम की वजह से उनका हेलीकॉप्टर टेक ऑफ नहीं कर पाया तो ट्रैक्टर में बैठक उन्होंने आपदा प्रभावित इलाके का दौरा किया था।

बगैर पूर्व सूचना और लावलश्कर मुख्यमंत्री को अपने घर पर देखकर चौंके अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष जीवन चंद्र आर्या

हल्द्वानी। लोकसभा चुनाव की व्यस्तता के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मार्निंग वॉक के दौरान आम लोगों से मिलना, उनकी कुशल क्षेम पूछना और उनसे अपनी सरकार के कामकाज का फीडबैक लेना का सिलसिला नहीं छोड़ा। आज हल्द्वानी प्रवास के दौरान प्रातःकाल वह अचानक भाजपा नैनीताल जनपद के अनुसूचित जाति मोर्चा के उपाध्यक्ष जीवन चंद्र आर्या के घर पहुंच गए। उन्होंने आर्या के परिवारजनों से भेंट कर लम्बी बातचीत की और उनसे सुझाव भी लिये। मुख्यमंत्री को अचानक अपने घर में देखकर आर्या के परिजन और मोहल्ले के लोग अचंभित हो गए। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

मुख्यमंत्री बुधवार की सुबह लगभग 7 बजे हल्द्वानी में अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष जीवन चंद्र आर्या जी के घर पहुंच गए। बिना किसी पूर्व सुचना और तामझाम के मुख्यमंत्री ने आर्या के घर अचानक आमद दर्ज कराई। एक क्षण के लिए आर्या को भी विश्वास नहीं हुआ कि सूबे के मुखिया उनके घर पधारे हैं। आनन-फानन में उन्होंने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और अपने परिजनों को इसकी सूचना दी। मुख्यमंत्री ने आर्या को गले लगाकर उनसे किसी फार्मेलिटी न पड़ने का आग्रह किया और वह खुद आंगन में लगी कुर्सी पर बैठ गए। इसी बीच मोहल्ले के लोग भी बड़ी संख्या में वहां पहुंच गए। मुख्यमंत्री ने किसी को निराश नहीं किया। वह एक-एक कर सभी से मिले और उनकी कुशलक्षेम पूछी।

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून में हो या जिलों के दौरे पर, सुबह की सैर के दौरान वह राह चलते हुए आम लोगों से मुखातिब होते रहे हैं और उनसे सरकार के कामकाज का फीडबैक लेते हैं। उनकी यह आदत हमेशा से चर्चा में रही है। मुख्यमंत्री को बिना लावलश्कर के सड़क पर अकेले चलता देख लोग हैरान जरूर होते हैं लेकिन इस दौरान जिले में चल रहे कार्यों और सरकार की योजनाओं पर वह आसानी से अपनी प्रतिक्रया सीधे मुख्यमंत्री को दे पाते हैं। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री भी लगे हाथ उनसे सुझाव ले लते हैं। जनता से मिलने वाले स़ुझावों को कई बार वह सरकार की योजनाओं और कार्य संस्कृति में शामिल भी कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विजन है कि वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रिम पायदान की श्रेणी में लाना है। इसके लिए वह साफ कह चुके हैं कि यह उनकी अकेले की यात्रा नहीं बल्कि प्रदेश के सवा करोड़ लोगों की सामूहिक यात्रा है। अपने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह लगातार प्रयास करते हैं कि ज्यादातर समय जनता के बीच बताएं और उनके फीडबैक व सुझाव लें।