नैनीताल, यूएसनगर और पिथौरागढ़ में कोविड-19 से बचाव को सीएम ने दी धनराशि

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोविड-19 के दृष्टिगत जिलाधिकारी नैनीताल को 03 करोड, ऊधम सिंह नगर को 2.50 करोड़ तथा पिथौरागढ़ को 02 करोड़ की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री द्वारा इससे पूर्व भी इस महामारी की रोकथाम एवं बचाव के साथ ही क्वारंटीन सेन्टरों की व्यवस्थाओं में सुधार तथा पीड़ितों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराये जाने हेतु जनपद नैनीताल एवं ऊधम सिंह नगर को 03-03 करोड़ तथा पिथौरागढ़ को 02 करोड़ की धनराशि प्रदान की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आपसी सहयोग एवं समन्वय से हम इस वैश्विक आपदा का सामना कर सकते हैं। इसके लिये जन जागरूकता के साथ जन सहयोग भी जरूरी है। उन्होंने शारीरिक दूरी व मास्क के उपयोग को इस बीमारी से बचाव के लिये जरूरी बताया है, इसका पालन हम सबको करना चाहिए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सभी जिलाधिकारियों को उनके जनपद में बाहर से आने वाले लोगों की आवश्यक मदद करने एवं क्वारंटीन सेन्टरों की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं, ताकि यहां रह रहे लोगों को कोई कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि इसके लिये सभी जिलाधिकारियों को उनकी अपेक्षा अनुसार धनराशि की व्यवस्था की गई है। इसके लिये आगे भी धनराशि की कमी नहीं होने दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग को इस महामारी से निपटने के लिये आवश्यक धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है। इसके लिए 25 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई थी जिसमें से 10 करोड़ पूर्व में स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करायी जा चुकी है, जब कि अब अवशेष 15 करोड़ की धनराशि भी स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा दी गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वैश्विक आपदा के समय अपने गांव लौटे लोगों को आवश्यक सहयोग एवं सुविधा उपलब्ध कराने के लिये जिलाधिकारियों के माध्यम से पूर्व में सभी ग्राम प्रधानों को 10-10 हजार की धनराशि प्रदान की गई थी। प्रदेश में गांव हो या शहर कोविड- 19 की रोकथाम हेतु की जाने वाली व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं पर पूरा ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस महामारी के पीड़ितों की हम मानवीय संवेदनाओं के साथ ही बेहतर सेवा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जनपदों में बाहर से आने वाले लोगों की उचित देखरेख एवं क्वारंटीन सेन्टरों की व्यवस्थाओं व सुविधाओं में कोई कमी न रहे।

गांवों के क्वारंटीन सेंटर में सुविधाओं में सुधार किया जाएः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के कोरोना संक्रमित की मृत्यु पर आश्रित को एक लाख रूपये की सहायता राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कन्टेनमेंट जोन में गाइडलाइन का कङाई से साथ पालन करवाया जाने के निर्देश दिये। कन्टेनमेंट जोन के बाहर भी फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क की अनिवार्यता के लिए लोगों को लगातार जागरूक किया जाए। जो लोग इनका पालन न करें, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसके लिए फील्ड सर्विलांस पर विशेष ध्यान दिया जाए।

होम क्वारंटीन का आकस्मिक निरीक्षण

सीएम ने कहा कि क्वारंटीन सेंटरो में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। होम क्वारंटीन का मानकों के अनुरूप पालन हो रहा है या नहीं, इस पर लगातार चेकिंग भी की जाए। आकस्मिक निरीक्षण किए जाएं। गांवों में क्वारेंटाईन फेसिलिटी पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से लङाई में जन सहयोग बहुत जरूरी है। हमें लोगों को साथ लेकर ये लङाई लड़नी है। सख्ती और जागरूकता हमारे दो प्रमुख अस्त्र हैं।

शनिवार व रविवार दो दिन देहरादून में पूर्ण बंद कर सेनेटाइजेशन करवाया जाएगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार व रविवार दो दिन देहरादून में पूर्ण बंद कर सेनेटाइजेशन करवाया जाएगा। कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए देहरादून की निरंजनपुर सब्जी मण्डी को बंद कर वैकल्पिक व्यवस्था कर ली जाए। फ्रंटलाईन वारियर्स की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए। राशन की कालाबाजारी की शिकायत नहीं आनी चाहिए। इसमें लिप्त लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। हर जरूरतमंद तक राशन पहुंचना चाहिए।

त्वरित रोजगार और आजीविका के लिए कृषि व संबंधित क्षेत्रों पर फोकस

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें त्वरित रोजगार और आजीविका सृजन के लिए खेती, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य को प्राथमिकता देनी होगी। हाल ही में किसानों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, इनका लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। स्थानीय मांग का अध्ययन कर लिया जाए और उनकी आपूर्ति स्थानीय संसाधनों से ही पूरा कराए जाने की कोशिश की जाए। स्वयं सहायता समूहों और स्थानीय लोगों को किस प्रकार रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है, इस पर फोकस किया जाए। यह हर जिलाधिकारी का लक्ष्य होना चाहिए।

कोरोना नियंत्रण के लिए मास्क और सोशल दूरी का कड़ाई से हो पालन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के लिए अधिकारियों की बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाहरी राज्यों से उत्तराखण्डवासी काफी संख्या में आ रहे हैं, ये जिन जनपदों में आ रहे हैं, वहां पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाए ताकि उत्तराखण्ड के बोर्डर ऐरिया पर स्क्रीनिंग का लोड कुछ कम हो सके। बाहर से आने वाले लोगों को जहां पर क्वारंटाइन किया जा रहा है, उसकी नियमित मोनिटरिंग की जाए। इसके लिए कर्मिकों की तैनाती की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क की अनिवार्यता का कड़ाई से पालन करवाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों के पास मास्क की उपलब्धता हो। मास्क का इस्तेमाल न करने वालों एवं सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर जुर्माने की कारवाई की जाए। बाहरी राज्यों के जो श्रमिक उत्तराखण्ड में हैं, अगर वो अपने राज्यों में वापस जाना चाहतें हैं, तो सम्बन्धित राज्यों से जो वाहन आ रहे हैं, उन्हें उन वाहनों में भेजने की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाहरी राज्यों से जितने भी लोग आ रहे उनका पूरा डाटा रखा जाए कि ये कहां पर क्वारंटाइन किये गये हैं। यदि इनमें से कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो अन्य लोगों को भी ट्रेस किया जा सके। इसके लिए पुलिस द्वारा संबंधित लोगों को अलर्ट के लिए एस.एम.एस भेजने की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कन्ट्रोल रूम एवं आईटी सेक्टर को और मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिन लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है, ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है एवं पूरा सहयोग दिया जा रहा है।

राहत शिविर से फरार हुए युवकों पर मुकदमा दर्ज

सोमवार आधी रात को हरिद्वार जिले में स्थित लक्सर के एक बैंकट हॉल में बनाए गए राहत शिविर से दो युवक दीवार फांदकर फरार हो गए। मंगलवार को गिनती के दौरान दो लोग कम मिलने पर हॉल की सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। इसमें दोनों लोग दीवार फांदकर जाते हुए दिखाई दिए। कैंप प्रभारी बीडीओ ने दोनों के खिलाफ लक्सर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। लॉकडाउन के बाद दूसरे प्रदेशों से अपने घरों को जा रहे मजदूरों को लक्सर में रोक दिया था।
लक्सर में बैंकट हाल, सत्संग भवन, स्कूल और कॉलेजों में कई राहत शिविर बनाए गए थे। इन शिविरों में दूसरे प्रदेश के इन लोगों को क्वारंटीन किया गया था। प्रशासन के मुताबिक इन सभी पांचों राहत शिविरों में लगभग दो सौ से अधिक कामगार प्रवासी रह रहे हैं। एक बैंकट हाल में इस समय 51 लोग रुके हुए थे। मंगलवार सुबह जब एक संस्था की ओर से यहां खाना बांटा जा रहा था तो इस दौरान कैंप के बाहर ड्यूटी पर लगे पुलिसकर्मियों ने उन लोगों की गिनती की। इसमें कैंप में केवल 49 लोग मौजूद मिले। जानकारी मिलने पर शिविर के प्रभारी बीडीओ लक्सर चंदन लाल राही शिविर में पहुंचे। इस दौरान जब बैंकट हाल के सीसीटीवी कैमरे की जांच की गई तो दो लोग जाते दिखे।
जांच में उत्तर प्रदेश के संभल निवासी सतिया पुत्र वेद प्रकाश और मुरादाबाद का गुड्डू पुत्र मंतेराम गायब मिले। एसडीएम के आदेश पर बीडीओ चंदन लाल राही ने दोनों लोगों के खिलाफ कोतवाली पुलिस को तहरीर दी। कोतवाली के एसएसआई अभिनव शर्मा ने बताया कि दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साथ ही उनकी तलाश की जा रही है।