श्री भरत मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा के षष्ठ दिवस पर बाल लीलाओं का हुआ वर्णन

ब्रह्मलीन पूज्य महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी महाराज की पुण्य स्मृति मे आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पष्ठ दिवस श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन हुआ।

कथा व्यास डा. राम कमल दास वेदांती ने कहा कि भगवान कृष्ण ने सबसे पहले पूतना का उद्धार किया था। कृष्ण जन्म पर नंदबाबा के घर खुशी मे जब उत्सव मनाया जाने लगा और नंद बाबा को कंस राजा के पास कर देने जाने मे देरी हो गई। उन्होंने राजा के पास पहुंच कर निवेदन किया की महाराज मेरे घर पुत्र ने जन्म लिया है। इसलिए आने मे देरी हो गई। राजा कंस ने पुत्र जन्म की खबर पर पुत्र को चिरंजीव होने का वचन बोला। उसे पता नहीं था जिसे तू चिरंजीव बोल रहा है वो ही तेरा काल है। उधर भगवान मन ही मन मुस्करा रहे है और सोच रहे है की राम जन्म मे ताड़का कृष्ण जन्म मे पूतना से पाला पड़ा है। माता यशोदा का दुलारा अपनी बाल लीलाओं से आनन्द विभोर होते है और अपनी लीलाओं के माध्यम से ही पूतना का वध करते है। कृष्णजी की बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को हमेशा धर्म के मार्ग पर चलकर समाज सेवा में लोगों को आगे आना चाहिए। मानव जब इस संसार में पैदा लेता है तो चार व्याधि उत्पन्न होते हैं। रोग, शोक, वृद्धापन और मौत मानव इन्हीं चार व्याधियों से धीर कर इस मायारूपी संसार से विदा लेता है।

सांसारिक बंधन में जितना बंधोगे उतना ही पाप के नजदीक पहुंचेगा। इसलिए सांसारिक बंधन से मुक्त होकर परमात्मा की शरण में जाओ तभी जीवन रूपी नैय्या पार होगी। आज के दौर में परेशानी और अविश्वास बढ़ता जा रहा है। इससे समाज में खींचतान, स्वार्थ, लोभ, दुख. पतन, विकृतियों का अम्बार लगा हुआ है। ऐसे में समाज को युग के अनुरूप दिशा चिंतन, व्यवहार, परमार्थ के लिए हृदय में परिवर्तन के लिए श्रीमद भागवत कथा पुराण का आयोजन किया जा रहा है।

षष्ठ दिवस की पावन पवित्र कथा मे श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, हर्ष वर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, रोशन धस्माना, मधुसूधन शर्मा, रवि शास्त्री आदि उपस्थित रहे।

श्री भरत मंदिर में भागवत कथा का पंचम दिन

ब्रह्मलीन पूज्य महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी महाराज की पुण्य स्मृति मे आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस पर कथा व्यास डा. राम कमल दास वेदांती ने कृष्ण जन्म की कथा सुनाई।

श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस के प्रसंग का वृतांत सुनाते हुए बताया कि वामन अवतार में जहां भक्त के धैर्य का परिचय का संदेश है वहीं समर्पण भाव की पवित्रता भी है। कथा व्यास पूज्य वेदांती महाराज ने कथा का वाचन करते हुए कहा कि भगवान भक्तों के वश में हैं। भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि जब जब धरती पर पाप अनाचार बढ़ता है, तब.तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट को हरते हैं। उन्होंने कहा कि जब कंस के पापों का घड़ा भर गया तब भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लेकर कंस का अंत किया और लोगों को पापी राजा से मुक्ति दिलाई। कथा के दौरान कथा व्यास ने अनेक भक्तिपूर्ण भजन प्रस्तुत किए। जिनमें नंद घर जन्में कन्हैया कान्हा अब तो ले लो अवतार बृज में में तो नंद भवन में जाऊंगी, यशोदा जायो ललना, श्याम तेरी वंशी पुकारे राधा राम भजनों को सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो हो गए। पूज्य महाराज ने कहा आज व्यक्ति मोह माया के चक्कर में फंसकर अनीति पूर्ण तरीके से पैसा कमाने में जुटा है। जिसका परिणाम अंतत उसे भोगना पड़ता है।

मानव मानव की तरह नहीं जी रहा है। श्रीमद् भागवत जीवन जीने और मरने की कलां सिखाती है। उन्होंने बताया कि कलयुग में दुख के तीन कारण हैं, समय, कर्म और स्वभाव। उन्होंने कहा कि स्वभाव से जो दुखी है वो कभी सुखी नहीं हो सकता। जिस घर में अनीति से धन कमाया जाता है उस परिवार में कभी एकता नहीं रहती। वहां हमेशा बैर बना रहता है।

पंचम दिवस की पावन पवित्र कथा मे श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, हर्ष वर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विनय उनियाल, कथा का मुख्य आकर्षण कृष्ण जन्म रहा जिसमें वासुदेव की भूमिका महंत रवि शास्त्री ने निभाई।

श्री भरत मंदिर में आयोजित भागवत कथा का चतुर्थ दिन, वामन अवतार की कथा का हुआ वर्णन

ब्रह्मलीन पूज्य महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी महाराज की पुण्य स्मृति मे आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर भगवान के वामन अवतार की कथा का श्रवण कराया गया।

कथा व्यास डा. राम कमल दास वेदांती जी ने बताया कि वामन अवतार भगवान विष्णु के दशावतारो में पांचवा अवतार और मानव रूप में अवतार था। जिसमें भगवान विष्णु ने एक वामन के रूप में इंद्र की रक्षा के लिए धरती पर अवतार लिया। वामन अवतार की कहानी असुर राजा महाबली से प्रारम्भ होती है। महाबली प्रहलाद का पौत्र और विरोचना का पुत्र था। महाबली एक महान शासक था जिसे उसकी प्रजा बहुत स्नेह करती थी। उसके राज्य में प्रजा बहुत खुश और समृद्ध थी। उसको उसके पितामह प्रहलाद और गुरु शुक्राचार्य ने वेदों का ज्ञान दिया था।

उन्होंने बताया कि समुद्रमंथन के दौरान जब देवता अमृत ले जा रहे थे। तब इंद्रदेव ने बली को मार दिया था जिसको शुक्राचार्य ने पुनः अपन मन्त्रो से जीवित कर दिया था। महाबली ने भगवान ब्रह्मा को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। जिसके फलस्वरूप भगवान ब्रह्मा ने प्रकट होकर वरदान मांगने को कहा। बली भगवान ब्रह्मा के आगे नतमस्तक होकर बोला “प्रभु, मै इस संसार को दिखाना चाहता हूँ कि असुर अच्छे भी होते हैं। मुझे इंद्र के बराबर शक्ति चाहिए और मुझे युद्ध में कोई पराजित ना कर सके।ष् भगवान ब्रह्मा ने इन शक्तियों के लिए उसे उपयुक्त मानकर बिना प्रश्न किये उसे वरदान दे दिया।
उन्होंने बताया कि शुक्राचार्य एक अच्छे गुरु और रणनीतिकार थे जिनकी मदद से बली ने तीनो लोकों पर विजय प्राप्त कर ली। बली ने इंद्रदेव को पराजित कर इंद्रलोक पर कब्जा कर लिया। एक दिन गुरु शुक्राचार्य ने बली से कहा अगर तुम सदैव के लिए तीनो लोकों के स्वामी रहना चाहते हो तो तुम्हारे जैसे राजा को अश्वमेध यज्ञ अवश्य करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि बली अपने गुरु की आज्ञा मानते हुए यज्ञ की तैयारी में लग गया। बली एक उदार राजा था जिसे सारी प्रजा पसंद करती थी। इंद्र को ऐसा महसूस होने लगा कि बली अगर ऐसे ही प्रजापालक रहेगा तो शीघ्र सारे देवता भी बली की तरफ हो जायेंगे। इंद्रदेव देवमाता अदिति के पास सहायता के लिए गए और उन्हें सारी बात बताई। देवमाता ने बिष्णु भगवान से वरदान माँगा कि वे उनके पुत्र के रूप में धरती पर जन्म लेकर बली का विनाश करें। जल्द ही अदिति और ऋषि कश्यप के यहाँ एक सुंदर बौने पुत्र ने जन्म लिया। पांच वर्ष का होते ही वामन का जनेऊ समारोह आयोजित कर उसे गुरुकुल भेज दिया। इस दौरान महाबली ने 100 में से 99 अश्वमेध यज्ञ पुरे कर लिए थे। अंतिम अश्वमेध यज्ञ समाप्त होने ही वाला था कि तभी दरबार में दिव्य बालक वामन पहुँच गया। महाबली ने कहा कि आज वो किसी भी व्यक्ति को कोई भी दक्षिणा दे सकता है। तभी गुरु शुक्राचार्य महाबली को महल के भीतर ले गये और उसे बताया कि ये बालक ओर कोई नहीं स्वयं भगवान विष्णु हैं वो इंद्रदेव के कहने पर यहाँ आए हैं और अगर तुमने इन्हें जो भी मांगने को कहा तो तुम सब कुछ खो दोगे।
उन्होंने बताया कि महाबली अपनी बात पर अटल रहे और कहा मुझे वैभव खोने का भय नहीं है बल्कि अपने प्रभु को खोने का है इसलिए मै उनकी इच्छा पूरी करूंगा। महाबली उस बालक के पास गया और स्नेह से कहा “आप अपनी इच्छा बताइये”। उस बालक ने महाबली की और शांत स्वभाव से देखा और कहा “मुझे केवल तीन पग जमीन चाहिए जिसे मैं अपने पैरों से नाप सकूं”। महाबली ने हँसते हुए कहा “केवल तीन पग जमीन चाहिए, मैं तुमको दूँगा। जैसे ही महाबली ने अपने मुँह से ये शब्द निकाले वामन का आकार धीरे धीरे बढ़ता गया। वो बालक इतना बढ़ा हो गया कि बाली केवल उसके पैरों को देख सकता था। वामन आकार में इतना बढ़ा था कि धरती को उसने अपने एक पग में माप लिया।
दुसरे पग में उस दिव्य बालक ने पूरा आकाश नाप लिया। अब उस बालक ने महाबली को बुलाया और कहा मैंने अपने दो पगों में धरती और आकाश को नाप लिया है। अब मुझे अपना तीसरा कदम रखने के लिए कोई जगह नहीं बची, तुम बताओ मैं अपना तीसरा कदम कहाँ रखूँ।
महाबली ने उस बालक से कहा “प्रभु, मैं वचन तोड़ने वालों में से नहीं हूँ आप तीसरा कदम मेरे शीश पर रखिये। भगवान विष्णु ने भी मुस्कुराते हुए अपना तीसरा कदम महाबली के सिर पर रख दिया। वामन के तीसरे कदम की शक्ति से महाबली पाताल लोक में चला गया। अब महाबली का तीनो लोकों से वैभव समाप्त हो गया और सदैव पाताल लोक में रह गया। इंद्रदेव और अन्य देवताओं ने भगवान विष्णु के इस अवतार की प्रशंशा की और अपना साम्राज्य दिलाने के लिए धन्यवाद दिया।
चतुर्थ दिवस की पावन पवित्र कथा मे श्री भरत मंदिर में पूर्व मुख्यमंत्री माननीय हरीश रावत जी ने व्यास जी महाराज का आशीर्वाद लिया श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जी को प्रसाद और तुलसी का पौधा भेंट किया और इस अवसर पर श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचाय, हर्ष वर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, मधु सूदन शर्मा, शेखर शर्मा, दीप शर्मा , राजीव मोहन अग्रवाल, राजपाल खरोला, दीप शर्मा, महन्त रवि शास्त्री, मेजर गोविंद सिंह रावत आदि उपस्थित थे।

प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर विधि-विधान से खुले श्री केदारनाथ धाम के कपाट

श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज बाबा केदारनाथ की जय उदघोष के साथ आज वृष लग्न में प्रातः 6 बजकर 25 मिनट पर खुल गये है। इस अवसर पर मंदिर को भब्य रूप से नौ क्विंटल फूलों से सजाया गया था। सेना की मराठा रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के साथ देश-विदेश से आये 10 हजार से अधिक श्रद्धालुजन कपाट खुलने के गवाह बने। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के साक्षी बने।
आज प्रात साढ़े चार बजे से श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने कपाटोद्घाटन की तैयारी शुरू कर दी थी। श्री केदारनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय सहित धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ धाम के पुजारी टी गंगाधर लिंग, आयुक्त गढवाल सुशील कुमार, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित सहित मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी बी.डी. सिंह, वेदपाठी आचार्यगणों ने मंदिर के पूरब द्वार से मंदिर के सभामंडप में प्रवेश किया। पांच बजे से मंदिर के गर्भगृह के द्वार का पूजन शुरू हुआ।
श्री केदारनाथ धाम के रक्षक क्षेत्रपाल श्री भकुंट भैरव के आव्हान के साथ ठीक प्रातः6 बजकर 25 मिनट पर श्री केदारनाथ धाम के मुख्य द्वार के कपाट खोल दिये गये।
कपाट खुलते ही श्री केदारनाथ भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से जागृत किया। कुछ ही पल बाद बाबा के निर्वाण दर्शन हुए। कुछ अंतराल में बाबा का श्रृंगार दर्शन शुरू हुए तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नाम से पहला रूद्राभिषेक किया गया।

इस अवसर पर मंदिर को विभिन्न प्रकार के फूलों से सजाया गया तथा समस्त केदारनाथ धाम में मराठा रेजीमेन्ट के बैंड की भक्तिमय धुनों से वातावरण गुंजायमान हो रहा था। दानीदाताओं ने भंडारे आयोजित किये हेली सेवा एवं पैदल मार्ग से श्रद्धालुओं का आने का सिलसिला जारी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित पर्यटन धर्मस्व संस्कति मंत्री सतपाल महाराज ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर देश-विदेश के तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दी है कहा कि श्री केदारनाथ भगवान की कृपा जनमानस पर बनी रहे। प्रदेश के मुख्यमंत्री पष्कर सिंह धामी इस अवसर पर विशेष रूप से केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे है।

उल्लेखनीय है कि कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली 2 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से पैदल मार्ग से चलकर गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड होते हुए 5 मई शाम को श्री केदारनाथ धाम पहुंची थी आज 6 मई को प्रातः श्री केदारनाथ धाम के कपाट यात्राकाल ग्रीष्मकाल 6 माह के लिए खुल गये। शनिवार को भैरवनाथ जी की पूजा के पश्चात भगवान केदारनाथ जी की आरती शुरू हो जायेगी। श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर श्री केदारनाथ मंदिर परिसर भक्तिमय भजनों से गुंजायमान हो रहा था।
इस अवसर पर प़कज मोदी, पूर्व विधायक मनोज रावत, मंदिर समिति सदस्य क्रमश निवास पोस्ती, आशुतोष डिमरी, सज्जन जिंदल वीरेंद्र असवाल अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव धर्मस्व हरिचंद सेमवाल, केदार सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, एसडीएम जितेंद्र वर्मा, कृष्णनाथ गोस्वामी सहित मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी आर. सी. तिवारी, गिरीश देवली, आरके नौटियाल, आचार्य ओंकार शुक्ला, यदुवीर पुष्पवान, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला डा. हरीश गौड़, अमित शुक्ला, विपिन तिवारी राजकुमार तिवारी आदि मौजूद रहे।

बदरीनाथ के भव्य रुप को संवारने की जिम्मेदारी सभी की-संधु

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.सन्धु ने बद्रीनाथ पहुंचकर मास्टर प्लान के तहत चल रहे निर्माण कार्याे का स्थलीय निरीक्षण कर कार्यदायी संस्थाओं को गुणवत्ता के साथ-साथ तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को शीघ्र ही मैन पावर बढाने के निर्देश दिए। वहीं मुख्य सचिव ने व्यापारियों से मुलाकात की और कहा फिलहाल उनके लिए अस्थायी दुकानों का निर्माण किया जा रहा है तथा कार्य पूरे होने के बाद स्थायी दुकाने आवंटित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन और स्थानीय जनता के सहयोग से आने वाले वर्षाे में बद्रीनाथ का भव्य रूप दुनिया के सामने होगा जिससे यहां के व्यापारियों, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि पीएमओ भी डेली बेसिस पर इसकी मानीटरिंग कर रहा है।
उसके बाद मुख्य सचिव ने बदरीनाथ मास्टर प्लान तथा यात्रा की तैयारियों को लेकर बीआरओ गेस्ट हाउस में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने उन्हें गतिमान कार्यों और यात्रा की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। मुख्य सचिव ने मास्टर प्लान कार्यों में लगे मजदूरों तथा अन्य कर्मचारियों के लिए अस्थायी आवास बनाने के निर्देश दिए। साथ ही यात्रा व्यवस्था को लेकर भी संबंधित विभागों को निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने गोविन्द घाट से पुलना पैदल मार्ग पर चल रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर कार्यदायी संस्थाओं को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए कहा कि 15 दिन बाद फिर इसका स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
इस दौरान पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी, एडीएम डा. अभिषेक त्रिपाठी, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी, एसडीएम कुमकुम जोशी, धर्मेश गंगानी, मुख्य अभियन्ता अयाज अहमद, इओ सुनील पुरोहित, कमाण्डर मनीष कपिल, हेमकुण्ड साहिब के प्रबंधक सेवा सिंह सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

सुरकंडा देवी मंदिर में रोपवे सेवा शुरु

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इसके बाद मां सुरकंडा देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख एवं समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी टिहरी को निर्देश दिए कि इस क्षेत्र में स्थाई हेलीपैड के निर्माण के लिए भूमि चिन्हित की जाय।
सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए लगभग 5 करोड़ की लागत से बने रोपवे की लंबाई 502 मीटर है। इसकी क्षमता लगभग 500 व्यक्ति प्रति घंटा है। सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा, उत्तराखंड के राज्य के गठन होने के बाद पहली महत्वपूर्ण रोपवे परियोजना है जिसका निर्माण राज्य पर्यटन विभाग द्वारा किया गया है। सुरकंडा रोपवे सेवा शुरू होने से श्रद्धालु कद्दूखाल से मात्र 5 से 10 मिनट में सुगमता पूर्वक साल भर मां सुरकंडा देवी के दर्शन कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मां सुरकंडा देवी के लिए रोपवे सेवा शुरू होने से श्रद्धालुओं को दर्शन करने में सुगमता होगी। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी। राज्य में धार्मिक पर्यटन के साथ ही साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोपवे परियोजना यात्रियों एवं पर्यटकों के लिए प्रदूषण मुक्त यातायात का प्रमुख साधन है। राज्य सरकार द्वारा केंद्र की पर्वतमाला योजना के अंतर्गत जनपदों में विभिन्न रोपवे परियोजनाओं के निर्माण हेतु कार्यवाही की जा रही है। टिहरी जनपद में लगभग 42 वर्ग किलोमीटर में फैली विशालकाय झील में विभिन्न साहसिक जल क्रीड़ाओं का संचालन किया जा रहा है। इस झील में पर्यटन से संबंधित अन्य गतिविधियों के लिए योजना बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में सभी क्षेत्रों में विकास के कार्य तेजी से हो रहे हैं। 2025 में जब हम उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएंगे, उस समय उत्तराखंड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में होगा। चारधाम यात्रा में इस वर्ष लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। राज्य में श्रद्धालुओं को हर सुविधा मिले, इसके पूरे प्रयास किए गए हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि मां सुरकंडा के लिए रोपवे सेवा शुरू होने से यहां श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत श्रद्धालुओं के लिए हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी धार्मिक एवं साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस अवसर पर विधायक प्रीतम सिंह पंवार, किशोर उपाध्याय, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी टिहरी ईवा आशीष श्रीवास्तव, एसएसपी टिहरी नवनीत भुल्लर, मुख्य विकास अधिकारी टिहरी नमामि बंसल आदि उपस्थित रहे।

केदारनाथ धाम के निरीक्षण के बाद सीएम ने लिया सिद्धपीठ कालीमठ का आशीर्वाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदार धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद जनपद के सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की खुशहाली व चहुंमुखी विकास की कामना की। इससे पूर्व कालीमठ पहुंचने पर जन प्रतिनिधियों सहित स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का ढोल-नगाड़ों व फूल-मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया।

कालीमठ मंदिर के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्रीय जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा पूरी पारदर्शिता के साथ विकास कार्यों को गति दी जा रही है तथा उनके द्वारा जो संकल्प लिए गए हैं उन्हीं के अनुसार विकास कार्यों को पूर्ण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में सभी का सहयोग भी जरूरी है तभी वह कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक नई कार्य संस्कृति व कार्य व्यवहार देश के अंदर आया है। जिसके लिए सभी को नई प्रेरणा मिल रही है। उन्होंने कहा कि बाबा केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों की उनके द्वारा निरंतर जानकारी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने संकल्प लिया था कि नई सरकार के गठन के बाद उत्तराखंड में समान नागरिकता कानून लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत माला श्रृंखला में हर क्षेत्र को सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है तथा ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन का कार्य बड़ी तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा ऐतिहासिक होने वाली है जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।उन्होंने कहा कि पर्यटन हमारी आजीविका का प्रमुख साधन हैं इससे सभी को लाभ प्राप्त होता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा घोषणाएं की गई जिनमें शहीद राम सिंह विद्यालय के आने वाले सत्र में उच्चीकरण की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही कोटमा विद्यालय में स्थाई भवन बनाया जाएगा। चिलौंड सड़क मार्ग की घोषणा की गई। तथा स्यांसूगड़ सड़क मार्ग की घोषणा की। विद्यापीठ डिग्री कॉलेज में बीएससी की कक्षाओं को बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। गौरीकुंड से रामबाड़ा-चौमासी कालीमठ मोटर मार्ग का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा अन्य जो भी मांग पत्र दिए गए हैं उनका आंकलन कर उस पर आवश्यक कार्यवाही हेतु विचार किया जाएगा।

इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक शैला रानी रावत ने मुख्यमंत्री के उनकी विधान सभा क्षेत्र में आगमन पर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री को क्षेत्र की कई समस्याओं से अवगत कराते हुए उन्हें पूरा करने का आग्रह किया गया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता ने आपदा के दंश को झेला है जिसके लिए उन्होंने यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, अध्यक्ष केदारनाथ नगर पंचायत देवप्रकाश सेमवाल, चंडी प्रसाद भट्ट, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य बाचस्पति सेमवाल, मंदिर समिति के मठाधीश अब्बल सिंह राणा, प्रधान कालीमठ गजपाल राणा, युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रदीप राणा, श्रीनिवास पोस्ती, पंकज भट्ट, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, विभिन्न ग्राम सभाओं के प्रधान, जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे।

केदारनाथ धाम पहुंच सीएम ने ली पहाड़ी शैली में भवनों के निर्माण कार्यों की जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ मंदिर परिसर में पहुंच केदारनाथ धाम में हो रहे निर्माण कार्यों एवं आगमी यात्रा संबंधित तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम में पूर्ण हो चुके सरस्वती आस्था पथ का निरीक्षण किया। निर्माणाधीन मंदाकिनी आस्था पथ को अति शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। केदारनाथ परिसर के आस-पास हो रहे पहाड़ी शैली में भवनों के निर्माण कार्यों की जानकारी ली।

मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदार घाटी के निर्माण में अहम योगदान दे रहे श्रमिकों का हालचाल जाना एवं उनकी हर समस्या को दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने श्रमिकों से वार्ता कर निर्माण कार्यों में आ रही समस्याओं को जाना एवं उनके अहम योगदान के लिये धन्यवाद किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंदिर परिसर के आसपास मुख्य मार्ग में अस्त-व्यस्त पड़े मलबे, निर्माणाधीन सामग्री को हटाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने बर्फ पिघलने के साथ ही निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के साथ तेजी लाने के निर्देश दिए।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा अनुसार प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। साथ ही बरसात के दौरान यात्रियों की सुविधा अनुसार ड्रेनेज सिस्टम को विकसित किया जाएगा। जावलकर ने बताया कि वर्तमान में केदारनाथ धाम के निर्माण हेतु करीब 700 श्रमिक कार्यरत हैं। उन्होंने बताया केदारघाटी में ब्रह्म कमल वाटर पार्क का निर्माण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ ट्रैक की जानकारी लेते हुए यात्रियों की सुविधा अनुसार विभिन्न जगहों पर ठहरने, पानी एवं बरसात के दौरान रैन सेटर के निर्माण कार्यों में गति लाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी के किनारे सुरक्षा दीवार के साथ रेलिंग के निर्माण कराए जाने की बात कही। साथ ही उन्होंने वासुकी ताल ट्रैक को विकसित किए जाने से संबंधित जानकारी लेते हुए इसमें शीघ्र कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदार घाटी का निर्माण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सपनों अनुसार किए जाने की बात कही।

इस दौरान विधायक शैला रानी रावत, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, उपजिलाधिकारी योगेंद्र सिंह, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सुविधाजनक चारधाम यात्रा को पुख्ता इंतजाम होः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चार धाम यात्रा के माध्यम से देश-विदेश में अतिथि देवो भवः का संदेश जाना चाहिए। इस बार बहुत अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। चार धाम यात्रा की तैयारियां उसी के अनुरूप सुनिश्चित की जाएं। मुख्यमंत्री सचिवालय में चारधाम यात्रा 2022 की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने यात्रा को श्रद्धालुओं की लिए अधिक से अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को यात्रा मार्गों का स्थलीय निरीक्षण कर, सभी आवश्यक सुधार कार्य यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही संबंधित जिलाधिकारियों को भी यात्रा मार्गों पर कार्यों की प्रगति की लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये। मार्ग अवरूद्ध होने की स्थिति में तत्काल खोलने के लिए जरूरी मशीनों की व्यवस्था व तैनाती कर ली जाए। जेसीबी मशीनों की ट्रेकिंग के लिए उन्हें जीपीएस से जोड़ा जाए। यात्रा मार्ग से संबंधित सड़कों पर कहीं भी मलबा या कचरा न रहे। कचरा निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा प्रबंधन में टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाए। ट्रेफिक प्रबंधन व संचालन के लिए ड्रोन का भी प्रयोग किया जाए। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए टोल फ्री नम्बर जारी किया जाए। जिस पर यात्रा से संबंधित हर प्रकार की जानकारी हो। इस नम्बर को व्यापक प्रचारित भी किया जाए। इस वर्ष बहुत बड़ी संख्या में यात्रियों के आने की सम्भावना है। किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए यात्रियों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था हो। यात्रा मार्गों पर जगह-जगह पर्याप्त संख्या में पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। डायवर्जन और वैकल्पक मार्गों की व्यवस्था भी कर ली जाए। जगह-जगह पर साईन बोर्ड भी लगाए जाएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यात्रा मार्गों पर जाने वाले बसों व टैक्सियों की फिटनेस की जांच सुनिश्चित हो। यात्रा मार्ग पर तैनात किए जाने वाले पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि नियमो का पालन कराते हुए यात्रियों व श्रद्धालुओं के साथ विनम्रतापूर्वक व्यवहार हो। एक बार एंट्री पाइन्ट पर वाहनों की चौकिंग होने के बाद बार-बार चौकिंग कर यात्रियों को परेशान न किया जाए। विभिन्न स्थानों पर क्वालिटी पेयजल के लिए वाटर एटीएम/वाटर मशीन लगाई जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकतानुसार चिकित्सकों की तैनाती कर ली जाए। एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था भी हो। यात्रा मार्ग पर रेट लिस्ट के निर्धारण के साथ ही मिलावटखोरी को रोकने के लिए नियमित चौकिंग अभियान चलाया जाए। यात्रा शुरू होने से पूर्व श्री बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री व श्री हेमकुण्ड साहिब में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के साथ ही यात्रा मार्गों पर समुचित प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। यात्रा मार्ग पर बेहतर संचार व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा का विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। चार धाम यात्रा के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों व अन्य जरूरी सूचनाओं का प्रचार प्रसार हो। चार धामों के साथ ही अन्य धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों के बारे में भी जानकारी दी जाए।

बैठक में केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक शैलारानी रावत, सुरेश सिंह चौहान, संजय डोभाल, दुर्गेश लाल, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, मुख्य सचिव डा. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बर्द्धन, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमख सचिव आरके सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर, नितेश झा, डा. पंकज कुमार पाण्डेय, शैलेश बगोली, एस.ए. मुरूगेशन, आयुक्त गढ़वाल सुशील कुमार आदि उपस्थित रहे।

एनएसएस स्वयंसेवियों ने गंगा स्वच्छता का महत्व जाना

राजकीय महाविद्यालय ऋषिकेश के एनएसएस शिविर के छठे दिन की शुरुआत योग से हुई। सुबह स्वयंसेवियों ने योग की विभिन्न क्रियाओं का अभ्यास किया। उसके बाद स्वयं सेवी परमार्थ निकेतन पहुंचे। जहां परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने सभी स्वयंसेवियों को गंगा स्वच्छता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गंगा को स्वच्छता रखना हम सभी का कर्तव्य है। इस दौरान स्वयंसेवियों ने गंगा स्वच्छता का संकल्प लिया।

साध्वी भगवती सरस्वती द्वारा छात्र-छात्राओं का उत्साह वर्धन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया। इस दौरान सात हजार लोगों को स्वामी चिदानंद सरस्वती ने गंगा स्वच्छता की शपथ भी दिलाई।

मौके पर वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अशोक कुमार मेंदोला, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रीति खंडूरी, डॉ. पारूल मिश्रा, अमित रतूड़ी, निजाम आलम, नितेश चमोली, कोमल शर्मा, सृष्टि आर्य, प्रियांशी, अनामिका, अमन, यश गर्ग, प्रीति, भोले शंकर, सपना, आकांक्षा कुमारी, स्वाति बधानी, आस्था, शिक्षा राणाकोटी, अंजलि बिष्ट, संध्या, ज्योति मौर्य, सपना आदि उपस्थित रहे।