सिद्ध पीठ मंशा व चंडी देवी मंदिर मार्ग को किया जाए सुदृढ़ः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मेला नियंत्रण कक्ष, हरिद्वार में स्वच्छ, सुरक्षित, हरित और भव्य, दिव्य हरिद्वार कुम्भ 2021 के आयोजन के संबंध में समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि कुम्भ के कार्य हर हाल में समय पर पूर्णं कर लिये जाएं, यदि आवश्यकता पड़े तो कार्य में लेबर की संख्या बढाई जाए और शिफ्ट की संख्या भी बढ़ा ली जाए।

लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया कि कुम्भ क्षेत्र के मठ, मन्दिर, आश्रम, धर्मशाल, अखाड़ा और पेशवाई मार्ग को दुरूस्त कर लिया जाए। इसके साथ ही मंशा देवी और चण्डी देवी मार्ग का सुदढ़ीकरण कर लिया जाए। कुम्भ क्षेत्र के साज-सज्जा और सौंदर्यीकरण के कार्य कुम्भ श्रद्धालुओं का स्वागत करेगा।

कुम्भ कार्यों में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाएं रखने को गम्भीरता से लेने को कहा तथा कहा कि कुम्भ के बाद और कुम्भ के दौरान किसी प्रकार के प्रश्न चिह्न उठने की सम्भावना को समाप्त करें।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेले की बैठक के उपरांत यूपीसीएल के 33-11 के.वी. उपसंस्थान जगजीतपुर-ललतारौ का लोकार्पण किया। कुम्भ मेला-2021 के अन्तर्गत हरिद्वार क्षेत्र में अस्थायी सैक्टरों एवं पार्किंग में कुम्भ की विद्युत मांग को देखते हुए तथा वर्तमान उपसंस्थानों का बेहतर लोड मैनेजमेंट करने के लिये 2 नये उपसंस्थान ललतारों एवं जगजीतपुर में बनाये गये हैं।

कुम्भ मेला-2021 में प्रस्तावित कनखल, बैरागी कैम्प सेक्टरों को विद्युत आपूर्ति के लिये आवश्यक अस्थायी विद्युत नेटवर्क की विद्युत आपूर्ति करने वाले उपसंस्थानों बैरागी कैम्प एवं कनखल-प्प् का लोड कम करने के लिये प्रस्तावित जगजीतपुर उपसंस्थान का निर्माण किया गया है। इससे कुम्भ मेला-2021 में प्रस्तावित रोडीवाला, बेलवाला एवं हर की पैडी सेक्टरों में आवश्यक अस्थायी विद्युत नेटवर्क को विद्युत आपूर्ति करने वाले उपसंस्थानों लालजीवाला एवं मायापुर का लोड कम करने के लिये एवं बेहतर विद्युत आपूर्ति होगी। यह उपसंस्थान 2 अलग-अलग 132 के0वी0 उपसंस्थानों भूपतवाला एवं ज्वालापुर से निकलने वाले 33 के०वी० फीडरों से पोषित होगा, इस प्रकार अलग-अलग सोर्स से कनेक्टिविटी बनी रहेगी। साथ ही लगभग 4000 वर्तमान निवासरत विद्युत उपभोक्ता इस उपसंस्थान से लाभान्वित होंगे। यह उपसंस्थान प्री-फेब्रिकेटेड पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर आधुनिक तकनीक पर आधारित है। यह आधुनिक क्षमता का तकनीक पर आधारित देवभूमि उत्तराखण्ड के कुम्भ क्षेत्र हरिद्वार में पहला उपसंस्थान है।

इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, विधायक आदेश चैहान, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल नीरज खैरवाल, मेलाधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर उपस्थित थे।

नारसन से रूड़की के मध्य एनएच कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम, जताई संतुष्टि

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नारसन से रूड़की के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यों एवं रूड़की बाईपास पर चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कुंभ क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों एवं पुलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 31 दिसम्बर 2020 तक स्थाई प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण किये जाय। 31 जनवरी, 2021 तक कुम्भ से संबंधित सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाए। उन्होंने पुहाना-छुटमलपुर बाईपास, फ्लाईओवर ब्रिज, कोर कॉलेज के समीप से मंगलौर को जोड़ने वाले बाईपास, रानीपुल झाल में बनाये जा रहे पुल एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाये जा रहे विभिन्न पुलों एवं मेला क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आगामी कुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत 98 प्रतिशत कार्य दिसम्बर 2020 के अंत तक पूर्ण हो जाएंगे। जनवरी अंत तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि पुलों, बाईपास को जोड़ने एवं सड़क निर्माण के जो कार्य हो रहे हैं, इससे लोगों को आने वाले समय में काफी फायदा होगा। हरिद्वार में सालभर में अनेक स्नान पर्व एवं कांवड़ मेले का आयोजन होता है। इन पर्वों में भी श्रद्धालुओं को आवागमन के लिए काफी सुविधा होगी एवं स्थानीय लोगों को भी सुविधा होगी। हरिद्वार देश-विदेश के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केन्द्र है। हरिद्वार में श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी भी प्रकार की परेशानी न इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिये कि कुंभ मेला क्षेत्र में सौन्दर्यीकरण के कार्यों पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। यात्रा मार्गों पर साइनेज की पर्याप्त व्यवस्था हो। पार्किंग स्थलों, स्वच्छता, पेयजल एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की उचित व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण बीच में जो निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं, उनमें और तेजी लाई जाय। कुंभ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाय।

मुख्यमंत्री ने कुंभ कार्यों का निरीक्षण करने के बाद हरकी पैड़ी पर पूजा-अर्चना की एवं प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना ही।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ मेला क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्थाई प्रकृति के अधिकांश कार्य पूर्णता की ओर हैं, अवशेष कार्य भी कुंभ शुरू होने से पूर्व पूर्णं हो जायेंगे। सौन्दर्यीकरण, घाटों की सफाई, अतिक्रमण हटाने, स्वच्छता आदि के कार्य लगातार किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, विधायक आदेश चैहान, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव चैंपियन, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आरके सुधांशु, शैलेश बगौली, आईजी मेला संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर, एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस, अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह आदि उपस्थित थे।

मुख्य सचिव को 15 दिन में कुंभ मेले की समीक्षा करने के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अखाड़ा परिषद् के साथ हरिद्वार कुम्भ 2021 की तैयारियों के संबध में बैठक की। कहा कि कुंभ मेला अपने दिव्य एवं भव्य स्वरूप में होगा। कुंभ की परंपरा एवं संस्कृति का पूरा ध्यान रखा जायेगा। कोविड के कारण अनेक कुछ व्यावहारिक समस्याएं आयी हैं, कुम्भ के शुरू होने पर कोविड की स्थिति कैसी रहती है, उसके अनुसार कुंभ के स्वरूप को विस्तार दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में परिस्थितियों के हिसाब से जो भी निर्णय लिये जायेंगे, उसमें अखाड़ा परिषद् एवं साधु-संतों के सुझाव जरूर लिये जायेंगे। राज्य सरकार का प्रयास है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि कुंभ के कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जा रही है, जो कार्य अभी प्रगति पर हैं, उन्हें जल्द पूर्ण करने के लिए संबंधित विभागीय सचिवों को नियमित निगरानी करने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्य सचिव को भी 15 दिन में कुभ मेले की समीक्षा के निर्देश दिये गये हैं।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सकुशल कुंभ सम्पन्न कराने के लिए अखाड़ा, परिषद् एवं संत समाज का पूरा सहयोग लिया जायेगा। माँ गंगा के आशीर्वाद से भव्य हरिद्वार कुंभ का आयोजन किया जायेगा।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महन्त नरेन्द्र गिरी ने कहा कि हरिद्वार कुंभ के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग दिया जायेगा। कुंभ के स्वरूप के लिए जो भी निर्णय लिया जायेगा, उसमें पूरा सहयोग दिया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने अखाड़ों की कुछ समस्याओं से भी अवगत कराया।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि 15 दिसंबर 2020 तक अधिकांश स्थाई प्रकृति के कार्य पूर्ण हो जायेंगे। 31 दिसम्बर 2020 तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जायेंगे। इस बार कुंभ के लिए बनाये जा रहे 09 नये घाटों, 08 पुलों व सड़कों का कार्य पूर्णता की ओर है। स्वच्छता पर विशेष बल दिया जा रहा है। पेयजल, पार्किंग की व्यवस्था, अतिक्रमण हटाने का कार्य लगातार किया जा रहा है। कुंभ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जायेंगी।

इस अवसर पर महामंत्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् महन्त हरि गिरी, महन्त प्रेम गिरी, महन्त सत्यगिरी, महन्त कैलाशपुरी, महन्त मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, महन्त रवीन्द्र पुरी, गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन, आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार, आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल, अपर सचिव शहरी विकास विनोद कुमार सुमन, अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र, हरवीर सिंह, रामजी शरण शर्मा आदि उपस्थित थे।

यूपी और उत्तराखंड सीएम ने केदारनाथ में किया पुनर्निर्माण के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। शंकराचार्य के समाधि स्थल, आस्था पथ, ध्यान गुफाओं का एवं केदारनाथ में बने ब्रिज का निरीक्षण दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा किया गया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यो की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केदारनाथ में बहुत तेज गति से निर्माण कार्य किए गए। निर्माण कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर से आधुनिक यंत्र केदारनाथ में लाए गए। निर्माण कार्यों की प्रगति कि देहरादून से नियमित रूप से निगरानी की गई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने बताया कि शीघ्र ही केदारनाथ नये स्वरूप में देश व दुनिया के श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र बनेगा। केदारनाथ आने वाले मार्गों के सुदृढीकरण के साथ ही धाम में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा निरन्तर यहां संचालित कार्यों का अनुश्रवण किया जा रहा है। निर्माण कार्यों में स्थानीय, पौराणिक एवं आध्यात्मिक महत्व को संजोये रखने के साथ ही स्थानीय स्थापत्य कला पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यों के साथ निकटवर्ती आध्यात्मिक स्थलों को भी इससे जोड़ा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्हें 11-12 वर्षों के बाद बाबा केदारनाथ के श्री चरणों के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में आयी त्रासदी के बाद प्रधानमंत्री मोदी के वीजन एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र के नेतृत्व में श्री केदारनाथ का पुनरुद्धार का कार्य युद्धस्तर पर संचालित किया जा रहा है। देश-विदेश के श्रद्धालुजनों के विश्वास बहाली में उत्तराखण्ड सरकार ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारनाथ पुनर्निर्माण का बेहतरीन कार्य किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने देवभूमि उत्तराखण्ड के साथ ही बाबा केदारनाथ को नमन करते हुए कहा कि पौराणिक महत्व के इस श्रद्धा के केन्द्र का सुनियोजित ढंग से किये जा रहे पुनर्निर्माण कार्य निश्चित रूप से श्रद्धालुओं के विश्वास बहाली में मददगार हुआ है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ के प्रति करोड़ों लोंगों की आस्था है, यही आस्था भारत की अस्मिता, भारत के सांस्कृतिक केन्द्र भारत को भारत बनाने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि केदारनाथ के प्रति उनकी आस्था रही है। पूजा के समय उन्हें बाबा केदार के दर्शनों की प्रेरणा मिलती रही है। आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र के प्रयासों से बाबा केदार के दर्शन करने तथा यहां चल रहे कार्यों के अवलोकन का अवसर मिला। उन्होंने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखण्ड व सभी देश वासियों के सुख चैन, कुशलता व सुरक्षा की कामना की।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 16 नवम्बर को वे भगवान बदरीनाथ के दर्शनार्थ भी जायेंगे, जहां पर उत्तर प्रदेश अतिथि विश्रामालय का शिलान्यास मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ करेंगे। उन्होंने कहा कि दीपावली के अवसर पर केदारनाथ, बदरीनाथ के दर्शन के साथ ही उत्तर प्रदेश विश्रामालय का शिलान्यास करने का इससे अच्छा मुर्हूत नहीं हो सकता। इस अवसर पर दोनों मुख्यमंत्रियों ने श्री केदारनाथ मतें पूजा अर्चना भी की।

इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के औद्योगिक सलाहकार डॉ के.एस. पंवार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल, एसपी रूद्रप्रयाग नवनीत भुल्लर भी उपस्थित थे।

चारधाम यात्राः विजयादशमी के मौके पर धामों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित

उत्तराखंड के चारधाम यानी (बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) के कपाट शीतकाल में किस तिथि को बंद होंगे। इसका ऐलान आज किया गया। बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को तीसरे पहर तीन बजकर 35 मिनट पर बंद होंगे। इसी तरह गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को दोपहर 12.35 मिनट पर बंद होंगे। वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज पर 16 नवंबर को प्रातः 8.30 बजे बंद होंगे। साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट 16 नवंबर और गंगोत्री के कपाट अन्नकूट पर्व पर 15 नवंबर को बंद किए जाएंगे।

बदरीनाथ महानिर्माण योजना पीएम की दूरदर्शी योजना में शामिलः पर्यटन सचिव

पर्यटन-धर्मस्व एवं संस्कृति सचिव दिलीप जावलकर ने स्थानीय ब्यापारियों एवं तीर्थ पुरोहितों तथा हक-हकूकधारियों से बदरीनाथ महानिर्माण योजना के विषय में बैठक की तथा मास्टर प्लान के संबंध में लोगों की आपत्तियों एवं शंकाओं का निवारण भी किया। पर्यटन सचिव ने कहा कि बदरीनाथ महानिर्माण योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में लागू हो रही दूरदर्शी योजना है। महानिर्माण योजना पर 424 करोड़ का बजट प्रस्तावित है, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचेगा तथा बदरीनाथ धाम में यात्री सुविधाओं में वृद्दि होगी। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ मास्टर प्लान को केंद्र के सहयोग से लागू हो रही महत्त्वपूर्ण परियोजना है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बदरीनाथ धाम को अधिक आध्यात्मिक नगरी के रूप में सुविधा-संपन्न बनाने हेतु

उल्लेखनीय है कि यात्री सुविधाओं हेतु मास्टर प्लान तीन चरणों में प्रस्तावित है पहले चरण में शेष नेत्र एवं बदरीश झील का सौंदर्यीकरण शामिल है। दूसरे चरण में बदरीनाथ धाम परिसर तथा आसपास के स्थलों का सोंदर्यीकरण तथा विस्तारीकरण होना है तत्पश्चात तीसरे चरण में शेष नेत्र से बदरीनाथ मंदिर तक आस्थापथ निर्माण प्रस्तावित है।
पर्यटन सचिव ने बदरीनाथ मास्टर प्लान को आध्यात्मिक क्षेत्र बदरीनाथ धाम के विकास हेतु महत्त्वपूर्ण महायोजना बताया है। इससे पहले पर्यटन सचिव ने बदरीनाथ मंदिर में दर्शन किये तथा ब्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया।

बैठक के पश्चात पर्यटन सचिव ने मंदिर के निकटवर्ती स्थानों नारायण पर्वत, मातामूर्ति मार्ग, ब्रह्मकपाल, तप्तकुंड क्षेत्र, बामणी गांव मार्ग आदि स्थानों का पैदल चलकर अवलोकन किया।
इस अवसर पर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, उप जिलाधिकारी अनिल चन्याल, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, बदरीनाथ नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित, नगर पंचायत अध्यक्ष अरविंद शर्मा, व्यापार सभा के विनोद नवानी आदि मौजूद रहे।

शीतकाल के लिए गोपीनाथ मंदिर में विराजित हुए भगवान रूद्रनाथ

भगवान रूद्रनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए है। शनिवार को पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना के बाद भगवान रूद्रनाथ को गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में विराजित किया गया। इससे पूर्व चतुर्थ केदार भगवान रूद्रनाथ को भक्तों ने नए अनाज का भोग लगाया और परिवार की कुशलता की कामना की।

मंदिर के कपाट बंद होने के बाद सुबह सात बजे पंडित महादेव प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में रुद्रनाथ की उत्सव डोली पंचगंगा, पित्रधार, पनार बुग्याल, ल्वींटी बुग्याल होते हुए सगर गांव पहुंची। यहां ग्रामीणों ने अपने आराध्य देवता को भोग लगाया और पूजा-अर्चना की। इस दौरान रुद्रनाथ भगवान की पंचमुखी आरती भी की गई।

केदारनाथ में नेपाल भवन को संग्रहालय के रूप में संरक्षित करने का प्रस्ताव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगरानी में किए जा रहे अवस्थापना स्थापना संबंधी कार्यों की प्रगति का जायजा लेने सचिव संस्कृति, भारत सरकार राघवेंद्र सिंह तथा सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर केदारनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने आदि शंकराचार्य की समाधि, नेपाल भवन तथा केदारनाथ लिंचोली मार्ग का निरीक्षण किया।

सचिव पर्यटन जावलकर ने सचिव, भारत सरकार को केदारनाथ में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति से रूबरू कराया। कहा कि आदि शंकराचार्य की समाधि पर चल रहे कार्यों को यथाशीघ्र पूर्ण करने के निर्देश कार्यदाई संस्था को दिए गए। इस दौरान उनके साथ प्रसिद्ध उद्योगपति सज्जन जिंदल भी उपस्थित रहे। ज्ञातव्य है कि जिंदल स्टील वक्र्स द्वारा केदारनाथ विकास कार्यों के लिए बड़ी मात्रा में सहयोग राशि उपलब्ध करवाई गई है जिसके माध्यम से शंकराचार्य समाधि स्थल पर निर्माण कार्य संचालित किए जा रहे हैं। भारत सरकार के संस्कृति सचिव द्वारा इस अभूतपूर्व योगदान के लिए उद्योगपति जिंदल का विशेष आभार व्यक्त किया गया।

मौके पर अधिकारियों ने नेपाल भवन का भी निरीक्षण किया और स्थान स्वामी से वार्ता कर इसे संग्रहालय के रूप में संरक्षित करने का प्रस्ताव दिया। सचिव, भारत सरकार की ओर से कुछ स्थानीय घरों का भी निरीक्षण किया गया, इसमें अस्थाई तौर पर संग्रहालय को संचालित किया जा सके। भारत सरकार के संस्कृति सचिव द्वारा केदारनाथ लिंचोली मार्ग का भ्रमण किया गया। जिसमें उनके द्वारा किन्ही चार स्थलों (पडावौं) को धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ध्यान केंद्र के रूप में विकसित करने का विश्वास दिलाया गया।

देवस्थानम बोर्ड को शासन से पूर्ण सहयोग मिल रहाः सचिव पर्यटन

पर्यटन सचिव जावलकर ने कहा कि राज्य में पर्यटकों के लिए आवाजाही खोल दी गई है। देशभर के श्रद्धालुगण अब देवस्थान पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर चार धामों की यात्रा पर आ सकते हैं। कहा कि देवस्थानम बोर्ड को अपना कार्य केवल पूजा अर्चना तक सीमित न रखते हुए यात्रियों की सेवा के लिए अतिरिक्त कार्य करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को शासन की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। बोर्ड के अधिकारी- कर्मचारियों से इस बात की अपेक्षा है कि वे वृहद स्तर पर उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु अपने विजन को विशाल करेंगे।

30 हजार श्रद्धालु कर चुके हैं बाबा केदार के दर्शन
उन्होंने बताया कि अब तक 30,000 श्रद्धालुओं द्वारा बाबा केदार के दर्शन किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए राज्य के द्वार खोले जाने से चारों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है इससे स्थानीय होटल एवं रिजॉर्ट व्यवसायी, घोड़ा व्यवसाई, छोटे कारोबारियों तथा पर्यटन क्षेत्र के अन्य हित धारकों को लाभ पहुंचेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

सीएम ने की कुंभ मेला की समीक्षा, हरिद्वार-ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण करने का दिया निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेला 2021 की समीक्षा करते हुए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार व ऋषिकेश में कूड़ा निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। कुम्भ का आयोजन दिव्य और भव्य होगा। मेला क्षेत्र का सौंदर्यीकरण समय पर पूरा कर लिया जाए। कुम्भ मेले के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बरकरार रखते हुए कोविड के दृष्टिगत सुरक्षित आयोजन किया जाना है। इस संबंध में अखाड़ों के संत महात्माओं का मार्गदर्शन और सहयोग लिया जाएगा। कुम्भ के सभी स्थायी प्रकृति के काम दिसम्बर माह तक पूरे कर लिये जाएं। अस्थायी कामों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाए। मुख्य सचिव हर सप्ताह कुम्भ की तैयारियों की समीक्षा करें। स्वास्थ्य विभाग सामान्य रूप से होने वाली तैयारियों के साथ ही कोविड के दृष्टिगत भी योजना बनाकर काम करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी धर्मशालाओं, आश्रमों व होटलों को कोविड के दृष्टिगत क्या करें और क्या न करें, की मार्गदर्शिका उपलब्ध कराने के साथ ही वहां काम करने वालों को यथासम्भव प्रशिक्षित किया जाए। सभी काम समय पर पूरे हो, इसके लिए दो शिफ्ट में भी काम किया जा सकता है। व्यापार मंडल के सहयोग से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जाए। हरिद्वार में सड़कों को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए। राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ समन्वय स्थापित कर जरूरी काम कराए जाएं।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ मेले के विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। बताया कि हरिद्वार के कूड़ा निस्तारण के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इस पर लगभग 35 करोड़ रूपए का व्यय अनुमानित है। हरिद्वार में 1000 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया जाएगा। लगभग 493 चिकित्सकों की व्यवस्था की जा रही है। एम्बुलेंस की भी आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जा रही है। बाईक एम्बुलेंस और बोट एम्बुलेंस के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे कुम्भ मेला क्षेत्र को 23 सेक्टर में विभाजित किया गया है। किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए अतिरिक्त टीमें रिजर्व में रहेंगी। अधिकारियों के लिंक अधिकारी भी नामित किए जाएंगे।

बैठक में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव आरके सुधांशु, नितेश झा, शैलेश बगोली, सौजन्या, पंकज पाण्डेय, गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन, आईजी अभिनव कुमार, संजय गुन्ज्याल आदि उपस्थित रहे।

अधिष्ठात्री मायादेवी मंदिर में पूजा के बाद मुख्यमंत्री ने पवित्र छड़ी यात्रा को रवाना किया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरिद्वार में पंचदशनाम जूना अखाड़े की राज्य के चारधाम व अन्य तीर्थो की यात्रा पर जाने वाली पवित्र छड़ी यात्रा को रवाना किया। मौके पर सीएम ने मायादेवी मन्दिर परिसर से अधिष्ठात्री मायादेवी, छड़ी एवं भैरव देवता की पूजा अर्चना, आरती एवं परिक्रमा भी की। यात्रा पूरे प्रदेश का भ्रमण करने के पश्चात 12 अक्टूबर को वापस हरिद्वार पहुंचेगी।

सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस छड़ी यात्रा के शुभारम्भ से उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इस यात्रा को आस्था एवं विश्वास से जुड़ा विषय बताते हुए कहा कि इससे समाज में सौहार्दता भी बढ़ेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आम जनमानस इस छड़ी यात्रा के अवसर पर पवित्र छड़ी का पूजन कर पुण्य के भागी बनेंगे। उन्होंने कोविड-19 के दृष्टिगत छड़ी यात्रा के संचालन के दौरान आवश्यक एहतियात बरतने की भी अपेक्षा आयोजको से की।

जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत स्वामी हरिगिरि ने बताया कि यह पवित्र यात्रा 17 सितम्बर की रात्रि को ऋषिकेश में विश्राम के बाद 18 सितम्बर को ऋषिकेश से देहरादून, मसूरी, लाखामण्डल होते हुये बड़कोट पहुंचेगी। 19 सितम्बर को बड़कोट से जानकी चट्टी होते हुये यमुनोत्री पहुंचेगी तथा उत्तरकाशी में रात्रि विश्राम के बाद 20 सितम्बर को उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम पहुंच जायेगी। पवित्र छड़ी यात्रा में जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सभापति महंत प्रेम गिरि, महंत शिखर गिरि, महंत रणवीर गिरि, सचिव महंत महेश पुरी आदि शामिल रहेंगे। जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत स्वामी हरिगिरि ने कहा कि छड़ी यात्रा प्रारम्भ करके मुख्यमंत्री ने एक बड़ी परम्परा का शुभारम्भ किया है। इससे पूर्व अधिष्ठात्री मायादेवी मन्दिर परिसर पहुंचने पर मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर शहरी विकास, आवास मंत्री मदन कौशिक, मेला अधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी रविशंकर, आईजी संजय गुंजयाल, महंत केदार पुरी, सभापति महंत सोहन गिरि, महंत पृथ्वी गिरि, महंत शिवानन्द सरस्वती, सचिव महंत महेश पुरी, शैलेन्द्र गिरि आदि उपस्थित थे।

पीएम मोदी पर आधारित पुस्तक का सीएम ने किया विमोचन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भाजपा महानगर कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना की। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त की। इस अवसर पर देश में कार्यकर्ताओं द्वारा रक्तदान, प्लाज्मा डोनेट एवं अस्पतालों में फल वितरण के कार्य किये जा रहे हैं। यह सप्ताह सेवा सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक कर्मयोगी जिन्होंने अपने जीवन का एक-एक क्षण देश को समर्पित किया है। उनके जन्म दिवस पर पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा जन सहयोग कर सराहनीय कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड-19 के दौरान कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी लोगों का सहयोग किया है। कोविड से बचाव का सबसे अच्छा तरीका फिजिकल डिस्टेंस और मास्क का उपयोग है। राज्य में कोविड की टेस्टिंग बढ़ाई गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कल राज्य में भाजपा सरकार के साढ़े तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं। इन तीन वर्षों में जनता से किये गये वायदों को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। इस दौरान राज्य सरकार पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है।

विस सत्र को लेकर सीएम और स्पीकर ने किया निरीक्षण
23 सितंबर से प्रारंभ होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर गुरूवार को सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने निरीक्षण किया।