प्रमुख स्थलों पर मानसखण्ड झांकी का होगा प्रदर्शन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास से गणतंत्र दिवस परेड-2023 में प्रथम स्थान पर रही उत्तराखण्ड राज्य की झांकी ‘मानसखण्ड’ को प्रदेश के जनपदों/ब्लॉक मुख्यालयों तथा मुख्य स्थानों पर प्रदर्शन हेतु फ्लैग ऑफ किया। गणतंत्र दिवस परेड-2023 में विभिन्न राज्यों व भारत सरकार के मंत्रालयों की 27 झांकियों में उत्तराखण्ड की मानसखण्ड झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। कर्त्तव्य पथ पर पहली परेड में उत्तराखण्ड को प्रथम स्थान मिलना एक बड़ी उपलब्धि है। उत्तराखण्ड गठन से अब तक पहली बार राज्य की झांकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। मानसखण्ड झांकी में जागेश्वर मंदिर, कार्बेट नेशनल पार्क, ऐपण आर्ट, योग तथा वनों का समावेश किया गया था। इस उपलब्धि से उत्तराखण्ड की धार्मिक, सांस्कृतिक धरोहर, कला एवं संस्कृति का प्रचार-प्रसार पूरे विश्व में हुआ। 5 अप्रैल, 2023 से 18 मई 2023 तक प्रदेश के ब्लॉक मुख्यालयों एवं मुख्य शहरों में झांकी का प्रदर्शन जनमानस के सम्मुख किया जाएगा। मानसखण्ड झांकी के संबंध में 2 मिनट की वीडियो भी तैयार की गई है। इस शॉर्ट फिल्म का एल.ई.डी. के माध्यम से जन सामान्य हेतु प्रसारण किया जाएगा। समस्त जनपद मुख्यालयों पर जिलाधिकारी के सहयोग से स्थानीय विधायक की उपस्थिति में झांकी से सम्बन्धित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यन्त गौरव का विषय है कि उत्तराखण्ड स्थापना के 22 वर्ष के इतिहास में पहली बार हमारे राज्य की झांकी को देश के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की ऐतिहासिक परेड के अवसर पर पहला स्थान प्राप्त हुआ है। यह सभी उत्तराखण्डवासियों की सांझी उपलब्धि है। सभी उत्तराखण्डवासियों व इस झांकी में प्रतिभाग करने वाले कलाकारों तथा झांकी के निर्माण व प्रस्तुतिकरण से जुड़े लोगों को विशेष बधाई एवं शुभकामनाएं। मानसखण्ड झांकी में राज्य के प्रमुख धाम जागेश्वर धाम, उत्तराखण्ड की संस्कृति, कला को दर्शाया गया है। मानसखण्ड झांकी उत्तराखण्ड के सभी ब्लॉक मुख्यालयों व मुख्य शहरों में 05 अप्रैल से लेकर 18 मई तक भ्रमण पर रहेगी। इससे राज्य के सभी जगहों के लोग विशेषकर बच्चे इस झांकी से अवगत हो पाएंगे। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार द्वारा मानसखण्ड मंदिर माला मिशन पर मिशन मोड पर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक व धार्मिक धरोहरों के पुनरुद्धार के लिए गंभीरता से कार्य कर रही है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, अपर निदेशक सूचना आशीष त्रिपाठी, झांकी लीडर के0 एस0 चौहान, आचार्य मनमोहन लोहनी उपस्थित रहे।

उत्तराखण्ड की मानसखण्ड पर आधारित झांकी का गणतंत्र दिवस परेड में हुआ चयन

गणतंत्र दिवस परेड-2023 के लिए उत्तराखण्ड राज्य की झांकी का अंतिम चयन हो गया है। सूचना विभाग द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन के उपरान्त मानसखण्ड पर आधारित झांकी प्रस्तावित की गई थी। भारत सरकार द्वारा अंतिम रुप से इस बार नई दिल्ली कर्त्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में ‘मानसखण्ड’ की झांकी का प्रदर्शन करने की स्वीकृति पदान की है। यह जानकारी देते हुए सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि झांकी के अग्र तथा मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन, बारह सिंघा, घुरल, मोर तथा उत्तराखण्ड में पाये जाने वाली विभिन्न पक्षियों व झांकी के पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मन्दिर समूह तथा देवदार के वृक्षों को दिखाया जायेगा साथ ही उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ का भी झांकी के मॉडल में समावेश किया गया है। झांकी के साथ उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए छोलिया नृत्य का दल सम्मिलित होगा। झांकी का थीम सांग उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति पर आधारित होगा।
गौरतलब है कि श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर मानसखण्ड पर आधारित झांकी का प्रदर्शन होगा। देश विदेश के लोग मानसखण्ड के साथ ही उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे।
ज्ञातव्य है कि गणतंत्र दिवस की झांकी के लिए लगभग 27 राज्यों ने अपने प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये थे, जिसमें 16 राज्यों का ही अंतिम चयन हुआ है। राष्ट्रीय समारोह के नोडल अधिकारी संयुक्त निदेशक, के.एस. चौहान द्वारा झांकी का डिजाइन, थ्री-डी मॉडल तथा संगीत के संदर्भ में रक्षा मंत्रालय के अधीन गठित विशेषज्ञ समिति के सम्मुख नई दिल्ली में 7 बार प्रस्तुतिकरण करने के उपरान्त उत्तराखण्ड राज्य का अंतिम चयन हुआ है।
उत्तराखण्ड राज्य द्वारा अभी तक गत् वर्षों में 13 झांकियों एवं उत्तराखण्ड की कला एवं संस्कृति का प्रदर्शन कर्त्तव्य पथ पर किया गया है, इनमें वर्ष 2003 में ‘फुलदेई’, वर्ष 2005 में ‘नंदा राजजात’, वर्ष 2006 में ‘फूलों की घाटी’, वर्ष 2007 में ‘कार्बेट नेशनल पार्क’, वर्ष 2009 में ‘साहसिक पर्यटन’, वर्ष 2010 में ‘कुम्भ मेला हरिद्वार’, वर्ष 2014 में ‘जड़ीबूटी’, वर्ष 2015 में ‘केदारनाथ’, वर्ष 2016 में ‘रम्माण’, वर्ष 2019 में ‘अनाशक्ति आश्रम’, वर्ष 2021 में ‘केदारखण्ड’ तथा वर्ष 2022 में ‘प्रगति की ओर बढ़ता उत्तराखण्ड’ सम्मिलित हैं।
झांकी का निर्माण 31 दिसम्बर से सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक/नोडल अधिकारी के.एस. चौहान के दिशा निर्देशन में राष्ट्रीय रंगशाला शिविर, नई दिल्ली में किया जायेगा तथा झांकी के साथ उत्तराखण्ड की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए उत्तराखंड का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य का ग्रुप 13 जनवरी, 2023 को राष्ट्रीय रंगशाला शिविर, नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेगा।