सीएस ने दिए वन विभाग को राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नए श्रोत जोड़े जाने के निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय स्थित अपने सभागार में राजस्व अभिवृद्धि के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण विभागों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को राजस्व बढ़ाये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नवाचार एवं तकनीक के प्रयोग को बढ़ाए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने वन विभाग को राजस्व बढ़ाए जाने के लिए नए श्रोत जोड़े जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी वन विभाग के राजस्व का एक बड़ा स्रोत हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कार्बन क्रेडिट और ईको टूरिज्म को बड़ा श्रोत बनाने की दिशा में काम किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जड़ी बूटी के क्षेत्र में संभावनाओं का परीक्षण कराते हुए अपने सभी डिविजन को लक्ष्य दिया जाए। कहा कि ईको टूरिज्म को प्रोत्साहन दे कर इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए, इस से राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने टिम्बर बिक्री की ऑनलाइन व्यवस्था शुरू किए जाने के निर्देश दिए, साथ ही वन निगम के वर्किंग प्लान में एक हज़ार मीटर से ऊपर के क्षेत्र को सम्मिलित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने वन विभाग को अपने खनन लक्ष्य पुनः निर्धारित करने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही खनन विभाग को लंबित लॉट्स को शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। कहा कि लंबित पड़े 14 लोट्स को अक्टूबर से पहले शुरू कर लिया जाए। उन्होंने विभाग को नए लॉट्स लगातार चिह्नित किए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने पारदर्शिता लाने के लिए सर्विलांस सिस्टम शीघ्र शुरू किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक और सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि वन निगम, कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम एवं गढ़वाल मण्डल विकास निगम को निर्देश दिये गये कि उनको आवंटित समस्त लॉटस् का शत प्रतिशत संचालन सुनिश्चित किया जाय।

मुख्य सचिव ने कहा कि स्टेट जीएसटी का सेक्टर वार विश्लेषण कराया जाए, ताकि जीएसटी प्राप्त करने की स्थिति में सुधार किया जा सके। उन्होंने परिवहन विभाग की एएनपीआर प्रणाली का भी प्रभावी उपयोग किया जाये। परिवहन विभाग और वन विभाग को एएनपीआर और सर्विलांस सिस्टम को शीघ्र इंटीग्रेट किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने स्टेट जीएसटी को इस वर्ष लक्ष्य बढ़ाये जाने के भी निर्देश दिए हैं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, एल फैनाई, सचिव दिलीप जावलकर, युगल किशोर पंत, वन विभाग से कपिल लाल, अपर सचिव डॉ अहमद इकबाल, हिमांशु खुराना एवं सोनिका सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पर्वतीय जनपदों के लिए राजस्व विभाग को मिली 320 मोटर साइकिल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हीरो मोटोकॉर्प लिण् द्वारा राजस्व विभाग को उपलब्ध कराई गई 320 मोटर साइकिलों का फ्लैग ऑफ किया। ये मोटर साइकिलें राज्य के पर्वतीय जनपदों के लिए दी गई हैं। राजस्व विभाग के राजस्व उप निरीक्षकों को आपदा कार्योंए कानून व्यवस्था में सहयोग हेतु क्षेत्रीय भ्रमणए राजस्व से संबंधित विभिन्न कार्यों के त्वरित निस्तारण के लिए ये मोटर साइकिलें दी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हीरो मोटोकॉर्प का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राजस्व विभाग के राजस्व उप निरीक्षकों को इन मोटर साइकिल की सुविधा मिलने से जन समस्याओं के निदान एवं विभिन्न कार्यों के लिए क्षेत्रों में भ्रमण करने में सुविधा होगी। राजस्व उप निरीक्षकों को दी गई इस सुविधा से उन्हें कार्यों को शीघ्रता से करने में सुविधा मिलेगी तो दूसरी ओर जन समस्याओं का समाधान भी तेजी से होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं का त्वरित समाधान होए इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कार्मिकों को भी बेहतर कार्य करने के लिए हर संभव सुविधाएं दिये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ीए सचिव एवं आयुक्त राजस्व चन्द्रेश यादवए हीरो मोटोकॉर्प के सीण्एसण्आर हेड भारतेन्दु कबीए उप राजस्व आयुक्त मोण् नासिर एवं सहायक राजस्व आयुक्त केण्केण् डिमरी उपस्थित थे।

राज्य सरकार 35 बीघा भूमि पर हुए अतिक्रमण को तीन माह के भीतर करेगी ध्वस्त

नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रविकुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ के समक्ष ऋषिकेश के वीरभद्र में स्वामी चिदानंद द्वारा किए गए अतिक्रमण मामले की सुनवाई हुई। खंडपीठ ने राज्य सरकार को तीन माह का अल्टीमेटम देकर 35 बीघा वन भूमि पर हुए अतिक्रमण को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। तीन माह के भीतर हुई कार्रवाई से सरकार को न्यायालय के समक्ष अपनी रिपोर्ट भी पेश करनी होगी।

मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि ऋषिकेश के निकट वीरपुरखुर्द वीरभद्र में स्वामी चिदानंद मुनि ने रिजर्व फॉरेस्ट की 35 बीघा भूमि पर कब्जा करके वहां 52 कमरे, एक बड़ा हॉल और गोशाला का निर्माण कर लिया है।