सैनिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है धामी सरकारः जोशी

प्रदेश के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सैनिक विश्राम गृह जखोली (रुद्रप्रयाग) एवं सैनिक विश्राम गृह घनशाली (टिहरी गढ़वाल) में विश्राम गृहों की साज-सज्जा के लिए वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति दी है।

मंत्री ने बताया कि रुद्रप्रयाग और घनशाली के पूर्व सैनिकों द्वारा सैनिक विश्राम गृहों में साज-सज्जा करवाने के लिए कई बार पत्राचार किया गया था, जिस क्रम में उनके द्वारा अधिकारियों को प्रस्ताव भेजने के निर्देश जारी किये गये थे। मंत्री ने कहा कि सैनिक विश्राम गृह जखोली के लिए रुपये 12.99 लाख एवं सैनिक विश्राम गृह घनशाली के लिए रुपये 10.05 लाख की स्वीकृति दी गयी है। प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी सैनिक विश्राम गृहों के निर्माण या मरम्मत की स्वीकृतियां दी जा रही हैं। टनकपुर में भी तीन करोड़ से अधिक की लागत से सैनिक विश्राम गृह का निर्माण होने जा रहा है, जिसके लिए धनराशि जारी की जा चुकी है।

स्वास्थ्य सचिव ने रूद्रप्रयाग जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों से जाना हालचाल

दो दिवसीय जनपद भ्रमण पर पहुंचे चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जिला अस्पताल एवं माधवाश्रम चिकित्सालय का निरीक्षण कर आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकितसा अधीक्षक को चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने भर्ती मरीजों का हालचाल जाना तथा उनसे व तामीरदारों से चिकित्सालय में मिल रही स्वास्थ्य सुविधाओं का फीड बैक भी लिया।

जिला चिकित्सालय पहुंचने के बाद स्वास्थ्य सचिव ने जिला चिकित्सालय में तैनात चिकित्सकों व अन्य मेडिकल स्टाफ की जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सालय परिसर में औषधि वितरण कक्ष, प्रसूति वार्ड, ऑपरेशन कक्ष, अल्ट्रासाउंड, एक्स रे कक्ष, ड्रग हाउस, ओपीडी कक्ष, लेबर रूम के साथ ही अस्पताल की साफ-सफाई का भी जायजा लिया। इसके अलावा उन्होंने अभिलेखों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान यहां भर्ती मरीजों से उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली। साथ ही चिकित्सालय में मिल रही सुविधाओं की जानकारी भी ली। निरीक्षण के दौरान उन्होंने चिकित्सालय में होने वाली विभिन्न जांचों की जानकारी लेते हुए कहा कि चिकित्सालय में होने वाली सभी जांचें भी मरीजों की सुविधा के अनुसार नियमित रूप से की जाएं। उन्होंने नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत चंदन हेल्थ केयर में मरीजों की निःशुल्क होने वाली जांच का उचित प्रबंधन करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही खुशियों की सवारी का सिस्टम दुरस्त रखने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्रसूति के समय से एक वर्ष तक जच्चा-बच्चा खुशियों की सवारी को स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकता के अनुसार उपयोग में ला सकते हैं।

इसके बाद स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कोटेश्वर माधवाश्रम चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया। उन्होंने यहां पर सर्जरी ओटी व ऑर्थाे ओटी का निरीक्षण करने के साथ ही मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का भी जायजा लिया। साथ ही माधवाश्रम चिकित्सालय के ऊपरी भवन में तैयार हो रहे नवनिर्मित भवन के कार्य में गुणवत्ता के साथ तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि माधवाश्रम चिकित्सालय को फिलहाल कोविड हॉस्पिटल के तौर पर संचालित किया जा रहा है। इसके अलावा 42 बेड का कॉर्डियक केयर यूनिट अगले तीन माह में तैयार करने हेतु संबंधित कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया गया है। उन्होंने कोविड को लेकर कहा कि यह पूरी तरह से नियंत्रण में है फिर भी सतर्कता के लिए राज्य में कोविड की नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। उन्होंने जिला चिकित्सालय सहित अन्य जनपदों में रिक्त चल रहे गाइनोलॉजिस्ट की तैनाती को लेकर कहा कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग यू कोड वीक पे योजना ला रहे हैं जिसके तहत हर तरह के विशेषज्ञ चिकित्सकों की मैरिट व क्वालिफिकेशन के आधार पर उन्हें कॉन्ट्रेक्ट बेस में पहाड़ में वरीयता के साथ ही अधिक आवश्यकता वाले जिलों में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा 1560 नर्सों की वर्षभार तैनाती व 820 एएनएम की भर्ती भी जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पूरे देश में एकमात्र ऐसा राज्य है जहां आयुष्मान कार्ड के तहत सभी का ईलाज किया जाता है। राज्य सरकार ने एपीएल व बीपीएल मानक को हटाते हुए सभी श्रेणियों को इसमें शामिल किया है इसमें लगभग सभी तरह के रोगों के ईलाज को शामिल किया गया है।

निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग अर्पणा ढौंडियाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एचसीएस मार्ताेलिया, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव सिंह पाल, डॉ. प्रवीण बडोनी, डॉ. आशुतोष सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

न थकूंगा और न रूकूंगा, मंजिल तक पहुंचूंगा, यही है धामी का मूल मंत्र

पिथौरागढ़ में अल सुबह दुकान में आम लोगों के साथ चाय की चुस्की के साथ फीड बैक लेना हो या रुद्रप्रयाग में दुकानदार से बिना लाव-लश्कर से मिलना। एक सच्चे जनसेवक के तौर पर पहचान बना रहे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कई राजनीतिक मिथकों को तोड़ने का काम किया है। उनका जुनून, कुछ कर गुजरने की चाहत और निरंतर गतिविधियों से प्रदेश तेजी से विकास के पथ पर अग्रसरित हो रहा है। इस अथक मेहनत के पीछे एक सपने को साकार करने की इच्छा है कि उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है।

ना रुकना है, ना थकना है ना झुकना है ना मिटना है राज्य के विकास, संस्कृति और विजन के लिए नए आयाम स्थापित करने हैं। प्रदेश के मुखिया के तौर पर धामी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वह जनता के हर सुख दुख में साथ हैं। आपदा के समय उत्तरकाशी का द्रोपदी का डांडा एवलांच हो या पौड़ी का बस हादसा, हर जगह खुद पहुंचते हैं। राहत और बचाव कार्यों की कमान खुद ही संभाल लेते हैं, इसका परिणाम होता है कि कहीं कोई ढिलाई या लापरवाही नहीं होती। अपने छोट से कार्यकाल में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक बेहद संवेदनशील, सहृदयी और जननायक के तौर पर पहचान बनाई है। 4 जुलाई 2021 को मुख्य सेवक की शपथ लेते हुए एक युवा नेता के हाथ में देश के प्रधानमंत्री ने कमान सौंपी थी जिसे चरितार्थ कर रहे मुख्य सेवक पुष्कर सिंह धामी।

सुबह रुद्रप्रयाग, फिर गौचर चमोली उसके बाद जौलजीबी पिथौरागढ़, शाम को बच्चों के कार्यक्रम देहरादून में प्रतिभाग उसके बाद फाइलों का ढेर। ऐसे ही दिनचर्या है युवा मुख्यमंत्री की। हर कार्यक्रम में नई ऊर्जा, नये जोश के साथ लोगों से घुलना मिलना। जिस उमंग और उत्साह से विभिन्न कार्यक्रमों में स्थानीय जनता मुख्यमंत्री की राह देखती है, उसे युवा मुख्यमंत्री निराश नहीं होने देते, ऐसे ही कार्यशैली है पुष्कर सिंह धामी की।

एक ही दिन में उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में मौसम खराब होने के बावजूद अपनी दमदार उपस्थिति आखिर कैसे दर्ज करा लेते हैं मुख्यमंत्री? सुबह 5 बजे उठकर रात 12 बजे तक कार्य करने की उनकी शैली उत्तराखंड को आगे बढ़ाने की सोच और कल्पना को साकार करते हुए दिखती है। यही सोच और कार्य करने की शैली से प्रभावित देश के प्रधानमंत्री ने यूं ही नही कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा। अपने यही विजन से मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी से देश के आखिरी गांव माणा को देश का पहला गांव घोषित कराया। मोदी जी की कार्य शैली अपनाते हुए युवा मुख्यमंत्री उनसे प्रेरणा लेते हुए जिस तरह उनके पद चिन्हों पर चलकर निरंतर कार्य कर रहे हैं उससे उत्तराखंड के लोगों में एक नई आशा की किरण जागी है निरंतर राजनीतिक अस्थिरताओं का शिकार रहा उत्तराखंड युवा मुख्यमंत्री के रूप में एक स्थिर राजनीति के साथ एक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनने की ओर निरंतर अग्रसर हो रहा है।

केदारनाथ से मंत्री अग्रवाल ने निदेशक को किया निर्देशित, पर्यावरण मित्रों को अतिरिक्त भत्ता देने को कहा

शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने केदारनाथ में कार्यरत पर्यावरण मित्रों को मानदेय से अतिरिक्त भत्ता देने अथवा उसके समकक्ष अन्य राशि देने के लिए विभागीय निदेशक डॉ नवनीत पांडे को निर्देशित किया है।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी केदारनाथ धाम में बाबा केदार के दर्शनार्थ पहुंचे। यहां कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने उनका स्वागत किया। इस दौरान केदारनाथ में विभिन्न योजनाओं के कार्यक्रम के दौरान मंत्री डॉ अग्रवाल मौजूद रहे। इसके बाद केदारनाथ में कार्यरत पर्यावरण मित्रों से शहरी विकास मंत्री डॉ अग्रवाल ने वार्ता कर उनकी समस्याएं सुनी।

डॉ अग्रवाल ने पाया कि केदारनाथ में विपरीत परिस्थितियों में काम करने के चलते पर्यावरण मित्रों का मानदेय कम है। डॉ अग्रवाल ने मौके से ही शहरी विकास विभाग के निदेशक नवनीत पांडे को दूरभाष पर निर्देशित किया।

डॉ अग्रवाल ने निदेशक को केदारनाथ में कार्यरत पर्यावरण मित्रों को मानदेय के अतिरिक्त भत्ता या उसके समकक्ष अन्य राशि देने के लिए कहा।

प्रधानमंत्री ने मंदाकिनी आस्था पथ व सरस्वती पथ पर विकास कार्यों का किया निरीक्षण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री केदारनाथ धाम में रुद्राभिषेक कर सबकी सुख एवं समृद्धि की कामना की। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद 6वीं बार बाबा केदार के धाम पहुंचे। उन्होंने आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल पर पहुंचकर दर्शन किए। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए रोपवे का शिलान्यास किया। 1267 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 9.7 किमी. के इस रोपवे के बनने से श्रद्धालुओं को बाबा केदार के दर्शन के लिए सुगमता होगी। गौरीकुंड से श्री केदारनाथ पहुंचने में अभी श्रद्धालुओं को 6 से 7 घंटे लगते हैं, इस रोपवे के बन जाने से यह यात्रा सिर्फ आधा घंटे में पूरी हो जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बाद मंदाकिनी आस्था पथ एवं सरस्वती आस्था पथ पर जाकर विकास कार्यों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने श्री केदारनाथ में चल रहे विभिन्न पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का जायजा भी लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने श्री केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में लगे श्रमजीवियों के साथ बैठकर उनसे मुलाकात की और उनका हौंसला बढ़ाया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक शैला रानी रावत, मुख्य सचिव डॉ. एस. एस संधू, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित, एसपी आयुष अग्रवाल, तीर्थ पुरोहित विनोद शुक्ला, लक्ष्मी नारायण, कुबेर नाथ एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

केदारनाथ पहुंचे सीएम ने श्रद्धालुओं से की वार्ता, साधु संतों से की भेंट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ में पूजा-अर्चना कर बाबा केदार से प्रदेश एवं प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने श्री केदारनाथ में पधारे साधु-संतों से भेंट भी की।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्री केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत श्री केदारनाथ में हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाए। सभी निर्माण कार्य तय समय सीमा के अन्दर पूर्ण किये जाएं। मुख्यमंत्री ने श्री केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं से बातचीत भी की।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मयूर दीक्षित को निर्देश दिये कि यह प्रयास किये जाएं कि श्री केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचने वाले 15 से 20 हजार श्रद्धालुओं को प्रतिदिन ठहरने की उचित व्यवस्था रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां आने वाले श्रद्धालु देवभूमि का अच्छा संदेश लेकर देश-दुनिया में जाएं, इसके लिए श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास सरकार द्वारा किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भव्य एवं दिव्य केदारपुरी का निर्माण हो रहा है। श्री केदारनाथ के निकटवर्ती स्थानों को आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए योजना बनाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में श्री केदारनाथ एवं गौरीकुण्ड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर अध्यात्म एवं श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत अनेक कार्य किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, अजय सेमवाल, दिनेश उनियाल जिला अध्यक्ष भाजपा, वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, विनोद राणा सदस्य जिला पंचायत कालीमठ, अध्यक्ष जिला पंचायत सुमंत तिवारी, विनोद शुक्ला, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी केदारनाथ योगेन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।

हरदा ने सीएम की फोटो शेयर कर कांग्रेसियों को दिया सुझाव

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की राजनीति का एक पहलू यह भी है कि वे सही को सही और गलत को गलत कहने से नहीं चूकते। युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के तो खासतौर से मुरीद हैं। सीएम धामी की बीते कुछ माह में कई बार मुक्तकंठ से प्रशंसा कर चुके हैं। इधर, आज दोपहर में हरदा ने सोशल मीडिया पर एक सीएम धामी के रुद्रप्रयाग दौरे के दौरान सैर की फ़ोटो को शेयर किया है। इस फोटो पर उन्होंने लिखा है कि क्या अंदाज है!कांग्रेस के दोस्तों 2024 और 2027 क लिए कुछ और कसरत करना शुरू कर दो।

यह लिखकर हरीश रावत ने जहां एक बार फिर धामी के काम पर पुनः मुहर लगाई है तो कांग्रेसियों को भी सचेत किया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें बहुत मेहनत करने की जरूरत है।

दरअसल, बीते कुछ दिनों में जिस तरह से सीएम धामी ने ताबड़तोड़ बैटिंग की है उसका जवाब विपक्ष के पास नजर नहीं आ रहा। अचकव भर्ती घपले में नोेेब के चेयरमैन व अन्यों को जेल में डालकर धामी ने सबको चारों खाने चित्त कर दिया है। ऐसे समय मे विपक्ष के प्रमुख नेता के पमुंह से आई यह तारीफ जहां सत्ताधारी दल के लिए मन मुताबिक है तो विपक्ष असहज हो सकता है। धामी की धमक दूर तक सुनाई दे रही है

केदारनाथः सात फीट की बर्फ में तपस्या कर रहे बाबा बर्फानी ललित महाराज

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में बर्फबारी जारी है, जिस कारण धाम के तापमान में भारी गिरावट आ गई है। बर्फबारी के कारण धाम में पुनर्निर्माण कार्य भी ठप पड़ चुके हैं, जबकि नंदी भगवान की मूर्ति भी बर्फ से ढक चुकी है। धाम में बाबा बर्फानी ललित महाराज के साथ ही कुछ साधु-संत ही मौजूद हैं, जो सुबह और शाम मंदिर के आगे बाबा केदारनाथ की पूजा-अर्चना करने के साथ ही तपस्या कर रहे हैं।

बता दें कि केदारनाथ धाम में बर्फबारी के कारण छः से सात फीट तक बर्फ जम चुकी है। बाबा की नगरी में चारों ओर बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है। नंदी भगवान भी बर्फ से ढक चुके हैं। पिछले दिनों मंदिर समिति के कर्मचारियों ने केदारनाथ पहुंचकर नंदी की मूर्ति को नये वस्त्रों से ढक दिया, जिससे मूर्ति को कोई नुकसान ना पहुंचे। धाम में ज्यादा बर्फबारी के कारण पुनर्निर्माण कार्य भी ठप पड़ चुके हैं। अब धाम में अप्रैल माह से पुनर्निर्माण कार्याे को शुरू किया जायेगा। धाम में बाबा बर्फानी ललित महाराज के साथ ही कुछ साधु संत मौजूद हैं, जो बाबा केदार की आराधना कर रहे हैं।

ललित महाराज आपदा के बाद से धाम में रह रहे हैं। उनका आश्रम मंदिर से कुछ दूरी पर है। वे सुबह और शाम के समय बाबा केदारनाथ की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। बाबा बर्फानी ललित महाराज केदारनाथ भगवान की तपस्या में लीन हैं। धाम में ललित महाराज कुत्तों की सेवा में भी जुटे हैं। इसके अलावा वे साधु संतों की सेवा भी कर रहे हैं। धाम में उन्होंने खाने का सामान रखा हुआ है, जिससे कोई भी समस्या ना हो। बर्फ को पिघलाकर पानी का उपयोग किया जा रहा है। धाम में ज्यादा बर्फबारी होने से साधु संतो को भी दिक्कतें हो रही हैं। तापमान में भारी गिरावट आने से धाम में रहना भारी मुश्किल हो जात है, बावजूद इसके ललित महाराज धाम में रहकर बाबा की आराधना कर रहे हैं। मंदिर के आगे बर्फ के बीच ललित महाराज बाबा की तपस्या कर रहे हैं।

रूद्रप्रयाग में सीएम ने की विभिन्न घोषणाएं, पांच दिवसीय औद्योगिक विकास पर्यटन महोत्सव का हुआ समापन

जनपद रुद्रप्रयाग के तल्ला नागपुर क्षेत्र में आयोजित पांच दिवसीय औद्योगिक विकास, कृषि एवं पर्यटन महोत्सव के समापन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिबन काटकर एवं दीप प्रज्ज्वलित कर आयोजित कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मौके पर विभिन्न घोषणाएं कर, क्षेत्र में विकास की सौगात दी। घोषणा में राजकीय इंटर कॉलेज चोपता में दो कक्ष निर्माण किया जायेगा। राष्ट्रीय गोल्ड पदक विजेता विचित्र सिंह नेगी को प्रतियोगिता में जाने हेतु 60 हजार रुपए की धनराशि सरकार की ओर से दी जायेगी। जल्द ही जखोली में सैनिक स्कूल का कार्य पूरा किया जाएगा, इसके लिए एक करोड़ की धनराशि जारी की गई है। फलासी-छतोरा मोटर मार्ग का कार्य किया जाएगा। रुमसी-भौंसाल-चोपता मोटर मार्ग चौंड भूमिधार तक जोड़ने का कार्य किया जाएगा।

श्री कार्तिक स्वामी धाम को मोटर मार्ग से जोड़ा जाएगा। तुंगेश्वर मंदिर प्रांगण का विस्तारीकरण किया जाएगा। लंमगौंडी-देवरी-मणीखाल सड़क का निर्माण कार्य किया जाएगा तथा छतोरा पुल सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा। आदि गुरु शंकराचार्य सतेराखाल मंदिर को पर्यटन सर्किट से जोड़ने की कार्यवाही की जाएगी। तल्ला नागपुर क्षेत्र में आयोजित औद्योगिक विकास, कृषि एवं पर्यटन महोत्सव मेले के लिए पांच लाख रुपए देने की घोषणा की। वहीं मनरेगा कर्मी की वेतन शीघ्र रिलीज करने का भरोसा दिया। जबकि कृषि मंत्री उनियाल ने कृषि विभाग की ओर से औद्योगिक विकास, कृषि एवं पर्यटन महोत्सव मेले को दो लाख रुपए देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री धामी ने आयोजित कार्यक्रम को संबोधन के दौरान अपने बचपन की स्मृति को साझा करते हुए कहा कि मेले ही एक माध्यम होते थे जब हम एक ही स्थान में एक दूसरे से मिलते थे। कहा कि हम अच्छा उत्तराखंड बनाना चाहते हैं। सैनिक का बेटा होने के नाते उत्तराखंड की हर समस्या से भली-भांति परिचित हूँ। मोदीजी ने कहा है कि 2025 में जब उत्तराखंड 25 साल का होगा तो यह उत्तराखंड चिर युवा उत्तराखंड होगा। इसके लिए सरकार कार्य कर रही है। हर क्षेत्र में राज्य को देश का पहला राज्य बनाना है। उन्होंने हर गांव में मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने सहित पलायन रोकने, पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार पहुंचाने की बात कही। उन्होंने रेलवे व चारधाम के तहत ऑल वेदर रोड के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आगामी पांच नवंबर को मोदी श्री केदारनाथ में कई योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। जबकि भगवान बदरीनाथ का भव्य प्रांगण तैयार होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रतियोगिता परीक्षाओं को निशुल्क किया है। अब आवेदन पर कोई शुल्क देना नहीं होगा। आशा कार्यकत्रियों के मानदेय में वृद्धि किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दीपावली से पूर्व तोहफा दिया जाएगा। ग्राम प्रधानों, उपनल कार्मिकों का मानदेय बढ़ाया है। कोरोना से मृत्यु होने पर मृतक के परिजन को पचास हजार रुपए देने का सरकार निर्णय लिया है।

साथ ही वात्सल्य योजना के तहत कोरोना काल में मृतक के बच्चों को तीन हजार रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण रूप में दिया जा रहे हैं। साथ ही 21 साल पूरे होने पर 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा पुलिस विभाग के इंस्पेक्टर से जवान तक तथा तहसीलदार से पटवारी तक कोरोना काल में बेहतर कार्य करने पर दस-दस हजार रुपए का मानदेय दिया गया है।

प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में पुष्कर सिंह धामी को युवा सोच का मुख्यमंत्री बताया तथा मुख्यमंत्री द्वारा नौजवानों, सैनिकों, महिलाओं, दलितों व तीर्थ पुरोहितों के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। साथ ही किसानों के प्रति सरकार बेहद संवेदनशील है। कहा कि जनपद को पूर्व में ही जैविक घोषित किया जा चुका है। कृषि विभाग द्वारा कृषकों को रियायती दरों पर पॉली हाउस, खाद, बीज, कृषि यंत्र आदि उपकरण सब्सिडी की दर पर उपलब्ध किया जा रहा है।
विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी ने मुख्यमंत्री को असीम संभावनाओं वाला राजनेता बताते हुए जनपद के अंतर्गत थाती बड़मा में निर्माणाधीन सैनिक स्कूल के निर्माण करने की मांग की। कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह ने भी संबोधित किया। उन्होंने नागपुर क्षेत्र में पहली बार किसी मुख्यमंत्री आगमन पर धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष भाजपा दिनेश उनियाल, पूर्व राज्यमंत्री अशोक खत्री, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य वाचस्पति सेमवाल, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, उपजिलाधिकारी अपर्णा ढौंडियाल आदि मौजूद थे।

पीएमजीएसवाई में पिछले पौने चार साल में हुुआ तेजी से काम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग में प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने कनेक्टिविटी पर काफी काम किया है। हमारा मानना है कि सड़कें विकास की धुरी होती हैं। सड़कों से होकर ही विकास के रास्ते पर जा सकते हैं। गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी सरकार ने पीएमजीएसवाई पर विशेष रूप से फोकस किया है।

पीएमजीएसवाई के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में पूर्व से निर्मित मार्गों में कई स्थानों पर सेतुओं का निर्माण न होने के कारण स्थानीय ग्रामीणों को आवागमन में भारी कठिनाई होती थी। इन सेतुओं की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री द्वारा व्यक्तिगत तौर और पत्राचार के द्वारा भी निरंतर भारत सरकार के ग्रामीण मंत्रालय और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा इन स्थानों पर 127 सेतुओं के निर्माण और उन पर 330 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। साथ ही पीएमजीएसवाई-1 के अंतर्गत पूर्व में निर्मित 121 कच्चे मार्गों के डामरीकरण के लिए 530 करोड़ की भारत सरकार द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

इस तरह से स्टेज-2 के तहत 860 करोड़ की लागत के कुल 248 कार्यों के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त होने से उक्त मार्गों पर पूर्व में किया गया खर्च भी सार्थक होगा और ये सड़कें पक्की बन जाएंगी। इससे ग्रामीण लोगों का आवागमन सरल होगा। मुख्यमंत्री ने इन स्वीकृतियों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र तोमर और ग्रामीण विकास मंत्रालय के समस्त अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में हमें 15 वें वित्त आयोग से पीएमजीएसवाई के तहत 2322 करोड़ रूपए की की संस्तुति की गई है। आसाम के बाद पीएमजीएसवाई में उत्तराखण्ड को सर्वाधिक राशि स्वीकृत हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वर्ष 2000 में शुरू की गई थी। अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो स्पष्ट होता है कि पीएमजीएसवाई में पहले की तुलना में हमारी सरकार के कार्य काल में कही ज्यादा काम हुआ है।

वर्ष 2000 से लेकर मार्च 2017 तक राज्य में पीएमजीएसवाई के तहत 10,263 किलोमीटर लंबाई के संपर्क मार्गों की स्वीकृति मिली, इसके लिए 4001 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई थी। इसके सापेक्ष 7,529 किलोमीटर लंबाई की सड़क मार्ग का कार्य पूरा किया गया। इस पर 2810 करोड़ की राशि खर्च हुई। जबकि स्वीकृत 1299 बसावटों के सापेक्ष 955 बसावटों को संपर्क मार्ग से जोड़ा गया। हमारी सरकार में मार्च, 2017 से 31 दिसंबर, 2020 तक कुल 8892 किलोमीटर लंबाई की सड़क स्वीकृत हुई। इसके लिए 5308 करोड़ की राशि की स्वीकृति मिली। इसके सापेक्ष लगभग पौने चार साल में 7431 किलोमीटर लंबाई की सड़क बन चुकी है। इस पर 3209 करोड़ की धनराशि व्यय की गई। कुल स्वीकृत 573 बसावटों के सापेक्ष लक्ष्य से ज्यादा 645 बसावटों को सड़क मार्ग से जोड़ा गया।

इसी वित्तीय वर्ष 2020-21 में आज की तिथि तक पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली सड़कों पर 822 करोड़ की राशि खर्च कर 1800 किलोमीटर लंबाई में मार्गों का निर्माण किया गया है।