सीएस बर्द्धन ने ध्वजारोहण कर अधिकारी व कर्मियों को दी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर सचिवालय में आयोजित कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख सचिव, सचिव, अपर सचिव, सचिवालय प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी सहित बच्चों को राष्ट्रीय पर्व की शुभकामनाएं दी। मुख्य सचिव ने देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया और कहा कि यह देश उनका ऋणी है। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें उन असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, साहस और समर्पण को याद करने का अवसर देता है, जिन्होंने हमें आज़ादी का अनमोल उपहार दिया।

मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड, विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, ये केवल संकल्पना नहीं हैं, बल्कि उत्तराखण्ड इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये कठोर परिश्रम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आप सभी के सहयोग से समृद्ध और सशक्त उत्तराखण्ड की संकल्पना तेजी से साकार हो रही है। उत्तराखण्ड ने विगत वर्षाे में विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है, जिसके फलस्वरुप हम सशक्त उत्तराखण्ड के लक्ष्यों को प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति और युवा शक्ति की अहम् भागीदारी से हमारा प्रदेश सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी की ओर अग्रसर है।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री की अपेक्षा के अनुरूप वर्ष 2047 तक देश को विकसित बनाने के लिए उत्तराखण्ड को मैन्युफैक्चरिंग हब, स्किल हब, आयुष प्रदेश और वैश्विक पर्यटन डेस्टिनेशन बनाने के विजन को साकार करने के लिये हमें कठोर परिश्रम करने की आवश्यकता हैं। पहाड़ी फसलें, मोटे अनाज और स्थानीय उत्पादों के माध्यम से उत्तराखण्ड की आजीविका को भी बल दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य की प्रगति के लिए यहाँ के छोटे और मझोले किसानों को भी मजबूती देनी आवश्यक है। उन्होंने राज्य के विकास के लिए गर्वनेंस के रिफॉर्म्स और प्रशासनिक सुधारों पर जोर देते हुए इसकी शुरूवात राज्य सचिवालय और जनपदों से ही किए जाने पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने बढ़ती हुई प्राकृतिक आपदाओं के बीच शासन-प्रशासन में कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए एक अभियान चलाने की भी आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्य सचिव ने कहा कि ऑन-लाइन अनुश्रवण-मूल्यांकन हेतु राज्य में पी0एम0 गति शक्ति पोर्टल (स्टेट) तैयार कर परियोजनाओं यथा कैपिटल असिस्टेंस योजना, मिसिंग लिंक योजना, डैशबोर्ड, सीएम कॉन्क्लेव पीएमजी, प्रगति, ई-समीक्षा, ई-आंकलन, मुख्यमंत्री घोषणा आदि कार्यक्रमों की समीक्षा एवं मूल्यांकन कार्य सम्पादित किया जा रहा है। आवास विभाग के ऑनलाईन एप्लीकेशन सिस्टम ऐप को प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग, भारत सरकार द्वारा स्टेट बेस्ड सर्विस डिलीवरी प्लेटफार्म के लिये बेस्ट प्रेक्टिस की श्रेणी में नामित किया है। उन्होंने कहा कि वाईब्रेन्ट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांवों के बहुमुखी विकास हेतु केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के जनपद उत्तरकाशी, चमोली तथा पिथौरागढ़ के कुल 51 गांवों का चयन किया गया है।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में ‘अपुणि सरकार‘ परियोजना के अपुणि सरकार पोर्टल को भारत सरकार के प्रशासनिक एवं लोक शिकायत विभाग के छमेक्। फ्रेमवर्क द्वारा देशभर में बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य में जल संरक्षण हेतु स्प्रिंग एवं रिवर रिजुविनेशन ऑथोरिटी का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य के प्राकृतिक जल स्रोतों एवं नदियों का चिन्हीकरण, जल उत्सर्जन में वृद्धि, मापन एवं अनुश्रवण आदि के माध्यम से सतत उपयोग सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में हाउस ऑफ हिमालय जैसे ब्रांड को विकसित करने का लक्ष्य रखा है। आज मुझे खुशी है हाउस ऑफ हिमालय और वोकल फॉर लोकल जैसे प्रयासों से ग्रामीण विकास एवं आर्थिक विकास को हासिल करने में राज्य सफल होता हुआ दिख रहा है।

मुख्य सचिव ने कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं, सचिवालय हमारी प्रशासनिक व्यवस्था का वह केंद्र है, जो न केवल नीतियों को आकार देता है, बल्कि देश और प्रदेश के विकास की दिशा भी निर्धारित करता है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा, पारदर्शिता, और समर्पण के साथ करें, ताकि हमारा प्रदेश और समाज प्रगति के पथ पर अग्रसर हो। हमारा कार्य केवल कागजों और फाइलों तक सीमित नहीं है। हमारी नीतियों और निर्णय इस प्रदेश के लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी हर कार्रवाई में जनता का कल्याण सर्वाेपरि हो। उन्होंने कहा कि हमें केंद्र और राज्य सरकार की जनहित एवं राज्य हित की महत्वाकांक्षी योजनाओं को सफल बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा। आज हम एक ऐसे भारत में खड़े हैं, जो न केवल आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है, बल्कि सामाजिक समावेशन, शिक्षा, और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में भी नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

मुख्य सचिव ने सभी का आह्वान करते हुए कहा कि हमें अपने दायित्वों को और अधिक जिम्मेदारी के साथ निभाना होगा। आइए, हम ईमानदारी, दक्षता और नवाचार की भावना के साथ काम करें, ताकि हम अपने महान राष्ट्र के सपनों को साकार कर सकें। आइए, हम मिलकर प्रयास करें, यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारा हर निर्णय देश की प्रगति और लोगों के कल्याण में योगदान दे।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिवगण, अपर सचिवगण एवं सचिवालय प्रशासन के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

यह तीन प्रस्ताव जिन पर धामी कैबिनेट ने लगाई मोहर…

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक समाप्त हो गई है। बैठक (dhami cabinet metting) में तीन प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कैबिनेट की अहम बैठक में तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है।

धामी कैबिनेट की बैठक हुई समाप्त
देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित धामी कैबिनेट की अहम बैठक में तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। बैठक में आगामी हरिद्वार कुंभ मेले की तैयारियों के तहत 82 पदों पर नियुक्ति की मंजूरी दी गई है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से कुंभ मेले के सुचारू संचालन में मदद मिलेगी।

तीन प्रस्तावों को मिली कैबिनेट की मंजूरी
कैबिनेट की बैठक में शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य पद की सेवा नियमावली में संशोधन को भी स्वीकृति दी गई है। इससे पदोन्नति, योग्यता और तैनाती प्रक्रिया में पारदर्शिता और स्पष्टता सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही प्रदेश में ई-स्टैंप व्यवस्था को सरल और अधिक प्रभावी बनाने के लिए उसमें भी बदलाव करने को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली है। प्रदेश में अब स्टैंप की खरीद प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से और अधिक सुगम हो सकेगी।

बैठक में लिए गए ये निर्णय राज्य के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने और आगामी आयोजनों की तैयारियों को गति देने की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

सीएम निर्देश, स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा प्रदर्शन करने वाले निकायों को प्रोत्साहित करें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में शहरी विकास विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य के सभी नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाय। स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए इस काम में जनसहभागिता भी सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छा प्रदर्शन करने वाले नगर निकायों को प्रोत्साहित किया जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के साथ ही स्ट्रीट लाईट, सीवर लाईन, पार्किंग व्यवस्था, ट्रैफिक प्रबंधन, ई वेस्ट के निस्तारण सहित नागरिक सुविधाओं की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जांय। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नगर निकायों के राजस्व बढ़ाने के लिए नवाचार को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में नए पार्कों के निर्माण के साथ ही पुराने पार्कों के सौंदर्यीकरण व बेहतर रख-रखाव पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। शहरी विकास विभाग के अधीन संचालित 90 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता वाली योजनाओं पर प्राथमिकता से कार्य किया जाय।

बैठक में सचिव शहरी विकास नितेश झा ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त देवभूमि रजत जयंती पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इन पार्कों में योग, वॉक और ओपन जिम की सुविधा भी होगी। 9 नवंबर 2026 तक सभी पार्क बनकर तैयार हो जाएंगे। नगर क्षेत्रों में प्रतिवर्ष पचास लाख लीटर वर्षा जल संचय करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। राज्य के सभी 11 नगर निगमों में केन्द्रीयकृत नित्रंण व प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से स्ट्रीट लाईट प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है।

बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्रीधर बाबू अदांकी, अपर सचिव गौरव कुमार, सी.पी.पी.जी.जी. के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनोज पंत एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

सचिवालय में कौशल विकास और श्रम विभाग की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में कौशल विकास और श्रम विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के लिए सभी संबंधित विभागीय सचिव समन्वय बनाकर कार्य करें। उन्होंने मुख्य सचिव को सचिवों के साथ बैठक कर इसके लिए ठोस रणनीति बनाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कौशल विकास को इन्क्यूबेशन और ग्रोथ सेंटरों से जोड़ने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में स्थानीय लोगों को प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, कारपेंटर, मिस्त्री जैसे कार्यों के लिए बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। उद्योगों की मांग और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण कोर्स तैयार किए जाएं। प्रशिक्षण केंद्रों में अत्याधुनिक मशीनें, प्रयोगशालाएं (लैब्स) और स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना की जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर जनपद की पारंपरिक पहचान को ध्यान में रखते हुए लोगों को कौशल विकास और प्रशिक्षण से जोड़ा जाए। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण बढ़ाने के साथ ही सभी कुशल श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि बाल श्रम मुक्ति के लिए लक्षित पुनर्वास से संबंधित कार्रवाई हेतु शीघ्र योजना बनायी जाए। राज्य के बड़े जनपदों में बाल श्रम मुक्ति के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्वरोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये विशेष कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की जाए तथा प्रदेश के दूरदराज इलाकों में स्किल ऑन व्हील्स वैन की शुरूआत की जाए। मुख्यमंत्री ने हेल्थकेयर और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में राज्य के युवाओं को विदेश में रोजगार से जोड़ने के लिए संबंधित देशों में स्थित भारत के दूतावासों से संपर्क किये जाने पर बल देते हुये ऐसे युवाओं को विदेशी भाषाओं के कोर्स कराने हेतु दून विश्वविद्यालय से नियमित समन्वय स्थापित किये जाने के भी निर्देश दिए। जनपदों में बनाए जा रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक वर्ष कितने युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ा गया इसके विवरण के साथ दीर्घकालिक योजना के बारे में कौशल विकास विभाग 10 दिनों के भीतर स्पष्ट कार्ययोजना प्रस्तुत करे।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के 27 आईटीआई में प्रशिक्षण ले रहे अभ्यर्थियों को दो वर्षीय कोर्स के अंतर्गत एक वर्ष का प्रशिक्षण आईटीआई में तथा एक वर्ष का प्रशिक्षण उद्योगों में प्रदान करने हेतु भारत सरकार से सहमति प्राप्त हो गई है। पाँच अन्य आईटीआई के लिए शीघ्र ही सहमति प्राप्त किये जाने की प्रक्रिया गतिमान है।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव श्रीधर बाबू अदांकी, सी. रविशंकर एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

सचिवालय में हुई टिहरी झील एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में एशियाई विकास बैंक सहायतित टिहरी झील एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में परियोजना निदेशक द्वारा टिहरी झील एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट से संबंधित चौथी एचपीसी बैठक के निर्देशों की अनुपालन आख्या प्रस्तुत की गई, साथ ही वर्तमान में गतिमान 19 उप प्रोजेक्ट की स्टेटस रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।

मुख्य सचिव ने गतिमान निविदा प्रक्रिया से संबंधित प्रकरणों एवं उनकी वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली।

उन्होंने टिहरी लेक एरिया डेवलपमेंट के कार्यों टूरिज्म रोड, डेवलपमेंट आफ डोबरा चांटी पार्क, अपग्रेडेशन ऑफ तिवाड़ गांव, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट इत्यादि की प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए संतोष व्यक्त किया और तेजी से कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि भविष्य में किसी भी प्रोजेक्ट का कंपलीट ग्राउंड सर्वे करने के पश्चात ही डीपीआर तैयार करें ताकि प्रोजेक्ट के सभी पहलू सम्मिलित हो जाए और प्रोजेक्ट की बाद में लागत में बढ़ोतरी की संभावना भी ना रहे।

उन्होंने निर्देशित किया कि बड़े और मेजर कार्यों को छोड़कर छोटे-छोटे काम के लिए कंसल्टेंसी सर्विसेज लेने से बचें। प्रोजेक्ट/उप प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि कार्य पूरा होने के पश्चात उसका नियमित तरीके से बेहतर संचालन भी होता रहे।

मुख्य सचिव ने टिहरी एरिया के डेवलपमेंट से संबंधित अब तक विभिन्न एजेंसी द्वारा समय-समय पर किए गए कार्यों का विवरण भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सचिव पर्यटन को टिहरी झील और उसके आसपास के क्षेत्र को वर्ल्ड लेवल का टूरिस्ट हब डेस्टिनेशन बनाने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाते हुए अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, सचिव वी. षणमुगम, परियोजना निदेशक/अपर सचिव अभिषेक रोहेला, वित्त निदेशक जगत सिंह चौहान, सहायक प्रोजेक्ट निदेशक राजेश पंत, सिविल इंजीनियर भवन एवं अवसंरचना कपिल कुमार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने यात्रा मार्ग से सम्बन्धित जनपदों एवं यात्रमार्गों की तैयारियों को परखा

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर सचिवालय स्थित अपने सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक ली। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग की पुख्ता व्यवस्थाओं को लेकर सभी विभागों को अभी से अपनी तैयारियां समयबद्धता से पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

पूर्व में जारी अपने निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव ने सचिव युगल किशोर पंत को देहरादून से केदारनाथ, सचिव डा. आर राजेश कुमार को बद्रीनाथ यात्रा मार्ग, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम को गंगोत्री धाम तथा डॉ. नीरज खैरवाल से यमुनोत्री धाम की तैयारियों के सम्बन्ध में फीडबैक लिया। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सचिवों से प्राप्त सुझावों का अनुपालन करते अथवा कमियों को दुरूस्त किया जाए। यात्रा मार्ग पर सभी जरूरतों का अभी से आंकलन करते हुए सभी व्यवस्थाएं यात्रा आरम्भ से पहले दुरूस्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को संवेदनशीलता के साथ एवं कार्य निर्धारित समय पर पूर्ण करने को गम्भीरता से लेने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रत्येक धाम एवं उनके यात्रामार्गों पर मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने यूपीसीएल को धामों में लॉ-वॉल्टेज की समस्या को शीघ्र दुरूस्त किए जाने के भी निर्देश दिए।

यात्रा पंजीकरण स्थलों में स्वास्थ्य जांच केन्द्रों की संख्या बढ़ायी जाए
मुख्य सचिव ने केदारनाथ में बन रहे अस्पताल को या़त्रा शुरू होने से पहले सुचारू किए जाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने सुरक्षित या़त्रा के लिए निवारक उपायों की अत्यधिक आवश्यकता पर बल देते हुए स्वास्थ्य जांच केन्द्रों को बढाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा की शुरूवात में ही स्वास्थ्य परीक्षण हो सके इसके लिए हरिद्वार, ऋषिकेश एवं विकासनगर में हेल्थ स्क्रीनिंग केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जाए। मुख्य सचिव ने मल्टी लेवल पार्किंग की व्यवस्था पर बल देते हुए अधिक से अधिक पार्किंग स्थलों को चिन्हित किए जाने की बात कही। कहा कि पार्किंग स्थलों के आस-पास रहने खाने एवं स्वास्थ्य जांच आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सभी यात्रा मार्गों पर स्थानीय स्तर परिस्थितियों एवं विकल्प मार्गों के अनुरूप यातायात प्रबंधन योजना तैयार की जाए।

यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं द्वारा वृक्षारोपण हेतु ‘स्मृति वन‘ किए जाएं चिन्हित
मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा मार्गों पर वृक्षारोपण करने हेतु स्मृति वन के लिए स्थान चिन्हित किए जाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इच्छित श्रद्धालु इन पलों को यादगार बनाने के लिए पौधारोपण कर सकते हैं।

जाम आदि की जानकारी हेतु डिजीटल डिस्प्ले बोर्ड की की जाए व्यवस्था
मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों में दृर्घटनाओं या लैंड स्लाईड से लगने वाले जाम के कारण पीछे लगी लम्बी लाईनों में यात्रियों को जाम के कारणों की उचित जानकारी मिल सके इसके लिए मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए यात्रा मार्गों पर डिजीटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए जा सकते हैं, जो यह जानकारी उपलब्ध कराएंगे कि किस स्थान पर कौन सी घटना घटी है, जिसके कारण जाम लगा है। उन्होंने इसके लिए सचिव लोक निर्माण विभाग को व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा जब तक यह व्यवस्था धरातल पर उतरती है तब तक बल्क एसएमएस और बल्क व्हॉट्सअप मैसेज के माध्यम से यह जानकारी उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने संभावित भूस्खलन क्षेत्रों का ट्रीटमेंट शीघ्र किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इन भूस्खलन क्षेत्रों के लिए दीर्घावधि उपचार पर भी शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

सर्विस प्रोवाईडर की आरएफआईडी टैग बनाए जाएंः मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने यात्रा मार्गों पर स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने ‘सुलभ‘ को नियमित सफाई एवं पानी की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था के लिए पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की बात कही। उन्होंने इसके लिए उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं 15वें वित्त आयोग की स्वच्छता हेतु टाईड फंड से भी फंड्स उपलब्ध कराए जाने की बात कही। उन्होंने चारों धामों में दुकानदार एवं घोड़ा/कंडी संचालक सहित सभी प्रकार केे सर्विस प्रोवाईडर की आरएफआईडी टैग बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि धामों में श्रद्धालुओं के रूकने के लिए लगाए गए टैन्ट आदि को सुव्यस्थित ढंग से लगाए जाने हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव युगल किशोर पंत, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चारधाम एवं यात्रामार्गों से सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

राष्ट्रीय मतदाता दिवसः सचिवालय परिसर में अधिकारियों ने ली मताधिकार की शपथ

आगामी राष्ट्रीय मतदाता दिवस के दृष्टिगत मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय परिसर में लोकतांत्रिक मतदाता सहभागिता को प्रोत्साहित किये जाने के उद्देश्य से मतदाता शपथ कार्यक्रम के तहत सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को मताधिकार के प्रयोग की शपथ दिलाई।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय के समस्त कार्मिकों को लोकतंत्र में अपनी पूर्ण आस्था रखते हुए, देश की लोकतांत्रिक परम्पराओं की मर्यादा बनाए रखने तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षुण्ण रखते हुए, निर्भीक होकर, धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, भाषा अथवा अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार के प्रयोग की शपथ दिलाई।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, पंकज कुमार पाण्डेय सहित सचिवालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

आपदा के दौरान अवरूद्ध हो रही सड़कों की अविलम्ब की जाए मरम्मत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा की। उन्होंने 30 अक्टूबर तक प्रदेश की सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त किये जाने के निर्देश देते हुए सड़क निर्माण सम्बन्धी कार्यों की टेंडर प्रक्रिया प्रारम्भ कर मानसून के बाद हर हाल में 30 सितम्बर से निर्माण कार्यों में तेजी लाये जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने तथा आपदा के दौरान अवरूद्ध हो रही सड़कों की अविलम्ब मरम्मत के भी निर्देश दिए हैं। सड़क मरम्मत के लिये अधिकृत जे.सी.बी. पर जी.पी.एस. व्यवस्था को प्रभावी बनाये जाने, पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के किनारे क्रस बेरियर के साथ पेड लगाने, तथा सड़कों पर डिवाइडर, रिफलेक्टर, साइनेज व लाइटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण से जुडे ठेकेदारों तथा जे.सी.बी ठेकेदारों के लम्बित देयकों का अविलम्ब भुगतान के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिये सड़कों के निर्माण में तेजी लायी जानी होगी। इसके लिये टेण्डर एवं डी.पी.आर. तैयार करने में तकनीकि दक्षता का प्रभावी उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों आदि के निर्माण में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग के तहत निर्मित होने वाली सड़कों पर भी समयबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये है। ट्रॉली पर आवाजाही की निर्भरता कम करने के लिये इन स्थानों पर मोटर व पैदल पुलों के निर्माण में तेजी लाये जाने पर भी मुख्यमंत्री ने बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली देहरादून एलिवेटेड रोड के तैयार होने के बाद देहरादून शहर पर बढने वाले यातायात के दबाव की चुनौती का सामना करने के लिये रिंग रोड सहित शहर की प्रस्तावित अन्य सड़कों एवं एलिवेटेड रोड आदि की योजना पर तेजी से कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन एवं तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके लिए रोड कनेक्टिविटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सड़कों के विस्तार के लिए हमें तेजी से आगे बढ़ना होगा। उन्होंने पी.एम.जी.एस.वाई. की सड़कों की मरम्मत में आ रही कठिनाइयों के निराकरण के लिये इसकी स्पष्ट गाइड लाईन तैयार किये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि सुगम और सुरक्षित यातायात के साथ आमजन के जीवन को सहज, सुगम और समृद्ध बनाने में सड़कों का बडा योगदान रहता है। निर्माण कार्यों से इकोलॉजी के दुष्प्रभावों को कम करने के लिये सड़क निर्माण में प्लास्टिक वेस्ट के उपयोग पर ध्यान दिये जाने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही।
सचिव लोक निर्माण डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से रिस्पना एवं बिंदाल नदी पर एलिवेटेड रोड निर्माण, ऋषिकेश बाईपास, देहरादून मसूरी संयोजकता, देहरादून व हल्द्वानी शहर के लिए रिंग रोड आदि से संबंधित प्रस्तावों की जानकारी दी। उन्होंने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में सड़कों के निर्माण आदि की भी जानकारी दी।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. बंशीधर तिवारी, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग डी. के. यादव, अधीक्षण अभियंता एन.एच.ए.आई. विशाल गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

आरटीआई से सरकारी कार्मिकों में ईमानदारी से कार्य करने की प्रवृति बढ़तीहै-मुख्य सचिव

सचिवालय के लोक सूचना अधिकारियों को आरटीआई की बेहतर जानकारी हेतु प्रोत्साहित करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि सूचना के अधिकार के मजबूत होने से व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ने के साथ ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता है। आरटीआई से सरकारी कार्मिकों में ईमानदारी से कार्य करने की प्रवृति बढ़ती है। सूचना का अधिकार अधिनियम आने से नागरिकों को सरकार के कार्याे की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार मिला है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड सूचना आयोग द्वारा सचिवालय के सभी विभागों के लोक सूचना अधिकारियों के लिए आयोजित कार्यशाला में प्रतिभाग किया।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखण्ड सूचना आयोग द्वारा सचिवालय के विभिन्न विभागों के लोक सूचना अधिकारियों हेतु आरटीआई पर यह कार्यशाला आयोजित करना सराहनीय पहल है। आरटीआई की बेहतर जानकारी होने से लोक सूचना अधिकारी अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन अधिक कुशलता से कर पाएंगे। इससे अधिक से अधिक अपीलों का निस्तारण प्राथमिक स्तर पर ही हो जाएगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि जिला स्तर तथा विभागीय स्तर पर भी आरटीआई पर कार्यशालाओं को आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने आयोग के कार्यों को अधिकाधिक ऑनलाइन करने की बात कही जिससे अधिकाधिक पारदर्शिता बढ़ेगी तथा दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को सुविधा होगी।
कार्यशाला में सूचना आयुक्त योगेश भट, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी सहित विभिन्न विभागों के लोक सूचना अधिकारी मौजूद रहे।

शैक्षिक भ्रमण पर उत्तराखंड आए सीआरपीएफ के प्रशिक्षु अधिकारी

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से सचिवालय में शैक्षिक भ्रमण पर उत्तराखंड आए सीआरपीएफ के प्रशिक्षु अधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की। मुख्य सचिव और सीआरपीएफ के प्रशिक्षु अधिकारियों के मध्य राज्य में आपदा प्रबंधन, सीमांत गांवो में विकास कार्य और राज्य में संचालित विकास योजनाओं के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने और आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में राज्यों की सहायता में सीआरपीएफ की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। देशव्यापी उपस्थिति के साथ, राज्य पुलिस के साथ सहयोग करते हुए, विभिन्न परिस्थितिजन्य मांगों के साथ तेजी से समायोजन करने की इसकी उल्लेखनीय क्षमता ने सीआरपीएफ को व्यापक रूप से स्वीकृत बलों में से एक होने की प्रतिष्ठा प्रदान की है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रशिक्षु अधिकारियों को उज्जवल भविष्य हेतु शुभकामनाएं दी।