व्यय समिति की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मिला अनुमोदन

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में व्यय समिति की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा विभिन्न परियोजनाओं और विकास कार्यों से संबंधित प्रस्तावों का प्रेजेंटेशन दिया गया। जिस पर समिति द्वारा वित्तीय अनुमोदन प्रदान किया गया।

जनपद पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड पौड़ी के अंतर्गत है गणियागांव पट्टी गंगवाडस्युँ एवं ग्राम देवार पट्टी सीतोनस्यूं में एनसीसी अकादमी के निर्माण कार्य के लिए 7598.07 लाख रुपए की धनराशि का अनुमोदन किया गया।

राज्य योजना के अंतर्गत जनपद टिहरी गढ़वाल के नरेंद्रनगर विधानसभा में मुनि की रेती स्थित राम झूला सेतु के स्ट्रेंग्थनिंग एवं सुरक्षात्मक कार्य हेतु 1097.72 लाख रुपए की धनराशि का अनुमोदन किया गया।

पुलिस लाइन रेस कोर्स देहरादून में टाइप – दो (ब्लॉक ए) के 120 आवासों के निर्माण कार्य हेतु 5253.75 लाख रुपए की धनराशि का अनुमोदन किया गया।

पुलिस लाइन रेस कोर्स देहरादून में टाइप – 2 (ब्लॉक बी) के 120 आवासों के निर्माण कार्य हेतु 5207.47 लाख रुपए की धनराशि का अनुमोदन किया गया।

पुलिस लाइन रेस कोर्स देहरादून में टाइप टू (ब्लॉक सी) के 120 आवासों के निर्माण कार्य हेतु 5214.91 लाख रुपए की धनराशि का अनुमोदन किया गया।

जिला कारागार हरिद्वार में द्वितीय चरण में टाइप – थर्ड के 5 एवं टाइप सेकंड के 50 आवासों के निर्माण कार्य हेतु 2125.72 लाख रुपए की धनराशि का अनुमोदन किया गया।

जिला कारागार देहरादून में द्वितीय चरण में टाइप सेकंड के 60 आवासों के निर्माण कार्य हेतु 2165.33 लाख रुपए की धनराशि का अनुमोदन किया गया।

मुख्य सचिव ने इस दौरान निर्देश दिए कि अनुमोदित किए गए सभी प्रस्तावों के निर्माण कार्यों में वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए कार्यों को शीघ्र प्रारंभ करें तथा उनको निर्धारित टाइमलाइन में पूरा भी करें।

इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, डॉ. श्रीधर बाबू आद्यंकी, पुलिस महानिरीक्षक विम्मी सचदेवा आदि उपस्थित थे।

सीएस ने दिए खराब हो चुके ट्रांसफॉर्मर को बदलने के रिस्पाँस टाईम को लगातार कम किए जाने के निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में उत्तरखण्ड पावर कार्पाेरेशन लिमिटेड की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यूपीसीएल की अगली बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्ययोजना प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने यूपीसीएल को अगले 3 से 5 वर्षों की कार्ययोजना भी प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्पाेरेशन के विभिन्न प्रकार के कार्यों में आधुनिकतम तकनीक एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग किया जाए। इससे दक्षता बढ़ेगी एवं विभिन्न प्रकार की होने वाली क्षतियों को कम किया जा सकेगा।

मुख्य सचिव ने खराब हो चुके ट्रांसफॉर्मर को बदलने के रिस्पाँस टाईम को लगातार कम किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाईन एवं 1905 पर बिजली के खम्बे टूटे होने अथवा टेढ़े होने के साथ ही लटकी तारों की शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में झुके हुए विद्युत खम्बों एवं लटकी तारों का के लिए मिशन मोड पर तत्काल सर्वे कराते हुए दुरूस्त किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि संचालन एवं रखरखाव व्यय को कम किए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए थर्ड पार्टी विश्लेषकों द्वारा विश्लेषण कराया जाए। उन्होंने कार्पाेरेशन द्वारा डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को घटाए जाने के लिए लगातार सुधार कार्य किए जाने की बात भी कही। उन्होंने एग्रीगेट टेक्नीकल एंड कमर्शियल लॉसेज (एटीएंडसी) को भी लगातार कम किए जाने पर जोर दिया।

मुख्य सचिव ने विद्युत के लिए बैटरी स्टोरेज सहित अन्य विकल्पों पर भी ध्यान दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि थ्री फेज एचटीसीटी एवं थ्री फेज एलटीसीटी कनेक्शनों के साथ ही फीडर और डीटी मीटर को स्मार्ट मीटर में परिवर्तित किए जाने में तेजी लाते हुए निर्धारित समय में कार्य पूर्ण किया जाए।

एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार ने बताया कि पिछले तीन सालों की कमर्शियल परफोर्मेंस में उत्तराखण्ड की इनपुट एनर्जी में बढ़ोत्तरी हुयी है। साथ ही डिस्ट्रीब्यूशन लॉस में लगातार कमी आ रही है। बिलिंग दक्षता बढ़ने के साथ ही बिल संग्रहण में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय एवं कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद उत्तराखण्ड का एग्रीगेट टेक्नीकल एंड कमर्शियल लॉसेज (एटीएंडसी) राष्ट्रीय औसत से बेहतर है और उत्तराखण्ड से बेहतर सिर्फ पंजाब हरियाणा एवं हिमाचल का बेहतर है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम सहित यूपीसीएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने जताई पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में राष्ट्रीय नार्काे समन्वय पोर्टल (एन्कॉर्ड) की बैठक ली। मुख्य सचिव ने प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने युवाओं पर नशे के बढ़ते प्रकोप पर काबू करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए डीएम एसएसपी को महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

मुख्य सचिव ने नशे की बिक्री को रोकने के लिए प्रवर्तन को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नशे को रोकने के लिए पुलिस विभाग को कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह को नशे के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने हेतु पूरी छूट देते हुए सिंगल पॉइन्ट नोडल अधिकारी नामित किया। उन्होंने कहा कि नशे की जड़ों को काटने के लिए उन्हें जो भी आवश्यकता है, उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि नशे के लिए बने इस ईको सिस्टम को तोड़ने के लिए पूरे प्रदेश में एक साथ अभियान चलाया जाए, जिसमें प्रत्येक सम्बन्धित विभाग को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को ड्रग इंस्पेक्टर को भी इस अभियान में शामिल किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि डिमांड और सप्लाइ की चौन को तोड़ने में प्रत्येक अधिकारी को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी। सही तरीके से काम नहीं कर पा रहे अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की जाए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अपने जनपदों में शिक्षण संस्थानों और हॉस्टल आदि के प्रमुखों से वार्ता कर उन्हें अपने संस्थानों में मेडिकल टेस्ट करने हेतु राजी करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए उपकरण एवं टेस्ट मैटीरियल की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को भी इसमें सहयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यार्थियों का मेडिकल टेस्ट कराए जाने हेतु लगातार अभियान चलाए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने वृहद स्तर पर राज्य एवं जनपदों में जागरूकता अभियान संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए गृह विभाग, सूचना विभाग, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग को एक दिन निर्धारित करते हुए वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान संचालित किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जागरूकता गतिविधियों में सोशल मीडिया एवं सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर को भी शामिल किया जाए। प्रदेश भर में लगातार इस प्रकार के जागरूकता अभियान संचालित किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण एवं जिला स्तरीय समन्वय समिति की प्रत्येक माह बैठकें आयोजित करायी जाएं। उन्होंने प्रदेश में संचालित हो रहे सरकारी नशा मुक्ति केन्द्रों एवं मानसिक स्वास्थ्य केन्द्रों की क्षमता बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उपयोग में नहीं आ रहे सरकारी भवनों को भी नशा मुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केन्द्रों के रूप में संचालित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रायवाला में ओल्ड एज होम के लिए बनाए गए भवन सहित अन्य तैयार हो चुके भवनों में अगले एक माह में नशा मुक्ति केन्द्र शुरू किए जाएं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में खाली पड़े सरकारी भवनों की रिपोर्ट तैयार कर शासन को उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए, ताकि इन भवनों में आवश्यकता के अनुसार अन्य जनहित के कार्य शुरू किए जा सकें।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में संचालित हो रहे प्राईवेट नशामुक्ति केन्द्रों का भौतिक निरीक्षण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो प्राईवेट संस्थान मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं, उन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि नशे की गिरफ्त में आ चुके युवाओं को सकारात्मक गतिविधियों से जोड़े जाने की आवश्यकता है, ताकि वे जल्दी से जल्दी अपनी नशे की लत को छोड़ सकें।

मुख्य सचिव ने कहा कि एनसीसी, एनएसएस और महिला मंगल दलों को भी नशे के खिलाफ लड़ाई में शामिल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में वार्षिक हेल्थ चौकअप को बढ़ावा दिया जाए।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. रंजीत सिन्हा, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी. मुरूगेशन, आईजी लॉ नीलेश

उत्तराखंड में शहरी स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने को सेतु आयोग ने सौंपी मुख्यमंत्री को रिपोर्ट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सचिवालय में सेतु आयोग ने नगर निकायों के सशक्तिकरण की दिशा में गहन विश्लेषण आधारित रिपोर्ट सौंपी। सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राज शेखर जोशी ने रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि नगर निगम और निकायों को स्वावलंबी और सशक्त बनाने, प्रदेश के शहरी विकास और नगरों की समस्याओं को सुधारने की दिशा में सुझाव दिये गये हैं। रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय स्वायत्तता और राजस्व जुटाने की क्षमता बढ़ाना और भारतीय संविधान की 12वीं अनुसूची में शामिल 18 कार्यों (जैसे जल आपूर्ति, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शहरी नियोजन) को निकायों को हस्तांतरित करना है।

रिपोर्ट में तकनीकी नवाचार के लिए स्मार्ट गवर्नेंस, जीआईएस मैपिंग और डेटा-आधारित निर्णय लेने को बढ़ावा देना है। निकायों के कर्मचारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उड़ीसा आदि राज्यों में इस दिशा में किए गए सुधारों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई है। देश के सफल शहरी निकायों के मॉडलों को उत्तराखंड की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप प्रभावी रूप से ढ़ाले जाने के लिए भी सुझाव दिये गये हैं। रिपोर्ट में आपदा-रोधी योजना, भूस्खलन प्रबंध नियोजन में आम लोगों की राय को प्राथमिकता देने का भी जिक्र किया गया है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सेतु आयोग सीईओ शत्रुघ्न सिंह, सचिव शहरी विकास सचिव नितेश झा, राधिका झा, चंद्रेश यादव, सेतु आयोग से डॉ. भावना शिंदे, डॉ. प्रिया भारद्वाज, अंकित कुमार एवं शहजाद अहमद मलिक उपस्थित थे।

सीएस ने दिए पुलिस व परिवहन विभाग को यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण सहित सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून शहर की यातायात संकुलन की समस्या को दूर करने हेतु यातायात प्रबंधन योजना को सभी सम्बन्धित विभाग आपसी तालमेल से धरातल पर उतारें।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी देहरादून को शहर के यातायात संकुलन को कम करने के लिए चिन्हित चौराहों में सुधार पर शीघ्र कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस एवं परिवहन विभाग को यातायात नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों के अनुपालन के लिए लगातार अभियान चलाए जाएं। उन्होंने शहर के भीतर नए पार्किंग स्थल चिन्हित करते हुए, अगले 5-10 वर्षों में होने वाले यातायात संकुलन के अनुसार व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने एमडीडीए को आढ़त बाजार को शिफ्ट किए जाने हेतु कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को प्लॉट आबंटन का कार्य में तेजी लायी जाए। उन्होंने आढ़त बाजार शिफ्टिंग के लिए निर्धारित कैलेण्डर का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को आढ़त बाजार चौड़ीकरण की डीपीआर तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने वाणिज्यिक परिसर और शॉपिंग मॉल्स द्वारा अपनी पार्किंग का प्रयोग नहीं करने पर कार्रवाही किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि लोगों एवं आने वाली पीढ़ी में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता लाने हेतु यातायात पार्क तैयार किए जाएं। उन्होंने फुटपाथ से अतिक्रमण हटाए जाने और यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए भी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, अपर सचिव रीना जोशी, पूजा गरब्याल, नगर आयुक्त नगर निगम देहरादून नमामी बंसल एवं उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन से बृजेश कुमार मिश्रा सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने पर्यटन विभाग को पर्यटकों के लिए बेसिक सुविधाओं के विकास कार्यों को तेजी से प्रारंभ करने के निर्देश

सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में व्यय समिति की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर के अंतर्गत कौडियाला- व्यास घाट मोटर मार्ग किलोमीटर संख्या एक में गंगा नदी पर सिंगटाली नामक स्थान पर 150 मीटर सेतु निर्माण कार्य का समिति द्वारा अनुमोदन किया गया।

मुख्य सचिव ने 5712.55 लाख रुपए की अनुमानित लागत से बनने वाले सेतु के संबंध में लोक निर्माण विभाग को सेतु निर्माण के लिए संबंधित पक्षों से समन्वय करते हुए तेजी से अग्रिम कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जागेश्वर धाम के रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के कार्यों के प्रस्ताव का भी समिति द्वारा अनुमोदन किया गया।

कुल 2119.27 लाख रुपए की लागत से किए जाने वाले रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के कार्यों के संबंध में मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग को पर्यटकों के लिए बेसिक सुविधाओं के विकास कार्यों को तेजी से प्रारंभ करने के निर्देश दिए।

उन्होंने रिवर फ्रंट डेवलपमेंट कार्यों के अंतर्गत नदी और मंदिर परिसर के आसपास तथा मंदिर प्रांगण, मंदिर के चारों ओर बेहतर पर्यटन सुविधाओं को विकसित करने के निर्देश दिए।

बैठक में सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, अपर सचिव लोक निर्माण विभाग विनीत कुमार, निदेशक वित्त जगत सिंह चौहान, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग राजेश शर्मा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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सचिवालय में सीएस ने की आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में विभिन्न रेखीय विभागों, संबंधित एजेंसियों और जनपदों द्वारा आपदा न्यूनीकरण से संबंधित प्रस्तुत किए गए प्रस्तावों पर चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने संबंधित पक्षों और जनपदों से आपदा प्रबंधन से संबंधित किए जाने वाले कार्यों की व्यावहारिकता और आवश्यकता की जानकारी लेते हुए सचिव आपदा प्रबंधन को आपदा प्रबंधन से संबंधित फंड को समय से और समुचित मात्रा में जारी करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी जनपदों को और संबंधित पक्षों को निर्देशित किया कि आपदा प्रबंधन के कार्यों में तकनीकी समिति का सहयोग जरूर लें तथा जहां पर ज्योग्राफिक स्टडी की आवश्यकता हो उस दशा में उन संस्थानो का भी मार्गदर्शन भी प्राप्त करें।

उन्होंने आपदा प्रबंधन के कार्यों को संपादित करने के दौरान मितव्ययिता का भी ध्यान रखने तथा समय से सभी तरह की तैयारी पूरी करने के लिए बेहतर प्रबंधन करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने राज्य में आपदा प्रबंधन के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहे कार्यों का विवरण प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि आपदा प्रबंधन के कार्यों में संबंधित पक्षों का आपस में बेहतर समन्वय सुनिश्चित हो जिससे आपदा प्रबंधन के कार्य तेजी से पूरे हो सके।

इस दौरान सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव विनीत कुमार, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग राजेश शर्मा सहित संबंधित अधिकारी तथा विभिन्न जनपदों से वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

सीएस ने की ई-ऑफिस लागू करने में जनपद पौड़ी के प्रदर्शन की सराहना

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में सचिव समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को अपने-अपने विभागों में ई-ऑफिस लागू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों एवं जनपदों में ई-ऑफिस लागू किया जाए।

मुख्य सचिव ने ई-ऑफिस लागू करने में जनपद पौड़ी के प्रदर्शन की सराहना करते हुए बाकी जनपदों विशेषकर देहरादून, नैनीताल एवं हरिद्वार जनपद को भी शीघ्रातिशीघ्र ई-ऑफिस के माध्यम से कार्यों को किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने ई-ऑफिस सिस्टम के अंतर्गत शासन एवं निदेशालय के मध्य समन्वय मैकेनिज्म को सरल किए जाने की बात भी कही।

मुख्य सचिव ने कहा कि सभी सचिवगण अपने-अपने विभागों की वेबसाइट भी अपडेट कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने आईटीडीए के माध्यम से तैयार नए फॉर्मेट में विभागीय वेबसाईटों को अपडेट किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि ई-ऑफिस की दैनिक गतिविधियों में विभागीय कार्मिकों को आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए आईटी विभाग द्वारा विभागीय कार्मिकों को ई-ऑफिस एवं वेबसाइट अपडेट के लिए तकनीकी सहायता एवं प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फैनई, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, राधिका झा, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, विनोद कुमार सुमन एवं रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने हाउस ऑफ हिमालयाज के निदेशक मंडल के साथ की बैठक

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में हाउस ऑफ हिमालयाज के निदेशक मंडल की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने हाउस ऑफ हिमालयाज को एक बड़े ब्राण्ड के रूप में विकसित किए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज की पहचान को बनाए रखने के लिए इसके उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके लिए प्रत्येक उत्पाद के लिए गुणवत्ता का मानक निर्धारित किया जाए। उन्होंने कहा कि जीआई टैगिंग से होने वाले लाभ को बढ़ाए जाने के लिए इसके उत्पादों की गुणवत्ता के साथ ही पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने इसके लिए कृषि सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वय बनाए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज को पहचान दिलाने के लिए इसकी ब्राण्डिग और मार्केटिंग पर जोर दिया जाए। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स और अपनी वेबसाईट के माध्यम से बेचे जाने के साथ ही अन्य राज्यों में आउटलेट्स बढ़ाए जाएं। साथ ही, हथकरघा एवं हस्तशिल्प में लगातार नए उत्पादों को शामिल किया जाए।
सचिव राधिका झा ने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज के लिए उच्च प्रीमियम प्रदान करके पहाड़ी क्षेत्रों में खेती को लाभप्रद बनाना है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र से कृषि और उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा देते हुए राज्य के प्रामाणिक और प्रीमियम गुणवत्ता वाले उत्पादों से उत्तराखण्ड किसानों को लाभ प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभिन्न ई-कॉमर्स साईट्स के साथ ही राज्य एवं राज्य के बाहर आउटलेट्स बनाए गए हैं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव सचिन कुर्वे, प्रबंध निदेशक हाउस ऑफ हिमालयाज मनुज गोयल सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

राज्य आपदा शमन निधि के तहत विभिन्न प्रोजेक्ट पर मुख्य सचिव ने दिया अनुमोदन

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सचिवालय में उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केन्द्र (यूएलएमएमसी) की द्वितीय संचालक निकाय की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एसडीएमएफ (राज्य आपदा शमन निधि) के तहत राज्य कार्यकारी समिति द्वारा अनुमोदित सभी प्रोजेक्ट, ग्रुप इंश्योरेन्स पॉलिसी, विभिन्न पदों पर भर्ती जैसे एजेन्डा बिन्दुओं पर अनुमोदन दिया।

मुख्य सचिव ने एसडीएमएफ (राज्य आपदा शमन निधि) के तहत राज्य कार्यकारी समिति द्वारा अनुमोदित उत्तरकाशी, मसूरी, गोपेश्वर, अल्मोड़ा तथा नैनीताल में लिडार सर्वे, नैनीताल शहर के टॉपोग्राफी सर्वे, भू अन्वेषण, भू-तकनीकी अन्वेषण, बहुगुणा नगर कर्णप्रयाग में भू-अन्वेषण, भू-तकनीकी अन्वेषण, भू-भौतिकीय अन्वेषण हेतु कन्सलटेन्सी फर्म की नियुक्ति, मनसा देवी पहाड़ी हरिद्वार में बाई पास रोड के स्लोप स्टेबलाइजेशन के अन्वेषण व न्यूनीकरण कार्यों के लिए डीपीआर जैसे विभिन्न प्रोजेक्ट पर अनुमोदन दिया। मुख्य सचिव ने सभी यूएलएमएमसी कार्मिकों हेतु सावधि दुर्घटना बीमा योजना पर भी अनुमोदन दिया।

बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, विनोद कुमार सुमन सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

गंगा समिति बैठकः सीएस बोले, योजना फंडिंग में आ रही समस्या तो मिसिंग लिंक में प्रस्ताव भेंजें

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में राज्य गंगा समिति की बैठक आयोजित हुयी। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गंगा समितियों में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बनाए जाने वाले स्थानीय सामुदायिक समूहों ऐसे लोगों को जोड़ा जाए जो इस कार्य में दिल से रूचि लेते हैं। उन्होंने कहा कि जिला गंगा समितियों की बैठकें निर्धारित समयसीमा में अवश्य करा ली जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि सोशल ऑडिट और थर्ड पार्टी से योजनाओं का मूल्यांकन के लिए मैकेनिज्म तैयार करें। उन्होंने प्रदेश में गंगा के किनारे बसे क्षेत्रों में प्राकृतिक और जैविक खेती पर अधिक से अधिक फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि एसटीपी से उपचारित जल को खेती के लिए पुनः प्रयोग किया जाए, विशेषकर मैदानी क्षेत्रों में योजनाओं को इस प्रकार से डिजाईन किया जाए कि उपचारित जल को पुनः प्रयोग हो सके। उन्होंने कहा कि योजना के तहत् आजीविका सृजन कार्यक्रम को ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित हाऊस ऑफ हिमालयाज से जोड़ा जाए, इससे योजना को बढ़ाने में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि कला, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में स्कूल, कॉलेज और स्थानीय लोगों को अनिवार्य रूप से जोड़ा जाए।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं को साझा करने के साथ ही सुझाव भी मांगे। कहा कि किसी भी योजना में फंडिंग की समस्या आ रही है तो मिसिंग लिंक में प्रस्ताव भेजे जाएं। एक हफ्तें में फंडिंग की जाएगी। योजनाओं की प्रत्येक स्तर की टाईमलाईन निर्धारित की जाए। उन्होंने वन विभाग को वन क्षेत्र में सड़कों के किनारे जमा होने वाले कचरे को साफ करने के लिए लगातार अभियान चलाकर साफ किए जाने के भी निर्देश दिए।

परियोजना निदेशक नमामि गंगे रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि नमामि गंगे के तहत् प्रदेश में निर्मल गंगा, अविरल गंगा, जन गंगा, ज्ञान गंगा और अर्थ गंगा के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत् 62 एसटीपी तैयार किए जाने हैं, जिसमें से 42 पूर्ण हो गए हैं, और 20 पर कार्य गतिमान है। गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे स्थित ग्राम सभाओं के ग्राम प्रधानों को जिला गंगा समिति द्वारा नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। योजना में आईईसी गतिविधियों के तहत् गंगा को पुनर्जीवन से सम्बन्धित कार्यकलापों का लगातार प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

इस अवसर पर वन विभाग से प्रोजेक्ट निदेशक नमामि गंगे मनोज चंद्रन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।