केंद्रीय भंडारण का उत्तराखंड सचिवालय में खुला आउटलेट, बाजार दर से 35 प्रतिशत सस्ते में मिलेगा ब्रांडेड सामान

उत्तराखंड राज्य कर्मचारी कल्याण निगम व केंद्रीय भंडार (भारत सरकार) का संयुक्त उपक्रम, का सचिवालय में आउटलेट का शुभारंभ सहकारिता मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज मंगलवार शाम को किया।

डॉ रावत ने इस अवसर पर कहा कि सचिवालय के कर्मचारियों और अधिकारियों को ब्रांडेड सामान 25 प्रतिशत से लेकर 35 प्रतिशत तक सस्ता मिलेगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय भंडार भारत सरकार, रेलवे, एम्स, ओएनजीसी तथा अन्य उच्च संस्थानों में ब्रांडेड सामान की आपूर्ति करता है। देहरादून के सचिवालय में इसकी आवश्यकता को पूरा करने के लिए सचिव सहकारिता को निर्देश दिए गए थे। उन्होंने केंद्रीय भंडार भारत सरकार से वार्ता कर तथा सचिवालय के अधिकारियों से जगह उपलब्ध करानी सुनिश्चित की, जिससे अब सचिवालय कर्मचारियों और अधिकारियों को सचिवालय में ही उन्हें ब्रांडेड सामान सस्ते दाम में मिल जाएगा।

सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने कहा कि सहकारिता एक मजबूत और आधुनिक व्यवस्था है जो समृद्धि और संगठित विकास के लिए महत्वपूर्ण है। इस विचार को ध्यान में रखते हुए, उत्तराखंड राज्य कर्मचारी कल्याण निगम ने एक नया प्रयास किया है – उत्तराखंड सचिवालय में आउटलेट्स को शुरू करना।

उन्होंने कहा, आउटलेट्स में ब्रांडेड सामान के साथ-साथ सहकारिता विभाग द्वारा सहित महिला समूहों द्वारा जो चीजें बनाई जाती हैं, वह सामग्री भी मिलेंगी। जिनसे महिला और ग्रामीण क्षेत्रों के सदस्यों को आर्थिक लाभ भी पहुंचेगा।

डॉ रावत ने कहा कि यह आउटलेट्स समय की बचत भी करेगा। कर्मचारियों को यहां पर्याप्त समय मिलेगा ताकि वे अपने परिवार और स्वास्थ्य के लिए प्राथमिकता दे सकें। उन्होंने कहा यहाँ मिलेट्स भी मिलेगा। राज्य में मिलेट्स की डिमांड बढ़ रही है।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस अवसर पर कहा कि सहकारिता आउटलेट खुलने से सचिवालय में एक नई पहल हुई है, इससे महिलाओं को अधिक सुविधा होगी , वह सरकारी काम निबटा कर एक जगह सभी सामान सस्ते दरों में उपलब्ध कर सकेंगी। उन्होंने सहकारिता विभाग के सचिव डॉक्टर बीवीआरसी पुरुषोत्तम व निबंधक सहकारिता आलोक कुमार पांडेय से कहा कि वह इस तरह के आउटलेटस राज्य के प्रत्येक जनपद में खुलवाने का प्रयास करें।

सचिव सहकारिता डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने आउटलेट के लिए सचिवालय के अंदर जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। इस तरह के आउटलेट जनपद में खोले जाएंगे।
उन्होंने कहा सहकारिता आउटलेट्स न केवल सहकारिता समूहों की मजबूती को बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि ये सामाजिक और आर्थिक विकास की मुख्य दिशा होंगे। इन आउटलेट्स से सामग्री सस्ते मूल्यों पर उपलब्ध होगी, जिससे न्याय पंचायत पर महिला समूह और स्वयं सहायता समूह और ग्रामीण समुदायों की आर्थिक हालत आदर्श होगी।

निबंधक सहकारिता आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि रेशम फेडरेशन नवरात्रों में सचिवालय में सिल्क एग्जीबिशन लगाई जाएगी और उसमें सचिवालय के कर्मचारी और अधिकारियों को डिस्काउंट दिया जाएगा उन्होंने कहा कि रेशम फेडरेशन ने गत वर्ष 10 ल
लाख रुपए का मुनाफा कमाया है। उत्तराखंड का रेशम अन्य प्रदेशों में भी चमक रहा है।

राज्य कर्मचारी कल्याण निगम की अधिशासी निदेशक ईरा उप्रेती ने सभी अतिथियों का धन्यवाद देते हुए कहा कि आउटलेट में क्वॉलिटी मेंटेन की जाएगी। मिलेट्स उत्पाद को प्राथमिकता दी जाएगी।

इस मौके पर सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा महासचिव राकेश जोशी व एससीएसटी फेडरेशन के अध्यक्ष करमराम ने आउटलेट की तरह मंत्री डॉ रावत से सचिवालय परिसर में ब्लड कलेक्शन सेंटर व फिजियोथैरेपी मशीन लगाने की मांग की। इस अवसर पर केंद्रीय भंडार के एमडी मुकेश कुमार, डिविजनल मैनेजर प्रवीण कुमार राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के एजीएम शोभित श्रीवास्तव सहित सचिवालय के करीब 150 अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे। सचिव सहकारिता डॉक्टर बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने आउटलेट से 652 रुपए का सामान खरीद कर इसकी शुरूआत की। इससे पूर्व मंत्री डॉ रावत व अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने रिबन काटकर इस आउटलेट का शुभारंभ किया।

सीएम बोले, सचिवालय में नई कार्य संस्कृति से कार्य हो

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सुराज, सुशासन, सरलीकरण एवं समाधान’ के संबंध में अनुभाग अधिकारियों के साथ चर्चा बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय प्रदेश का दर्पण है। यहीं से प्रदेश की दशा, दिशा एवं व्यवस्थाओं का नीति निर्धारण होता है। अनुभाग अधिकारी सचिवालय की महत्वपूर्ण कड़ी में शामिल होते हैं। चर्चा के दौरान अनुभाग अधिकारियों द्वारा अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय में नई कार्य संस्कृति से कार्य हो, कार्यों के सफल संचालन के लिए अनुभागों में हर संभव सुविधा दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुभागों में इस बात का विशेष ध्यान दिया जाए कि आमजन की समस्याओं के समाधान के लिए पत्रावलियों पर सकारात्मक नोटिंग हो। सचिवालय से लोगों को बहुत अपेक्षाएं होती हैं। पत्रावलियों पर सबके दृष्टिकोण अलग हो सकते हैं, इनके निस्तारण के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण से हम अपना क्या योगदान दे सकते हैं, इस पर ध्यान दिया जाए। जनहित से जुड़ी किसी पत्रावली पर जब सकारात्मक निस्तारण होता है, तो इसका लाभ समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों को मिलता है। समाज के इन अंतिम पंक्ति के लोगों को ध्यान में रखते हुए कार्यों को आगे बढ़ाना होगा। जिन कार्मिकों को सचिवालय में सेवा करने का अवसर मिला है, उन पर अपने सकारात्मक दृष्टिकोण से अनेक लोगों का जीवन परिवर्तन करने का अवसर भी होता है। भगवान द्वारा दिये गये इस अवसर का लाभ जनहित के कार्यों से अवश्य लें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर कार्यप्रणाली के लिए अनुभाग अधिकारियों को साल में एक बार प्रशिक्षण अवश्य दिया जाए। इसके अलावा जो अनुभाग अधिकारी कार्यों के बेहतर संपादन के लिए कोई अन्य प्रशिक्षण लेना चाहते हैं, उसकी भी व्यवस्था की जाए। अनुभाग अधिकारियों को जो अनुभाग दिये जाते हैं, उनसे संबंधित कार्यों की उन्हें बेहतर जानकारी हो, इसके लिए उन्हें कुछ दिन संबंधित विभाग के एचओडी ऑफिस में भेजा जाए, ताकि वे विभागों की कार्यप्रणाली को अच्छी तरह समझ पायें। सचिवालय में जो भी फरियादी आते हैं, उनका सही मार्गदर्शन हो, इसके लिए हैल्प डेस्क भी बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय में कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अनुभागों में सभी मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सचिवालय परिसर में स्वच्छता के साथ ही शौचालयों की अच्छी व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने में सबका सहयोग जरूरी है। सबके सामूहिक प्रयासों से राज्य का समग्र विकास किया जायेगा।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने कहा कि किसी भी पत्रावली की शुरूआती नोटिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है। फाइल में नोट लिखते समय उसमें नियम का उल्लेख जरूर किया जाए। कुछ ऐसे प्रस्ताव होते हैं, जो जनहित की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे प्रस्तावों में शुरूआती चरण से ही नोटिंग बहुत अच्छी तरह लिखी जाए। ऐसे प्रस्तावों में यदि कहीं नियमों में स्पष्ट उल्लेख न हो तो, इसका सकारात्मक समाधान क्या है, वह भी नोट में लिखा जाए। पत्रावलियों के निस्तारण से अधिक ध्यान उनके निस्तारण के लिए सकारात्मक नोट लिखने पर दिया जाए। उन्होंने कहा कि समय-समय पर अनुभाग अधिकारियों को फील्ड विजिट भी करवाया जायेगा। मुख्य सचिव ने कहा कि जनहित की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रकृति की फाइलों का पहले निस्तारण किया जाए।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि कोई भी पत्रावली परामर्शी विभागों को भेजने से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाए कि उसकी नोटिंग में परामर्श बिन्दु का स्पष्ट उल्लेख हो। उन्होंने कहा कि ई-आफिस प्रणाली पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बैठकों के लिए अब ई-फाईल, ई-मेल एवं व्हाट्सएप के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को सूचना दी जायेगी।

इस अवसर पर अनुभाग अधिकारियों ने भी अपने सुझाव दिये। अनुभाग अधिकारियों ने सुझाव दिया कि यदि कोई पत्रावली अनुभाग से अनु सचिव, उप सचिव एवं संयुक्त सचिव स्तर तक जाती है और उसमें उनके द्वारा कोई आपत्ति लगाई जाती है, तो वह पत्रावली वापस अनुभाग में भेज दी जाती है। वह पत्रावली उस स्तर से अपर सचिव एवं सचिव स्तर पर जानी चाहिए। जिस अधिकारी को फाईल नोटिंग में वार्ता लिखा जाता है, उच्च स्तर पर वही अधिकारी वार्ता के लिए जाए। फाइलों के त्वरित निस्तारण के लिए कार्यों को टाइम बाउंड करने का सुझाव भी अनुभाग अधिकारियों द्वारा दिया गया।