किसान को अच्छी पैदावार और गुणवत्ता युक्त पौध उपलब्ध कराये-गणेश जोशी

कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को सचिवालय स्थित एफआरडीसी सभागार में उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ एक सप्ताह पूर्व हुई बैठक में दिए गए दिशा निर्देशों की प्रगति की जानकारी ली।
बैठक में मंत्री जोशी ने विभागीय अधिकारियों से पिछली समीक्षा बैठक में दिए गए दिशा निर्देश की जानकारी ली अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि शीतकालीन सीजन में फल एवं सब्जी के पौध की डिमांड में फलों की डिमांड 7,47,341 आयी है। ऐसे ही सब्जियों के पौधों की मांग 257.61 लाख आयी है। इसी प्रकार फलों में सेब की पौध की डिमांड 4,15,905 आयी है। मंत्री जोशी ने अधिकारियों को सेब पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए अधिकारियों को जनपदवार डीएचओ से पर्सनली बात कर प्लांटेशन बढ़ाने के निर्देश दिए।
मंत्री जोशी ने कहा कि किसान को गुणवत्ता युक्त वैरायटी के पौधे उपलब्ध कराए जाए। उन्होंने कहा आज किसान सेब की एम-9 की वैरायटी की जगह रूट स्टॉक की वैरायटी की ओर जा रहे है, जिसको लेकर मंत्री जोशी ने कहा कि जिससे किसानों को लाभ हो वह अच्छी वैरायटी के पौध किसानों को उपलब्ध कराया जाय। मंत्री जोशी ने एम-9 को रूटस्टॉक में परिवर्तित कर किसानों को गुणवत्ता युक्त और अच्छी पैदावार के पौधे उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मंत्री जोशी ने कहा कि किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ शीघ्र ही ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू करने जा रहे हैं जिसमें हिमाचल के जीत चौहान से बातचीत की जा रही है। ताकि वह किसानों को ट्रेनिंग दे सके।
बैठक में रूफ गार्डनिंग को लेकर भी चर्चा की गई जिसमे उद्यान विभाग द्वारा रूफ गार्डनिंग को प्रोत्साहित करने के लिए 25 दिसंबर से 2 जनवरी 2023 तक रूप गार्डनिंग सप्ताह के रूप में मनाया जायेगा। मंत्री जोशी ने कहा कि फरवरी बसंतोत्सव के समय उसमें फूलों के साथ साथ रूफ गार्डनिंग में उगाई गई उत्पाद के साथ प्रतियोगिता की जाएगी। जिसमे रूफ गार्डनिंग के प्रोत्साहन के लिए विजेता को ईनाम दिया जाएगा।
बैठक में मंत्री जोशी ने सेंटर फॉर एक्सीलेंस को लेकर अधिकारियों को एक सप्ताह में एक्शन प्लान बनाने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही मंत्री जोशी ने अधिकारियों को नर्सरी के लिए एक ठोस कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए मंत्री जोशी ने कहा कि अगली बार किसान पौध के लिए बाहर न जाए, सभी पौध यहां से अन्य राज्यों में सप्लाई हो इसके लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। मंत्री जोशी ने कहा कि हमारा जो संकल्प है कि 2025 तक किसान को आय दोगुनी हो इस दिशा में प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है।
इस अवसर पर सचिव वी.बी. आरसी पुरुषोत्तम, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएस ने आंवटित बजट को कम खर्च करने पर जताई नाराजगी

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सभी विभागों को आवंटित बजट व्यय के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने विभागों द्वारा खर्च की मॉनिटरिंग के लिए परफोर्मा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसकी लगातार मॉनिटरिंग हो सके इसके लिए पाक्षिक रिपोर्ट विभागों द्वारा इस परफोर्मा में ली जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विभाग आवंटित बजट को 31 मार्च, 2023 तक 100 प्रतिशत खर्च करने को लेकर कार्ययोजना तैयार कर लें। उन्होंने कहा कि विभागों की पुरानी देयताओं अथवा अच्छे प्रस्ताव आने पर पूर्व में स्वीकृत बजट से अधिक भी स्वीकार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समय बचाने के लिए विभागों द्वारा जो काम होने ही होने हैं, उनके टेंडर लगा लिए जाएं, कहा कि प्रोजेक्ट सेंक्शन होने उपरान्त ही अवार्ड किए जाएंगे। उन्होंने सभी सचिवों को अपने विभाग के प्रस्तावों की लगातार मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रस्तावों में देरी न हो इसके लिए प्रस्ताव से पूर्व सभी प्रकार की औपचारिकताओं को पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कृषि, पशुपालन, मत्स्य एवं उद्यान विभाग को अपनी सभी प्रकार की छोटी-बड़ी योजनाओं पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। कहा कि इन विभागों की छोटी-बड़ी योजनाएं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में सबसे ज्यादा उपयोगी हैं।
मुख्य सचिव ने नाबार्ड से सम्बन्धित योजनाओं के लिए भी सभी विभागों को प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वीकृति हेतु प्रस्तावों को अनावश्यक रूप से अपने उच्चस्थ अधिकारियों को फॉवर्ड करने की टेंडेंसी को समाप्त करने की आवश्यकता है। कितने बजट के लिए किस स्तर तक फाईल का जाना है, यह पूर्व से ही निर्धारित है। किसी प्रकार के कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए उन्होंने वित्त विभाग को इसके लिए सर्कुलर जारी करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, अरविन्द सिंह ह्यांकी, दिलीप जावलकर, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, हरि चन्द्र सेमवाल सहित सभी विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

एसीएस ने ऋण योजनाओं के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के दिये निर्देश

अपर मुख्य सचिव वित्त आनन्दवर्धन ने गुरुवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 83वीं बैठक की अध्यक्षता के दौरान दिसम्बर माह के अन्त तक सभी बैंकों द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत वितरित किए जाने वाले ऋणों के लक्ष्य को 75 प्रतिशत तक प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पीएम स्वनिधि के तहत प्राप्त ऋण आवेदनों का 30 नवम्बर तक निस्तारण का लक्ष्य बैंकों को दिया है।
अपर मुख्य सचिव ने केन्द्र एवं राज्य सरकार की एमएसएमई से सम्बन्धित ऋण योजनाओं में ओपरलेपिंग का परीक्षण कराकर रिपोर्ट भेजने के निर्देश भी दिए हैं। एसीएस ने सभी बैंकों को सरकार प्रयोजित ऋण योजनाओं के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा बैंक शाखाओं में लंबित ऋण आवेदन पत्रों के त्वरित निस्तारण, स्वयं सहायता समूहों का क्रेडिट लिंकेज बढ़ाने, विभिन्न सरकारी विभागों को निजी बैंकों को भी स्पेशल कॉम्पानेन्ट प्लान के तहत ऋण आवेदन भेजने, बैंक सखी, कॉमन सर्विस सेन्टर, राशन विक्रेताओं, स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को भी बी. सी. (बैंक कॉरोस्पॉन्डेट) के कार्य प्रदान करने, बैंकों को राज्य के दूर दराज के पर्वतीय क्षेत्रों में नई शाखाएं खोलकर राज्य में वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, पीएम स्वनिधि योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना नैनो में ऑवरलेपिंग की स्थिति प्रदर्शित हो रही है। बैंकों में एनपीए की वृद्धि को रोकने तथा बैंकिंग को सस्टेनबल बनाने हेतु सभी संबंधित विभागों से सहयोग एवं सार्थक प्रयास की अपेक्षा की गई है। बैठक में बैंकों से स्थानीय स्तर पर प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए एनपीए कम करने के प्रयास करने तथा तहसील से आर. सी. (रिकवरी सर्टिफिकेट) का मिलान करते हुए ऋण राशि की वसूली हेतु अमीनों का सहयोग प्राप्त करने का आग्रह किया गया है। भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में 103 गांव जो कि 05 कि0मी0 परिधि के अंतर्गत बैंकिंग सेवाओं से आच्छादित नहीं है, की सूची जिला सहकारी बैंक को इस आशय से प्रेषित की गयी है कि वे इन गांवों में शाखा खोलने की संभावनाओं का अध्ययन करेंगे। भारत सरकार द्वारा पीएमजेडीवाई, पीएमएसबीवाई तथा पीएमजेजेबीवाई जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकाधिक खाताधारकों को आच्छादित किए जाने के भी निर्देश मिले हैं। इस दिशा में राज्य में 3159504 खाताधारकों को पीएमजेडीवाई, 2385330 खाताधारकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, 595833 खाताधारकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, 507324 खाताधारकों को अटल पेंशन योजना से जोड़ा गया है। उत्तराखण्ड में 100 प्रतिशत डिजिटल पेमेंट ईको सिस्टम को प्रोत्साहित करने की दिशा में अल्मोड़ा तथा चमोली जिले आगे चल रहे हैं। अल्मोड़ा में 99 प्रतिशत तथा चमोली में 84 प्रतिशत बचत खाते डिजिटली आच्छादित हो चुके हैं। डिजिटाइजेशन के तहत रुपे कार्ड, आधार इनएबल्ड एवं इन्टरनेट कनेक्टीविटी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य में अगले चरण में 1238 गांवों में फॉर जी टॉवर स्थापित किए जा रहे हैं। राज्य के सभी जिलों की खसरा खतौनी भू-लेख पोर्टल पर दर्ज कर दी गयी है। अल्मोड़ा तथा पौड़ी गढ़वाल दो जिलों में भूमि का नक्शा बनाने कार्य पूर्ण हो चुका है। अवशेष जिलों में कार्य प्रगति पर है।
बैठक में सचिव कृषि बीवीआरसी पुरूषोतम, अपर सचिव सी रविशंकर, क्षेत्रीय निदेशक आरबीआई लता विश्वनाथन, एसएलबीसी संयोजक दिग्बिजय सिंह रावत तथा शासन के वरिष्ठ अधिकारी व बैंक अधिकारी उपस्थित रहे।

हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स के निर्माण कार्य में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में हेलीपोर्ट्स एवं हेलीपैड्स की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को हेलीपोर्ट्स एवं हेलीपैड्स के निर्माण में तेजी लाने के साथ ही निर्माण कार्य में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन स्थानों पर हेलीपैड्स और हेलीपोर्ट्स के लिए भूमि चयनित कर ली गई है, शीघ्र उनकी डीपीआर तैयार कर ली जाए। लैंड ट्रांसफर में अटके मामलों को प्रतिदिन मॉनिटरिंग कर निस्तारित किया जाए। मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग को पर्यटकों को भी ध्यान में रखते हुए लगातार नए हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूर दराज के अनछुए क्षेत्रों में भी पर्यटन स्थलों की तलाश लगातार जारी रखते हुए उन्हें विकसित कर पर्यटकों के लिए आसान पहुंच बनाने के लिए हेलीपैड्स और हेलीपोर्ट्स तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक हेलीपैड और हेलीपोर्ट के लिए कार्य पूर्ण होने तिथि पूर्व में ही निर्धारित की जाए। साथ ही, सभी हेलीपोर्ट्स एवं हेलीपैड्स के निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।
बैठक में बताया गया कि प्रदेशभर में विभिन्न हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स पर कार्य गतिमान है। कोटी कॉलोनी स्थित हेलीपोर्ट का कार्य पूर्ण हो चुका है। 6 हेलीपोर्ट्स का निर्माण कार्य गतिमान है, जिनको दिसम्बर माह तक पूर्ण कर लिया जाएगा। पर्यटन विभाग द्वारा भी नए हेलीपैड्स चिन्हित कर उनके निर्माण कार्य विभिन्न स्तरों पर गतिमान है।
इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, सीईओ सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी सी. रविशंकर सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

परिवहन विभाग की समीक्षा, सीएम ने कसे अधिकारियों के पेंच

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में परिवहन विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी आई.एस.बी.टी में जन सुविधाओं के दृष्टिगत हर सम्भव व्यवस्थाएं की जाए। राज्य में आने वाले समय में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी, इसे ध्यान में रखते हुए राज्य के आईएसबीटी के विस्तारीकरण के लिए भी योजना बनानी होगी। मुख्यमंत्री ने आईएसबीटी देहरादून की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि इसमें यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने जिलाधिकारी देहरादून/उपाध्यक्ष एमडीडीए सोनिका को निर्देश दिये कि देहरादून आईएसबीटी में आवश्यक सुविधाओं को और विस्तार दिया जाए। उन्होंने कहा कि देहरादून आईएसबीटी को जन सुविधा के दृष्टिगत अधिक विकसित किये जाने के लिए कार्य योजना बनाई जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि आईएसबीटी के आस-पास हो रहे अतिक्रमण के लिए संबंधित थाने एवं चौकी प्रभारियों की जिम्मेदारी तय की जाय। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी आईएसबीटी के आस-पास अतिक्रमण न हो। उन्होंने कहा कि राज्य में जो भी नए आई.एस.बी.टी बनाये जाने हैं,उसके लिए ऐसे स्थान चिन्हित किये जाएं, जो यात्रियों के लिए भी आवागमन की दृष्टि से सुविधाजनक हों और भूमि की भी पर्याप्त उपलब्धता हो। इस संबंध में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आगे की योजना बनाई जाए। बस अड्डों पर पर्वतीय उत्पादों के विपणन की व्यवस्था भी मॉडल रूप में की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश की सभी सड़कें गड्ढ़ा मुक्त हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे कभी भी राष्ट्रीय राजमार्गों का औचक निरीक्षण कर सकते हैं। यदि राष्ट्रीय राजमार्गों पर गड्ढ़े पाये गये तो, संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कारवाई की जायेगी। सड़कों के कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। देवभूमि उत्तराखण्ड में देश विदेश से अनेक श्रद्धालु एवं पर्यटक आते हैं। सभी की यात्रा सुगम हो, वे यहां से अच्छा संदेश लेकर जाएं, यह हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन प्रतिनिधियों से जो भी सुझाव मिल रहे हैं, उन्हें गंभीरता से लिया जाए। सड़क सुरक्षा के लिए लगातार जन जागरूकता अभियान चलाया जाए। यदि कोई वाहन बिना फिटनेस टेस्ट के चल रहे हैं, तो इसके लिए भी संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बैठक में जो भी निर्णय लिए गये हैं, उन पर आवश्यक कार्यवाही के लिए पहले सचिव परिवहन समीक्षा करेंगे। उसके बाद परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में बैठक की जाए। उसके बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में भी बैठक होगी।
बैठक में शहरी विकास मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, परिवहन मंत्री चन्दन राम दास, विधायक विनोद चमोली, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, डीआईजी मुख्तार मोहसिन, अपर सचिव सविन बंसल, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, प्रबंध निदेशक उत्तराखण्ड परिवहन निगम रोहित मीणा एवं परिवहन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रश्न पत्रों को डबल लॉक और सीसीटीवी की निगरानी में रखा जाए-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित की जाने वाली चयन परीक्षाओं को शुचितापूर्ण एवं पारदर्शिता के साथ कराए जाने के सम्बन्ध में सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक आयोजित हुयी।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग को हस्तांतरित परीक्षाओं में से दिसम्बर माह में पुलिस आरक्षी, आईआरबी एवं अग्निशामक की परीक्षा सम्पन्न होनी है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को इस परीक्षा एवं आगे होने वाली अन्य परीक्षाओं को शुचितापूर्ण एवं पारदर्शिता से कराने हेतु फुल प्रूफ प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को प्रश्न प़त्रों को रखने हेतु डबल लॉक सिस्टम और सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि परीक्षा केन्द्रों के लिए भी वीडियोग्राफी हेतु सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि परीक्षा केन्द्रों में किसी भी प्रकार की कलाई में पहनने वाली घड़ी (स्मार्ट वॉच सहित), मोबाईल फोन एवं गैजेट्स को पूर्णतः प्रतिबन्धित रखा जाए। समय देखने हेतु परीक्षा केन्द्रों में घड़ी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले परीक्षार्थियों मोबाईल एवं घड़ी रखने हेतु उचित व्यवस्था रखी जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि परीक्षा का आयोजन जनपद स्तर पर समग्र तौर पर जिलाधिकारी की देखरेख में सम्पादित किया जाए। आयोग के सहयोग के लिए प्रत्येक जनपद में नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए। उन्होंने आयोग द्वारा भी भविष्य में होने वाली सभी परीक्षाओं के लिए परीक्षा केन्द्रों में अलाउड और नॉट अलाउड की पूरी लिस्ट का प्रचार-प्रसार किए जाने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा परीक्षाओं में तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों हेतु ऑनलाईन ट्रेनिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने परीक्षा केंद्रों के चयन के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आने वाले समय में लगातार परीक्षाएं होनी हैं और आगे भी होती रहेंगी। उन्होंने कहा कि दिसम्बर माह में होने वाली परीक्षा में स्नो फॉल और मार्ग अवरूद्ध होने के कारण कोई भी परीक्षार्थी परीक्षा देने से वंचित न रहे इसके लिए परीक्षा केन्द्रों के चयन में विशेष ध्यान दिया जाए। ऐसे परीक्षा केन्द्रों का चयन किया जाए जिनमें पर्याप्त वांछित व्यवस्थाएं परिपूर्ण हों। परीक्षार्थी समय से परीक्षा देने पहुंच सकें इसके लिए पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन की भी उचित व्यवस्था हो। उन्होंने परीक्षा के समय में परिवर्तन कर परीक्षा का समय 10 बजे से 12 बजे को बढ़ाकर प्रातः 11 बजे से 1 बजे किए जाने के निर्देश दिए ताकि दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले परीक्षार्थियों को कोई समस्या न हो।
मुख्य सचिव ने पुलिस विभाग को कोचिंग सेंटर्स की गतिविधियों पर निगरानी रखने के निर्देश दिए। उनके साथ बैठक कर जानकारी दी जाए कि नकल आदि की गतिविधियों में संलिप्तता पाए जाने पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव ने परीक्षाओं के शुचितापूर्ण एवं पारदर्शिता पूर्ण संचालन के लिए सभी जिलाधिकारियों से भी सुझाव भी मांगे।
उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष राकेश कुमार ने कहा कि परीक्षाओं के आयोजन में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। किसी भी प्रकार का लूपहोल नहीं छोड़ा जाएगा। अधिकारियों कर्मचारियों के लिए ऑनलाईन ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित किए जाएंगे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार एवं सचिव शैलेश बगोली सहित अन्य उच्चाधिकारी भी उपस्थित रहे।

रेगुलर पुलिस को दिये जायेंगे राजस्व क्षेत्र, सीएस ने अधिकारियों से की चर्चा

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों को रेगुलर पुलिस को दिए जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि रेगुलर पुलिस में शामिल किए जाने हेतु जिन क्षेत्रों को तत्काल शामिल किए जाने की आवश्यकता है, उनके प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएं। जिन क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस के थाना, रिपोर्टिंग चौकी या एरिया एक्सपेंशन की आवश्यकता है, शीघ्र अतिशीघ्र प्रस्ताव भेज दिए जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक टूरिज्म स्टेट होने के कारण हॉस्पिटैलिटी का क्षेत्र में महिलाओं के कार्य की अत्यधिक संभावना को देखते हुए हम सभी को प्रोएक्टिव होकर कार्य करना होगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पिछले कुछ समय में पर्यटन अथवा व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ी हैं, उन्हें प्राथमिकता से रेगुलर पुलिस में शामिल किया जाए। उन्होंने डीजीपी अशोक कुमार को भी जघन्य अपराधों की कैटेगरी निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए कि राजस्व क्षेत्रों में जघन्य अपराध के मामलों को तत्काल रेगुलर पुलिस को सौंपते हुए एफआईआर दर्ज की जाए।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रदेश के किसी भी कोने में काम करने वाली महिलाओं के लिए रजिस्ट्रेशन या अन्य कोई ऐसा सिस्टम विकसित किया जाना चाहिए जिसमें वह अपनी जानकारी दर्ज कर सके कि वह यहां कार्य कर रही है, ताकि यदि कोई अप्रिय घटना होने पर तत्काल जानकारी उपलब्ध हो सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि पुलिस को इसमें प्रोएक्टिव होकर काम करना होगा। उन्होंने डीजीपी को एक मोबाइल ऐप शुरू करने के निर्देश दिए जिसमें काम करने वाली महिला अपनी जानकारी दर्ज कर सके, साथ ही कॉल सेंटर जैसा सिस्टम भी तैयार किया जाए जो इन महिलाओं से कुछ-कुछ समयांतराल के बाद उनका हालचाल भी पूछा जाए। इसके प्रचार प्रसार पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। महिलाओं और उनके परिजनों को भी इसके लिए जागरूक किया जाए।
इस अवसर पर डीजीपी कानून व्यवस्था वी. मुरुगेशन एवं सचिव चंद्रेश यादव सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

पार्किंग समस्या को लेकर नए प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में प्रदेश में बनाई जाने वाली नई पार्किंग प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को सभी पार्किंग्स के लिए साइट स्पेसिफिक कम्पलीशन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने खूबसूरत पर्यटन स्थलों में बड़ी-बड़ी पार्किंग्स बनाकर बर्बाद न करने की बात दोहराते हुए कहा कि कोशिश की जाए कि पर्वतीय पर्यटक स्थलों में छोटी-छोटी पार्किंग बनायी जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में, विशेषकर पर्वतीय शहरों में पार्किंग एक विकराल समस्या बनती जा रही है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को लगातार नए पार्किंग स्थल ढूंढ़ते रहने के निर्देश दिए। कहा कि हर जिले में प्रयोग के तौर पर कम से कम एक प्रोजेक्ट टनल पार्किंग का अवश्य बनाएं। किसी भी पार्किंग प्रोजेक्ट में जहां पर कोई रूकावट आ रही है, सम्बन्धित अधिकारी या सचिव से सम्पर्क कर समस्या का निस्तारण किया जाए। उन्होंने अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन को पार्किंग प्रोजेक्ट्स के लिए डेडीकेटेड अधिकारी लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डेडीकेटेड अधिकारी को लगाने से कार्य में तेजी आएगी। जिन पार्किंग के निर्माण में कोई समस्या नहीं है, उनमें तुरंत कार्य शुरू कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि पार्किंग प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा प्रत्येक सप्ताह की जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी एवं वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

शादाब शम्स का बड़ा बयान, उत्तराखंड में गरजेंगे वक्फ बोर्ड के बुलडोजर

भाजपा के तेजतर्रार नेताओं में शुमार शादाब शम्स के हाथों में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की कमान आ गई है। बोर्ड का अध्यक्ष चुने जाने के बाद शम्स ने बोर्ड के अन्य सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। बाद में उन्होंने बोर्ड के सदस्यों और अधिकारियों के साथ विभिन्न विषयों पर विमर्श किया। मीडिया से बातचीत में शम्स ने कहा कि वर्ष 2000 में उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की परिसंपत्तियां डेढ़ लाख करोड़ रुपये की थीं, जो अब काफी बढ़ चुकी हैं। उन्होंने बताया कि बोर्ड की जमीनों पर जगह-जगह बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है। माफिया के कब्जे से इन जमीनों को मुक्त कराने के लिए बोर्ड के बुलडोजर गरजेंगे। उन्होंने कहा कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था पर भी जोर रहेगा। इसके लिए ऐसे शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे, जिनमें सभी धर्मों के बच्चे पढ़ाई कर सकें। उन्होंने कहा कि बोर्ड की व्यवस्थाओं को भी चुस्त-दुरुस्त किया जाएगा।
बतातें चले कि बुधवार को सचिवालय में हुए उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चुनाव में शम्स को निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया। 10 सदस्यीय बोर्ड शामिल विपक्ष के चार सदस्यों ने भी उनके पर सहमति जताई। बोर्ड के नवनिर्वाचित अध्यक्ष शम्स ने कहा कि उनकी प्राथमिकता बोर्ड की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराना है। इसके लिए दो बुलडोजर खरीदे जाएंगे। इनमें एक गढ़वाल और दूसरा कुमाऊं क्षेत्र में तैनात रहेगा। वक्फ बोर्ड के चुनाव की प्रक्रिया पिछले आठ माह से चल रही थी। 10 सदस्यीय बोर्ड का गठन होने के बाद इन्हीं में से अध्यक्ष का निर्वाचन किया जाता है। अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूर्व में चम्पावत उपचुनाव के कारण शुरू नहीं हो पाई थी। बाद में इसके लिए सात सितंबर की तिथि तय की गई। सचिवालय में निर्वाचन अधिकारी एवं प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एल फैनई की देखरेख में चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई। बोर्ड के सभी सदस्यों की ओर से शादाब शम्स के नाम पर सहमति जताए जाने के बाद शम्स ने नामांकन भरा। तय समयावधि बीतने पर निर्वाचन अधिकारी ने शम्स के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रहे शम्स पूर्व में 15 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष का दायित्व भी निभा चुके हैं। बोर्ड के अध्यक्ष का कार्यकाल पांच वर्ष का है।

सितंबर को होगी बोर्ड की पहली
नवनिर्वाचित वक्फ बोर्ड की पहली बैठक 15 सितंबर को होगी। बोर्ड के अध्यक्ष के अनुसार बैठक का एजेंडा तय किया जा रहा है। इसमें बोर्ड की जमीनों से अतिक्रमण हटाने समेत अन्य विषय शामिल किए जा रहे हैं।

भाजपा की सक्रिय राजनीति में अहम चेहरा
शादाब शम्स उत्तराखंड भाजपा की सक्रिय राजनीति में एक अहम चेहरा हैं। बता दें 2021 में भाजपा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा उत्तराखंड के भाजपा नेता शादाब शम्स को पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया था। भाजपा नेता शादाब शम्स 15 सूत्रीय कार्यक्रम कियान्‍वयन समिति के उपाध्‍यक्ष भी रहे हैं।

वक्फ बोर्ड क्या होता है
वक्फ बोर्ड इस्लामिक इमारतों, संस्थान और जमीनों के सही रख-रखाव के साथ ही इनके इस्तेमाल की व्‍यवस्‍था देखता है। वक्फ बोर्ड न्यायिक व्यवस्था के तहत गठित कानूनी बोर्ड है। वक्फ बोर्ड अपनी संपत्ति का अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन इसके लिए उसे बोर्ड के सदस्यों की मंजूरी लेनी जरूरी होती है।

धामी की दो टूक, भर्ती घोटालों में शामिल किसी भी दोषी को बख्शा नही जायेगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सचिवालय में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से स्नातक स्तरीय परीक्षा में चयनित कुछ अभ्यर्थियों ने भेंट की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने पूरी ईमानदारी और अपनी मेहनत से परीक्षा पास की है, उन्हें निराश नहीं होने दिया जाएगा। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में जहां भी गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त हो रही है वहां हमने सख्त जांच के आदेश दिये हैं। कुछ मामले एसटीएफ को दिये गये हैं एवं कुछ पर विजिलेंस को नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि भर्ती घोटालों में किसी भी दोषी को भी नही बख्शा जायेगा। इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता रवीन्द्र जुगरान भी मौजूद थे।