राज्य सरकार विभिन्न नवीन कार्य योजनाओं के माध्यम से उत्तराखंड को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ा रहीः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर, श्रीनगर में आयोजित छात्रसंघ शुभारंभ समारोह में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालयों के विकास के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार विभिन्न नवीन कार्य योजनाओं के माध्यम से उत्तराखंड को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने यूसीसी कानून को लागू किया है, यह सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व की बात है। बीते साढ़े तीन सालों में राज्य सरकार ने 22 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां दी है। राज्य की बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य ने नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की सूची में देश में प्रथम स्थान हासिल किया है।

मुख्यमंत्री ने नकल विरोधी कानून को लागू करने के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे मेहनती और प्रतिभाशाली छात्रों को उनका हक मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वर्तमान में मॉडल कॉलेज, महिला छात्रावास, आईटी लैब, परीक्षा भवन, एस्ट्रो पार्क और साइंस सिटी जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य कर रही है। इसके अतिरिक्त, राज्य में स्टार्टअप के लिए अनुकूल वातावरण भी तैयार किया गया है।

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों को मिलकर शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने की दिशा में काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों की हर संभव सहायता करने के लिए तत्पर है और उच्च शिक्षा के संस्थानों को विश्व स्तरीय बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

विधायक विनोद कण्डारी ने समारोह की सराहना करते हुए कहा कि छात्रों को उनके नए दायित्वों के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने छात्रों को शिक्षा के साथ ही सामाजिक और राष्ट्रीय विकास में भी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के विकास में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, कुलसचिव राजेश कुमार ढोड़ी, अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, प्रो. ओपी गुसाईं, छात्रसंघ अध्यक्ष जसवंत सिंह एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सीएम ने बरेली के इन्वर्टिस विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बरेली के इन्वर्टिस विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू किये जाने पर इन्वर्टिस विश्वविद्यालय द्वारा सम्मान एवं अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में यूसीसी की ऐतिहासिक पहल को साकार करने में उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता का महत्वपूर्ण योगदान है। समान नागरिक संहिता का उद्देश्य राज्य के सभी नागरिकों के लिए एक समान और न्यायसंगत कानूनी व्यवस्था सुनिश्चित करना है। यूसीसी के लागू होने से राज्य के नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त होने के साथ ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। अब किसी भी महिला को उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह कानून लाखों महिलाओं के अधिकारों का एक सशक्त सुरक्षा कवच है, जो वर्षों से समानता की प्रतीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों के बीच समानता से समरसता स्थापित करने का एक संवैधानिक उपाय है। इसमें किसी भी धर्म की मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है, केवल कुप्रथाओं को दूर किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई लोगों द्वारा यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन को लेकर कई प्रकार के भ्रम फैलाने का प्रयास किये जा रहे हैं। इसके पीछे मंतव्य हमारी बहन-बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और इन संबंधों से जन्म लेने वाले बच्चों के अधिकारों एवं भविष्य की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड से निकलने वाली यूसीसी की गंगा देश में एक नई चेतना जागृत करने का कार्य करेगी। यूसीसी की समरस धारा देश के दूसरे राज्यों को भी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए अवश्य प्रेरित करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में जनहित में अनेक निर्णय लिये गये हैं। कश्मीर से धारा 370 का अंत, तीन तलाक जैसी कुप्रथा को समाप्त करना, नागरिकता संशोधन कानून लागू करना और फिर अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण जैसे ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेते हुए उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया।

इस अवसर पर सांसद क्षत्रपाल गंगवार, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. अरूण कुमार, दर्जा मंत्री उत्तराखण्ड विनय रूहेला, महापौर बरेली डॉ. उमेश गौतम, विधायक डॉ. राघवेन्द्र शर्मा, डॉ. श्याम बिहारी लाल, डी. सी. वर्मा, डॉ. एम. पी. आर्या, अशोक कट्टारिया, डीन डॉ. राजेश शर्मा, कार्यकारी निदेशक पार्थ गौतम सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

जनवरी 2025 से प्रदेश में यूसीसी लागूः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड में जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस तरह उत्तराखंड, आजादी मे बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला प्रदेश बन जाएगा।

सचिवालय में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) की बैठक के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने संकल्प के अनुसार, समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में होमवर्क पूरा कर चुकी है। उन्होंने कहा कि मार्च 2022 में प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति, गठित करने का निर्णय लिया गया था। इस क्रम में सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया। समिति की रिपोर्ट के आधार पर 07 फरवरी, 2024 को राज्य विधान सभा से समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पारित किया गया। इस विधेयक पर महामहिम राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च, 2024 को इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया। इसी क्रम में अब समान नागरिक संहिता, उत्तराखण्ड 2024 अधिनियम की नियमावली भी तैयार कर ली है। इस तरह उत्तराखंड अब जनवरी से समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए, संहिता के प्रावधान लागू करने के लिए कार्मिकों का समुचित प्रशिक्षण देने के साथ ही सभी तरह की आधारभूत सुविधाएं जुटा ली जाएं। साथ ही अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन रखते हुए, जनसामान्य की सुविधा का ख्याल रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिगत समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक पोर्टल तथा मोबाइल एप भी तैयार किया गया है, जिससे कि पंजीकरण, अपील आदि की समस्त सुविधाएं ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही हैं।

जनवरी, 2025 में उत्तराखंड में राज्य समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। उत्तराखंड का समान नागरिक संहिता कानून, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की मूल भावना पर चलते हुए, समाज को नई दिशा देगा। यह कानून विशेषकर देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के नए द्वार खोलेगा।

– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड