राज्य के लोग कहीं भी जाएं, संस्कृति, लोक परंपरा को रखते हैं जीवितः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित 43वाँ भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले उत्तराखण्ड दिवस समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विभिन्न उत्पादों पर आधारित स्टालों का भी अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के लोग देश विदेश, कहीं भी चले जाएं, वो अपनी संस्कृति लोक परंपरा खानपान अपनत्व की भावना को हमेशा जीवित रखते हैं। उनके घरों पर ऐपण और गंगा दशहरा हमेशा देखने को मिलता है। उन्होंने कहा यह अंतर्राष्ट्रीय मेला हमें अपनी संस्कृति हस्तशिल्प और समृद्ध विरासत को वैश्विक मंच पर लाने और प्रस्तुत करने का मौका देती है। मेले में लगे विभिन्न स्टालों में राज्य के बेहतरीन उत्पादों को लाया गया है। उत्तराखंड प्रवासी, राज्य के विकास में अपना योगदान दे सकें इसके लिए उत्तराखंड प्रवासी परिषद के गठन का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासियों से उत्तराखंड के विकास में सहभागी बनने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है, जिसपर हमारा देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच से देश नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। बीते 10 वर्षों में देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ा है। मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी अनेकों योजनाओं ने भारत को स्टार्टअप के हब के रूप में स्थापित किया है, जिससे देश में रोजगार स्वरोजगार पैदा हो रहे हैं। आज भारत दुनिया की 5वी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड स्थापना के 24 वर्ष पूर्ण कर चुका है। अब राज्य रजत जयंती में प्रवेश कर चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था। राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी के उन शब्दों को धरातल में उतार रही है। हमारा राज्य हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण से पहाड़ों में रेल पहुंचने का सपना पूरा हो रहा है। उड़ान योजना के तहत राज्य के अनेक स्थलों पर हेली सेवा प्रारंभ की जा रही है। हमारा राज्य सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे हर क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य कर रहा है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेज के साथ 20 मॉडल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। उधम सिंह नगर में एम्स का सैटेलाइट सेंटर भी बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के साथ स्थानीय उद्योगों को भी सशक्त बनाया जा रहा है। कृषि, बागवानी, हस्त शिल्प जैसे अनेकों क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने में राज्य की महिलाएं बढ़ चढ़कर भाग ले रही हैं। प्रदेश की महिलाएं अपने साथ अन्य लोगो को भी रोज़गार दे रही हैं। प्रदेश की तरक्की में महिला महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। प्रदेश में 1 लाख से अधिक महिलाएं लखपति दीदी बन गई हैं। राज्य में कई नीतियों के माध्यम से रोजगार के द्वार खोले जा रहे हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि जिस उद्देश्य से राज्य निर्माण हुआ है, उस उद्देश्य को पूरा करने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी निरंतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से उत्तराखंड राज्य प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की कल्पना में अपना योगदान दे रहा है। उत्तराखंड के प्रोडक्ट आज देश विदेश तक जा रहें हैं। हमारा राज्य नया डेस्टीनेशन के रूप में निरंतर आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री जी ने योग दिवस के अवसर पर आदि कैलाश में योग करके पूरी दुनिया के अंदर आदि कैलाश को पहुंचाया है।

पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह भव्य मेला आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के विजन अनुसार यहां लोकल उत्पादों को बढावा दिया गया है। आज देश विदेश में उत्तराखंड के उत्पादों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है।

सचिव उद्योग विनय शंकर पांडे ने बताया कि भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के बीते 7 दिनों में 1 करोड़ 16 लाख के उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों की बिक्री हुई है। इसके साथ 2 करोड़ के ऑर्डर भी हस्त शिल्पकारों को मिले हैं। देश में राज्य के उत्पादों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य को पर्यटन, कृषि, उद्योग, ग्रामीण विकास को सशक्त बनाने के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण भी किया जा रहा है।

इस अवसर पर महानिदेशक उद्योग प्रतीक जैन, स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा, निदेशक संस्कृति विभाग बिना भट्ट, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग के 64 अभ्यर्थियों को वितरित किये नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजपुर रोड स्थित होटल में उद्योग विभाग द्वारा आयोजित उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट-2023 में हुए निवेश प्रस्तावों की ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 11 परियोजनाओं का शिलान्यास करने के साथ ही उद्योग विभाग के 64 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किये।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उद्योग जगत से आये हुये उद्योगपतियों तथा प्रतिनिधियों का स्वागत, करते हुये कहा कि आज ग्राउंडिंग सेरेमनी के तहत 27 हजार करोड़ की परियोजनाओं की ग्राउण्डिग की जा रही है, इस प्रकार अब तक 71 हजार करोड़ की परियोजनाओं की ग्राउण्डिग की जा चुकी है। उन्होंने उद्यमियों से कहा कि आप हमारे ब्राण्ड अम्बेस्डर ही नहीं, बल्कि उससे भी बढ़कर की भूमिका आप लोगों ने निभाई है। हमने दिल्ली, लन्दन, दुबई, अहमदाबाद, मुम्बई, ऊधम सिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून आदि स्थानों पर निवेश हेतु जितने प्रयास किये, उसे आगे बढ़ाने का कार्य आप लोगों ने किया तथा विकास के हर क्षेत्र में आपने योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के सपने साकार हो रहे हैं तथा व्यापार, विकास और विश्वास का वातावरण बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ग्राउण्डिंग हमारे द्वारा सम्पादित एमओयू का 20 प्रतिशत है, जो हमने महज 3 माह में प्राप्त किया है। इसे हम शत-प्रतिशत करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने इन्वेस्टर समिट के दौरान जो सपने देखे थे, वे सपने अब धीरे धीरे धरातल पर उतरने लगे हैं। उन्होंने कहा कि अवस्थापना के क्षेत्र में आज निरन्तर प्रगति हो रही है। कनेक्टिविटी के क्षेत्र में चाहे रेल हो, सड़क हो या हवाई इसमें लगातार सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ के लिये 42 सीटर हवाई जहाज संचालन की अनुमति मिल चुकी है तथा पन्तनगर को अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक कहा है। प्रधानमंत्री का इस राज्य से विशेष लगाव के साथ उनका उत्तराखण्ड से कर्म व मर्म का रिश्ता है और पिछले 10 सालों में उनके मार्गदर्शन में प्रदेश के सभी क्षेत्रों में अनेक विकास कार्य हुये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव के कारण उत्तराखण्ड को जहां एक नई पहचान मिली है, वहीं लोगों का विश्वास भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि हम उनके मार्गदर्शन में विकसित भारत व विकसित उत्तराखंड के निर्माण के संकल्प के साथ काम कर रहे हैं तथा लाखों-करोड़ों रुपए का निवेश उत्तराखंड की धरती पर उतर रहा है, इसी का प्रतिफल है कि उत्तराखंड में “व्यापार, विकास और विश्वास“ का आज नया माहौल बना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत हुए 3.56 लाख करोड़ के एमओयू को इसी तरह समय समय पर धरातल पर उतारने का काम आप सभी के सहयोग से किया जाएगा। हमारा प्रयास उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के साथ ही एक मॉडल स्टेट के रूप में विकसित करने का संकल्प है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर स्टार्टप उत्तराखण्ड ग्राण्ड चेंलेंज 2022-23 के विजेताओं-साक्षी एण्ड ग्रुप, अंकुश गर्ग, सौम्यदीप एण्ड अभि, लव शर्मा, मयंक बिष्ट, अरूण शर्मा, तेजस एण्ड वंश, समृद्धि एण्ड ग्रुप, समृद्धि एण्ड शिव साक्षी तथा कुलदीप बिष्ट को पुरस्कृत भी किया।
कार्यक्रम को कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सम्बोधित करते हुये कहा कि उत्तराखण्ड नित नये-नये प्रतीयमान स्थापित कर रहा है तथा यहां उद्योगों के अनुकूल वातावरण होने के साथ ही सभी प्रकार की अवस्थापना सुविधायें मौजूद हैं और मुख्यमंत्री के मंत्र-सरलीकरण, निस्तारण, समाधान के तहत कार्य करते हुये राज्य निरन्तर प्रगति कर रहा है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिये हमने 30 नई नीतियां बनाई है तथा हमारा उद्योग जगत से निरन्तर संवाद बना हुआ है उद्योगों से सम्बन्धित जो भी समस्या होगी, उनका त्वरित निस्तारण किया जायेगा ताकि उत्तराखण्ड इन्वेस्टमेंट में भी अग्रणी राज्य बन सके।
कार्यक्रम को अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव उद्योग विनय शंकर पाण्डेय ने भी संबोधित करते हुए अब तक हुए निवेश के सम्बन्ध में विस्तार से प्रकाश डाला।
समारोह को उद्योग जगत से जुड़े हुये पवन अग्रवाल नैनी पेपर तथा श्री आर0एस0 यादव इण्डिया ग्लाइको ने भी सरकार की उद्योग नीति की सराहना करते हुये अपने विचार रखे।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सचिव आर0 मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष सचिव डॉ0 पराग मधुकर धकाते, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, उद्योग समूहों के प्रतिनिधि, उद्योगपतिगण, विभिन्न एसोसिएशनों के पदाधिकारीगण सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट 2023 के बेंगलुरु में आयोजित भव्य रोड शो में 4600 करोड़ रुपए के एमओयू किए गए

उत्तराखंड सरकार तथा राज्य में निवेश हेतु उत्साहित विभिन्न क्षेत्रों की 18 कंपनियों के मध्य बेंगलुरु रोड शो में कुल 4600 करोड़ के एमओयू किए गए। जिनमे भारत सेमीकंडक्टर सोसायटी (सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकोसिस्टम के लिए एमएसएमई इकाइयों का क्लस्टर), हेज प्रिसिजन प्रोडक्ट्स लिमिटेड (ऑटो कंपोनेंट प्लांट), रेडवुड ग्रुप (पर्यटन रिज़ॉर्ट) , केईसी एग्रीटेक (वैकल्पिक ऊर्जा), हिमालयन बास्केट (एफपी विनिर्माण), सिलेज एग्रो (पशु पोषण, चारा, भ्रूण स्थानांतरण और क्लस्टर आधारित डेयरी फार्मिंग), इंस्पायर (कौशल, महिला उद्यमिता), जीरोहार्म (मेडिकल कैनबिस), निशांत अरोमास (आवश्यक तेल), कुमाऊं हिमालयन बेवरेजेज लिमिटेड (पेय पदार्थ विनिर्माण संयंत्र), न्यूट्रियार्क प्राइवेट लिमिटेड (न्यूट्रास्यूटिकल्स) डीई पेड्रो शुगर इंडस्ट्रीज (अस्पताल), स्काईलार्क ड्रोन (ड्रोन सॉफ्टवेयर $ स्किलिंग), सीडीएसई (इन्क्यूबेटर्स), त्रिलोकेश एक्सपोर्ट्स (लैबग्रोन डायमंड्स) शहरी क्षेत्र (इलेक्ट्रिक बसें विनिर्माण) के एमओयू शामिल थे।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन एवं दिल्ली में कुल मिलाकर अब तक चौंसठ हजार सात सौ पचास करोड़ (64700 करोड) के इन्वेस्टमेंट एमओयू साइन किए जा चुके हैं। जिसमें यूएई में 15475 करोड, ब्रिटेन में 12500 करोड़ और दिल्ली में अयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों में 26575 करोड़ के एमओयू (4 सितंबर को 7600 करोड़ एवं 4 अक्टूबर को दिल्ली रोड शो के दौरान 18975 हजार करोड़ रूपये ) तथा चेन्नई रोड शो में 10150 करोड़ के किये जा चुके हैं। अब बंगलुरु में 4600 करोड़ के एमओयू किए गए हैं।

इस अवसर पर निवेशकों को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि 2000 में पृथक राज्य गठन के पश्चात उत्तराखंड राज्य ने वैश्विक स्तर पर अपनी एक पहचान स्थापित की है। उत्तराखण्ड न केवल देश में, अपितु विश्व में भारत के स्विट्जरलैंड के नाम से विख्यात है। पृथक राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद खाद्य प्रसंस्करण, बीवरेजेज, टैक्सटाइल एवं एप्रैल्स पेपर एवं पेपर प्रॉडक्ट, फार्मा, इलैक्ट्रिकल, इलैक्ट्रॉनिक्स, एफ०एम०सी०जी०, फैबरिकेटेड मैटल प्रॉडक्ट, प्लाईवुड, रबर एवं प्लास्टिक प्रॉडक्ट्स, केमिकल प्रॉडक्ट्स, पैकेजिंग आदि सैक्टरों में वैश्विक एवं देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों द्वारा निवेश किया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निवेश के लिये फोकस सैक्टरों की पहचान की है, जो कि राज्य के पारम्परिक क्षेत्रों जैसे पर्यटन एवं आतिथ्य, आयुष एवं वैलनेस, फिल्म शूटिंग तथा खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाईल्स, फार्मा के साथ-साथ आने वाले क्षेत्रों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी की मजबूती के लिये एक संमिश्रण है। राज्य में टाटा, अशोक लीलैण्ड, बजाज, हीरो होण्डा, महेन्द्रा जैसे उद्योग समूह के प्लांट स्थापित हैं और हरिद्वार तथा पन्तनगर देश के एक प्रमुख ऑटो हब के रूप में विकसित हुआ है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भी फार्मा हब के रूप में प्रतिष्ठित हो रहा है। उत्तराखण्ड राज्य में देहरादून, हरिद्वार तथा पंतनगर में फार्मा इकाईयों की भी काफी संख्या में क्लस्टर के रूप में स्थापना हुई है, जिनमें एकम्स एण्ड ड्रग्स, मेन-काइण्ड एस्कंग फार्मा प्रा० लि० प्रमुख हैं। उत्तराखण्ड नैसर्गिक रूप से एक जैविक राज्य है, जहां लगभग 1.52 लाख हेक्टेयर भूमि जैविक रूप से प्रमाणित है। राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में वैश्विक ब्रांड के साथ-साथ देश के प्रतिष्ठित ब्राण्ड यथा नेस्ले, ब्रिटानिया, हल्दीराम, पार्ले, डाबर, आईटीसी आदि की इकाईयां स्थापित हैं। राज्य में दो मेगा फूड पार्क और चार फूड क्लस्टर स्थापित हैं।

हमारी सरकार राज्य के उत्पादित कृषि उपज को जैविक प्रमाणीकरण के साथ-साथ 9 उत्पादों के जीआई प्रमाणीकरण प्राप्त किये हैं। 18 अन्य उत्पाद के जैविक प्रमाणीकरण शीघ्र ही प्राप्त हो जायेंगे।

उन्होंने कहा कि हरिद्वार, पंतनगर, देहरादून और सितारगंज में विश्व स्तरीय अवस्थापना सुविधाओं से युक्त एकीकृत औद्योगिक आस्थान स्थापित हैं। राज्य ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिये स्टेट आफ आर्ट के रूप में आईसीडी व एलसीएस की स्थापना की है। राज्य अपने नोडल विभाग सिडकुल के माध्यम से अत्याधुनिक औद्योगिक आस्थानों / क्षेत्रों की स्थापना में काशीपुर में एरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा अमृतसर-कोलकाता इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में प्रभावी कदम उठाये हैं। राज्य में प्रमुख अकादमिक और शोध संगठनों का शीर्ष स्थान होने के कारण राज्य में ज्ञान आधारित उद्योगों की स्थापना के लिये अपार सम्भावनायें हैं। एशिया का प्रथम इंजीनियरिंग कालेज, जो आज आईआईटी रूड़की के नाम विख्यात है, देश का प्रथमविश्व विद्यालय गोविन्द बल्लभ पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, पंतनगर और भारतीय प्रबन्ध संस्थान, काशीपुर, राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान, श्रीनगर, गढ़वाल इनमें प्रमुख हैं। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की लीड्स रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है। इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर श्रेणी में शामिल है। नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखंड राज्य सम्पूर्ण देश में 9वें स्थान पर, जबकि हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य गठन के पश्चात् हमने उत्तराखण्ड को आयुष के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प व्यक्त किया है। इसके माध्यम से आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को प्रमुखता प्रदान करते हुए पर्यटकों को इन उपचारों का लाभ उठाने का अवसर उपलब्ध होगा। सरकार अनुसंधान और विकास संस्थानों और प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ मिलकर औषधीय पौधों और अनुप्रयोगों तथा योग के व्यवसायिक उत्पादन में अनुसंधान एवं शोध कर रही है। राज्य से औषधीय और सुगन्ध पौध निर्यात क्षेत्र के अन्तर्गत देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार जिले शामिल हैं। उत्तराखण्ड में योग की विश्व राजधानी बनने की क्षमता है, क्योंकि यह योग की जन्म स्थली है। राज्य में योग ग्राम की अवधारणा योग को पर्यटन से जोड़ने का एक प्रयास है। राज्य सरकार वेलनेस टूरिज्म को भी बढ़ावा दे रही है। राज्य सरकार द्वारा आयुष एवं वेलनेस तथा पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है, ताकि इन क्षेत्रों के निवेशकों को प्रदेश की औद्योगिक नीतियों के तहत उद्योगों को मिलने वाले प्रोत्साहनों का लाभ मिल सके।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पतंजलि, फॉरेस्ट इसेन्सियल, ब्लाजम कोचर, वीएलसीसी, एसआरआई. हिमालया आयुर्वेद आदि जैसे प्रसिद्ध वेलनेस औद्योगिक प्रतिष्ठानों की इकाइयां स्थापित हैं आनन्दा एवं वेस्ट-इन नरेन्द्रनगर वाना रिट्रीट, हयात, देहरादून और प्रमुख हॉस्पिटेलिटी चेन के रूप में ताज, ऋषिकेश एवं हरिद्वार, मैरियेट इन्टरनेशनल, मसूरी प्रमुख वेलनेस रिसॉर्ट उत्तराखंड में पहले से ही हैं।

उत्तराखण्डी या उत्तराखंड के लोग अपनी गर्मजोशी, आतिथ्य एवं संस्कृति तथा आध्यात्मिकता के व्यवहार के लिये जाने जाते हैं। विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ उत्तराखण्ड ऑटो कम्पोनेन्ट विनिर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, आतिथ्य, स्वास्थ्य एवं कल्याण व शिक्षा आदि क्षेत्रों में वैश्विक कंपनियों के साथ-साथ भारतीय कंपनियों के लिये एक पसंदीदा गंतव्य भी है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अपनाई गई नीतियों की संरचना प्रगतिशील है और इसका उद्देश्य सतत् और समग्र विकास है। हमारी नीतियां इस तथ्य को प्रतिबिंबित करती हैं। कि निवेशकों को उनके निवेश पर उचित प्रतिफल प्राप्त हो। विगत चार माह में 27 नीतियों का प्रख्यापन इसका प्रमाण है। राज्य की पर्यटन नीति में शत प्रतिशत निवेश के रिटर्न प्राविधानित किये गये हैं। इसी प्रकार एमएसएमई नीति में रू0 4 करोड़ तक के पूंजी निवेश प्रोत्साहन अनुमन्य किये गये हैं। हमने अवस्थापना पर भी ध्यान देते हुये राज्य की पृथक लॉजिस्टिक्स नीति प्रख्यापित की है। हमने राज्य के लिये पृथक सेवा क्षेत्र हेतु नीति, जिसमें हॉस्पिटल्स, प्राईमरी, सेकेण्डरी एजुकेशन, विश्व विद्यालय, खेल कूद गतिविधियां चिन्हित हैं, बनाई है। हमने अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक, प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक सुन्दरता को अक्षुण्ण रखते हुये प्रदेश के विकास का मार्ग चुना है, जिसके लिये हमने इकोनोमी विद इकोलॉजी के ध्येय से आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में रेल, सड़क एवं हवाई कनेक्टीविटी में लगातार सुधार हो रहा है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निकट होने के कारण व्यापार और वाणिज्यिक हब और पड़ौसी राज्यों के साथ उत्कृष्ट कनेक्टीविटी का अतिरिक्त लाभ ले रहा है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेलवे लाईन तथा हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और केदारनाथ को जोड़ने के लिये ऑल वेदर रोड का निर्माण राज्य के भीतर कनेक्टीविटी बढ़ाने के लिये किया जा रहा है। उत्तराखण्ड राज्य उत्कृष्ट कानून और व्यवस्था के लिये जाना जाता है। उत्तराखंड में औद्योगिक सदभाव का इतिहास रहा है और उत्तराखण्ड राज्य सबसे कम औद्योगिक विवाद वाले राज्यों में से एक है। इसके अलावा उत्तराखंड में प्रचुर मात्रा में जल संसाधनों की उपलब्धता, देश में सबसे कम औद्योगिक विद्युत टैरिफ के साथ राज्य उद्योगों को स्थापित करने और उसके परिचालन के लिये एक सक्षम वातावरण प्रदान करने में अन्य सभी राज्यों से बहुत आगे है। मुख्य आयोजन से पूर्व हमने निवेशकों की भावनाओं को समझने के लिये विगत माहों में राष्ट्रीय स्तर पर देश के प्रमुख औद्योगिक संगठनों के साथ नई दिल्ली में एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लंदन एवं दुबई में रोड शो आयोजित किये और हमें अत्यंत सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई हैं । उत्तराखण्ड राज्य में हमने उद्योगों के साथ बेहतर सम्बन्ध एवं तालमेल बढ़ाने को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी है।

कैबिनेट मंत्री ने सम्पूर्ण उत्तराखंड राज्य के लोगों की ओर निवेशकों को राज्य के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023, जो दिनांक 8-9 दिसम्बर 2023 को प्रस्तावित है, में भाग लेने हेतु आमंत्रित किया।

होटल ताज़ वेस्ट एन्ड में आयोजित इस भव्य रोड शो के दौरान निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश की संभावनाओं पर आधारित एक प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, डॉ बी वी आर सी पुरुषोत्तम, डॉ पंकज कुमार पांडे, चेयरमैन सी आई आई कर्नाटक विजय कृष्णन वेंकटेशन, एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट आईटीसी लिमिटेड नील किंग्सटन जेसपर, चेयरमैन रॉयल आर्किड होटल चन्दर बलजी तथा भारी संख्या में विभिन्न क्षेत्रों के निवेशक एवं उद्योगपति मौजूद रहे।

बेंगलुरु में आयोजित रोड शो के दौरान लॉकहीड मार्टिन, डसॉल्ट और इंफोसिस जैसे तीन वैश्विक व्यापार समूहों के वरिष्ठतम प्रबंधन की उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों से राज्य में निवेश के उद्देश्य से विस्तृत चर्चा हुई इन समूहों ने उत्तराखंड में निवेश की लिए अति उत्साह दिखाया है।

कांग्रेस का रवैया उत्तराखंडी के विकास के विरोधी जैसाः वित्त मंत्री

वित्त व शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के द्वारा इन्वेस्टर समिट पर सवाल उठाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से उत्तराखंड की विरोधी रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में लगातार राज्य के समावेशी विकास की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा दिए गए विजन 2025 का दशक उत्तराखंड का होगा, को लेकर कार्य किया जा रहा है। कहा कि इस दिशा में राज्य सरकार के साथ प्रत्येक उत्तराखंडी पूरे मनोयोग से कार्य कर रहा है।

मंत्री डा. अग्रवाल ने कांग्रेस से पूछा कि इन्वेस्टर समिट से आखिर परेशानी क्यों हो रही है। कहा कि लगातार सरकार के लोकप्रिय और ठोस फैसले से कांग्रेस बैचेन है। माहरा के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री डा. अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने इन्वेस्टर समिट से पहले राज्य में लैंडबैंक तैयार किया है। मुख्यमंत्री निवेश को लेकर स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे है। छोटी हो या बड़ी कंपनी, स्वदेशी हो या विदेशी, सभी को इन्वेस्टर समिट में आमंत्रित किया जा रहा है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि भारतीय कंपनियां विदेशों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। यदि भारतीय कंपनियां राज्य सरकार के विदेशी दौरे में अपना प्रस्ताव देती हैं, तो कांग्रेस को क्यों परेशानी हो रही है। डा. अग्रवाल ने बताया कि मैकिन्ज़े ग्लोबल कंसलटिंग फर्म को अगले पांच वर्षों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुना करने के उद्देश्य से नियुक्त किया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, राज्य को इस वित्तीय वर्ष में 25000 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 22-23 का दोगुनाः 12000 करोड़ रुपये) का न्यूनतम निवेश प्राप्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने का कि यह उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 23 का न्यूनतम ग्राउंडिंग लक्ष्य है। वास्तविक रूप में यह ज्यादा होगा। अब तक, राज्य ने अपनी सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से 10000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है।

डा. अग्रवाल ने बताया कि मैकिन्ज़े के माध्यम से, सरकार ने अपनी नीतियों में सुधार किया है और राज्य को इसका लाभ मिल रहा है। बताया कि अपने कार्यकाल के आरम्भिक 6 महीनों में, फर्म ने हितधारकों से परामर्श, प्रत्येक सेक्टर का विश्लेषण तथा अपने निवेश के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए रणनीतियाँ और नीतियां विकसित की हैं।

डा. अग्रवाल ने कहा कि यह हमारी संशोधित नीतियों और अनुकूल वातावरण का ही परिणाम है कि अब तक केवल एक रोड शो (लंदन) से राज्य ने 12000, जबकि दिल्ली से 8000 करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू और निवेश प्रस्ताव हासिल किये हैं। कहा कि किसी भी राज्य ने कभी भी इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की बात नहीं की।

डा. अग्रवाल ने कहा कि यह हमारी प्रतिबद्धता और विश्वास है कि हम न केवल एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे। बल्कि मुख्य कार्यक्रम से पहले 10 एमओयू को धरातल पर लाएंगे। कहा कि हमने अपने निवेश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बहुत अच्छी तैयारी की है। हमने न केवल नीतियों में सुधार किया है बल्कि 6000 एकड़ से अधिक का भूमि बैंक और 200 से अधिक निवेश योग्य परियोजनाएं भी तैयार की हैं।

मुख्यमंत्री ने दून में 162 व्यापार मंडलों से जुड़े व्यापारियों को किया संबोधित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के एक स्थानीय होटल में आयोजित ष्व्यापारी सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम में सम्मिलित देहरादून व्यापार मण्डल सहित 162 व्यापार मण्डलो तथा संगठनों से जुड़े व्यापारियों व उद्योगपतियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत न केवल सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है, बल्कि निरंतर बढ़ती अर्थव्यवस्था भी है। आज प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत में व्यापार, प्रौद्योगिकी, पर्यटन और प्रतिभा के 4टी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है द्य अगले 25 वर्षों में जब भारत एक अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित होगा, उसमें व्यापारियों, उद्यमियों का अहम योगदान होगा। व्यापारी, उद्यमी ही हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और ब्राण्ड इण्डिया के सबसे अच्छे ब्राण्ड अम्बेसडर भी हैं। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि मोदी जी ने 9 वर्ष के उत्कर्ष कार्यकाल में समाज के हर वर्ग के उत्थान एवं संवर्द्धन हेतु अनेकों योजनाएं देश को दी है। ऐसी योजनाएं जिनके द्वारा आज देश के गरीब से गरीब व्यक्ति रोटी, कपड़ा और मकान की सुविधा आसानी से प्राप्त हो रही है। प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए वोकल फॉर लोकल का नारा दिया है। देश को आत्मनिर्भर बनाने की पहल की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवा और देहरादून के बीच डायरेक्ट हवाई सेवा शुरू की जा रही है द्य अब मात्र दो घंटे में देहरादून से गोवा पंहुचा जा सकेगा। इससे राज्य में पर्यटन को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। हमारी सरकार द्वारा एमएसएमई और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने पर विशेष बल दिया जा रहा है। सरकार व्यापार विकास को सुविधाजनक बनाने व निवेश को आकर्षित करने के लिए आवश्यक इकोसिस्टम तैयार कर रही है। हाल ही में देहरादून से दिल्ली वन्दे भारत ट्रेन के शुभारम्भ के अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने उत्तराखण्ड को विकास के नवरत्न की बात कही द्य जिसके तहत केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम में ₹1300 करोड़ से पुनर्निर्माण का कार्य किया जा रहा है द्य ₹2500 करोड़ की लागत से केदारनाथ और हेमकुण्ड साहिब रोपवे का कार्य किया जा रहा है द्य मानसखण्ड मंदिर माला मिशन पर काम किया जा रहा है द्य राज्य में होम स्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में 4000 से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं।16 ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन का विकास किया जा रहा है द्य ऊधमसिंह नगर में सेटेलाइट सेंटर का विस्तार किया जा रहा है। रूपये 2,000 करोड़ की टिहरी लेक डेवलपमेंट परियोजना पर कार्य हो रहा है द्य ऋषिकेश-हरिद्वार को एडवेंचर टूरिज्म और योग की राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन पर भी जल्द काम शुरू होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण का विषय गंभीर है। माननीय न्यायालयों के आदेशों के क्रम में प्रशासन द्वारा समय-समय पर अतिक्रमण के समाप्त कराने का अभियान चलाया जाता है। इस दिशा में आमजन का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। आगे भी सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के मुद्दों को गंभीरता से लेगी तथा न्यायसंगत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए उत्तराखण्ड में भी हमने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हमारे राज्य में भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए की गई पहल पूरे देश में एक नजीर बन सकती हैं। देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून सबसे कम समय में लागू करने का श्रेय हमारी राज्य सरकार को जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे भौगोलिक दृष्टि से अपेक्षाकृत छोटे राज्य के लिए वास्तव में यह अत्यंत गौरवशाली उपलब्धि है, जिसे जी 20 की तीन बैठकों के आयोजन का सुअवसर मिला है। हम राज्य में आयोजित होने वाली आगामी जी 20 की बैठक के लिए अत्यन्त उत्साहित एवं उत्सुक हैं। मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि राज्य में जी 20 की सभी बैठकों के हमारे अनुभव अविस्मरणीय रहेंगे। राज्य में जी 20 के सम्मेलनों का आयोजन हमारे लिए नए अवसर, नए अनुभव, अपनी पारम्परिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विरासत, पर्यटन की क्षमताओं को अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का स्वर्णिम अवसर है।

कार्यक्रम में विधायक विनोद चमोली, खजान दास, सविता कपूर, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, व्यापार मण्डल के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, पुनीत मित्तल, अनिल गोयल तथा 162 विभिन्न व्यापार मण्डलो व संगठनों के सदस्य, भारी संख्या में व्यापारी तथा उद्योगपति उपस्थित थे।

छह दिन के साथ रात्रि तक बाजार खोलने पर विचार करे सरकारः ललित मोहन मिश्र

अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड में भी बाजार खोलने की मांग नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल ऋषिकेश ने प्रदेश सरकार से की है।

प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष ललित मोहन मिश्र ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि सप्ताहभर में छह दिन बाजार खोलने की अनुमति सरकार की ओर से दी जाएं। इसमें समय सीमा भी बढ़ाकर सुबह आठ से रात्रि आठ की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में कोविड की स्थिति अब पूर्व की तुलना में सुधर चुकी है, स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित होने की वजह से व्यापारियों को राहत दी जानी चाहिए।

कहा कि व्यापारी वर्तमान दौर में आर्थिक समस्या से जूझ रहा है, व्यापारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार बाजार खोलने की अनुमति प्रदान करें।