शीघ्र आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का पुनर्निर्माण कराया जाएः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसून सत्र, 2024 के दृष्टिगत राज्य आपदा मोचन निधि के तहत होने वाले मरम्मत एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिए राज्य के समस्त जिलाधिकारियों के निवर्तन पर ₹ 10 करोड़ की दर से कुल ₹ 130 करोड़ (रू० एक सौ तीस करोड़ मात्र) की धनराशि स्वीकृत करते हुए सचिव, आपदा प्रबन्धन विभाग को निर्देशित किया गया है कि तत्काल उक्त धनराशि जनपदों को आवंटित की जाय। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री द्वारा समस्त जिलाधिकारियों को यह निर्देशित किया गया है कि मरम्मत एवं पुनर्निर्माण मद में स्वीकृत की गयी धनराशि से शीघ्रताशीघ्र आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का पुनर्निर्माण कराया जाय एवं इसमें किसी प्रकार का विलम्ब स्वीकार्य नहीं होगा।

विगत दिनों मानसून को लेकर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए थे कि आपदा के तहत होने वाले कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया जाए और मरम्मत एवं पुनर्निर्माण के कार्यों में जितनी धनराशि की आवश्यकता है, उसे तत्काल सभी जनपदों को दिया जाए। इसी क्रम में गुरुवार को शासन द्वारा एसडीआरएफ मद से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिये ₹ 130.00 करोड़ स्वीकृत कर दिये गये हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरकार आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है और सभी विभागों की पुख्ता तैयारी है। सरकार का मंतव्य स्पष्ट है कि आपदाओं के चलते आम जनमानस को कम से कम मुश्किलों का सामना करना पड़े। इसी लक्ष्य के साथ सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा है कि आपदा के बाद राहत और बचाव कार्यों को तत्परता के साथ संपादित किया जा रहा है। आपदा संबंधी कार्यों में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मानसून सीजन में आम लोगों को बिजली, पानी, खाद्यान्न, चिकित्सा आदि से संबंधित किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग लगातार हालात की निगरानी कर रहा है। राज्य व जनपद स्तर पर आपातकालीन परिचालन केंद्र 24 घंटे कार्यरत हैं और आम जनता को राहत पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं।

जनपदों में स्क्रूटिनी मैकेनिज्म को मजबूत किया जाएः सीएस

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य आपदा मोचन निधि एवं राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के प्रस्तावों के अनुमोदन हेतु राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित हुयी। बैठक के दौरान सिंचाई एवं लोक निर्माण विभाग के विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सचिव आपदा को निर्देश दिए कि भविष्य में आपदा मोचन निधि राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के सभी प्रस्ताव फोटो वीडियो के साथ गतिशक्ति पोर्टल पर भी अपलोड किए जाएं। उन्होंने सचिव आपदा को सभी विभागों के लिए इसका सर्कुलर जारी करने के निर्देश दिए। कहा कि पोर्टल के माध्यम से प्रस्ताव न आने पर आपदा से फंडिंग नहीं की जाएगी। उन्होंने सचिव आपदा को आईटीडीए से मिलकर पोर्टल में आवश्यक प्रावधान और मानकों को जोड़े जाने के निर्देश दिए, ताकि मानकों से बाहर के प्रस्ताव स्वतः ही अपलोड न हों।

मुख्य सचिव ने कहा कि कार्य धरातल पर जनपदों से होता है, इसलिए जनपदों को सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जनपदों में स्क्रूटिनी मैकेनिज्म को मजबूत किया जाए। उन्होंने विभागों को कार्यों की गुणवत्ता से बिना समझौता किए मितव्ययता अपनाए जाने हेतु सभी विभागाध्यक्षों को सर्कुलर जारी करने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, एचसी सेमवाल, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल एवं विनीत कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।