हैल्थ सैक्टर सेवा का सैक्टर, आपसी समन्वय से काम करें अधिकारी-कर्मचारीः सुधांशु

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर हैं। इन तीन दिनों में स्वास्थ्य सचिव ने कुमांउ मंडल की विभिन्न चिकित्सा इकाईयों का निरीक्षण कर संबधित अधिकारियों को जरूरी दिषा निर्देष दिए। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा जिन चिकित्सा इकाईयों का निरीक्षण किया गया उनमें बीडी पांडेय हॉस्पिटल नैनीताल, टीवी सेंनिटोरियम भवाली, जीबी पंत हॉस्पिटल नैनीताल, सुषील तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, बेस चिकित्सालय हल्द्वानी, महिला चिकित्सालय हल्द्वानी, उपजिला चिकित्साल काषीपुर, हैल्थ वेलनेंस सेंटर खुरपा ताल सहित कई अन्य चिकित्सा ईकाइयों का दौरा कर जरूरी दिशा निर्देश दिए।

इसी क्रम में आज एटीआई नैनीताल से केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने वीडियो कांन्फ्रेसिंग के जरिए राज्य स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा बैठक ली। जिसमें राज्य के सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेष कुमार द्वारा राज्य में चल रही बिभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों, चिकित्सा षिक्षा, आयुष्मान योजना का विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया गया। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने राज्य में चल रही केन्द्र पोषित योजनाओं की प्रगति पर संतोष जाहिर करते हुए उनमें तेजी लाने के निर्देष अधिकारियों को दिये।

निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देष
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने कहा हैल्थ सैक्टर सेवा का सैक्टर है। इसमें सभी को मिलकर सेवा भाव से कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने अधिकारियों कहा प्रदेश के हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर क्रिटिकल केयर ब्लॉक, मेडिकल कॉलेज व अन्य निर्माणाधीन कार्य में तेजी लाई जाये। जिससे आम जनता को इसका लाभ जल्द से जल्द मिल सके। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने दिसंबर 2023 तक निर्माण कार्यों को पूरा करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके साथ ही उन्होंने अल्मोड़ा, हरिद्वार, पिथौरागढ़, उधमसिंहगनर मेडिकल कॉलेज के निर्माणकार्यों को यथाशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने अधिकारियों से बीडी पांडेय हॉस्पिटल नैनीताल में सुविधाओं को बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के बजट की कमी आती है तो केन्द्र उसमें राज्य को पूरा सहयोग देगा। इसके साथ ही उन्होंने जीबी पंत हॉस्पिटल नैनीताल को सैटिलाइट हॉस्पिटल के रूप में बिकसित करने के लिए कार्ययोजना बनाने की बात भी कही। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने टीवी सेंनिटोरियम भवाली को उच्च स्तरीय टीवी एंव चेस्ट संस्थान के रूप में बिकसित करने के निर्देष भी अधिकारियों को दिए। इसके साथ ही नैनीताल के गेठिया सेंनिटोरियम को मेंटल हैल्थ इंस्टीटियूषन के रूप में विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाने की बात कही।

केन्द्र सरकार देगी पूरा सहयोग
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांशु पंत ने कहा उत्तराखंड के स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने हेतु भारत सरकार पूरा सहयोग देगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के यू कोट वी पे मॉडल की प्रशंसा करते हुए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के मनोबल को बढ़ाने के लिए उच्चतम वेतन प्रदान करने के कार्य को अत्यधिक सराहना की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन योजना के यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज से उत्तराखंड के अधिक से अधिक लोगों को मिल रहे लाभ की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों व मैदानी इलाकों में कोविड टीकाकरण सहित अन्य मैनेजमेंट में अच्छा कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधित सरकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए यह आवश्यक है वर्तमान में स्वास्थ्य संबंधित परियोजनाएं जो गतिमान हैं, उसका विभाग द्वारा अनुसरण एवं अनुपालन किया जाए। ताकि इन योजनाओं का लाभ राज्य के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।

बैठक में डॉ. आर राजेश कुमार, सचिव स्वास्थ्य, आषीष श्रीवास्तव, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, अमनदीप कौर, अपर सचिव स्वास्थ्य, नमामि बंसल अपर सचिव स्वास्थ्य सहित सभी 13 जनपदों के अधिकारी और कार्यक्रम अधिकारी वर्चवल रूप से जुड़े थे।

डेंगू जागरूकता अभियान में रेखीय विभागों को भी शामिल करने के दिये निर्देश

बरसात के मौसम में डेंगू की रोकथाम को लेकर अभी से तैयारियां शुरू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को प्रदेशभर में वृहद स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है, जिसमें सभी रेखीय विभागों को भी शामिल किया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिये विभागीय अधिकारियों को कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। डा. रावत ने बताया कि बरसात के मौसम में डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है, जिसको देखते हुये अभी से बचाव व रोकथाम को प्रभावी कदम उठाने की सख्त आवश्यकता है, जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि माह अगस्त से लेकर माह अक्टूबर तक का समय डेंगू संक्रमण की दृष्टि से काफी संवेदनशील रहता है। डा. रावत ने बताया कि इसके लिये अभी से प्रदेशभर में वृहद स्तर पर जन जागरूकता अभियान संचालित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये है, इन अभियानों में रेखीय विभागों आवास एवं शहरी विकास, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, शिक्षा, सूचना विभाग आदि को भी शामिल किया जायेगा। विभागीय मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत एनएचएम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) में लगभग तीन दर्जन से अधिक स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं, जिनकी जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी स्टेट आईईसी टीम की है। उन्होंने टीम के सभी सदस्यों को एनएचएम के तहत संचालित कार्यक्रमों का विभिन्न माध्यमों से वृहद प्रचार-प्रसार हेतु कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। जिसकी समीक्षा प्रत्येक माह स्वयं स्वास्थ्य मंत्री करेंगे।

बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि डेंगू की रेकथाम के लिये कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिसके तहत डेंगू के बचाव हेतु पोस्टर, बैनर एवं होर्डिंग्स के माध्यम से आम जनता को जागरूक किया जायेगा। उन्होंने बताया कि आम लोगों को घरों के आस-पास पानी न जमा होने, कूलर, फूलदान में पानी प्रत्येक सप्ताह बदलने, पानी की टंकी, बाल्टियां आदि को पूरी तरह से ढ़कने, शरीर पर पूरे बाजू वाले कपड़े पहनने सहित अनेक सुझाव दिये जा रहे हैं।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य दीपेन्द्र चौधरी, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना, निदेशक एनएचएम डा. सरोज नैथानी, अनु सचिव जसविंदर कौर, ओआईसी एनएचएम डा. पंकज सिंह, डा. अजय नगरकर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मास्टर प्लान से नहीं होगी स्पेशलिस्ट डाॅक्टर्स की कमी

उत्तराखंड में अब स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी को दूर करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए सारी तैयारियां कर ली है। स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी के कारण जहां पहाड़ों और ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों को दिक्कत होती थी अब उन दिक्कतों को दूर कर लिया जाएगा।

सभी के स्वास्थ्य का ठीक से ध्यान रखा जाए इसके लिए नेशनल हेल्थ मिशन लगातार अपनी तैयारियों में जुटा हुआ है। इसी के अंतर्गत 16 फरवरी को पहले चरण के इंटरव्यू किए जाने हैं। राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टर को अब राज्य सरकार की तरफ से वह तमाम सुविधाएं मिल सकेंगी जो उन्हें निजी क्षेत्र में मिलती है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की लगातार तैयारियों में जुटा हुआ था।

राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने अवगत कराया कि लगातार पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की जा रही है। कई जगहों से हमें यह जानकारी मिली कि विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले मरीजों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब राज्य सरकार विशेषज्ञों को तैनात करने की दिशा में काम कर रही है. डॉक्टर आर राजेश कुमार ने अवगत कराया कि स्वास्थ्य विभाग के पास ना तो दवाइयों की कमी है, ना सुविधाओं की कमी है और न ही अस्पतालों में मशीनों की कमी है। लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर ना होने से कई बार समस्या बढ़ जाती थी। इसे अब दुरुस्त कर लिया जाएगा।

राज्य का स्वास्थ्य विभाग एक नए मिशन के साथ तैयारियों में जुटा हुआ है ताकि प्रत्येक नागरिक को सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।