उद्योगों को भारत सरकार से प्राप्त अनुदान राशि का सीएम ने किया डिजिटल स्थानांतरण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने औद्योगिक विकास योजना के अन्तर्गत स्थापित उद्योगों को भारत सरकार से प्राप्त अनुदान धनराशि का डिजिटल स्थानान्तरण किया। मुख्यमंत्री ने 40 औद्योगिक ईकाइयों को स्वीकृत 90 करोड़ रूपये की धनराशि लाभार्थियों के खातों में स्थानान्तरित की। भारत सरकार की औद्योगिक विकास योजना 2017 के अन्तर्गत हिमालयी राज्यों उत्तराखण्ड एवं हिमाचल प्रदेश में औद्योगिकरण को प्रोत्साहित किये जाने के लिए स्थापित होने वाली विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र की इकाईयों को संयंत्र और मशीनरी में किये गये निवेश पर 30 प्रतिशत की दर से अधिकतम 05 करोड़ रूपये तक की सब्सिडी दी जाती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में उद्योगों के विकास के लिए औद्योगिक विकास योजना के माध्यम से राज्य को सहयोग प्रदान करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों के प्रोत्साहन, संवंर्द्धन और विस्तारीकरण के लिए यह महत्वपूर्ण योजना है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत लंदन, बर्मिंघम, दिल्ली, दुबई और अबू धाबी में विभिन्न निवेशक समूहों के साथ हुई बैठकों में राज्य में निवेश के लिए लगभग 55 हजार करोड़ के करार हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक जो करार हुए हैं, राज्य सरकार का प्रयास है कि 08-09 दिसम्बर 2023 को देहरादून में प्रस्तावित इन्वेस्टर्स समिट तक अधिकांश करारों को धरातल पर उतारने का कार्य पूर्ण हो जाय। उन्होंने कहा कि विभिन्न बैठकों में जो भी सुझाव प्राप्त हो रहे हैं, उन सुझावों पर भी अमल किया जा रहा है। जो भी करार हुए हैं और प्रस्ताव आये हैं, उनका पूरा आंकलन कर आगे कार्य किये जायेंगे। निवेश के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने वाले और प्राथमिक सेक्टर को मजबूत बनाने वाले प्रस्तावों एवं करारों को प्राथमिकता के आधार पर प्रोत्साहित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जो भी नीतियां बनाई हैं, निवेशकों, उद्योगों एवं उत्तराखण्ड के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर बनाई हैं।

इस अवसर पर सचिव उद्योग विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा एवं उद्योग विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम के निर्देश पर अब जिला स्तर से ही मिलेगी 50 करोड़ तक के उद्योग प्रस्तावों को मंजूरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिये वर्तमान में लागू व्यवस्था में प्राधिकृत समितियों की अधिकारिता के संबंध में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत उत्तराखण्ड उद्यम एकल खिडकी सुगमता एवं अनुज्ञापन नियमावली में संशोधन करते हुए अब प्लांट एवं मशीनरी मद में रू0 10.00 करोड़ के स्थान पर रू0 50.00 करोड तक के प्रस्ताव जनपद स्तरीय प्राधिकृत समिति एवं रू0 10.00 करोड़ से अधिक के स्थान पर रू0 50.00 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव पर राज्य स्तरीय प्राधिकृत समिति को विचार कर अनुज्ञा/अनुमोदन प्रदान करने के लिये अधिकृत किये जाने की व्यवस्था की गई है। इस सम्बन्ध में सचिव सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम अमित नेगी द्वारा शासनादेश भी निर्गत कर दिया गया है। इससे प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

कॉरपोरेट और सरकार के मध्य गैप को कम करेगा ‘सहयोग’ पोर्टल

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व पोर्टल ‘‘सहयोग‘‘ का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘सहयोग‘‘ पोर्टल के माध्यम से राज्य सरकार एवं उद्योग जगत से जुड़े लोगों के मध्य आपसी सामंजस्य बढ़ेगा, साथ ही सरकार एवं उद्योग जगत के मध्य गैप को कम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि पोर्टल के माध्यम से सरकार की प्राथमिकताओं की जानकारी पूर्ण पारदर्शिता के साथ उद्योग जगत के समक्ष उपलब्ध होगी, साथ ही साथ, सी.एसआर के अंतर्गत पोर्टल के माध्यम से उद्योगों को राज्य के विकास में अपनी इच्छा के अनुरूप कार्यक्षेत्र चुनने का भी अवसर होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास में सीएसआर फंड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस सी.एस.आर. फंड के सही उपयोग करने के लिये इंडस्ट्रीज को सरकार की प्राथमिकताओं की जानकारी होना आवश्यक है। इसके लिए विभागों द्वारा प्रयास किये जाने चाहिए ताकि पोर्टल पर समस्त प्रकार की जानकारी उपलब्ध हो सके। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को विभागों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर कराये जाए वाले कार्यों की जानकारी पोर्टल पर शीघ्र अपलोड करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने उद्योग जगत से सरकार की प्राथमिकताओं एवं विजन-2020 के अनुरूप विकास कार्यों में अपना सहयोग देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। साथ ही अच्छे प्रोजेक्ट्स को सम्मानित भी किया जाएगा।

सचिव राधिका झा बताया कि कॉरपोरेट एवं सरकार के मध्य गैप को कम करने हेतु तैयार इस पोर्टल के माध्यम से विभागाध्यक्ष अपने ऐसे प्रोजेक्ट्स, जिन्हें वे अपने संसाधनों से नहीं कर पा रहे हैं, को प्राथमिकता के आधार पर अपलोड करेंगे। इससे कॉरपोरेट जगत को ऐसे प्रोजेक्ट्स या क्षेत्रों की जानकारी मिल जाएगी जिन क्षेत्रों में उनका सहयोग अपेक्षित है। सचिव ने बताया कि पोर्टल में कॉरपोरेट को सेक्टर और जनपद चयन करने का भी विकल्प होगा। इन प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग भी सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से लगातार की जाएगी।