चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया, मतदान तिथियों को लेकर भ्रम में न रहे मतदाता

देहरादून। राज्य निर्वाचन आयोग उत्तराखंड ने स्पष्ट किया है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान की तिथियों में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। पंचायत के चुनाव दो चरणों में 24 और 28 जुलाई 2025 को ही होंगे। आयोग ने कहा है कि प्राकृतिक आपदा या अन्य किसी आपातकालीन स्थितियों की वजह से किसी पोलिंग स्टेशन या बूथ पर मतदान नहीं हो पाता है, तो ऐसी स्थिति के लिए ही पुनर्मतदान की तिथियां घोषित की गई हैं। 20 जुलाई 2025 को जारी आयोग का पत्र भी इसी से संबंधित है, जिसका मतदान की तिथियों में परिवर्तन से दूर दूर तक कोई संबंध नहीं है। आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे मतदान की तिथियों को लेकर किसी तरह के भ्रम में न रहें।

आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने स्पष्ट किया है कि पहले चरण में 24 जुलाई 2025 को किसी पोलिंग स्टेशन या बूथ पर मतदान न होने की स्थिति में पुनर्मतदान 28 जुलाई 2025 को होगा। इसी तरह, ये स्थिति यदि 28 जुलाई 2025 के मतदान के दिन उत्पन्न होती है, तो संबंधित पोलिंग स्टेशन या बूथ पर 30 जुलाई 2025 को पुनर्मतदान कराया जाएगा। पुनर्मतदान यदि आवश्यक हुआ, तो सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक कराया जाएगा। मतगणना निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 31 जुलाई 2025 को ही होगी। सचिव के अनुसार-चुनाव के दौरान पुनर्मतदान की तिथियों हर बार घोषित किया जाता रहा है।

निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की जारी की अधिसूचना

राज्य निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। इस बार हरिद्वार जनपद को छोड़कर प्रदेश के अन्य 12 जनपदों में पंचायत चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। आयोग ने पूरी चुनावी प्रक्रिया की रूपरेखा तय कर दी है।

चुनाव की शुरुआत नामांकन प्रक्रिया से होगी, जो 25 जून से 28 जून तक चलेगी। नामांकन पत्र प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक दाखिल किए जा सकेंगे। इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच 29 जून से 1 जुलाई तक की जाएगी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 2 जुलाई निर्धारित की गई है।

निर्वाचन दो चरणों में संपन्न होगा। पहले चरण के लिए चुनाव चिन्ह 3 जुलाई को वितरित किए जाएंगे और मतदान 10 जुलाई को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। वहीं, दूसरे चरण में चिन्हों का वितरण 8 जुलाई को होगा और मतदान 15 जुलाई को कराया जाएगा।

चुनाव परिणामों की मतगणना 19 जुलाई को की जाएगी। जिलों में संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी स्थानीय स्तर पर विस्तृत सूचना जारी करेंगे।