केदारनाथ धाम के निरीक्षण के बाद सीएम ने लिया सिद्धपीठ कालीमठ का आशीर्वाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदार धाम में चल रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद जनपद के सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश की खुशहाली व चहुंमुखी विकास की कामना की। इससे पूर्व कालीमठ पहुंचने पर जन प्रतिनिधियों सहित स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का ढोल-नगाड़ों व फूल-मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया।

कालीमठ मंदिर के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्रीय जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा पूरी पारदर्शिता के साथ विकास कार्यों को गति दी जा रही है तथा उनके द्वारा जो संकल्प लिए गए हैं उन्हीं के अनुसार विकास कार्यों को पूर्ण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में सभी का सहयोग भी जरूरी है तभी वह कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक नई कार्य संस्कृति व कार्य व्यवहार देश के अंदर आया है। जिसके लिए सभी को नई प्रेरणा मिल रही है। उन्होंने कहा कि बाबा केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों की उनके द्वारा निरंतर जानकारी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने संकल्प लिया था कि नई सरकार के गठन के बाद उत्तराखंड में समान नागरिकता कानून लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत माला श्रृंखला में हर क्षेत्र को सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है तथा ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन का कार्य बड़ी तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा ऐतिहासिक होने वाली है जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।उन्होंने कहा कि पर्यटन हमारी आजीविका का प्रमुख साधन हैं इससे सभी को लाभ प्राप्त होता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा घोषणाएं की गई जिनमें शहीद राम सिंह विद्यालय के आने वाले सत्र में उच्चीकरण की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही कोटमा विद्यालय में स्थाई भवन बनाया जाएगा। चिलौंड सड़क मार्ग की घोषणा की गई। तथा स्यांसूगड़ सड़क मार्ग की घोषणा की। विद्यापीठ डिग्री कॉलेज में बीएससी की कक्षाओं को बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। गौरीकुंड से रामबाड़ा-चौमासी कालीमठ मोटर मार्ग का कार्य किया जाएगा। इसके अलावा अन्य जो भी मांग पत्र दिए गए हैं उनका आंकलन कर उस पर आवश्यक कार्यवाही हेतु विचार किया जाएगा।

इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक शैला रानी रावत ने मुख्यमंत्री के उनकी विधान सभा क्षेत्र में आगमन पर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री को क्षेत्र की कई समस्याओं से अवगत कराते हुए उन्हें पूरा करने का आग्रह किया गया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता ने आपदा के दंश को झेला है जिसके लिए उन्होंने यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया गया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, अध्यक्ष केदारनाथ नगर पंचायत देवप्रकाश सेमवाल, चंडी प्रसाद भट्ट, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य बाचस्पति सेमवाल, मंदिर समिति के मठाधीश अब्बल सिंह राणा, प्रधान कालीमठ गजपाल राणा, युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रदीप राणा, श्रीनिवास पोस्ती, पंकज भट्ट, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, विभिन्न ग्राम सभाओं के प्रधान, जनप्रतिनिधि व बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों का अवलोकन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से श्री केदारनाथ धाम में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन भी किया। उन्होंने केदारनाथ मन्दिर परिसर, आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि, सरस्वती घाट एवं आस्था पथ, भैरव मन्दिर के रास्ते पर बने पुल, केदारनाथ में बन रही गुफाओं, मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल, मंदाकिनी एवं सरस्वती के संगम पर बन रहे घाटों का अवलोकन किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक छोटे-छोटे पेच को श्री केदारनाथ की ऐतिहासिकता से जोड़ा जाय, ताकि श्रद्धालुओं को केदारनाथ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व के बारे में भी रोचक जानकारियां मिल सके। इस क्षेत्र में आध्यात्म से संबंधित भी अनेक कार्य किये जा सकते हैं। इस ओर ध्यान दिया जाय। इससे श्रद्धालुओं को केदारनाथ के दर्शन के साथ ही यहां से जुड़ी धार्मिक एवं पारंपरिक महत्व के बारे में भी जानकारी मिलेगी। केदारनाथ के आस-पास जो गुफाएं बनाई जा रही हैं, उनका सुनियोजित तरीके से विकसित किया जाए ताकि इनका स्वरूप आकर्षक हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी केदारनाथ में निर्माण कार्य तेजी से किये जा सकते हैं। शीर्ष प्राथमिकता के कार्य चिन्हित कर पहले उन्हे पूर्ण कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ में विभिन्न कार्यों के लिए राज्य सरकार को केन्द्र से हर सम्भव मदद दी जायेगी। भगवान बदरीनाथ धाम के लिए भी डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। अगले 100 साल तक की परिकल्पना के हिसाब से डेवलपमेंट प्लान बनाया जाय। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम में यात्रा की स्थिति के बारे में जानकारी ली।

वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि केदारनाथ में विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए राज्य को लगभग 200 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों के लिए सीमित संख्या में भगवान केदारनाथ एवं बदरीनाथ जी के दर्शन के लिए अनुमति दी गई है। मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी के पालन करते हुए एक दिन में अधिकतम 800 लोग दर्शन कर सकते हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने केदारनाथ धाम में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि के पुनर्निर्माण का कार्य 31 दिसम्बर 2020 तक पूरा हो जायेगा। सरस्वती घाट का कार्य पूर्णता की ओर है, यह कार्य 30 जून जक पूर्ण हो जायेगा। भैरव मन्दिर के रास्ते पर पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, यह कार्य निर्धारित समयावधि से पहले ही पूरा किया गया है। तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए 05 ब्लॉको में घर बनाऐ जा रहे हैं, जिसमें से 02 ब्लाको में बनाये जा चुके हैं, शेष ब्लाको में सितम्बर तक कार्य पूरा हो जायेगा। केदारनाथ में आध्यात्म की दृष्टि से तीन गुफाएं बनाई जा रही हैं, जिनका निर्माण कार्य सितम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेगा। मन्दाकिनी नदी पर बन रहे पुल का कार्य 31 मार्च 2021 तक पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में ओपन म्यूजियम बनाने की योजना भी बनाई जा रही है।