उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश जाएगा यूएसडीएमए का विशेषज्ञ दल

उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का एक विशेषज्ञ दल हिमाचल प्रदेश में अतिवृष्टि के चलते उत्पन्न स्थितियों तथा इन हालातों से निपटने के लिए हिमाचल में शासन-प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों को देखने तथा उनका अध्ययन करने के लिए जाएगा। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को इसके निर्देश दिए हैं।

उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में प्रदेश में वर्षा से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने कहा कि उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश न सिर्फ पड़ोसी राज्य हैं, बल्कि दोनों प्रदेशों की भौगोलिक परिस्थितियां भी एक जैसी हैं। इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में बारिश से काफी नुकसान हुआ है। इन स्थितियों से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश में किस प्रकार आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है, शासन-प्रशासन द्वारा किस तरह इन स्थितियों में प्रतिक्रिया की जा रही है, इसे जानने और समझने की आवश्यकता है ताकि अगर ऐसे ही हालात उत्तराखण्ड में भी उत्पन्न हों तो हिमाचल के अनुभवों के आधार पर एक प्रभावी रणनीति बनाई जा सके।

मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर प्रदेश में हो रही वर्षा से उत्पन्न स्थिति की जानकारी ली तथा आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने वर्तमान में प्रदेश में मानसून की स्थिति, आने वाले दिनों में मौसम का पूर्वानुमान, अब तक हुई बारिश तथा प्रदेश भर में भूस्खलन के चलते बंद सड़कों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोलने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक संसाधन तथा उपकरण तैनात किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए की 15 मिनट के भीतर जेसीबी तथा अन्य सभी आवश्यक उपकरण घटनास्थल पर पहुंच जाए। उन्होंने ग्रामीण सड़कों को भी तत्परता के साथ खोलने के निर्देश दिए।

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि देहरादून, नैनीताल तथा बागेश्वर में मौसम विभाग द्वारा ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। सात दिवसीय पूर्वानुमान के अनुसार सभी जनपदों में बुधवार से येलो अलर्ट है। उन्होंने बताया कि जून में सामान्य से कम बारिश हुई थी, जबकि जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। पूरे मानसून सीजन में सामान्य से 108 फीसदी अधिक वर्षा का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक प्रदेशभर में 317.1 मिमी बारिश हुई है। सबसे अधिक बागेश्वर में 765.5, चमोली में 428.2, रुद्रप्रयाग 388.8 तथा देहरादून 380.4 मिमी बारिश हो चुकी है।

इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, ड्यूटी आफिसर उप सचिव आलोक कुमार, यूएसडीएमए के विशेषज्ञ मनीष भगत, रोहित कुमार, डॉ. पूजा राणा, डॉ, वेदिका पंत, हेमंत बिष्ट तथा तंद्रीला सरकार आदि उपस्थित थे।

2853 परिवारों का पुनर्वास

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राज्य में वर्ष 2012 से वर्तमान में दिनांक 08.07.2025 तक प्राकृतिक आपदा से प्रभावित कुल 258 ग्रामों के 2853 परिवारों का पुनर्वास किया गया। विस्थापन हेतु कुल बजट प्राविधान रु0 20.00 करोड़ रुपये है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में आपदा प्रभावित ग्रामों के पुनर्वास/विस्थापन हेतु कुल बजट प्राविधान रूपये बीस करोड़ के सापेक्ष वर्तमान तक 24 ग्रामों के कुल 337 आपदा प्रभावित परिवारों के पुनर्वास/विस्थापन हेतु कुल रू0 12,16,70,300/- की धनराशि निर्गत की गयी है। उन्होंने बताया कि राज्य आपदा मोचन निधि तथा राज्य सेक्टर से कुल 175.50 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की जा चुकी है। राज्य आपदा मोचन निधि से जनपदों को कुल 165 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है।

सचेत ऐप, 112, 1070, 1077 हों सभी के फोन में

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि सचेत एप आपदाओं से बचाव की दिशा में काफी मददगार साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा ऐप है, जिसमें न सिर्फ मौसम तथा बारिश के एलर्ट प्राप्त होते हैं बल्कि आपदाओं से बचाव की भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने राज्य के सभी नागरिकों से इस ऐप को डाउनलोड करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन को ईआरएसस 112, 1070, 1077 का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये तीन नंबर सभी लोगों के फोन में होने चाहिए ताकि आपदा के समय या किसी मुश्किल घड़ी में लोग इन नम्बरों पर कॉल कर मदद मांग सकें।

तहसील स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने कहा कि आम जनता तक मौसम संबंधी विभिन्न प्रकार की चेतावनियों तथा अन्य जानकारियों को कम से कम समय में पहुंचाया जाए, ताकि लोग समय रहते सुरक्षात्मक कदम उठा सकें। उन्होंने कहा कि विभिन्न अलर्ट जारी करने वाले एजेंसियों से जो भी अलर्ट मिलते हैं, वह एसईओसी तथा डीईओसी के माध्यम से 15 मिनट के भीतर लोगों तक पहुंच जाएं। उन्होंने कहा कि सूचनाओं तथा चेतावनियों के आदान-प्रदान में बिलकुल भी विलंब नहीं होना चाहिए। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति तक अलर्ट तथा अन्य सूचनाओं को पहुंचाने के लिए तहसील स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रियल टाइम सूचनाओं का आदान-प्रदान कुशल तथा प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए बेहद जरूरी है। इस अवसर पर उन्होंने एसईओसी में विभिन्न विभागों के वायरलेस सेटों, सेटेलाइट फोन की सक्रियता भी परखी।

एसईओसी की अपनी एसओपी बनेगी

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने राज्य तथा जनपद आपातकालीन परिचालन केंद्र की अपनी स्वयं की एसओपी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम में किस अधिकारी/कर्मचारी की क्या भूमिका तथा दायित्व हैं, इसमें किसी भी प्रकार भ्रम की स्थिति नहीं रहनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कंट्रोल रूम की भी मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दिए।

72 घंटे में दी जाए अहेतुक सहायता

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने आपदा प्रभावितों को अहेतुक सहायता वितरित करने में विलंब न करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित को हर हाल में 72 घंटे के भीतर अहेतुक सहायता उपलब्ध करा दी जाए। साथ ही उन्होंने आपदा में क्षतिग्रस्त संपत्ति के नुकसान का सर्वे भी शीघ्रता से करने के निर्देश दिए ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सहायता मिल जाए और वह दोबारा सामान्य जीवन की ओर अग्रसर हो सकें।

मुख्य सचिव बर्द्धन ने सिविल डिफेंस का अन्य जनपदों में भी विस्तार को दिए निर्देश

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों तथा सेना व पैरा मिलिट्री फोर्सेज के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए भविष्य के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने तथा विभिन्न आपदाओं के समय त्वरित व प्रभावी रिस्पांस करने सहित अन्य विषयों पर चर्चा हुई। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों तथा एजेंसियों की आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि उत्तराखण्ड सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। राज्य की सीमाएं चीन और नेपाल से लगी हैं, इसलिए सतर्कता और पुख्ता तैयारी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए यह आवश्यक है कि सिविल डिफेंस के दायरे को प्रदेश के अन्य जनपदों में भी विस्तारित किया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में अभी सिर्फ जनपद देहरादून ही सिविल डिफेंस जनपद के रूप में अधिसूचित है। उन्होंने सचिव गृह को प्रदेश के ऐसे जनपदों तथा क्षेत्रों को चिन्हित करने को कहा जिन्हें सिविल डिफेंस के रूप में नोटिफाई किया जा सकता है। उन्होंने इसे लेकर शीघ्र प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा तथा वर्तमान परिदृश्य की पुनरावृत्ति होने की स्थिति में यह आवश्यक है कि प्रत्येक स्तर पर तैयारी को पुख्ता रखा जाए। हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि सिविल एडमिनिस्ट्रेशन तथा सेना व अन्य फोर्सेज के साथ आपसी समन्वय तथा तालमेल बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि निरंतर रूप से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाए, जिससे यह पता चलता रहे कि किन-किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्ष में कम से कम तीन बार इस तरह की अंतर विभागीय बैठक आयोजित की जाए। इस दौरान उन्होंने बेहतर समन्वय के लिए विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारियों, सेना, वायु सेना और अर्द्धसैनिक बलों के वरिष्ठ अधिकारियों का वाट्सएप गु्रप बनाने तथा सभी विभागों तथा एजेंसियों को सिंगल प्वाइंट कांटेक्ट नामित करने के निर्देश दिए।

बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, डिप्टी जी0ओ0सी सब एरिया आर.एस. थापा, प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव गृह शैलेश बगौली, सचिव नितेश कुमार झा, सचिव सचिव कुर्वे, सचिव डॉ0 आर. राजेश कुमार, महानिदेशक, नागरिक सुरक्षा डॉ0 पी.वी.के. प्रसाद, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन, आईजी. गढ़वाल राजीव स्वरूप, महानिरीक्षक, आई.टी.बी.पी, संजय गुंज्याल, आईजी एसडीआरएफ अरुण मोहन जोशी, आई.जी. अग्निशमन एवं आपात सेवाएं, मुख्तार मोहसिन, महानिदेशक, सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग बंशीधर तिवारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद थे।

विभागों के साथ बेहतर समन्वय के प्रयास किए जाएं

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए यह आवश्यक है कि विभिन्न विभागों, संस्थानों तथा एजेंसियों के मध्य आपसी सामंजस्य का मजबूत होना नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस, स्वास्थ्य, लोक निर्माण, पेयजल, विद्युत, अग्निशमन, परिवहन, आईटी विभाग, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ आदि विभागों के बीच अच्छा सामंजस्य होना जरूरी है। जितना अच्छा समन्वय होगा, आपदा के समय उतना बेहतर काम किया जा सकेगा।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र मुख्य कंट्रोल रूम होगा

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि आपदाओं के दृष्टिकोण से यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र मुख्य कंट्रोल रूम रहेगा। प्रदेश में स्थापित अन्य विभागों के कंट्रोल रूम नियमित तौर पर सूचनाओं को एसईओसी के साथ साझा करेंगे। विभिन्न आपदाओं के समय समन्वय एसईओसी से किया ही जाएगा।

सायबर वॉरफेयर पर भी नजर रखी जाए

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने किसी भी आपात स्थिति के लिए संचार व्यवस्था को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने साइबर वारफेयर से निपटने के लिए भी आईटी विभाग को हर पल एलर्ट रहने तथा समुचित कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

फेक न्यूज पर रखें निगरानी

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सोशल मीडिया में फेक न्यूज की भी निगरानी करने तथा भ्रामक खबरें और सूचनाएं प्रसारित करने वाले लोगों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने सूचना तथा पुलिस विभाग को इस पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि किसी भी प्रकार की न्यूज तथा पोस्ट को प्रसारित करने से पहले जांच कर लें कि सूचना सही है या नहीं। ज्ञातव्य है कि फेक न्यूज को पोस्ट करने वाला व्यक्ति जितना दोषी है, उतना ही दोषी उसे प्रसारित और रिपोस्ट करने वाला व्यक्ति भी है और कानून तथा आईटी एक्ट के तहत कड़ी कार्यवाही के प्रावधान हैं।

फायर हाइड्रेंट्स की जांच की जाए

देहरादून। अग्नि संबंधित विभिन्न घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण हेतु मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर लगे फायर हाइड्रेंट्स की जांच करने तथा आवश्यकतानुसार नए फायर हाइडें्रट्स स्थापित करने को कहा। इस संबंध में उन्होंने कमिश्नर गढ़वाल तथा कमिश्नर कुमाऊं को शीघ्र समुचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

एसईओसी में स्थापित करें सिविल डिफेंस का कंट्रोल रूम

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि सेना के साथ जुड़े सिविल डिफेंस के हॉटलाइन नंबर को एसईओसी में स्थापित किया जाए ताकि किसी भी प्रकार की आपदा के समय विभिन्न एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय हो सके। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस विभाग में स्थापित सिविल डिफेंस के कंट्रोल रूम हो एसईओसी में स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि एसईओसी में 24ग्7 मैन पावर उपलब्ध है, लिहाजा यहां से बेहतर समन्वय हो सकता है।

महत्वपूर्ण संरचनाओं की सुरक्षा ऑडिट करें

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने प्रदेश के हेलीपैड तथा छोटे एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को भी पुख्ता रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हेलीपैड तथा छोटे एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था हेतु पुलिस विभाग में नए पदों पर भर्ती की जाए।

संसाधनों की जानकारी एसईओसी को उपलब्ध कराई जाए
देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि विभिन्न विभागों तथा एजेंसियों के पास जो भी संसाधन उपलब्ध हैं, उनकी सूची तथा विवरण एसईओसी को उपलब्ध कराया जाए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें गतिमान किया जा सके। उन्होंने जीआईएस बेस्ड डाटाबेस बनाने के भी निर्देश दिए।

महत्वपूर्ण संस्थानों तथा परिसंपत्तियों का सुरक्षा आडिट कराएं

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने प्रदेश के स्थापित विभिन्न महत्वपूर्ण संस्थानों, परिसंपत्तियों तथा बांधों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु खतरे की आशंका के आधार पर पुनः सुरक्षा ऑडिट करने के निर्देश दिए।

एटीएफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा उत्तराखण्ड राज्य विभिन्न प्रकार की आपदाओं को लेकर संवेदनशील है। वायु सेना के बड़े तथा आधुनिक विमानों से राहत और बचाव कार्य संचालित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि वायु सेना के बड़े विमानों के लिए हेलीपैड में एटीएफ यानी विमान के ईंधन का पर्याप्त भंडारण और सुलभ उपलब्धता हो ताकि खोज एवं बचाव अभियान में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

समुदायों की सहभागिता जरूरी, जारूकता हो प्रचार-प्रसार
देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि सीमा पर हमारे देश के वीर सैनिक देश की सुरक्षा के लिए मजबूती से डटे हैं, लेकिन आम नागरिकों को भी हर पल जागरूक और सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए कि ब्लैक आउट तथा एलर्ट का सायरन बजने के दौरान लोगों को क्या करना है, इस संबंध में विस्तृत एडवाइजरी जारी की जाए तथा एसओपी बनाई जाएं। उन्होंने निरंतर अंतराल में विभिन्न प्रकार की आपदाओं से बचाव हेतु मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए।

भूकम्प एलर्ट एप बनाने वाला उत्तराखंड पहला राज्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में मोबाइल एप्लीकेशन ‘‘उत्तराखण्ड भूकंप अलर्ट’’ एप का शुभारम्भ किया। उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, आपदा प्रबंधन विभाग एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की के सौजन्य से बनाये गये इस एप के माध्यम से भूकम्प से पूर्व चेतावनी मिल जायेगी।
उत्तराखण्ड यह एप बनाने वाला पहला राज्य है। इससे जन सुरक्षा में मदद मिलेगी। इस एप के माध्यम से भूकंप के दौरान लोगों की लोकेशन भी प्राप्त की जा सकती है। भूकंप अलर्ट के माध्यम से भूकंप से क्षतिग्रस्त संरचनाओं में फँसे होने पर सूचना दी जा सकती है। उत्तराखण्ड भूकंप अलर्ट एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। इस एप के माध्यम से लोगों को भूकंप पूर्व चेतावनी मिल सके, इसके लिए इस एप की लोगों को जानकारी दी जाय। विभिन्न माध्यमों से व्यापक स्तर पर इसका प्रचार प्रसार किया जाय। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा इसकी लघु फिल्म बनाकर जन-जन तक पहुंचाया जाय। स्कूलों में भी बच्चों को लघु फिल्म के माध्यम से इस एप के बारे में जानकारी दी जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों के पास एंड्राइड फोन नहीं है, उनको भी भूकंप से पूर्व चेतावनी मैसेज पहुंच जाय, इस एप के माध्यम से यह सुविधा भी प्रदान की जाय। भूकंप पूर्व चेतावनी में सायरन एवं वायस दोनों माध्यमों से अलर्ट की व्यवस्था की जाय। भूकंप पूर्व चेतावनी के लिए सायरन टोन अलग से हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूकंप पूर्व चेतावनी के लिए यह एक अच्छी पहल है।
इस अवसर पर आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव आपदा प्रबंधन एस.ए. मुरूगेशन, आई.आई.टी. रूड़की के प्रो. कमल एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।