क्षतिग्रस्त बिजली खम्बों, लटकी तारों सहित टूटी पेयजल पाईपलाईनों की मरम्मत करेंः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न मुद्दों की समीक्षा करते हुए दिशा निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को आमजन की समस्याओं को सुनने एवं उनके निराकरण पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग, पेयजल विभाग एवं अन्य ऐसे विभाग जो नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराते हैं, अपने कार्यक्षेत्रों का दौरा अवश्य करें। उन्होंने विभागों को निर्देश दिए हैं कि टेढ़े हो चुके बिजली के खम्बों, लटकी तारों सहित टूटी पेयजल पाईपलाईनों की मरम्मत का कार्य तत्काल कराए जाएं। उन्होंने कहा कि जब तक अधिकारी फील्ड पर नहीं उतरेंगे, आमजन की समस्याओं से अवगत नहीं होंगे। उन्होंने सभी अधिकारियों को फील्ड का दौरा नियमित रूप से किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने सभी जनपदों में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) रजिस्ट्रेशन की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आमजन अधिक से अधिक संख्या में अपने विवाह का पंजीकरण कराएं इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाएं। उन्होंने कहा कि पंजीकरण के लम्बित मामलों को तेजी से निस्तारित किया जाए। उन्होंने मैदानी जनपदों में पंजीकरण के लिए विशेष अभियान संचालित किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रायः देखा जा रहा है कि ऐसे विवाह पंजीकरण, जिनमें विवाह के समय पति-पत्नी दोनों या दोनों में से कोई एक नाबालिग रहा हो, परन्तु वर्तमान में पंजीकरण के समय दोनों बालिग हो चुके हैं, को अस्वीकार किया जा रहा है, जो कि गलत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे विवाह के मामलों का भी पंजीकरण किया जाए।

मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम- एबीएचआईएम) की जिलावार समीक्षा करते हुए प्रत्येक जनपद से प्रत्येक केन्द्र की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने ब्लॉक स्तर पर ‘ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों‘ की स्थापना के कार्य में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। कहा कि जिन इकाइयों में निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, उन इकाइयों में उपकरणों की व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित करते हुए ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को सक्रिय किया जाए।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, चंद्रेश कुमार यादव, विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव रंजना राजगुरू, विजय कुमार जोगदंडे, मनुज गोयल, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए कैबिनेट में जल्द तय की जाएगी तिथि

समान नागरिक संहिता, उत्तराखण्ड 2024 अधिनियम के राज्य में क्रियान्वयन के लिए सेवानिवृत्त आई.ए.एस. शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई ‘नियमावली और क्रियान्वयन समिति’ ने सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नियमावली का ड्राफ्ट सौंपा। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त आई.ए.एस. शत्रुघ्न सिंह, सदस्य सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा और स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा मौजूद थे।

समिति द्वारा समान नागरिक संहिता, उत्तराखण्ड 2024 अधिनियम की नियमावली का ड्राफ्ट सौंपे जाने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2022 में प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद हमने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में निर्णय लिया कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन करेंगे। सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनाई गई। कमेटी के रिपोर्ट सौंपने के बाद 07 फरवरी, 2024 को राज्य विधान सभा में पारित किया गया। उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पर महामहिम राष्ट्रपति की सहमति के बाद 12 मार्च, 2024 को समान नागरिक संहिता उत्तराखण्ड, 2024 अधिनियम पारित हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता अधिनियम की नियमावली आज सौंपी गई है। इस नियमावली में मुख्य रूप से चार भाग है। जिसमें विवाह एवं विवाह-विच्छेद लिव-इन रिलेशनशिप, जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण तथा उत्तराधिकार सम्बन्धी नियमों के पंजीकरण संबंधी प्रक्रियाएं उल्लिखित है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक में इस अधिनियम को राज्य में प्रभावी रूप से लागू करने के लिए तिथि तय की जायेगी। इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिगत इस समान नागरिक संहिता के लिए एक पोर्टल तथा मोबाइल एप भी तैयार किया गया है, जिससे कि पंजीकरण, अपील आदि की समस्त सुविधाएं जनसामान्य को ऑनलाइन माध्यम से सुलभ हो सके। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में सबको समान रूप से न्याय मिले। महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विधेयक बना है। जल्द इस अधिनियम को धरातल पर उतारा जायेगा। आजादी के बाद उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बन जायेगा जिसे समान नागरिक संहिता लागू करने का गौरव प्राप्त होगा।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पांडेय, विशेष सचिव रिद्धम अग्रवाल, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने ली यूसीसी की नियमावली बनाने को लेकर बैठक

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी तथा उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता की समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में बीजापुर अतिथिगृह में उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता की नियमावली बनाने के संबंध में समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।

बैठक में गृह, पुलिस, स्वास्थ्य, आबकारी, अल्पसंख्यक, संस्कृति, खाद्य व नागरिक आपूर्ति, ऊर्जा, नियोजन, वित्त विभाग के सहयोग व समन्वय से उत्तराखण्ड यूसीसी की नियमावली बनाने से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्य सचिव राधा रतू़ड़ी व उत्तराखण्ड यूसीसी सदस्य श्री शत्रुघ्न सिंह ने यूसीसी के क्रियान्वयन के लिए बनने वाली नियमावली को अन्तिम रूप देने में सभी विभागों को सहयोग व समन्वय के निर्देश दिए हैं।

यूसीसी सदस्य मनु गौऱ, सुरेखा डंगवाल, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु सहित गृह, पुलिस, स्वास्थ्य, आबकारी, अल्पसंख्यक, संस्कृति, खाद्य व नागरिक आपूर्ति, ऊर्जा, नियोजन, वित्त विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।