आंगनबाड़ी कार्यकत्री और एएनएम के माध्यम से गर्भवती माताओं का ट्रेकिंग सिस्टम अपडेट रखेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि बच्चों में कुपोषण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जच्चा और बच्चा दोनों का स्वस्थ रहना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में आंगनबाड़ी कार्यकत्री और एएनएम के माध्यम से गर्भवती माताओं का ट्रेकिंग सिस्टम अपडेट रखा जाए। एनीमिया की कमी को दूर करने के लिए महिलाओं को मिलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चत की जाए। आंगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों और माताओं को दिये जाने वाले पुष्टाहार की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। पुष्टाहार की आकस्मिक रूप से गुणवत्ता जांच भी की जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कुपोषण से मुक्ति, मातृ-शिशु मृत्यु दर को और कम करने के लिए राज्य के कुछ गांवों को आकांक्षी गांवों के रूप में लिया जाए। कुपोषण से मुक्ति के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को आपसी समन्वय के साथ संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत राज्य में बालिकाओं को बेहतर शिक्षा और आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाई गई योजनाओं को और अधिक व्यवहारिक बनाया जाय। महिला सशक्तिकरण की दिशा में महिलाओं के कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, चन्द्रेश यादव, निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास प्रशांत आर्य उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कनिष्ठ सहायक के पदों पर चयनित 16 अभ्यर्थियों को प्रदान किये नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से कनिष्ठ सहायक के पद पर चयनित 16 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। इनमें महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के 12 तथा संस्कृति विभाग के 4 अभ्यर्थी शामिल थे।

मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से आपके जीवन का नया अध्याय प्रारम्भ हो रहा है। आप सबकी कड़ी मेहनत तथा माता पिता एवं गुरूजनों के आशीर्वाद से आपको यह सफलता मिली है। इस सफतला के बाद आपको नये जीवन में मानक तय करने होंगे। अपनी प्रतिभा, क्षमता तथा योग्यता के बल पर अपनी कार्य पद्धति में अपना सर्वाेत्तम देने का प्रयास करना होगा। अपने कार्यक्षेत्र में पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ नये जीवन की शुरुआत आत्म अनुशासन और नियमित दिनचर्या के साथ करें। जन सेवा करने का आप सबको जो अवसर मिला है, इसमें अपनी सामर्थ्य का पूरा उपयोग करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य का जीवन अमूल्य है। कई जन्मों के बाद मनुष्य जीवन प्राप्त होता है। इसे ईश्वर का वरदान समझे तथा अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा के साथ करें। इससे आप सभी को आत्म संतोष भी प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे अच्छे एवं बुरे कार्यों का पूरा हिसाब ईश्वर रखते है इसलिये अपने कार्यक्षेत्र में भूलकर भी गलत कार्य न करें। आपके अच्छे कार्यों का लाभ आपको तो मिलेगा ही इससे समाज भी लाभान्वित होता है।

इस अवसर पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास हरिचन्द सेमवाल, निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास प्रशान्त आर्य, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट सहित अन्य अधिकारी एवं नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी उपस्थित थे।

आंगनवाड़ी कर्मियों को फिर दिया सीएम ने तोहफा, अब 2 लाख का बीमा भी होगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सनातन धर्म इंटर कॉलेज रेस कोर्स में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान आंगनवाड़ी संगठन द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए मानदेय वृद्धि करने पर आभार व्यक्त किया गया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की, कि सभी आंगनवाड़ी कर्मियों को 2 लाख का वार्षिक दुर्घटना बीमा पॉलिसी उपलब्ध करवाई जायेगी। आंगनवाड़ी कर्मियों का मासिक मानदेय डिजिटल तरीक़े से सीधे उनके खाते मे दिया जायेगा। आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के 25 प्रतिशत पद आंगनवाड़ी सहायिकाओं, जिन्होंने 10 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण की हो और आवश्यक शैक्षिक योग्यता पूरी करती हो, के द्वारा भरे जायेंगे। प्रदेश में जिन लोगों पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू नहीं होता है, उन्हें दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक प्रत्येक माह कुल 20 किलोग्राम खाद्यान्न/प्रति कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से सेनेटरी नैपकिन के लिए जो एक रुपये का भुगतान करना पड़ता था वो अब निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के निर्माण में मातृशक्ति की बड़ी भूमिका है, महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक कार्य किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन में मातृशक्ति की अहम भूमिका निभाई। सरकार जनता की साझीदार के रूप में कार्य कर रही है। बीते पाँच महीनों में सरकार ने 500 से ज़्यादा निर्णय लिए और उन पर शासनादेश जारी किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि 2025 तक राज्य हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बने। खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में नई खेल नीति बनाई गई है। हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी वर्कर का मानदेय बढ़ाकर उनके ऋण को चुकाने का प्रयास किया है। विपरीत परिस्थितियों में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां किस प्रकार कार्य करते हैं, यह सब बखूबी जानते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके दोनों बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा भी आंगनबाड़ी केंद्र में ही हुई है, इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मेहनत से भलीभांति अवगत हैं। राज्य के विकास के लिए नारी का सशक्त होना जरूरी है। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के बाद सरकार के पास आय के संसाधनों में भी कमी आई है, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने मानदेय बढ़ाने में कंजूसी नहीं की। सरकार ने आजीविका से जुड़ी प्रदेश की महिलाओं को मजबूत करने के लिए 119 करोड़ रूपये का कोविड राहत पैकेज जारी किया। इसके अलावा सरकार ने आशा, उपनल समेत तमाम विभागों में कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाया है।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश में होने वाली विभिन्न गतिविधियों में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों का अहम योगदान होता है। हर क्षेत्र में आंगनवाड़ी बहनों द्वारा सहयोग दिया जाता है। आंगनवाड़ी बहनों के हित में राज्य सरकार द्वारा हर संभव कार्य किये जा रहे हैं। महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। बीते पांच वर्षों में आंगनवाड़ी केंद्रों को ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य एवं पोषण की धुरी मानते हुए आंगनवाड़ी केंद्रों में गैस सिलिंडर, पेयजल, शौचालय, स्वच्छता किट, प्री स्कूल किट, मेडिसिन किट तथा किचन गार्डन आदि अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं हैं। ग्राम स्तर पर आंगनवाड़ी कार्मिकों की सशक्त एवं सक्रिय उपस्थिति का परिणाम है कि आंगनवाड़ी के केंद्रों के माध्यम से प्रतिमाह लगभग 9 लाख लाभार्थियों को पोषाहार उपलब्ध कराया जाता है।
इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, महेंद्र भट्ट, भरत चौधरी, सचिव महिला एवं बाल विकास एच.सी.सेमवाल, मंच संचालिका डॉ. कंचन नेगी, संबंधित विभागीय अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां मौजूद रही।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सरकार बढ़ाने जा रही मानदेय

प्रदेश सरकार 35 हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने जा रही है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अनुसार, इसके लिए विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार कर इसे मंजूरी के लिए वित्त विभाग को भेजा गया है। वित्त की मंजूरी के बाद प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में एक से दो हजार रुपये का इजाफा होगा। इसके अलावा एक महीने के भीतर सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। 
प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 7500 रुपये, मिनी कार्यकर्ताओं को 4750 रुपये एवं सहायिकाओं को 3750 रुपये मानदेय दिया जा रहा है। सरकार आंगनबाड़ी एवं मिनी कार्यकर्ताओं के मानदेय में दो हजार एवं सहायिकाओं के मानदेय में 1500 रुपये की बढ़ोत्तरी कर सकती है।