आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के चार वर्ष तथा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में दो दिवसीय आरोग्य मंथन-2022 कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 मनसुख मंडाविया ने स्वास्थ्य क्लेम एक्सचेंज, नेशनल ई-रुपी पोर्टल सहित कई महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने भी प्रतिभाग किया।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के चार वर्ष तथा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के एक वर्ष पूर्ण पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिल्ली के एक निजी होटल में आरोग्य मंथन-2022 कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें उन्हें विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य डॉ मनसुख मंडाविया द्वारा आयुष्मान भारत योजना एवं आयुष्मान डिजिटल योजनाओं की समीक्षा की गई तथा स्वास्थ्य क्षेत्र की बेहतरी के लिए स्वास्थ्य क्लेम एक्सचेंज, नेशनल ई-रुपी पोर्टल सहित कई महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आये स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों एवं विशेष आमंत्रित सदस्यों से सुझाव मांगे गये। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ रावत ने उत्तराखंड में दोनों योजनाओं के संचालन को लेकर संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने बताया कि राज्य में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत लगभग 50 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं, जिसके अंतर्गत करीब 5.50 लाख लोगों ने निःशुल्क उपचार का लाभ प्राप्त किया है। इसी प्रकार एडीबीएम के अंतर्गत अबतक प्रदेश में लगभग 28 लाख लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बन चुकी है। उन्होंने बताया कि विगत 7 सितम्बर से प्रदेश में जन आरोग्य अभियान के तहत लोगों की निःशुल्क जांच की जा रही है। जिसके अंतर्गत अभी तक लगभग 1.50 लाख लोगों की जांच की जा चुकी है। जिसमें उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, ओरल कैंसर, स्तन कैंसर, नेत्र परीक्षण, टीबी स्क्रीनिंग आदि प्रमुख बीमारियों की जांच की जा रही है। डॉ रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भरोसा दिलाया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भविष्य के लिये लांच सभी योजनाओं को उत्तराखंड में योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा ताकि प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं का बेहत्तर लाभ मिल सके।