लक्ष्मण झूला में नए पुल के टेंडर प्रक्रिया मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई

लोक निर्माण विभाग की ओर से लक्ष्मण झूला में पुराने झूला पुल के समीप टू-लेन मोटर पुल का निर्माण के लिए हुई टेंडर प्रक्रिया का मामला हाईकोर्ट पहंुच गया है। आरोप है कि अर्हता पूरी न करने वाली कंपनी को टेंडर दे दिया गया है। जिस पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाये रखने का आदेश जारी किया है। अब इस मामले में 20 फरवरी को सुनवाई होगी।
आपको बता दें कि इस पुल के निर्माण के लिए विभाग की ओर से 20 नवंबर, 2021 को टेंडर आमंत्रित किए गए थे। 23 नवंबर को टेंडर खोले गए। जिनमें हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी, कैलाश हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी और पीएंडआर इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी के टेंडर को विभाग की ओर से सही पाया गया और पीएंडआर इंफ्रा प्रोजेक्ट के टेंडर को मंजूरी दे दी गई।
इस पर ऋषिकेश की हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी हाईकोर्ट पहुंच गयी। उच्च न्यायालय नैनीताल में विभाग की इस प्रक्रिया को चुनौती देते हुए हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी ने आरोप लगाया कि जिस कंपनी को काम दिया गया है वह टेंडर की अर्हता को पूरा नहीं करती है। कंपनी के निदेशक अजय शर्मा के अनुसार इस पूरे मामले में मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखकर कंपनी की ओर से आपत्ति दर्ज करानेे के बावजूद उनकी बात को नहीं सुना गया। जिस पर वे न्यायालय की शरण में गए। उनका कहना है कि न्यायालय में सुनवाई की तिथि तक जिस कंपनी को काम दिया गया उसके साथ एग्रीमेंट नहीं हुआ था। उन्हें अंदेशा है कि बैक डेट पर एग्रीमेंट किया जा सकता है। दूसरी ओर लोक निर्माण विभाग नई टिहरी के अधीक्षण अभियंता एनपी सिंह का कहना है कि 5 जनवरी, 2022 को संबंधित कंपनी के साथ एग्रीमेंट कर दिया गया था।

खटीमा में सुरई ईकोटूरिज्म जोन में जंगल सफारी का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में सुरई ईकोटूरिज्म जोन में जंगल सफारी का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने जंगल सफारी भी की। सुरई ईकोटूरिज्म जोन प्रदेश का पहला ऐसा ईकोटूरिज्म जोन है, जहां पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा व आसपास के क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र में ऊंचा स्थान दिलाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। जैव विविधता और वन्य जीवों की मौजूदगी वाले तराई पूर्वी वन प्रभाग को योजनाबद्ध तरीके से विकसित कर उसके सुरई वन क्षेत्र को इको टूरिज्म जोन के रूप में तब्दील किया जाएगा, ताकि यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य का उपयोग स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया करवाने में किया जा सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वन कानून की जटिलताओं के कारण वनों के आसपास रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसमें उनकी खेती भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि इस कठिनाई को समझते हुए हमने निर्णय लिया है कि वन और वन्य जीवों को आर्थिकी से जोड़ते हुए स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर मुहैया करवाए जाएंगे। इसी सोच के साथ हमने बीते 1 अक्टूबर 2021 को सीएम यंग ईकोप्रिन्योर योजना देहरादून में लॉच की थी। इस योजना का क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है। शुरुआत के तौर पर खटीमा में सुरई ईकोटूरिज्म जोन विकसित कर उसमें जंगल सफारी प्रारम्भ की जा रही है। ग्राम समितियों के जरिए इस योजना का संचालन किया जाएगा। जंगल सफारी शुरू होने से जिप्सी मालिक, चालक और गाइड के रूप में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके लिए वन विभाग ने 30 जिप्सी संचालकों के साथ करार किया है। गाइड की भूमिका का सही निर्वहन करने के लिए कई युवकों को वन विभाग इसका प्रशिक्षण दे चुका है। सुरई ईकोटूरिज्म जोन में पर्यटकों की आमद से स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। पूरे प्रदेश में इस योजना को विस्तार दिया जाएगा ताकि वनों, वन क्षेत्रों और वन्य जीवों को हम अपनी कमजोरी नहीं ताकत बना सकें। उन्होंने कहा कि सीएम यंग ईको प्रिन्योर स्कीम के अंतर्गत नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, ईकोटूरिज़्म, वन्यजीव टूरिज़्म आधारित कौशल को उद्यम में परिवर्तित किया जाएगा।

सुरई ईकोटूरिज्म जोन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि सुरई वनों की समृद्ध जैव विविधता को देखते हुए इसे क्षेत्र को सुरई इको टूरिज्म जोन (सुरई पारिस्थितिकी पर्यटन क्षेत्र) का स्वरूप प्रदान किया जाएगा। इसके दो लाभ होंगे पहला यह कि जनसहभागिता सुनिश्चित करते हुए जैव विविधता के धनी इसे क्षेत्र को संरक्षित किया जाएगा और दूसरा, इसके वन मार्गों को जंगल सफारी के लिए विकसित किए जाने से यहां रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। वन विभाग ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर काम करते हुए सुरई वन क्षेत्र के वन मार्गों को जैव विविधता ट्रेल के रूप में विकसित कर दिया है। यह क्षेत्र 180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसके सीमा में पूर्व दिशा में शारदा सागर डैम, पश्चिम में खटीमा नगर, उत्तर में मेलाघाट रोड तथा दक्षिण में पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र सटा हुआ है। प्राकृतिक रूप से बेहद खूबसूरत इस वन क्षेत्र में साल के वृक्षों, चारागाह और पानी की प्रचुर मात्रा है। इन तमाम वजहों से यहां बाघों की आवाजाही बनी रहती है। इसके अलावा स्तनधारी जानवरों की लगभग 125, पक्षियों की 150 से अधिक और सरीसृपों को तकरीबन 20 प्रजातियां भी इस वन क्षेत्र में पाई जाती हैं। यहां के वन मार्गों को विकसित कर लगभग 40 किलोमीटर का ट्रेल जंगल सफारी के लिए तैयार कर लिया गया है, जिसमें जिप्सी में बैठकर पर्यटक दुर्लभ वन्य जीवों (रॉयल बंगाल टाइगर, भालू, चीतल, सांभर, काकड़, पैंगोलिन, कोरल सांप, पांडा आदि) का दीदार करने के साथ ही सुरम्य जंगलों, घास के मैदानों, प्राचीन शारदा नहर और सुन्दर तालाबों का लुत्फ उठा सकेंगे।

सुरई ईकोटूरिज्म जोन में जंगल सफारी और ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल का सीएम करेंगे लोकार्पण

वर्ष 2021 के जाते-जाते प्रदेश की धामी सरकार खटीमा विधानसभा क्षेत्र को एक बड़ी सौगात देने जा रही है। 29 दिसम्बर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा में ’सुरई ईकोटूरिज्म जोन’ और ’ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल’ का लोकार्पण करेंगे। ’सुरई ईकोटूरिज्म जोन’ प्रदेश का पहला ऐसा ईकोटूरिज्म जोन होगा जहां पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे। अब तक हमारे प्रदेश में सिर्फ नेशनल पार्क और बायोस्फीयर रिजर्व (संरक्षित क्षेत्र) में ही जंगल सफारी का चलन रहा है। इसके अलावा ’ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल’ देश का पहला क्रोकोडाइल ट्रेल है जहां पर्यटक बेहद नजदीक जाकर मगरमच्छ की खतरनाक प्रजाति ’मार्श’ का सुरक्षित दीदार कर सकेंगे। यह दोनों योजनाएं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पूर्व में घोषित ’सीएम यंग ईकोप्रिन्योर स्कीम’ से जुड़ी हुई हैं जिसके तहत उत्तराखण्ड के स्थानीय लोगों की आर्थिकी को वनों और वन्य जीवों से जोड़कर स्वरोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं। इस स्कीम के अंतर्गत 1 लाख युवाओं को ईकोप्रिन्योर बनाने का लक्ष्य है।
तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार ने बताया कि चारों ओर वन क्षेत्र से घिरे खटीमा के लोगों को पर्यावरण संरक्षण के साथ कैसे स्वरोजगार से जोड़ा जाए इसके लिए एक अभिनव योजना को धरातल पर उतारा जा रहा है। अब तक पर्यटन के लिहाज से पिछड़े रहे खटीमा व आसपास के क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र में ऊंचा स्थान दिलाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की सोच है कि जैव विविधता और वन्य जीवों की मौजूदगी वाले ’तराई पूर्वी वन प्रभाग’ को योजनाबद्ध तरीके से विकसित कर उसके सुराई वन क्षेत्र को इको टूरिज्म जोन के रूप में तब्दील किया जाए ताकि यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य का उपयोग स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया करवाने में किया जा सके। इसी सिलसिले में पूर्व में उन्होंने ’तराई पूर्वी वन प्रभाग’ के सुरई व आसपास के वन क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की घोषणा (संख्या-359/2021) की थी। उसके बाद से ही वन महकमा उनकी इस घोषणा को साकार करने में जुटा हुआ है। योजना को चार भागों में बांटकर धरातल पर उतारा जा रहा है। इनमें सुरई ईकोटूरिज्म जोन, ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल, खटीमा सिटी फॉरेस्ट और चुका प्रवासी पक्षी केन्द्र की स्थापना शामिल है। उन्होंने बताया कि सुरई ईकोटूरिज्म जोन और ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल योजना का निर्माण और विकास कार्य पूरा हो चुका है। जबकि खटीमा सिटी फॉरेस्ट और चुका प्रवासी पक्षी केन्द्र के विकास की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री आगामी 29 दिसम्बर को सुरई ईकोटूरिज्म जोन में जंगल सफारी का शुभारम्भ और ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल का लोकार्पण करने जा रहे हैं।

सुरई ईकोटूरिज्म जोन-
मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि सुरई वनों की समृद्ध जैव विविधता को देखते हुए इसे क्षेत्र को सुरई इको टूरिज्म जोन (सुरई पारिस्थितिकी पर्यटन क्षेत्र) का स्वरूप प्रदान किया जाएगा। इसके दो लाभ होंगे पहला यह कि जनसहभागिता सुनिश्चित करते हुए जैव विविधता के धनी इसे क्षेत्र को संरक्षित किया जाएगा और दूसरा, इसके वन मार्गों को जंगल सफारी के लिए विकसित किए जाने से यहां रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। वन महकमे ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर रात-दिन काम करते हुए सुरई वन क्षेत्र के वन मार्गों को जैव विविधता ट्रेल के रूप में विकसित कर दिया गया है। यह क्षेत्र 180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसके सीमा में पूर्व दिशा में शारदा सागर डैम, पश्चिम में खटीमा नगर, उत्तर में मेलाघाट रोड तथा दक्षिण में पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र सटा हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि प्राकृतिक रूप से बेहद खूबसूरत इस वन क्षेत्र में साल के वृक्षों, चारागाह और पानी की प्रचुर मात्रा में है। इन तमाम वजहों से यहां बाघों की आवाजाही बनी रहती है। इसके अलावा स्तनधारी जानवरों की लगभग 125, पक्षियों की 150 से अधिक और सरीसृपों को तकरीबन 20 प्रजातियां भी इस वन क्षेत्र में पाई जाती हैं। यहां के वन मार्गों को विकसित कर लगभग 40 किलोमीटर का ट्रेल जंगल सफारी के लिए तैयार कर लिया गया है, जिसमें जिप्सी में बैठकर पर्यटक दुर्लभ वन्य जीवों (रॉयल बंगाल टाइगर, भालू, चीतल, सांभर, काकड़, पैंगोलिन, कोरल सांप, पांडा आदि) का दीदार करने के साथ ही सुरम्य जंगलों, घास के मैदानों, प्राचीन शारदा नहर और सुन्दर तालाबों का लुत्फ उठा सकेंगे।

ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल-
सुरई ईकोटूरिज्म जोन की पश्चिमी सीमा पर ककरा नाला स्थित है। यह नाला क्रोकोडाइल (मार्श मगरमच्छ) का प्राकृतिक वास स्थल है। मीठे पानी के स्रोतों में पाई जाने वाली मगरमच्छ की यह प्रजाति भूटान और म्यांमार जैसे तमाम देशों में विलुप्त हो चुकी है। अंडा देने वाली यह प्रजाति बेहद खतरनाक मानी जाती है। मौजूदा समय में इस नाले में 100 से अधिक मार्श मगरमच्छ हैं। पर्यटक इन मगरमच्छों को आसानी से दीदार कर सकें इसके लिए 4 किलोमीटर लम्बे नाले को चौनलिंग फेंसिंग करके ’ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल’ के रूप में विकसित किया गया है। यह राज्य का पहला क्रोकोडाइल ट्रेल है। ट्रेल में तीन व्यू प्वाइंट और कई वॉच टॉवर बनाए गए हैं ताकि मगरमच्छों का सुरक्षित तरीके से नजदीक से दीदार हो सके।

वन और वन्य जीव बनेंगे आर्थिकी का जरिया-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि हमारे प्रदेश में वन बहुतायत में पाए जाते हैं। प्रदेश का 71 प्रतिशत (37999.53 वर्ग किलोमीटर) भूभाग वन क्षेत्र है। इसमें से 24418.67 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र वन विभाग के अन्तर्गत है। वन कानून की जटिलताओं के कारण वनों के आसपास रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसमें उनकी खेती भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि इस कठिनाई को समझते हुए हमने निर्णय लिया है कि वन और वन्य जीवों को आर्थिकी से जोड़ते हुए स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर मुहैया करवाए जाएंगे। इसी सोच के साथ हमने बीते 1 अक्टूबर 2021 को ’सीएम यंग ईकोप्रिन्योर योजना’ देहरादून में लॉच की थी। इस योजना का क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है। शुरुआत के तौर पर खटीमा में ’सुरई ईकोटूरिज्म जोन’ विकसित कर उसमें जंगल सफारी प्रारम्भ की जा रही है। ग्राम समितियों के जरिए इस योजना का संचालन किया जाएगा। जंगल सफारी शुरू होने से जिप्सी मालिक, चालक और गाइड के रूप में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके लिए वन विभाग ने 30 जिप्सी संचालकों के साथ करार किया है। गाइड की भूमिका का सही निर्वहन करने के लिए कई युवकों को वन विभाग इसका प्रशिक्षण दे चुका है। ’सुरई इकोटूरिज्म जोन’ में पर्यटकों की आमद से स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। पूरे प्रदेश में इस योजना को विस्तार दिया जाएगा ताकि वनों, वन क्षेत्रों और वन्य जीवों को हम अपनी कमजोरी नहीं ताकत बना सकें। उन्होंने कहा कि सीएम यंगईकोप्रिन्योर स्कीम के अंतर्गत नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, ईकोटूरिज़्म, वन्यजीव टूरिज़्म आधारित कौशल को उद्यम में परिवर्तित किया जाएगा।

1 करोड़ 4 लाख रुपये से जगमग हुई रोड, पहले अंधेरे के कारण होती थी परेशानी

ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हरिद्वार रोड पर आईडीपीएल गेट से श्यामपुर हाट तक निर्मित डिवाइडर पर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) द्वारा 1 करोड़ 4 लाख रुपए की लागत से निर्मित पथ प्रकाश व्यवस्था का आज विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विधिवत पूजा अर्चना के पश्चात लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पथ प्रकाश व्यवस्था की जगमगाहट से स्थानीय लोगों एवं बाहर से आने वाले सैलानियों को आवागमन में सुविधा मिलेगी।
मुख्य हरिद्वार सड़क मार्ग पर लोकार्पण समारोह के अवसर पर अग्रवाल ने कहा कि एमडीडीए के माध्यम से ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आंतरिक मोटर मार्गों के निर्माण के साथ-साथ पथ प्रकाश व्यवस्था में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा है कि हरिद्वार रोड पर चार धाम यात्रा की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं एवं योग नगरी ऋषिकेश की तरफ प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन होता है, इससे मोटर मार्ग पर पथ प्रकाश व्यवस्था का होना अति आवश्यक था। उन्होंने कहा है कि जिस शानदार तरीके से मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा यह लाइट आधुनिक तकनीकी से लगाई गई है यह अपने आप में अभूतपूर्व है।
अग्रवाल ने कहा है कि जनप्रतिनिधि का कर्तव्य जनता की समस्या का समाधान करना होता है और इस ओर वह निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में आंतरिक मोटर मार्ग सभी क्षेत्रों में दुरुस्त हो चुके हैं, जहां दुरुस्त होने की संभावना है वह कार्य भी शीघ्र प्रारंभ होगा।
अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा है कि विकास कार्यों में हमेशा कार्य की गुणवत्ता व तय समय सीमा पर पूरा करने का उनका आग्रह रहता है तथा कार्य की गुणवत्ता के लिए स्थानीय लोग भी सजग प्रहरी के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करते हैं जो एक सजग नागरिक की भूमिका होती है। इसी वजह से क्षेत्र का विकास भी आगे बढ़ता है।
अग्रवाल ने कहा कि ऋषिकेश ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की चकाचौंध से हर व्यक्ति परिचित होगा जिससे ऋषिकेश की अच्छी छवि बाहर से आने वाले सैलानियों के मन में भी जाएगी। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश विधानसभा विकास के मापदंड पर खरी उतर रही है और आज आदर्श विधानसभा के रूप में स्थापित हो चुकी है।
अग्रवाल ने कहा कि चुनाव का समय नजदीक है ऐसे समय में अनेक लोग नकारात्मक वातावरण बनाने का भी प्रयास करेंगे, उन लोगों से भी सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा है कि विकास के साथ-साथ वह हमेशा प्रत्येक नागरिक के साथ सुख-दुख में खड़े रहते हैं जो एक आदर्श जनप्रतिनिधि का कर्तव्य है।
कोरोना काल के दौरान लगे लॉकडाउन के दिनों को याद करते हुए अग्रवाल ने कहा कि जब जरूरतमंदों के सामने रोजी रोटी का संकट था ऐसे समय में 13 हजार से अधिक लोगों को राशन के पैकेट एवं हजारों लोगों को मास्क, सैनिटाइजर का वितरण किया ताकि ऋषिकेश विधानसभा का प्रत्येक नागरिक कोरोना के प्रभाव से बच सके। इस अवसर पर स्थानीय लोगों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया गया।
इस अवसर पर एमडीडीए के अधिशासी अभियंता श्याम मोहन शर्मा, राम रतन रतूड़ी, सदानंद भट्ट, रतन सिंह बिष्ट, किशन नेगी, नरेंद्र रावत, राजवीर रावत, रवि शर्मा, क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रभाकर पैन्यूली, कमला नेगी, निर्मला उनियाल, रमेश चंद शर्मा, लक्ष्मी गुरुंग, रामेश्वर चंद्रियाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

विस अध्यक्ष ने सीएम की घोषणाओं को धरातल में उतारने के दिए निर्देश

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विगत दिनों ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं पर अभी तक की गई शासकीय एवं विभागीय कार्यवाही की जानकारी के लिए विभिन्न विभागों के सचिव एवं उच्च अधिकारियों के संग बैठक की। बैठक के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों से सभी घोषणाओं पर उचित कार्यवाही करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित की एवं उस पर शीघ्र शासनादेश जारी करने के निर्देश दिए जिससे जल्द ही घोषणाओं को धरातल पर उतारा जा सके।
विधानसभा भवन देहरादून में आयोजित बैठक के दौरान शहरी विकास, पर्यटन विभाग, सिंचाई विभाग, आवास विभाग, वन विभाग, ऊर्जा विभाग, युवा कल्याण विभाग एवं गृह विभाग के सचिव एवं संबंधित विभागों के उच्च अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 18 सितंबर को ऋषिकेश में संपन्न हुई जन आशीर्वाद रैली के दौरान की गई घोषणाओं पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से संबंधित जानकारी प्राप्त कर अधिकारियों से चर्चा की। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रत्येक घोषणा से संबंधित विभाग वार अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की एवं एक निश्चित समय सीमा तय कर अधिकारियों को घोषणाओं पर उचित कार्यवाही कर शासनादेश जारी करने एवं योजनाओं को धरातल पर लाने के निर्देश दिये।
अवगत करा दें कि 18 सितंबर को ऋषिकेश में जन आशीर्वाद रैली के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्यों को लेकर घोषणा की थी जिनमें संजय झील का सौंदर्यकरण कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने, बैराज स्थित झील पर साहसिक पर्यटन एवं वाटर स्पोर्ट्स प्रारंभ कराए जाने, ऋषिकेश में बहुमंजिला पार्किंग का निर्माण कराए जाने, मां गंगा की धारा को निरंतर व व्यवस्थित स्वरूप में त्रिवेणी घाट पर लाए जाने, कैंपा योजना के अंतर्गत वनों से सटे गांव जैसे सत्यनारायण मंदिर से गौहरीमाफी, साहब नगर, भट्टोंवाला और रुषाफार्म में सड़क तथा विद्युत एवं अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने, गुलदार प्रभावित क्षेत्र रायवाला, साहबनगर, खदरी के निवासियों की जान माल की सुरक्षा का प्रबंध किए जाने, खदरी, लक्कड़घाट, गुमानीवाला, रुषा फार्म, भट्टूोंवाला, छिद्दरवाला आदि क्षेत्रों में हाथी व अन्य वन्यजीवों से सुरक्षा के प्रबंध किये जाने, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र गौहरीमाफी, साहब नगर, ठाकुरपुर गढ़ीमयचक में बाढ़ सुरक्षा के लिए प्रभावी कार्यवाही यथाशीघ्र प्रारंभ किए जाने, ग्रामीण क्षेत्रों में हाईटेक मिनी स्टेडियम की स्थापना, छिद्दरवाला में सौंग नदी एवं जाखन नदी के संगम से सौंग नदी के बाएं तट पर साहबनगर गांव तक बाढ़ सुरक्षा योजना बनाए जाने, रायवाला नहर एवं पुराने शाखा गूलों के पुनरोद्धार व नई पक्की गूलों के निर्माण की योजना बनाये जाने, गौहरीमाफी नहर एवं पुरानी शाखा गूलों के पुनरोद्धार व नई पक्की गूलों के निर्माण किये जाने, महिला एवं पुरुषों हेतु हाईटेक शौचालय निर्माण किये जाने, आस्था पथ पर स्टैंडर्ड साइनेजेज, लाइटिंग, बैंचेस आदि की व्यवस्था किये जाने, ऋषिकेश को योगा हब के रूप में विकसित किये जाने एवं 20 करोड़ रुपए सड़क मार्गों के निर्माण के लिए, आईडीपीएल, कृष्णानगर को न उजाड़े जाने, उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण कर प्रमाण पत्र जारी करने तथा शासकीय सेवाओं में क्षैतिज आरक्षण दिए जाने संबंधित मुख्य घोषणाएं की गई थी।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी घोषणा पर कार्यवाही पर लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी घोषणाओं का शासनादेश कर धरातल पर उतारकर जनता को इसका लाभ मिलना चाहिए। इस अवसर पर बैठक में मौजूद घोषणाओं से संबंधित विभागीय सचिव एवं अधिकारियों ने विधानसभा अध्यक्ष को आश्वस्त करते हुए उनके द्वारा तय किए गए समय सीमा पर विभागीय कार्यवाही को पूर्ण करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सचिव नेहा वर्मा, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव हरीश सेमवाल, सचिव विनोद कुमार सुमन, निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व डीके सिंह, निदेशक शहरी विकास ललित मोहन रयाल, अपर सचिव पर्यटन युगल किशोर पंत, रीजनल ऑफिसर एनएचएआई सीके सिंह,विभव मित्तल, विक्रम सिंह राणा, एसके टम्टा,जी एस रावत, आरसी कैलकुला, रचना थपलियाल, अनिरुद्ध भंडारी, चंद्र मोहन पांडे, शक्ति प्रसाद आदि सहित अनेक अधिकारी मौजूद रहे।

पर्यटकों का स्वागत करेंगे लाटा-लाटी, इंस्ट्राग्राम में बड़ी संख्या में है फॉलोवर

उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) में ‘लाटा-लाटी’ पर्यटकों का स्वागत करेंगे। साथ ही यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को पहाड़ी संस्कृति से भी रूबरू कराएंगे। इसके अलावा ‘लाटा-लाटी’ राज्य के विभिन्न पर्यटक स्थलों का भी प्रचार करेंगे। जी हां
लाटी किरदार लाकर लोगों के बीच चर्चाओं में आईं कंचन जदली अब पर्यटन विभाग के लिए भी कार्टून बनाएंगी। पहाड़ी कार्टून चित्रों और गुदगुदाती पंचलाइन से कंचन ने लोगों को अपनी बोली-भाषा से जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया है। कंचन की इस कला ने सोशल मीडिया पर खूब धमाल मचाया है। जिसके बाद कंचन की लाटी आर्ट का सहारा कई विभाग अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए ले रहे हैं।
इसी कड़ी में अब पर्यटन विभाग के गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) ने कंचन की लाटी आर्ट के माध्यम से पर्यटकों को उत्तराखंड की संस्कृति दिखाने का निर्णय लिया है। राज्य के पर्यटन स्थलों का भी लाटी के जरिए प्रचार-प्रसार किए जाने की तैयारी है।
कचंन को पर्यटन विभाग की ओर से इस संबंध में पत्र मिला है, जिसमें जीएमवीएन व शौचालयों में लाटी आर्ट का उपयोग किए जाने की बात कही गई। इससे पूर्व कंचन की लाटी आर्ट के जरिए समाज कल्याण विभाग ने नशामुक्ति के खिलाफ अभियान चलाया था। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की ओर से भी कंचन की लाटी आर्ट का सहयोग लिया गया।
लाटी आर्ट की कंचन जदली ने कहा मैं कुछ समय पहले ही कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से मिली थी और उन्हें मेरी आर्ट और आइडिया पसंद आया है। अपनी आर्ट के जरिए मैं अपने राज्य की संस्कृति को बढ़ाना चाहती हूं और मुझे लगता है कि पर्यटन व संस्कृति को बढ़ावा देने वाले हर विचार या व्यक्ति को सरकार का सहयोग दे रही है। सोशल मीडिया पर लाटी छाई हुई है। कंचन द्वारा मौसम, ईगास, फूलदेई और हरेला से जुड़े लाटी आर्ट बनाए गए हैं। बीते दिनों ईगास पर बनाई लाटी आर्ट भी खूब वायरल हुई थी। इंस्ट्राग्राम पर 15 हजार से ज्यादा लोग लाटी को फॉलो करते हैं।

विंटर पर्यटन को बढ़ावा देगी राज्य सरकार-सतपाल महाराज

उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि चार धाम की यात्रा के बाद अब हमारा ध्यान प्रदेश में विटंर टूरिज्म को प्रमोट करने पर है। हजारों लोग उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को देखने आते हैं इसलिए हम ऐसे डेस्टिनेशन को प्रचारित कर रहे हैं जो लोगों की आस्था से भी जुड़े हों। इसके साथ ही पर्यटक सर्दियों में उत्तराखंड की वादियों का लुत्फ भी उठा सकेंगे। सतपाल महाराज ने प्रगति मैदान में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में शुक्रवार को उत्तराखंड डे का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर सतपाल महाराज ने कहा कि व्यापार मेले में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत की छटा देखने को मिल रही है। लोगों का उत्साह देखकर लग रहा है ​कि उत्तराखंड के उत्पाद लोगों को बहुत पसंद आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हथकरघा तथा हस्तशिल्प उत्पाद, बाल मिठाई, पहाड़ी दालें, मसाले तथा जड़ी-बूटियां, शहद बैम्बू प्राकृतिक रेशा रामबॉस तथा भीमल से बने उत्पाद भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। ​कोविड19 के पश्चात पहली बार आयोजित हो रहे भारतीय अंतराष्ट्रीय व्यापार मेले में राज्य दिवस के अवसर पर सतपाल महाराज ने बताया कि राज्य सरकार राज्य में निवेश को बढ़ावा देने तथा रोजगार सृजन के लिए कृत संकल्प है। राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण तैयार कर अधिकाधिक निवेश आक​र्षित करने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। एकल खिड़की व्यवस्था के अंतर्गत् उद्योगों को निर्धारित समय सीमा में सभी प्रकार की स्वीकृतियां तथा अनापत्तियां प्रदान किए जाने हेतु एकल खिड़की अधिनियम लागू किया गया है। इज आफ डुइंग बिजनेस कार्यक्रम में राज्य देश के अग्रणी औद्योगिकी राज्यों के साथ शीर्ष राज्यों में शामिल है। महाराज ने कहा कि शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गंगा मैया के प्रवास मुखबा और यमुना मैया के लिए खरसाली गांव को विशेष रूप से सजाया जाता है।
सतपाल महाराज ने कहा कि एक ओर जहां बड़े निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य के युवाओं विशेषकर कोविड 19 से प्रभावित राज्य के प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा नैनो स्वरोजगार योजना लागू की गई है। हरित प्रदेश की अवधारणा को मूर्त रूप देने में सरकार सतत प्रयत्नशील है और मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना लागू ​की गई है।
राज्य के समस्त जनपदों के पोटेंशियल को देखते हुए एक जनपद दो उत्पाद योजना लागू की गई है​ जिससे राज्य के विशिष्ट उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान स्थापित करने में सफल होंगे। पर्यटन के क्षेत्र में राज्य की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान है राज्य सरकार प्रसिद्व पर्यटन स्थलों के अतिरिक्त 13 जनपद 13 डेस्टिनेशन के अंतर्गत तेजी से कार्य कर रही है।
बुनियादी ढांचे के अंतर्गत राज्य में रेल लाइन, वायुसेवा तथा राजमार्गों के निर्माण के क्षेत्र तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस वर्ष मेले की थीम है आत्मनिर्भर भारत और राज्य सरकार इसी तर्ज पर आत्मनिर्भर उत्तराखंड की दिशा में सरकार निरंतर काम कर रही है।
भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में प्रगति मैदान के हॉल नंबर 4 में उत्तराखंड पैवेलियन में इस वर्ष हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के तत्वाधान में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के कुल 34 स्टाल लगे हैं। इस वर्ष मेले का मुख्य आकर्षण उत्तराखंड के शिल्प आधारित सोवेनियर उत्पाद हैं, जिन्हें उत्तराखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा विस्तृत स्तर पर शोध एवं भ्रमण कर राज्य के परंपरागत विभागों में पर्यटन, हिमाद्री, हिलांस, बैम्बू बोर्ड, खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, ग्राम विकास एवं सिडकुल मुख्य रूप से प्रतिभाग कर रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव, उत्तराखंड शासन एस.एस संधू, महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग रोहित मीणा निदेशक उद्योग सुधीर चंद्र नौटियाल, उप निदेशक उद्योग शैली डबराल, उप निदेशक, राजेंद्र कुमार, मेलाधिकारी के.सी. चमोली, प्रदीप सिंह नेगी, गिरिश चंद्र आदि उपस्थित थे।

दिल्ली के युवकों के लिए भगवान बनीं जल पुलिस, डूबने से बचाया

मुनिकीरेती थाना अंतर्गत नीमबीच तपोवन में दिल्ली से घूमने आए दो युवक गंगा में नहाते समय डूबने लगे। सूचना पर जल पुलिस की टीम ने राफ्ट की मदद से पानी के तेज बहाव से बाहर निकाला। मुनिकीरेती थाना निरीक्षक कमल मोहन भंडारी के मुताबिक दिल्ली से 5 सदस्यों का एक दल राफ्टिंग के लिए ऋषिकेश आया था। इस दौरान रात्रि समाप्त होने के बाद वह तपोवन स्थित नीमबीच में नहाने लगे। इस दौरान उनमें 2 लोग गंगा के तेज बहाव में बहने लगे। इस दौरान युवकों की चीख-पुकार मचने पर जल पुलिस की टीम ने कुछ दूरी पर राफ्ट की मदद से सकुशल पानी के तेज बहाव से निकाल लिया। उनकी पहचान प्रशांत पुत्र मधुर शर्मा निवासी गली नंबर 5 मकान नंबर सी 109, मुक्कद नगर, दिल्ली, करम कुमार पुत्र देशराज सिंह, मकान नंबर 286 बी 9 करावल नगर, दिल्ली के रूप में हुई है। टीम में जल पुलिस के कांस्टेबल सुभाष ध्यानी, विदेश चौहान, रविंद्र तोमर, महेंद्र सिंह शामिल रहे।

धामी सरकार ने लक्ष्मणझूला पुल के निर्माण को दी वित्तीय स्वीकृति

बीते कुछ वर्षों से लंबित पड़ी नए लक्ष्मणझूला पुल के निर्माण की योजना को उम्मीदों के पंख लगते हुए नजर आ रहे हैं। इसके निर्माण हेतु धामी सरकार ने वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। इस पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों और क्षेत्रवासियों ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल का आभार व्यक्त किया है।
नए लक्ष्मणझूला पुल के निर्माण को वित्तीय स्वीकृति मिलने पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पूर्व में लक्ष्मणझूला पुल की भार वहन क्षमता कम होने के कारण उस पर पूर्ण रूप से आवाजाही बंद कर दी गई थी। इस कारण यहां के व्यापारियों और स्थानीय लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जिसके बाद स्थानीय व्यापारियों और लोगों ने यहां नए पुल के निर्माण की मांग की। उन्होंने बताया कि धामी सरकार की ओर से लक्ष्मणझूला पुल के समीप नए झूला पुल हेतु धनराशि को स्वीकृति मिल चुकी है।
नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला के अध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने कहा कि लक्ष्मणझूला में नए पुल के निर्माण से क्षेत्र में पर्यटन संबंधी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी होगी। जिससे यहां विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर पैदा होंगे। लोक निर्माण विभाग नरेंद्रनगर के अधिशासी अभियंता मौहम्मद आरिफ खान ने बताया कि 6886.20 लाख रूपए की लागत से लक्ष्मणझूला में गंगा के उपर 132.30 मीटर लंबे झूला पुल का निर्माण किया जाना है। बताया कि यहां जमीन टेस्टिंग आदि के बाद नए पुल के निर्माण हेतु टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दिसंबर से कार्य शुरू होने की उम्मीद है। कैबिनेट मंत्री का आभार व्यक्त करने वालों में तपोवन प्रधान चैन सिंह बिष्ट, पूर्व प्रमुख विनीता बिष्ट, क्षेत्र पंचायत सदस्य सुलोचना कपरूवान, क्षेत्र पंचायत सदस्य किरण, क्षेत्र पंचायत सदस्य अर्चना चौहान, त्रिलोक भंडारी, हरि सिंह रावत, राजेश शर्मा, अंशुल शर्मा आदि शामिल रहे।

विशेषज्ञों के 25 सदस्यों का दल चारधाम ट्रैक पर पुराने मार्गों की खोज करेगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास से चारधाम के पुराने मार्गों को खोजने के लिए 25 सदस्यों के दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) ने ट्रैक द हिमालय के साथ मिलकर यह अभियान शुरू किया है। इसके तहत विशेषज्ञों के 25 सदस्यों का दल चारधाम ट्रैक पर पुराने मार्गों को खोजने के लिए 1200 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करेगा। दल द्वारा यह अभियान लगभग 50 दिनों तक चलाया जायेगा। दल पुराने चार धाम और शीतकालीन चार धाम मार्ग को खोजने का काम करेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्रेकर्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह गर्व का क्षण है कि हमारे पास उत्तराखंड की पुरानी पगडंडियों का पता लगाने के लिए एक युवा बल है। यह पहल हमारी सदियों पुरानी विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस अभियान से उत्तराखंड में साहसिक खेलों को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान पर्यावरण जागरूकता फैलाने, होमस्टे, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने में भी सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, अपर सचिव युगल किशोर पंत, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुंडीर, अपर निदेशक विवेक सिंह चौहान, अपर निदेशक पूनम चंद मौजूद थे।